मेरी मैनेजर जिया से प्यार और सम्भोग
(Meri Manager Zia Se Pyar Aur Sambhog)
दोस्तो, आज मैं आप सभी को अपनी जिन्दगी की एक ऐसी घटना के बारे में बताना चाहता हूँ जिसके बाद से मुझे प्यार और सेक्स क्या है यह असली में समझ में आया।
सबसे पहले मैं आप सभी को बता दूँ कि मेरा नाम आर्यन है और मैं मुम्बई में नौकरी करता हूँ, मैं 6 फ़ीट का हूँ और लड़की को इतना संतुष्ट करता हूँ जितना उसने सोचा भी न होगा।
नारी का सम्मान मेरे मन में बसा है और कभी भी मैंने किसी भी लड़की या औरत को छेड़ा नहीं, यहाँ तक अगर उसकी इच्छा नहीं है तो मैने कभी भी उसे घोड़ी बनने पर मजबूर नहीं किया।
आइये आज सुनाता हूं आपको अपनी सच्ची कहानी, यह बात उस समय की है जब मैं दिल्ली से मुम्बई नौकरी के लिये आया था, लगभग 8 साल पहले।
मैं अपने रिश्तेदार के साथ मुम्बई में रहता था, उस समय मेरी पहली नौकरी लगी और मैं जैसे ही आफिस में गया, मुझे मिली मेरी मैनेजर जिया!
वाह… क्या बला थी वो जिया!
आइये आपको जिया के दर्शन कराता हूँ, उसकी आंखें, वाह भाई वाह!
अगर वो मुस्कुरा कर देख ले तो हज़ारों लड़के मुठ मार लें तुरंत!
आपने गुलाब की हल्की पिंक पंखुड़ियों को पानी में तैरते तो देखा ही होगा, बस कल्पना कर लीजये जिया के होंठों का… एकदम शरबती जाम जनाब!
एक रात चान्दनी मेरे बिस्तर पर आई
मैंने उसे तराश कर तेरा चेहरा बना दिया!
बस समझ जाइये जिया की सूरत को!
मैं 1001 टका बोल सकता हूँ कि अगर जिया के हापुस आम की तरह मम्मे अगर कोई देख ले तो चूस चूस कर अपना माल गिरा दे।
जिया की कमर आज भी याद है मुझे… बेली डांसर भी फेल उसके आगे।
जिया को एक मिनट तक देखते ही रहा मैं, वो शायद तुरंत मेरा भाव समझ गयी, ताना मारकर बोली- मुझे मत देखो गुरु, आज पहला दिन है लाइन मारना शुरू, चलो मेरे साथ हेड मीटिंग में!
मैंने भी लेपटॉप लिया और चल दिया कॉन्फ्रेंस रूम में।
जिया आगे आगे, मैं पीछे पीछे, वो सब समझ रही थी, लेकिन कुछ बोली नहीं… बात भी सही थी, कोई भी लड़की पहली बार में नहीं पटती, उसको थोड़ा समय लगता है, कुछ समय आपके साथ बिताने के बाद वो तैयार होती है.
जिया के साथ भी ऐसा कुछ ऐसा ही हुआ।
दिन बीतते गए, एक महीना हो गया, हम दोनों के बीच एक अनकहा सा अपनापन उभरने लगा. बार बार एक दूसरे को देखने को मन करता था. सुबह ऑफिस में जो पहले आ जाता तो दूसरे की प्रतीक्षा में निगाहें दरवाजे की ओर ही रहती.
हमें एक दूसरे से प्यार हो गया था लेकिन कोई इजहार नहीं… कोई कुछ बोला नहीं बस मूक अनकहा सा सच्चा प्यार!
बहुत मजा आ रहा था इस प्यार का…
एक दिन वो बोली- आर्यन, तुम मुझे कुछ गिफ्ट नहीं दोगे?
मैं बोला- क्यों जिया? आज बर्थडे है क्या आपका?
जिया बोली- तुम आज शाम को मेरे घर पर आना, मैं सब बताऊंगी।
उसने मुझे अपने फ़्लैट का पता बताया और कहा कि शाम आठ बजे मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूंगी.
जिया के घर पर निमन्त्रण की बात सुन कर मेरी तो बांछें ही खिल गयी। मुझे लगा कि आज शाम को जिया अपने दिल की बात मुझसे जरूर कहेगी और इसी लिए जिया में मुझे अपने घर पर बुलाया है.
मुझे लगा कि बात बन गयी, मैं उस दिन आफिस से जल्दी निकल गया और रात 8 बजे की तैयारी करने लगा, रात 8:30 को बांद्रा में उसके फ्लैट में पहुँच गया।
जिया अपने घर में अपनी मेड के साथ अकेली ही रहती थी, उसके पापा पेरिस आते जाते रहते हैं बिजनेस के सिलसिले में तो जिया को पैसे की कोई कमी नहीं थी, वो तो बस मजे के लिए जॉब कर रही थी।
मैं उसके फ़्लैट की बिल्डिंग के पास पहुंचा ही थी कि मेरा फोन बज उठा. जिया का ही फोन था, मैंने फोन उठाया तो जिया बोली- ऊपर देखो आर्यन!
मैंने सर उठा कर ऊपर देखा तो तीसरी मंजिल पर फ़्लैट की बालकनी में जिया अपने फोन की लाईट फ्लैश कर रही थी.
उसने हाथ से इशारा किया कि ऊपर आ जाओ.
मेरे अंदर जोश भर गया और मैं लिफ्ट की इन्तजार ना करते हुए सीढियों से ही उसके फ़्लैट पर पहुँच गया.
फ़्लैट का दरवाजा खुला था और जिया मेरे स्वागत में वहां खड़ी थी. जिया ने हाथ मिला कर मुझे कहा- आओ आर्यन!
उसने मुझे बिठाया और जूस सर्व किया.
इससे पहले कि हम कुछ बात करते, जिया बोली- आर्यन आओ, डिनर करें!
मैं डिनर करने लगा था, मैं जो फ्लॉवर्स और चॉकलेट उसके लिए ले गया था, वो भी उसने साइड में रख दिये।
डिनर के बीच में ही उसने एक लेटर मेरे सामने रख दिया, मैंने जब वो खोल कर देखा तो निवाला मुँह में अटक गया।
यह उसका रेजिग्नेशन लेटर था यानि त्याग पत्र था जॉब से… क्योंकि वो अपने पापा के साथ अमेरिका शिफ्ट हो रही थी।
मेरी आँखों में आँसू थे, जिया तुरंत समझ गयी, वो तुरंत मेरे पास आई और मेरे होंठों पर उसने अपने होंठ रख दिये, करीब 5 मिनट बाद मैं अलग हुआ.
जिया बोली- आज की रात जो करना है करो, मैं तुम्हारी हूँ।
मैंने ‘आई लव यू…’ बोला, उसने ‘मी टू…’ कहकर किस कर दिया मुझे।
नारी को कभी भी पूर्ण रूप से भोग्या नहीं समझा मैंने, मैं बोला- जिया, आपके साथ रात बिताऊंगा, हर एक पल को आपकी यादों में समा कर रखूँगा।
उसके बाद हम उसके बेडरूम में गए, हम दोनों ही साथ लेटे रहे, तभी वो बोली- मुझे प्यार करो आर्यन, मैं प्यासी हूँ।
उसके जाने का गम तो था, लेकिन उसका प्यार हासिल करना मेरे लिए एवेरेस्ट पर जीत से भी बड़ा था.
मैं फिर से जिया को चूमने में लग गया.
दोस्तो, मुझे सेक्स से पहले फोरप्ले बहुत पसंद है, मैं सेक्स से पहले अपने पार्टनर को फॉरप्ले में बहुत मजा देता हूं, जिया के साथ भी यही हुआ, उसकी ब्रा से उसके मम्मे आजाद करने के बाद मैं हापुस आम की तरह उन पर टूट पड़ा, और मुझे अच्छे से याद है कि मैंने कम से कम आधा घंटा उसके मम्मे चूसे होंगे.
उसके मुख से आवाजें निकल रही थी- उफ्फ… वाओ… और करो प्लीज… पी डालो इन्हें!
ऐसी आवाज़ों के साथ वो मेरे बालो को पकड़ कर खेलती रही।
थोड़ी देर बाद उसका ध्यान मेरे लंड की तरफ गया जो मेरा अंडरवियर फाड़ कर उसके पेट में रॉड की भांति चुभ रहा था, उसने तुरंत लंड को देखा और बोली- मैं इसकी ही तलाश में थी।
मैंने कहा- क्या आप इसे चूसेंगी?
10 सेकण्ड के अंदर मेरा लंड उसके मुंह के अंदर था।
वाह… सातवें आसमान पर था मैं उस समय! उसकी गर्दन तक मेरा लंड उसके मुंह को चोद रहा था, हमारी असली संभोग क्रिया अब शुरु हो चुकी थी। कभी जल्दी झड़ना मेरे लंड ने सीखा ही नहीं। मैंने जानबूझकर अपना माल उसके मुंह में निकाल दिया, ताकि मेरी निशानी वो याद रखे।
जिया पूरी मस्ती में थी रात के ग्यारह बारह के बीच का समय था, अब मैंने उसके पूरे शरीर को सर से पैर तक चूमना शुरु किया। जल बिन मछली की तड़प मैंने वहीं पर देखी।
अब बारी चूत दर्शन की… क्या बताऊँ आप लोगों को… सुबह अगर जल्दी उठें और कमल को खिलते देखें बस…
बाकी समझ ही गए होंगे!
क्या मस्त रसीली, नाजुक चूत थी उसकी!
मैंने जिया की सुन्दर चूत पर झुका तो वो मना करने लगी लेकिन मैं माना नहीं, बस लगा दिया मुँह!
“ओह आह… और आर्यन और… पी जाओ… बस अपना बना लो… अब रुको मत!”
मैं उसका सब रस पी गया और उसके बोलने के पहले ही पेल दिया लंड उसकी चूत में।
वो मेरे चूत चूसने से ही झड़ चुकी थी, चूत पूरी चिकनी गीली थी, इसलिए सीधा उसकी चूत में गया लंड।
बोली- बाहर निकाल… निकाल इसको! मैं तेरी मैनेजर हूँ!
लेकिन मैं अभी भी प्यार के भाव में था, मैं कुछ बोल नहीं पाया, बस उसको स्मूच करने लगा और कुछ मिनटों बाद वो नार्मल हो गयी.
बस धक्का परेड चालू!
इतना बढ़िया साथ तो कोई शादीशुदा भी न दे पाए, काफी लम्बी चुदाई करने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
जिया को तो लगा कि मेरा साथ पा कर उसने खजाना पा लिया है क्योंकि इस सम्भोग से उसे अपार संतुष्टि मिली थी.
उसने मुझे गले लगाया और सॉरी बोकी कि उसने मुझे बीच में डांटा था.
मैंने कहा- यह तो होता ही है!
मैं उसकी गांड भी मारना चाहता था तो मैंने अपनी इच्छा व्यक्त की लेकिन वो बोली- नहीं आर्यन, गांड में करने से दर्द होगा और मुझे दर्द से डर लगता है!
मैंने भी अपनी बात पर जोर नहीं दिया क्योंकि आप जिससे प्यार करते हैं, उसको तकलीफ में नहीं देख सकते।
उसके बाद उसने मुझे एक अच्छा फोन गिफ्ट किया, मैं मना नहीं कर पाया.
लेकिन मैंने वो फोन उसके पर्स में चुपके से रख दिया, क्योंकि उसकी यादें मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट थी।
उसके बाद मैं 3 दिन आफिस नहीं गया क्योंकि अगर मैं जाता तो उसको विदा होते देख नहीं सकता था।
फिर जब मैं ऑफिस गया तो वो अमेरका जा चुकी थी.
उसके बाद भी कभी कभी जिया से वीडियो चैट हो जाती थी, लेकिन उसकी शादी के बाद मैंने वो भी बंद कर दिया ताकि वो अपने जीवन में खुश रह सके।
तो दोस्तो, यह रही मेरी सच्ची कहानी! यह मेरी पहली कहानी है, अगर आपने उत्साह बढ़ाया तो आगे भी लिखूंगा।
आपका आर्यन
मुम्बई
[email protected]
मेल आईडी दूसरे नाम से है यह मेरी।
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