मैडम की चूत चोद कर माँ बनाने की कहानी-2

(Madam Ki Choot Chod Kar Maa Banane Ki Kahani- Part 2)

This story is part of a series:

मेरी सेक्स स्टोरी में अब तक आपने पढ़ा..
स्वीटी मैडम ने मुझसे मेरा कमर दिखाने के लिए कहा।
अब आगे..
नाश्ते के बाद मैडम ने कहा- तुम मुझे अपना रूम दिखाओ।
मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, मैंने कहा- तो चलो..

मैंने स्वीटी को अपनी बाइक पर बिठाया और अपने कमरे की तरफ़ चल पड़े।
कुछ ही देर में हम दोनों कमरे पर पहुँच गए।

बॉस मैडम मेरे रूम में

मैंने रूम के पहले कुछ दूरी से चारों तरफ देखा कि कोई है तो नहीं.. फिर बाइक को तेजी के साथ अन्दर ले गया और जल्दी-जल्दी कमरे का ताला खोला और कमरे में अन्दर आ गए।

मेरे कमरे में सिर्फ एक बिस्तर है.. उसके अलावा और कुछ नहीं है। मैंने स्वीटी मैडम को बैठने को कहा और कहा- मैं बाहर से कुछ और खाने का लेकर आ जाता हूँ।

तो उसने कहा- यार अभी तो नाश्ता कर के आए हैं।
मैंने कहा- कोई बात नहीं.. थोड़ा कुछ ले आते हैं।

नाश्ता लाने का तो एक बहाना था असल बात तो मुझे कंडोम लेना था। मैंने दो पैकेट कंडोम लिए और खाने के लिए कुछ स्वीट ले कर आ गया।

कमरे में आया तो देखा कि स्वीटी मैडम ने अपनी जींस निकाल कर मेरा शॉर्ट्स पहन लिया था और वो बैठी थी।
मैं जैसे ही कमरे में घुसा कि मैडम मुझे अपनी बांहों में भर कर किस करने लगी।
मैंने कहा- जान आज पूरा दिन हमारा है।

मैंने सामान को एक तरफ रखा और सीधे जाकर स्वीटी मैडम को कस कर पकड़ लिया। मैंने अपने होंठों को उसके होंठ से मिला दिए और उसे किस करने लगा।

अब मैडम भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को इस कदर चूम रहे थे जैसे जन्मों से भूखे हों। वो अपने हाथों को मेरी पीठ पर चला रही थी। मैं भी अपने हाथ से उसके चूतड़ों को सहला रहा था। कभी मैं अपनी जीभ उसके मुँह में डालता.. तो कभी वो अपनी जीभ मेरे मुँह में घुसेड़ देती।

मैंने उसको घुमा दिया और किस करते हुए उसके मम्मों को पीछे से दबाने लगा, वो एकदम मदहोश होने लगी।
हम लोग ऐसे ही कई मिनट तक किस करते रहे, फिर मैंने स्वीटी के टॉप को निकाल दिया।
वाह.. क्या नजारा था.. एकदम सफ़ेद दूध की तरह उसके गोरे चूचे काली ब्रा के अन्दर से झांकते हुए बाहर आने को बेताब हो रहे थे।

मैं ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को एक हाथ से दबाने मसलने लगा और ऊपर से ही चाटने लगा। उसके मुँह से तो बस ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ निकलने लगा।
उसके मुँह से मादक सिसकारियों को सुन कर मुझे और मजा आने लगा।

मैंने कुछ ही पलों बाद उसकी ब्रा को भी निकाल दिया, मैंने देखा कि उसके दोनों दूध एकदम से उछल कर बाहर आ गए।
मैं एक भूखे की तरह उसके मम्मों पर टूट पड़ा, एक को मुँह में भर कर चूसने लगा और दूसरे को मसलने दबाने लगा।

मैडम भी एकदम से गर्म हो गई थी और वो मेरा सर अपने मम्मों पर दबाने लगी थी। चुदास के चलते वो मेरे कपड़े निकालने में लग गई.. तो मैंने उसकी मदद की और अपनी पैन्ट-शर्ट को निकाल दिया।

अब मैं सिर्फ अंडरवियर में रह गया था। मैंने भी अब उसका शॉर्ट्स निकाल दिया.. वो भी एक काली पैंटी में रह गई।

मैडम की चिकनी चूत

हम दोनों एक-दूसरे को इस कदर चूम रहे थे कि क्या बताऊँ.. क्या मजा आ रहा था यार..
मैं चूमते-चूमते अब उसकी चूत के पास पहुँच गया.. तो मैंने उसकी पैन्टी भी निकाल दी।
अय हय.. क्या मखमली चूत था यार.. एकदम गुलाबी बुर..

मेरे से तो रहा नहीं गया तो मैंने झट से अपना मुँह उसके चूत पर लगा दिया और चाटने लगा। वो तो पहले से सी इतना गर्म हो गई थी कि एकाध मिनट चाटने के बाद ही वो मेरे मुँह में झड़ गई, मैं उसके पूरा माल को चाट गया।

अब मैं खड़ा हुआ और मैंने अपना अंडरवियर निकाल दिया, तो उसका मुँह तो खुला का खुला रहा गया।
वो बोली- इतना बड़ा और मोटा.. मैं तो मर ही जाऊँगी।

मैं आपको बता दूँ कि मेरा लंड औसत भारतीय लौड़ों से काफी लंबा और मोटा है, यह एक बड़े साइज़ के खीरे जैसा है।
मैंने हँसते हुए लौड़ा हिलाया और उसको मुँह में लेने को कहा।
तो वो नहीं मानी.. मैंने भी जोर नहीं दिया।

अब मैं उसके चूचे दबाने लगा.. उसके होंठों को किस करने लगा।
कुछ ही देर में जब उससे रहा नहीं जा रहा था तो कहने लगी- जानू अब रहा नहीं जाता.. जल्दी से अपना लंड पेल दो.. आह आह..

मैंने भी सोचा कि अब लोहा गर्म है हथौड़ा मार ही देना चाहिए। मैं एक तरफ पड़ी अपनी पैन्ट की जेब से कंडोम निकाल कर लाया और लौड़े पर लगाने ही वाला था कि उसने मना कर दिया- नहीं सुमित.. मुझे ऐसे ही करना है.. कंडोम के साथ नहीं..

चूत चुदाई

मैंने अपना नंगा लंड उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया तो वो मादक सिसकारियां लेने लगी, कहने लगी- जानू अब और ज्यादा मत तड़पाओ.. मुझसे रहा नहीं जा रहा है।

मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और हल्का सा धक्का दिया.. तो अभी थोड़ा सा ही घुसा था कि जोर से चीखने लगी- उई माँ.. मार डाला रे.. निकालो मुझे नहीं करवानी चुदाई.. ऐसे हाथी जैसे लंड से.. मैं मर जाऊँगी.. जल्दी से निकालो निकालो..

मैं थोड़ा सा रुका और उसे किस करने लगा ताकि उसका दर्द थोड़ा कम हो जाए। कुछ ही पलों बाद उसने अपनी कमर हिलाना चालू किया तो मैं समझ गया कि लौड़े ने जगह बना ली है और इसका दर्द कम हो गया है।

फिर थोड़ा सा अपने लंड को बाहर खींचा और पूरे जोर का धक्का मारा ताकि मेरा पूरा लंड एक ही बार में अन्दर चला जाए। मैंने जोर का धक्का मारा.. तो मेरा पूरा लंड उसकी गुलाबी चूत को फाड़ते हुए सीधा उसकी बच्चेदानी से जा कर टकरा गया।

वो फिर जोर से चीखी- उई माँ.. मार डाला रे.. आह..ह..
वो हल्ला करने लगी, मैं एकाध मिनट शांत रहा, फिर जब मैडम अपनी गांड ऊपर उठाने लगी.. तो मैं भी अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगा।

उसके मुँह से लगातार सिसकारियां निकलने लगीं- आह आ..ह.. ओह.. सुमित.. और जोर से.. और जोर से.. आज मेरी चूत को पूरा फाड़ डालो.. आह्ह.. और जोर दे चोदो..

मैंने अपनी स्पीड को बढ़ा दिया, पूरे कमरे में उसकी कामुक सिसकारियां गूंजने लगीं। इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी। मैं तो अभी भी पूरे जोश में था.. तो मैं अपने पूरे शवाब में आकर लंड को अन्दर-बाहर करने लगा।
उसका माल निकलने के कारण अब उसको कुछ ज्यादा दर्द होने लगा था।

वो कहने लगी- सुमित अब हो गया.. रहने दो.. बहुत दर्द हो रहा प्लीज़.. छोड़ दो आह अहह..
मैं कहाँ सुनने वाला था, मैं तो अपनी धुन में चोदने में लगा था।

मैडम के मुँह से तो बस सिसकारियां निकल रही थीं।
अब वो भी फिर से थोड़ा-थोड़ा गर्म होने लगी.. तो मेरा पूरा साथ देने लगी मगर उसके मुँह से सिसकारियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही थीं।

एक बार फिर उसके जिस्म में ऐंठन होने लगी और कुछ 15-20 धक्कों के बाद मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ, मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ?
कहने लगी- अन्दर ही छोड़ दो.. अगर कुछ होता है.. तो मैं देख लूँगी।

अब उसका भी शरीर अकड़ने लगा.. मैं समझ गया कि ये फिर से जाने वाली है, मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और अपना गर्म गर्म वीर्य उसकी चूत में भर दिया और उसके होंठों को चूमते हुए उसके ऊपर ही लेट गया।

उस दिन मैंने स्वीटी मैडम को 3 बार जम कर चोदा और आज वो मेरे माल से एक लड़की की माँ बन चुकी है।

मेरा कहानी आप लोगों को कैसी लगी.. रिप्लाई जरूर कीजिएगा। मुझे आप लोगों के मेल का इंतजार रहेगा।
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top