सहकर्मी ने मेरे रूम में आकर चूत चुदा ली

(Office Friend Sex Kahani)

हरीश राठौड़ 2022-06-24 Comments

ऑफिस फ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि ऑफिस में नई आई लड़की मेरी दोस्त बन गयी. एक दिन उसने ड्रिंक करने की इच्छा जाहिर की तो मैंने उसे घर बुला लिया.

दोस्तो, सभी लंड मालिकों को प्रणाम और चूत की मालकिनों को मेरे लंड का प्रणाम.

मेरा नाम अभय है और मैं राजस्थान से हूँ.
मैं जयपुर में रह कर एक आईटी कंपनी में नौकरी कर रहा हूँ.

आज की इस मस्त ऑफिस फ्रेंड सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने मेरी सहकर्मी की चुदाई की.

सबसे पहले जिसके बारे में ये कहानी है, उसका परिचय करवा देता हूँ.

उसका नाम रीना है. उसकी हाइट 5 फुट 11 इंच की रही होगी और उसका शरीर ठीक-ठाक है. उसके जिस्म में सबसे ख़ास चीज उसकी फूली हुई गांड है.
जब भी मैं उसकी गांड देखता था, तो मन करता था कि अभी खोल कर लंड ठूंस दूँ.

ये बात आज से दो साल पहले की है. मैं और रीना एक ही आईटी कंपनी में काम करते थे.

उस समय रीना को इस कंपनी में आए 15 दिन ही हुए थे और मैं भी इस कंपनी में नया नया ही आया था.
कुछ दिन तो कंपनी में ऐसे ही चलता रहा.

फिर एक दिन कम्पनी में इंटरनेट नहीं आ रहा था.

आप सभी जानते हैं कि आईटी कंपनी इंटरनेट बिना कुछ नहीं हो सकता है तो बस हम सब ऐसे ही बैठे गपशप कर रहे थे.

मेरी रीना से बातचीत शुरू हुई, थोड़ी बहुत जान पहचान हुई.
उसने भी बी.टेक. किया था और मैंने भी. बी.टेक से बातें आगे बढ़ीं और चलती चली गईं.

हमारी बातचीत में 2-3 घंटे कब निकल गए इसका अहसास ही नहीं हुआ.

मैं उसके बोबों को देखते हुए बात करता रहा. बार बार नजरें हटा कर इधर उधर देखने लगता और हमारी बातचीत जारी रहती.
समय का पता ही नहीं चला.

इसी बीच हमारे बीच मोबाइल नंबर भी अदला बदली हो गए.
ऑफिस का टाइम खत्म हो गया और हम सभी अपने अपने रास्ते निकल गए.

उसके बाद कुछ ख़ास नहीं हुआ, बस रोज वही गुड मॉर्निंग होती. लंच के समय सभी लोग साथ में लंच करते.

उधर भी मेरी रीना से बात होती रहती.
दो महीने इसी में निकल गए.

दो महीने बाद मेरी किस्मत ने जागना शुरू किया.
हुआ ये कि उसके पास जो बंदा बैठता था, उसने कंपनी छोड़ दी.
उसके 3-4 दिन बाद मेरा कंप्यूटर ख़राब हो गया तो मैनेजर ने मुझे उसके पास ही बैठा दिया.

उसके पास बैठ कर मुझे बहुत खुशी हुई; मुझे लगा कि अब रीना से बात कुछ आगे बढ़ेगी.

हमारी अब रोज बातें होने लगीं. कभी रात को व्हाट्सअप पर भी चैट हो जाती थी, फ़ोन पर रात को बात नहीं होती थी क्योंकि उसका जयपुर में ही घर था तो सभी घर पर ही रहते थे.

उसके करीब एक महीने बाद एक बार मैंने ऐसे ही अपने दोस्तों के साथ पार्टी की थी तो उस पार्टी की फोटोज उसे दिखा रहा था.
उसने मुझसे पूछा- तुम ड्रिंक भी करते हो?
मैंने कहा- हां.

बस फिर क्या था … उसने कहा- यार कभी साथ बैठते हैं न, मुझे दारू पिए बहुत दिन हो गए हैं. कोई साथ ही नहीं मिलता.

जब उसने ड्रिंक की बात कही तो मेरी तो समझो बांछें खिल गईं.
कोई पटाखा किस्म की लौंडिया खुद से दारू पीने की बात कहे तो समझो मामला लक्ष्य के नजदीक होता है.

दारू पिए में कुछ भी बात हो सकती है और फिर हम प्याला हम निवाला वाली बात तो आप सब जानते ही हैं.

मैंने अन्दर की ख़ुशी को छिपाते हुए कहा- हां कोई दिक्कत नहीं, अगले शनिवार का प्रोग्राम बनाते हैं.
तीन दिन बाद शनिवार था तो पक्का हो गया कि शनिवार को दारू पार्टी होगी.

उसने कहा- यार, इस बारे में किसी और को पता नहीं लगना चाहिए.
अकेले बैठने की बात सुनकर मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे कि अब तो शनिवार को हो सकता है कि इस ऑफिस फ्रेंड सेक्स का मौक़ा ही मिल जाए.

उसने भी अपने घर पर बोल दिया कि फ्रेंड्स के साथ रात को मूवी देखने जाऊंगी और उसके बाद उन्हीं के पास ही रुक जाऊंगी.
उसके घर वालों ने भी उससे कुछ नहीं कहा.

उसने मुझे बताया कि शनिवार की रात में पार्टी करेंगे और मैं उस दिन दारू पीकर घर भी नहीं जा सकती, तो मैं तुम्हारे रूम पर ही रुक जाऊंगी.
मैंने हामी भर दी.

अब आते हैं पार्टी वाले दिन.

जैसे हमने पक्का किया था कि मैं ऑफिस से जल्दी निकल जाऊंगा और बियर खरीद लूंगा.
हम दोनों साथ नहीं जाएंगे. तो किसी को शक भी नहीं होगा.

मैं ऑफिस से कुछ जल्दी निकल गया और मैंने एक दारू की बोतल और कुछ बियर खरीद लीं.

इतनी ज्यादा तो मैं पीता नहीं हूँ लेकिन क्या पता कब जरूरत पड़ जाए, तो मैंने एक्स्ट्रा ही खरीद लीं और साथ में चखना और सिगरेट के 2 पैकेट खरीद लिए.
क्योंकि रीना ने खुद कहा था कि वो सिगरेट पीती थी.

खाना हमने बाहर ही आर्डर करके मंगवा लेने का तय कर लिया था.

अब तय समय पर हम बाहर बाजार में मिले क्योंकि सीधे घर नहीं जा सकते थे.

मैं एक अपार्टमेंट वाली बिल्डिंग में एक दो कमरे के फ्लैट में किराए पर रहता था.
जल्दी घर जाने से ये था कि उस समय सभी रहते हैं तो सोचा थोड़ा घूम लिया जाए, थोड़ा लेट चलेंगे.

हम दोनों थोड़ी देर एक जगह पर मिल गए और यूं ही मार्किट में घूमते रहे.
करीब नौ बजे हम दोनों घर के लिए निकल आए.

घर पर जाते ही मैंने सभी दरवाजे बंद किए और घर बंद कर लिया.
रीना ने आते ही बाथरूम जाने का कहा.
मैंने उसे बाथरूम बताया.

फिर उसने अपने बैग से कपड़े निकाले और बाथरूम में घुस गई.
उसने फ्रेश होकर कपड़े चेंज किए और जब वो बाहर निकली तो मेरे लंड में आग सी लग गई.

रीना एक शॉर्ट्स और एक पतली सी टी-शर्ट पहन कर बाहर आ गई थी.
उसकी गोरी गोरी जांघें देख कर मेरा लंड एकदम से फड़फड़ाने लगा.

मैंने लंड को शांत किया और दारू पीने की तैयारी की.
हम दोनों कमरे में एसी चला कर दारू पीने बैठ गए.

वो दारू में बीयर मिक्स करके पी रही थी.
पहले एक-एक पैग अन्दर किया और हम दोनों सिगरेट पीने लगे.

वो बोली- टीवी चलाओ यार कुछ देखने का मन है.
मैंने उससे पूछा- क्या देखना है?
वो बोली- कोई वेबसीरीज लगा दो.

हम दोनों मिर्जापुर वेब सीरीज देखने लगे और साथ साथ दारू पी भी रहे थे.
बीच में मुन्ना भैया की चुदाई वाल सीन आ गया और रीना ने टीवी बंद कर दिया.

वो बोली- उंहह बकवास.
मैंने कुछ नहीं कहा.

हम दोनों अपनी बातें करते रहे और पैग पीते रहे. हम दोनों चार चार पैग खत्म कर चुके थे.

इसी बीच हमारे ऑर्डर का खाना भी आ गया था.
मैं बोला- अब खाना खा लिया जाए, अगर इच्छा होगी तो बाद में फिर पी लेंगे.
उसने ओके कह दिया और हम दोनों ने खाना खा लिया.

अब तक रात के 12 बज गए थे. हम दोनों ऊपर छत पर आ गए.
एक एक सिगरेट सुलगा कर हम दोनों कश लेने लगे.

ऊपर खुली हवा में दारू का नशा और छाने लगा.
उसके बाद हम दोनों छत के एक कोने में बैठ गए और सिगरेट पीने लगे.

हम दोनों रात के अंधेरे में धीरे-धीरे बातें कर रहे थे और सिगरेट पी रहे थे.

अचानक से वो मेरे कंधे पर सर रख कर बातें करने लगी.
मैं उसके गाल पर हाथ फेरने लगा.

फिर उसने अपना सर उठाया और मुँह नजदीक लाकर किस करने की कोशिश करने लगी.
मैंने भी अपना मुँह आगे बढ़ा दिया और हम दोनों ने धीरे-धीरे किस करना शुरू दिया.

कोई पांच मिनट बाद मैंने उससे कहा कि अब हमें नीचे चलना चाहिए.
वो हम्म कह कर उठ गई.

वो आगे आगे चल रही थी और मैं पीछे-पीछे.
जैसे ही हम कमरे में अन्दर घुसे मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और घुमा कर किस करना शुरू कर दिया.

वो भी जोरों से मुझे किस किए जा रही थी.
किस करते करते मैंने उसकी पतली सी टी-शर्ट उतार दी और ब्रा भी.

अब मैंने उसके बोबों को भी दबाना और चूसना शुरू कर दिया.
उसने भी अब मेरे निक्कर में हाथ डाला और मेरा लंड पकड़ कर उसे दबाने लगी.

मैंने अगले ही पल उसे पूरी नंगी कर दिया.

उसकी चूत एकदम साफ़ चिकनी ऐसी लग रही थी, जैसे आज ही साफ़ की हो.
मैं उसकी चूत चाटने लगा. वो बहुत मस्त आवाजें निकालने लगी.

कुछ ही देर में वो एक बार झड़ गई और आह करती हुई निढाल हो गई.
अब हम 69 की पोजीशन में आ गए.
वो मेरा लंड मजे से चूस रही थी.

कुछ मिनट तक इस चूसम चुसाई के बाद वो दुबारा से झड़ गई.
मैं भी झड़ गया था.

उसके बाद हमने सोचा कि क्यों न एक-एक पैग और पी लिया जाए.
अब हम दोनों ही नंगे थे और दारू पी रहे थे.

उसे पता नहीं क्या सूझा, उसने मेरा लंड अपने गिलास में डुबोया और उसे चूसने लगी.
मेरा पैग भी खत्म हो चुका था.

अब चुदाई की बेला आ गई थी, मैंने उससे कहा- अब नीचे आ जाओ.
वो बोली- प्रोटेक्शन?

मेरे पास कंडोम हमेशा होते थे, मैंने कहा- हां है.
वो तनिक मुस्कुराई.

मैंने कंडोम निकाला और लंड पर चढ़ा लिया.
उसके बाद मैंने उसे चित लेटाया और उसकी चूत पर लंड रख कर आहिस्ता-आहिस्ता अन्दर घुसाया ताकि उसे भी मजा आए.

उसे मेरे लंड से दर्द हो रहा था. वो शायद अभी ज्यादा नहीं चुदी थी.
उसके दर्द को देख कर मैं रुक गया और उसके बोबे सहलाने लगा.
अब उसे भी मजा आने लगा था.

मैंने उसके शांत होते ही अपने धक्के देने शुरू कर दिए.
लंड पूरा चूत में जा चुका था.

मैं रुक कर उसे चूमने लगा और धीरे धीरे स्पीड बढ़ाने लगा.
वो मस्ती से आहें भरने लगी और उसने अपनी टांगें हवा में उठा दीं.

उसकी मस्ती को देख कर मैंने लगातार शॉट मारने शुरू कर दिए और हमारी धकापेल चुदाई चलने लगी.

कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और धक्कमपेल चुदाई करने लगा.

कुछ देर वो बाद अकड़ गई और झड़ गई.
उसके कुछ देर बार मैं भी झड़ गया और उसके ऊपर ही लेट गया.

चुदाई के बाद उसने मुझसे सिगरेट मांगी और हम दोनों एक ही सिगरेट से धुंआ उड़ाने लगे.

इस वक्त गर्मी का मौसम था तो मैंने कहा- क्यों न एक बार नहा लिया जाए, उसके बाद सोएंगे.
वो हामी भरती हुई उठ गई.

हम दोनों एक साथ बाथरूम में शॉवर लेने लगे.
इसके साथ ही रीना ने फिर से मेरा लंड मसलना शुरू कर दिया और चूसना शुरू कर दिया.

कुछ ही पलों में मेरा लंड एक बार फिर से तैयार हो गया था.
मैंने उसे वहीं बाथरूम में घोड़ी बनाकर चोदना चालू कर दिया.

करीब 20 मिनट तक रीना की चूत चोदने के बाद मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मुँह में दे दिया.
चूंकि इस बार लंड पर कंडोम नहीं चढ़ा था तो चूत रगड़ने में मस्त मजा आया था.

उसने झट से लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
कोई दो मिनट लंड चूसने के बाद मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.

उसने मेरे लंड का माल खा लिया और आंख मारती हुई बोली- यम्मी … मजा आ गया.
उसके बाद हम दोनों नहाए और एक दूसरे को पौंछ कर कमरे में आ गए.

हम दोनों नंगे ही सो गए.

सुबह करीब 6 बजे मेरी नींद खुली तो देखा रीना पहले ही उठ गई थी और मेरे लंड के साथ खेल रही थी.

मैं उसे किस करने लगा.
हम दोनों जल्दी ही गर्म हो गए और हमने एक बार और चुदाई की.

उसके बाद वो तैयार होकर अपने घर चली गई और मैं 12 बजे तक सोता रहा.
इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम दोनों खूब चुदाई करते और बहुत मजे लेते.

दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये ऑफिस फ्रेंड सेक्स कहानी. आप मुझे मेल करें.
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