मदहोशी भरे वो पल-2

अमन गर्ग 2014-11-25 Comments

Madhoshi Bhare Vo Pal-2
मेरा लण्ड एकदम तम्बू की तरह खड़ा हो गया था अब मैं बार बार उसे छुपा रहा था, सोच रहा था कि यह देख लेगी तो गलत समझेगी पर शायद उसकी नजर मेरे लण्ड पर पड़ चुकी थी इसलिए बार बार मेरी तरफ स्माइल दे रही थी।

वो अब जानबूझकर और मेरे पास आ रही थी पर मेरी हालत ख़राब हो रही थी।

दोस्तो, मेरा लण्ड 6 इंच का है, मैं झूठ नहीं बोल सकता कि मेरा लण्ड 8 इंच का है, या 9 इंच का है क्यूंकि लण्ड 6 से 7 इंच का ही होता है, इससे बड़ा लण्ड सिर्फ अफ़्रीकी देशों में पाया जाता है।
मेरा लण्ड पर किसी से कम नहीं हैं पर उस वक्त मेरी हालत एकदम ख़राब हो रही थी इसलिए लण्ड पर गुस्सा आ रहा था कि कमबख्त हर जगह खड़ा हो जाता है, माहौल भी नहीं देखता।

अपूर्वा ने मेरे कान में कहा- सर बाथरूम जा आइये, कब तक बेचारे को परेशान करोगे?

मेरे कानों में यह आवाज पड़ते ही मैं चौंक गया और थोड़ा झिझक गया पर हिम्मत कर उससे पूछा- तुम्हें क्या पता?
तो उसने कहा- सर मुझे सब दिख रहा है, कोई बच्ची नहीं हूँ मैं!

मैं थोड़ा सोच कर बोला- तुमने की है मेरी यह हालत।

तो वो तपाक से बोली- सर तो मैं ही आपकी हालत सही करुँगी फिर तो। आपने मेरे ऊपर इतना बड़ा एहसान किया है, उसका कर्ज मैं ही चुकाऊँगी अपना प्यार देकर अगर आप कहो तो?
इतना कहकर उसने मेरे लण्ड को मुट्ठी में जकड़ लिया और दबाने लगी।

मेरी हालत बहुत ख़राब हो रही थी, मैंने उसे कहा- यार ऐसे मत कर… मेरी हालत ख़राब हो रही है, मैंने आज तक किसी से सेक्स नहीं किया है, मुझे आता भी नहीं है, सीधा इन्सान हूँ, हाँ सेक्सी फिल्मों में जरूर देखा है, थोड़ा बहुत हाथ से हिलाया भी है पर कभी सेक्स नहीं किया।

उसने कहा- सर, आज आपका जो मन आये करना मेरे साथ में आपको सब कुछ दूंगी अपना।

इतना कहकर उसने अपनी टीशर्ट उतार फेंकी।

उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी उसके नग्न स्तन देखकर मेरे मुंह में पानी आ गया कि बस खा जाऊँ उन आमों को।
उसके उरोज ऐसे थे जैसे पेड़ पर आम लटकते हैं।
और उस पर लगी स्ट्राबेरी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, मन कर रहा था उसकी निप्पल को चूस जाऊँ।

उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने वक्ष पर रख कर बोली- सर, ये आपके हैं, अब आप इन्हें खाओ या चाटो या चूसो, आप जानो।

यह कहकर उसने मेरा पजामा नीचे सरका दिया और चड्डी से लण्ड बाहर निकाल कर उसे देखने लगी और बोली- सर, यह तो बहुत बड़ा हैं और मोटा हैं। इस कर्ज की अदायगी में तो मेरी चूत ही फट जायेगी।
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मैंने कहा- पता नहीं, तुम्हारी फटे ना फटे, पर मेरी हालत जरूर बिगड़ जाएगी।

और इतना कह मैंने उसके चूचे पर अपने होंठ रख दिए और उसके निप्पल को चूसने लगा और काटने लगा।

वो छटपटाने लगी।
मैंने अपनी बनियान और चड्डी भी निकाल फेंकी और उसकी जींस भी नीचे सरका दी, उसे गोद में उठा बाथरूम में ले गया और शावर चालू कर दिया।

हमारे ऊपर पानी की बौछार पड़ने लगी और मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और चूसने लगा उसके अधरों को।

वो मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ कर हिला रही थी और मेरी एक उंगली उसकी चूत की दरार पर फिर रही थी।

मैं देर ना करते हुए नीचे झुका और उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और उसे चूसने लगा।
वो मेरे बालों को पे हाथ फेर रही थी।

उसने कहा- सर बहुत ज्यादा मजा आ रहा है, आप इसी तरह चाटो, मेरी चूत की फांक को खोलकर अंदर अपनी जीभ डाल दो।

मैंने भी वैसे ही किया वो और ज्यादा छटपटाने लगी, बाथरूम में सिर्फ उसकी सिसकारियाँ गूंज रही थी और ‘आह उफ़’ की आवाजें।

बहुत देर तक मैं जीभ से ऊसकी चूत चाटता रहा, थोड़ी देर में उसकी चूत ने पानी मेरे मुंह पर ही छोड़ दिया।
उसके रस का स्वाद बहुत अच्छा था और मदहोश भी कर रहा था। जब पानी छुट रहा था तो उसके नाखूनों ने मेरी पीठ का बुरा हाल कर दिया था।
उसने मुझको खड़ा किया और नीचे बैठ कर मेरा लण्ड मुँह में लेकर उसे चूसने लगी।
वो लण्ड को ऐसे चूस रही थी जैसे लोलीपोप को चूस रही हो।
उसके इस तरह लण्ड चूसने से और मेरी इस तरह तड़फ ने मुझे अंदर ही अंदर मजबूर कर दिया और मैंने अपना सारा पानी उसी के मुंह में छोड़ दिया।
उसने एक बार तो मेरी तरफ गुस्से में देखा।
पहली बार मुँह में लण्ड का पानी जाने से वो कुछ नाराज सी हुई थी पर मैंने उसे कहा- अपूर्वा आई लव यू..
पर फिर वो मेरे लण्ड को चाटने लगी।
हम दोनों थक से गए थे पर दोनों के चेहरे पे मुस्कान बहुत थी।

हम दोनों नहाने लगे और एक दूसरें के जिस्म को प्यार करने लगे।

अपूर्वा मेरे से चिपक गई और मुझे चूम कर बोली- आई लव यू जानू!

वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी, इससे मेरा लण्ड वापस खड़ा होने लगा।
हम दोनों की हालत ऐसे हो रही थी कि आज तूफ़ान आने वाला हो।
हम दोनों एक दूसरे में इतना खो गये कि हमें यह तक नहीं पता रहा हम बाथरूम से बिस्तर तक कैसे पहुँचे।

हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में खोने लगे और एक दूसरें के आलिंगन में हम इतने मस्त हो गये, मैं पागल सा हो रहा था, कभी उसके स्तन दबाता और कभी निप्पल को धीरे से काट लेता।
फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा, वो बेचारी मचल ही पड़ी थी और इस खेल में उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था, अपूर्वा से रहा नहीं जा रहा था और वो बहुत मदमस्त हो रही थी, मैं समझ गया था अब उस पर भयानक चुदास सवार है।
पर मैं भी इतनी जल्दी कहाँ मानने वाला था, मैंने अपूर्वा को मेज पर बैठा दिया और उसके पैर फ़ैला दिए।
तभी मेरी नजर पास में रखी डेरीमिल्क पर पड़ी तो मैंने उसे उठा कर खोला तो वो पिंघली हुई थी।
मैंने सारी चोकलेट अपूर्वा की चूत पर लगा दी और उसकी चूत चाटने लगा।
वो बहुत मचलने लगी और सिसकारियाँ भरने लगी।
मुझे उसकी चूत से चॉकलेट के साथ नमकीन पानी का स्वाद भी मिलने लगा।
वो बहुत तड़फ रही थी बार बार मुझे अपनी ओर खींच रही थी तो कभी चूत पे मेरे बालों को पकड़ कर दबाव बना रही थी।

इतने में अपूर्वा बोली- जान मुझे भी ऐसे ही लण्ड चुसवा दो, जैसे तुमने किया, पर पहले यह तो बताओ ऐसा करना तुम्हें अच्छा लगता है क्या?
तो मैंने कहा- हाँ रुको!

फिर मैंने थोड़ी बची चोकलेट अपने लण्ड पर लगा कर उसे बेड पर लिटाया और 69 में आकर उसे लण्ड चूसने को दे दिया।
हम दोनों ने चुसाई कार्यक्रम जारी रखा।
उसकी चूत की फांक को मैं बड़े प्यार से चाट रहा था, वो मेरा लण्ड बड़ी मस्ती से चूस रही थी।
तभी मैंने कहा- अब बस कर… अब कुछ और कर लें?

तो उसने बोला- जान दर्द होगा। यहीं तक रहने दो ना!

तो मैंने उसे समझाया- मैं बहुत प्यार से करूँगा, दर्द नहीं होगा विश्वास करो।

उसने कहा- जानू दर्द तो होगा पर मुझे आप पर विश्वास है।

‘तुम घबराओ मत, तुम्हें चुदाई में कोई तकलीफ नहीं होगी।’

फिर मैंने उसकी चूत के अंदर ऊँगली करके उसे और भी उत्तेजित किया। अपूर्वा बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी और उसकी चूत की चुदाई के लिए वो तैयार भी थी।

मैंने अपूर्वा को सीधा लेटाया और उसकी टांगों को फैला के लिटा दिया।
उसकी लाल टमाटर जैसी चूत को मैंने हाथों से खोला और छेद के समीप लौड़ा रख के घिसने लगा।

अपूर्वा ‘आह ओह ओह ह्ह्ह ओह्ह; करने लगी।

मैंने तभी एक हल्का सा झटका दिया। लण्ड का सुपाड़ा ही अंदर गया था की वो मुझे अपनी ओर खींचने लगी।

अपूर्वा को थोड़ा दर्द हो रहा था पर इतना मदमस्त करने के बाद उसे दर्द का एह्सास पता ही नहीं लग रहा था।

मैंने आधे लण्ड को ऐसे ही उसकी चूत में रख कर नीचे झुक उस चूमा और उसकी चूचियों को चूसने लगा, दबाने लगा और उसे इससे हल्की हल्की मस्ती देने लगा।

वह अपने हाथ से मेरे सर को अपनी चूचियों पर दबाने लगी। मैंने मौके का फायदा उठाते हुए एक और झटका देकर पूरे 6 इंच के लण्ड को चूत के अंदर घुसा दिया।

उसे दर्द हुआ, वो चीख पड़ी- हय मम्मी… मर गई मैं !

और उसी के साथ खून आने लगा।
पहली बार चुदाई थी तो खून आना ही था पर मैंने उसे नहीं बताया वरना वो कहीं डर जाती तो बीच में सब रोकना पड़ता।

मैंने कमर से पकड़ा और जैसे की उसके साथ चिपक गया।

अपूर्वा ‘आह ह्ह्ह्ह ऊऊउ ऊऊई अम्मी मरर गईई…’ करने लगी।

मैंने उसके होंठो से अपने होंठ लगाये और उसके आवाज को रोकने लगा।
2 मिनट मैं उससे ऐसे ही चिपका रहा और फिर मैंने अपने लण्ड को चूत की धीमी चुदाई में मशगूल कर दिया, मैं अब धीरे धीरे लण्ड को आगे पीछे करने लगा और अपूर्वा को दर्द ना हो इसलिए अपनी गति को धीरे ही रखी।

अभी भी उसे पूरा अन्दर लेने में तकलीफ हो रही थी। मैंने उसके कूल्हों को नीचे से अपने हाथों से सहारा देकर धक्के लगाने शुरु कर दिए।

फिर लगने लगा कि अपूर्वा साथ दे रही है क्यूंकि उसे मजा आने लगा था और वो अपने चूतड़ उचका रही थी, मेरे बालों में हाथ फ़िराने लगी थी।

मुझे भी अच्छा लगने लगा था और मैंने धीरे धीरे गति बढ़ानी शुरू कर दी।
मजा इतना आने लगा कि हम दोनों एक दूसरे को गाली देकर बोलने लगे।

वो झड़ चुकी थी पर मेरा लण्ड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था क्यूंकि मेरा पहले पानी छुट चुका था।

पर अब अपूर्वा एकदम थक गई थी और वो सांसों की आहों के साथ उफ़ आह आह कर रही थी और चुदाई का आनन्द बड़े गर्व से ले रही थी।

मुझे इस तरह धक्के लगते हुए अभी 10 मिनट ही हुए होंगे, फिर भी मेरा पानी नहीं निकल रहा था, अपूर्वा अब बोलने लगी- अब जलन हो रही है, प्लीज निकाल लो बाहर!

मैंने मौके की नजाकत समझी और झटके की स्पीड तेज कर दी और मुझे फिर लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं जल्दी उसकी टांगों को अपने कंधे पर टिका कर जोर-जोर से धक्के लगाने लगा।
कुछ देर के बाद मेरा पानी छूट गया।

मेरा लण्ड का पानी उसकी चूत में जा रहा था, वो पानी का चूत में एहसास करने लगी और मुझे अपनी ओर खींच कर अपने ऊपर दबाने लगी और मुझे कस के जकड़ने लगी।

उसे दर्द तो हो रहा था लेकिन उस दर्द में मजा ज्यादा दिख रहा था।

अपने नजदीक पाकर उसने मुझे किस किया और ‘आई लव यू!’ जान बोलने लगी।

उसके चेहरे पर एक संतोष झलक रहा था।

हम इसी तरह नंगे एक-दूसरे से चिपके हुए लेटे रहे।

फिर एक दूसरे को किस करके खड़े हुए और एक दूसरे की तरफ मुस्कराने लगे।

वो उठकर कपड़े पहने लगी तो मैंने कहा- धन्यवाद अपूर्वा, आज मुझे एहसास करवाया मुझे एक मर्द होने का।

उसने कहा- नहीं अमन, आज मैं तुम्हारे कारण एक लड़की से औरत बन गई और ! तुम जब कहोगे, मैं तुम्हारे साथ यह सब करूंगी। मैं तुम्हारा हर एहसान ऐसे ही उतार दूंगी।

मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगा.. मैं जिन दो पलों को प्यार समझ रहा था, वो उसे ब्याज के रूप में मुझे दे रही थी।
मुझे उस पर गुस्सा आया और कहा- कपड़े उठाओ अपने और जाओ यहाँ से… और कभी अब मुझसे बात मत करना। अरे मैं जिन दो पलों को प्यार समझ रहा था तुमने तो उसे व्यापार बना दिया?

उसने कहा- सॉरी!

पर मेरे दिल से वो इस बात से उतर सी गई।

उसने कहा- सर मेरे लिए प्यार सिर्फ पैसा है अभी, क्यूंकि मैं अभी सिर्फ पैसे से प्यार कर सकती हूँ, आपसे प्यार तो हुआ पर ज्यादा प्यार आपके एहसान देखकर हुआ, इसलिए मुझे मौका दो, मैं आपके प्यार को समझ पाऊँ। अभी मेरे लिए प्यार सिर्फ पैसा है और कुछ नहीं… आपने मुझे पैसे दिए, मैंने आपको अपना जिस्म दिया बस बात यही खत्म सर। मैं अपने बदन से आपको प्यार करूंगी पर आपके एहसान को देखकर ही।

मुझे रोना सा आने लगा कि ‘यार, जिसे प्यार समझ रहा था वो ये सब??’

दोस्तो, सच कहूँ उस दिन मुझे बहुत शर्म महसूस हुई और उस दिन से मैंने किसी से प्यार नहीं किया और अपूर्वा को हमेशा के लिए अपने से दूर कर दिया। मेरी आस, मेरे सपने सब बिखर गये और आज एकदम अकेला हो गया हूँ।
अपूर्वा मेरा पहला प्यार था पर उसे भुलाना जरूरी हो गया इसलिए उसकी यादें मैंने अपने दिल से निकाल दी और उसे एक हसीन सपना और मदहोश भरे पल समझ कर भूल गया।
मेरी कहानी पर अपनी राय मुझे जरूर मेल करें।

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