लागी लंड की लगन, मैं चुदी सभी के संग-13

(Lagi Lund Ki Lagan Mai Chudi Sabhi Ke Sang- Part 13)

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सुबह अमित और नमिता ने दरवाजा खटखटाया तो मेरी नींद खुली।
अमित बोला- भाभी, आज लगता है मेरा दिन काफी अच्छा जायेगा।
मैंने पूछा- क्यों?
तो अमित बोला- आज पहली बार मैंने सुबह सुबह दो दो औरतों को नंगी देखा है।
कह कर वो हंसने लगा।

जब मेरी नजर अपने ऊपर गई तो मैं भी हँस पड़ी।
उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने और फिर हम तीनों नीचे आ गये।

घर के बाकी सभी लोग उठ चुके थे और सब तैयार हो रहे थे जबकि मैंने और नमिता ने रसोई सँभाल रखी थी।

सब काम निपटाने के बाद मैं भी ऑफिस के लिये तैयार हो गई, फिर नाश्ता करने के बाद मैं भी ऑफिस के लिये चल दी।
अमित ने आज एक बार फिर मुझे मेरे ऑफिस ड्राप कर दिया।

जैसे ही मैं अपने केबिन में बैठी कि साहब की कॉल मुझे अपने ऑफिस में बुलाने के लिये आई।

वहां पहुँचने पर बॉस मेरी तारीफ के पुल बाँधने लगे तो मैं समझ गई आज बन्दा मुझे अपना हम बिस्तर बनाना चाहता है।
मुझे ऐसा कोई ऐतराज भी नहीं था लेकिन थोड़े नखरे करने की सोच रही थी और इसी सोच में पता नहीं कब ख्याली दुनिया में पहुँच गई कि मुझे मेरा बॉस क्या कह रहा है पता ही नहीं चल रहा था।

एकदम बॉस ने मुझे झकझोरा और बोला- आकांक्षा, मैं तुमसे बहुत दिनों से एक बात कहना चाह रहा था लेकिन कह नहीं पा रहा था। लेकिन अब मैं बहुत स्पष्ट रूप से तुमसे कहना चाहता हूँ कि तुम मुझे बहुत ही सेक्सी लगती हो और कई दिनों से केवल तुम्हारी कल्पना कर रहा हूँ। आज इसीलिये मैंने अपनी बीवी को एक दो दिन के लिये उसके मायके भेज दिया है ताकि मैं तुम्हारे साथ मेरे घर में रह सकूँ। मैं चाहता हूँ चाहे आज या कल तुम चार पांच घन्टे मेरे साथ रहो, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ।
कहकर वो मेरी तरफ देखने लगा।

उसकी इतनी स्पष्ट तरीके से अपने प्रोपोजल को मेरे सामने रखा कि मैं अब उसे नखरे नहीं दिखाना चाहती थी और न मैं यह चाहती थी कि उसे यह पता लगे कि मैं चुदने के लिये तैयार हूँ।
तो थोड़ा नाटक करते हुए मैं बोली- बॉस, अगर किसी को पता ना चले तो मैं आपके घर चल सकती हूँ।

बॉस मेरी तरफ देखने लगा और फिर मुझे मेरे केबिन मैं जाने के लिये बोला।

करीब आधे घंटे के बाद बॉस के बुलावे पर ऑफिस के सभी स्टॉफ एक हॉल में खड़े थे।
बॉस आये और बोले- आज मेरी 5-6 घंटे की एक ऑउट डोर मीटिंग है, मैं अपने साथ किसी एक को ले जाना चाहता हूँ। जो मेरे साथ चलने के लिये तैयार हो, मेरे पास आ जाये।

मैंने अपना हाथ उठाया, बॉस बोले- तुम चलोगी मेरे साथ?
मैं बोली- नहीं बॉस, मैं आपके साथ जाने के लिये नहीं बोल रही हूँ, मुझे हॉफ लीव चाहिये उसके लिए बोल रही हूँ।

ठीक है।

कहकर वो सभी की तरफ देखने लगे।
सभी कुछ न कुछ बहाना बना कर हट गये।

अन्त में बॉस बोले- O.K.

मैं ऑफिस के बाहर आ गई और मेरे पीछे-पीछे बॉस आ गये और मैं उनके साथ उनके घर पहुँची।

बॉस मुझे सीधे अपने बेड रूम ले गये और मुझे पकड़कर चूमने लगे।
‘अरे बॉस, रूको तो सही, कपड़ा उतारोगे या कपड़े पहने ही सब कुछ कर लोगे?’

तब जाकर मुझे उन्होंने अपने से अलग करके जल्दी-जल्दी अपने कपड़े उतारे, उनका चार इंच का लंड तना हुआ था।
कपड़े उतारने के बाद वो अपने लंड को मसलने लगा, मैंने हाथ हटाते हुए कहा- बॉस, इसको इतना मत मसला करो। इसे प्यार की जरूरत है न कि सजा की।

‘तो ठीक है, नहीं मसलता… जल्दी से अपने कपड़े उतारो, मैं तुम्हारी चूत में इसको डाल देता हूँ।’
‘इसीलिये मुझे यहाँ लाये हो कि मैं कपड़े उतार दूँ और तुम तुरन्त अपने लंड को मेरी चूत में डालकर ठण्डे हो जाओ। थोड़ा प्यार व्यार करो, फिर इसको डालो।’

मेरी बातों के आगे हार कर बोला- तो ठीक है, तुम जो चाहो वो करो, लेकिन मुझे खूब प्यार करो और मजा दो।
‘मैं तैयार हूँ लेकिन तुम, जो मैं कहूँगी, वो तुम करोगे।’
‘तुम जो कहोगी, मैं करूँगा।’

‘ठीक है, पलंग़ पर लेट जाओ और अपने लंड पर अपना हाथ बिल्कुल मत लगाना।’

फिर मैं अपने कपड़े उतार कर बॉस के ऊपर चढ़कर बैठ गई और अपने अंगूठे को बॉस के मुँह में देते हुई बोली- चल शुरू हो जा मेरी जान मजा लेने को, चल चाट इसे, आज तुझे वो मजा दूँगी जो तेरी बीवी ने तुझे कभी नहीं दिया होगा।

अपने दोनों पैर उसकी जुबान पर खूब रगड़ रही थी, उसके बाद उसकी नाक के पास चूत ले जाकर उसे सूँघने को बोली।
मैं अपनी चूत को कभी उसकी नाक से रगड़ती तो कभी उसके मुँह से।

बॉस मजबूर था कभी मेरी चूत सूँघने के लिये और कभी चाटने के लिये।
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उसके बाद मैंने अपनी चूची उसके मुंह में लगा दी। मेरा बॉस मेरी चूची को एक छोटे बच्चे की तरह चूस रहा था।

‘क्यों बॉस, मजा आ रहा है?’
‘बहुत मजा आ रहा है।’

‘अच्छा तुम बताओ कि तुम क्या चाहते हो जो मैं तुम्हारे साथ करूँ।’
मैं उसके ऊपर लेट गई जिससे उसके लंड को भी मेरी चूत की गर्मी का अहसास हो जाये।

लेकिन ये क्या… जैसे ही मेरी चूत उसके लंड से टच हुई वैसे ही उसके लंड से फव्वारा छूट पड़ा।

‘यह क्या किया तुमने? इतनी जल्दी तुम डिस्चार्ज़ हो गये?’
बॉस का माल मेरी चूत और जांघ पर गिर चुका था।

बॉस नजर नहीं मिला पा रहा था, मैं उठी और बोली- कोई बात नहीं जानू!
कह कर मैं सीधी लेट गई और उससे बोली- मेरी चूत और उसके आस पास जहाँ जहाँ भी तुम्हारा माल गिरा है, उसको अपनी जीभ से साफ करो।

थोड़ा झिझकने के बाद उसने अपनी जीभ चलाना शुरू कर दिया, उसके बाद मैंने अपने दोनों पैरों को हवा में ऊपर उठाया और अपनी उंगली को अपनी गांड की तरफ दिखाते हुए बोली- बॉस, कभी गांड चाटी है? मेरी गांड और चूत दोनों का छेद तुम्हारे एकदम सामने है, इनको भी चाटो और मजा लो।

इस तरह कभी मैं बॉस से अपनी आर्मपिट तो कभी जांघ तो कभी गांड तो कभी चूत चटवाती।
अब बॉस को भी मजा आने लगा और खुल कर मेरे जिस्म से वो खेलने लगा।

जब वो मुझे चाटते-चाटते थक गया तो फिर मेरे सीने पर बैठ कर अपने लंड को मेरे मुँह के आगे लाया और बोला- आकांक्षा, बहुत देर से तुम अपना सब कुछ चटवा रही हो, अब तुम मेरे लंड को भी चूसो।

मैं उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और उसके टट्टों से खेलने लगी।

धीरे धीरे बॉस का लंड में तनाव पैदा होने लगा, फिर वह अपना लंड मेरे मुंह से निकाल कर मेरी चूत के डाल कर धक्के देने लगा।
कुछ देर बाद वो हाँफने लगा और मेरे ऊपर लेट गया।
उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया तो उसको सीधा लेटा कर मैं उसके ऊपर चढ़ बैठी और उछलने लगी।

वह ज्यादा देर तक वो बर्दाश्त नहीं कर पाया और एक बार फिर वो खलास हो गया।
इस बार भी मेरी तृप्ति नहीं हुई थी और मुझे उसके ऊपर गुस्सा भी आने लगा था, लेकिन थोड़े से प्रयास के बाद मैं डिसचार्ज हो गई। और बॉस के बगल में लेट गई।

बॉस ने मेरी ऊपर अपनी टांग़ चढ़ा दी और मेरी पीठ और पुट्ठे को सहलाते-सहलाते मेरी गांड के छेद में उंगली करने लगे।
मेरा हाथ उनके लंड की मसाज कर रहा था।

कुछ देर तक हम दोनों ही चुपचाप एक दूसरे के कामांगों की सेवा हाथ से कर रहे थे।

मौन तोड़ते हुए मेरा बॉस बोला- आकांक्षा, आज से पहले मुझे इतना मजा कभी नहीं आया। मुझे तो लगता था कि लड़की नंग़ी होकर सीधी लेट जाती है और आदमी उसकी चूत में लंड पेल कर केवल धक्का लगाता है। यह जो ओरल सेक्स है ये केवल ब्लू फ़िल्म में ही होता है, लेकिन आज तुमने मुझे उसका भी सुख दे दिया। मेरी एक इच्छा और पूरी कर दो।

मैं अलसाई सी बोली- बोलिये बॉस?
मेरा इतना कहना था कि बॉस ने अपना लेपटॉप ऑन किया और मुझे एक पोर्न फ़िल्म दिखाने लगे।

लेपटॉप को बॉस ने अपने लेप पर रखा और मेरे कंधे में हाथ डालकर मेरी चूचियों से खेलने लगे।
उस पोर्न मूवी में लड़की जो है, लड़के का लंड चूस रही है और लड़का उसकी चूत को चाट रहा है।
फिर लड़का लड़की को एक ऊँचे मेज पर लेटा कर उसकी चूत में लंड पेल कर उसे चोदता है और उसकी चूची को जोर जोर से मसलता है।
थोड़ी देर तक चोदने के बाद एक बार फिर लड़का अपना लंड लड़की से चुसवाता है और फिर लड़की को घोड़ी स्टाईल से खड़ी करके चोदता है।

पूरी मूवी में लड़का और लड़की कई पोजिशन से चुदाई का खेल खेलते हैं लेकिन मेरे बॉस ने वो घोड़ी वाली स्टाईल की चुदाई वाली सीन पर उस मूवी को रोक दिया और बोला- आकांक्षा, मैं तुम्हें इसी तरह पीछे से चोदना चाहता हूँ।

उसकी इस अदा पर मुझे तरस आया और उससे बोली- बॉस, मैं तुमसे इसी स्टाईल में चुदुंगी।

कहकर मैंने उसके लेपटॉप को हटाया और उसके ऊपर बैठ गई और उसके होंठों को चूमने लगी।
मैं उसके होंठों का रसपान करने के साथ-साथ उसके निप्पल को भी बीच-बीच में अपने दांतों से काट लेती थी।

मैं अब उतरते हुए उसके लंड पर आ चुकी थी और उसके लंड को अपने मुँह में लेकर लॉली पॉप की तरह चूसने लगी और लंड के टोपे पर अपनी जीभ फिराती और मेरा बॉस तेज तेज सिसकारियाँ लेता, सिसकारियाँ लेते-लेते बोला- आकांक्षा घोड़ी की पोजिशन पर आ जाओ, प्लीज!

मैंने अपने चूतड़ ऊपर उठा कर घोड़ी की पोजिशन बना ली और बॉस जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत में पेल दिया और धक्के पे धक्के देने लगा।
इस बार बॉस काफी देर तक अपने घोड़े को मेरी गुफा में दौड़ाता रहा। इस बार बॉस बॉस की तरह ही अपना लंड मेरी चूत में पेलता रहा और मैं उसी पोजिशन में खड़ी रही।

इस बार बॉस ने घिसाई इतनी देर तक की कि मैं पानी छोड़ चुकी थी कि तभी मेरे कान में ‘आह ओह, आह-ओह…’ की आवाज आई और लगा कि धक्के की गति पहले से काफी तेज हो चुकी थी या फिर अपने चरम पर थी।

‘ओह्ह्ह्ह…’ करते हुए बॉस मेरी पीठ पर लुढ़क गया और उसका गर्म गर्म माल मेरी चूत में भर गया और फचाक की आवाज के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ चुका था।

‘बॉस आपने जो कहा, मैंने माना… अब तुम अपने लंड और मेरी चूत के मिलन का रस चख कर देखो।’
‘मैं आज पूरा मजा लेना चाहता हूँ!’ कहकर बॉस ने अपनी जीभ को मेरी चूत के मुहाने पर रख दिया और रस का स्वाद लेने लगे।

फ्री होने पर बॉस ने मुझे एक बार फिर अपने सीने से जकड़ लिया और कहने लगा- आकांक्षा, तुमने आज जो सुख दिया है, उसके बदले में मैं तुम्हारे कोलकाता ट्रिप को और मजेदार बना रहा हूँ। काम के साथ साथ वहाँ एन्जॉवय भी करो। ऑफिस की तरफ से तुम्हारे साथ एक और परसन का खर्चा मिलेगा। उसमें तुम जिसे चाहो उसे अपने साथ ले जा सकती हो।

अचानक फिर कुछ याद करते हुए बोले- अभी तो तुम्हारी नई नई शादी हुई है और अभी तुमने हनीमून भी नहीं मनाया होगा, तुम अपने हबी के साथ जाकर हनीमून बना लो।

मैं अपने बॉस से और चिपकते हुए बोली- मेरा तो रोज हनीमून हो रहा है।

फिर बॉस मुझे कपड़े पहनाते हुए बोले- आकांक्षा, तुम्हारी सैलरी में 20% का इन्क्रीमेन्ट भी लगा रहा हूँ।

फिर वो भी तैयार होकर मुझे मेरे घर तक छोड़ने आये और मेरे घर आने तक रास्ते में जब भी मौका मिलता मेरी चूत से खेल लेते थे।

कहानी जारी रहेगी।
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