जवान विधवा की जिस्मानी प्यास- 1
(Hot Widow Xxx Romance Kahani)
इस कहानी में हॉट विडो Xxx रोमांस कर रही है अपने ऑफिस में नए आये बड़ी उम्र के आदमी से. दोनों ही सेक्स के लिए बेचैन हो रहे थे पर दोनों के बीच की झिझक कम नहीं हो रही थी.
यह कहानी सुनें.
मेरा नाम समीहा है और मैं उत्तरप्रदेश की रहने वाली हूँ।
मेरी उम्र 35 साल है और मैं एक सरकारी नौकरी में हूँ।
दोस्तो, आज जो कहानी मैं आप लोगों को बताने जा रही हूं व मेरी निजी जीवन की एक सच्ची घटना है।
आप लोग इस हॉट विडो Xxx रोमांस कहानी को पूरी तरह से पढ़िए और कहानी के कमेंट बॉक्स में अपनी राय दीजिए कि क्या मैंने जो कुछ भी किया वह सही किया या गलत।
जब मैं 21 साल की थी तब मेरी शादी हुई।
मेरे पति सरकारी कर्मचारी थे और शादी के 2 साल बाद ही मैं माँ बन गई; मुझे एक बेटा हुआ।
मेरे ससुराल में मैं मेरे पति सास ससुर और मेरा बेटा ही थे।
मतलब परिवार में कुल 5 लोग ही थे।
हम लोग काफी खुशी से अपनी जिंदगी जी रहे थे और किसी चीज की कोई भी कमी नहीं थी।
मेरे पति भी मुझे बहुत प्यार करते थे और मेरी हर जरूरत का ख्याल रखते थे।
दोस्तो, जब मैं कॉलेज में पढ़ा करती थी, तब से ही मुझे सेक्स में रुचि होने लगी थी लेकिन डर के कारण मैंने किसी लड़के से कभी दोस्ती तक नहीं की।
उस समय मैं जब भी अकेली रहती या बाथरूम में जाकर अपनी उंगलियों से खुद को संतुष्ट कर लेती थी।
उसके बाद मेरी शादी हो गई और मुझे मेरे पति का प्यार मिलने लगा।
शादी की पहली रात में ही मैंने पहली बार किसी मर्द का लंड देखी थी।
उस रात से ही मेरे पति मुझे रोज चोदते थे और मुझे बेहद प्यार करते थे।
मेरे पति मुझे पूरी तरह से संतुष्ट करते थे जिससे मुझे कभी किसी दूसरे मर्द की जरूरत ही नहीं थी।
सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 2013 का साल मेरे लिए एक मनहूस साल बनकर सामने आया.
जुलाई 2013 में मेरे पति की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
उस वक्त मैं मात्र 26 साल की थी और मेरा बेटा मात्र 3 साल का था।
उनके अचानक चले जाने के कारण घर की सारी जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई।
कुछ महीनों में ही मेरे पति की नौकरी मुझे मिल गई और उनकी जगह मैं काम पर जाने लगी।
पहली बार मुझे बाहर लगा कि एक औरत का काम करना कितना कठिन होता है।
हर एक मर्द बस मेरा फायदा उठाना चाहता था और बहुत ही कम लोग मुझे ऐसे मिले जिन्होंने वास्तव में मेरी मदद की थी।
दोस्तो, मेरी सबसे बड़ी कमजोरी था मेरा बदन।
जब मैंने काम करना शुरू किया था उस समय मैं 26 साल की थी और उस समय मेरा बदन पूरी तरह से निखरा हुआ और गदराया हुआ था।
36-30-36 का मेरा गोरा गदराया बदन किसी के मुंह में भी पानी ला देता था।
मेरे चूचे ऐसे थे जैसे मेरे ब्लाउज को फाड़कर बाहर निकल आएंगे।
मैं अपने आपको जितना भी ढककर रखती थी फिर भी साड़ी से मेरी गोरी कमर और ब्लाउज के ऊपर से बाहर झांकते हुए मेरे चूचो की गोलाइयां सबको दिख ही जाती थी।
मैं सब कुछ समझती थी, सब जानती थी लेकिन मैंने कभी किसी को इतना मौका नहीं दिया था कि वह मेरा फायदा उठा सके।
पति के मौत के बाद सेक्स से मेरा मन भी दूर हो गया था और करीब दो साल मैंने अपने आप को सम्हाला.
लेकिन उसके बाद मेरे शरीर की गर्मी बढ़ती जा रही थी और मै रात में फोन पर पोर्न फिल्म देखते हुए अपनी उंगलियों से ही अपने आप को शांत करने लगी।
जल्द ही मैंने अन्तर्वासना के बारे में सुना और मैं आये दिन अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ने लगी।
अन्तर्वासना की मुझे आदत सी हो गई क्योंकि उसकी कहानियां पढ़कर मुझे काफी जोश आ जाता था और मैं अपनी उंगलियों से अपनी गर्मी को शांत कर लिया करती थी।
अगर मैं चाहती तो न जाने कितने ही मर्दो से दोस्ती कर सकती थी और अपने जिस्म की प्यास बुझा सकती थी लेकिन मुझे हमेशा ही अपने परिवार की बदनामी होने का डर लगा रहता था।
मैं कभी नहीं चाहती थी कि मेरी वजह से मेरे सास ससुर का नाम खराब हो और कोई उन पर उंगली उठाये।
लेकिन दोस्तो, सेक्स एक ऐसी चीज है जिसे हम दबा कर नहीं रख सकते; हमारे शरीर को किसी साथी की जरूरत पड़ती ही है।
फिर भी मैं अपने जिस्म की जरूरत को शांत करने के लिए अकेले में ही खुद ही उंगली कर लेती थी।
मेरे परिवार के कई लोगों ने मुझसे कहा कि दूसरी शादी कर ले.
लेकिन मैंने अपने बेटे के भविष्य और अपने सास ससुर के बुढ़ापे को देखते हुए उन सभी लोगों को मना कर दिया।
दोस्तो, पति के चले जाने के बाद 6 साल मैंने अपने आप को कंट्रोल किया और किसी भी पराये मर्द को अपने पास भटकने तक नहीं दिया।
मेरे ऑफिस में आस-पड़ोस में और परिवार के कितने ही मर्दों ने मुझे अपना बनाने की बहुत कोशिश की.
लेकिन मैंने कभी किसी को भाव तक नहीं दिया।
पर कहते हैं न जिसकी किस्मत में जो होता है, उसे मिल ही जाता है।
2019 में मेरे ऑफिस में एक व्यक्ति ट्रांसफर होकर आए।
जिनका नाम अनिल है।
उस समय अनिल की उम्र 49 साल थी और मेरी उम्र थी 33 साल।
अनिल दिखने में और लोगों बिल्कुल से अलग थे।
उनकी लंबाई 6 फ़ीट थी और वे काफी दमदार और हट्टे कट्टे वजनी शरीर के थे।
उनके सामने ऑफिस के सारे ही मर्द कुछ भी नहीं थे।
लेकिन यह उनकी खास बात नहीं थी.
खास बात यह थी कि उनका व्यवहार बेहद ही अच्छा था, उनके बात करने का लहजा सभी को उनके प्रति आकर्षित करता था।
वे शरीर से जितने कड़क थे दिल के उतने ही नर्म भी थे।
मैंने ऑफिस में अपनी एक आदत बनाई थी कि मैं बिना किसी काम के किसी मर्द से ज्यादा बात नहीं करती थी.
ऑफिस के मर्द भी मुझसे उतना ही बात करते थे जितना मैं उनसे करती थी।
शुरू में अनिल जब ऑफिस में आये तो उनका किसी से उतनी जान पहचान नहीं थी और वे अक्सर ही अकेले रहते थे।
उन्हें आये हुए करीब 15 दिन हो गए थे और मेरी भी उनसे ज्यादा बात नहीं हुई थी. न ही मैं उनके बारे में ज्यादा जानती थी।
एक दिन की बात है कि दोपहर में लंच करने का समय हो गया था और सभी लोग कैंटीन में जा चुके थे लेकिन मुझे थोड़ा काम था और काम खत्म करने के बाद मैं भी कैंटीन गई।
वहाँ सारी मेज भरी हुई थी।
मैंने नजर दौड़ाई तो एक टेबल खाली थी; मैं जाकर बैठ गई।
मैं अपना लंच कर रही थी.
तभी अनिल भी आ गए.
मैंने देखा कि उन्हें बैठने के लिए जगह नहीं मिल रही थी और वे इधर उधर देख रहे थे।
जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ देखा तो मैंने उन्हें इशारा किया कि मेरी टेबल पर एक व्यक्ति की जगह है।
अनिल आये और मेरे सामने बैठ गए।
हम दोनों एक दूसरे से बिना कुछ बोले अपना अपना लंच कर रहे थे।
कुछ ही देर में ऑफिस के ज्यादातर लोग जा चुके थे और बस कुछ लोग ही बचे थे।
फिर अचानक से अनिल ने मुझसे बात करना शुरू कर दिया और हम दोनों बात करते हुए लंच कर रहे थे।
हम दोनों ने एक दूसरे का नाम पूछा और एक दूसरे के घर के बारे में पूछा।
उस दिन ही मुझे पता चला कि अनिल की बीवी नहीं है और उनके साथ उनकी दो बेटियां रहती हैं।
इसके बाद हम दोनों के बीच काफी बातें हुई और फिर हम लोग ऑफिस में चले गए।
उसके बाद अब आये दिन ऐसा होता, जब हम दोनों लंच टाइम में एक टेबल पर बैठते और बातें करते हुए लंच करते।
उनके बात करने का सलीका बेहद ही अच्छा लगता था।
उनकी बातों से कभी भी कुछ गलत बात होने का पता नहीं चलता था क्योंकि बाकी के लोग जब भी बात करते तो उनकी नजर और बात करने के तरीके से ही पता चलता था कि वह कैसे व्यक्ति है।
धीरे धीरे हम दोनों में दोस्ती सी हो गई और हम दोनों ने एक दूसरे से फोन नम्बर भी शेयर कर लिया था।
लेकिन उस वक्त तक मेरे मन में उनके प्रति कुछ भी गलत नहीं था।
कुछ समय और बीत गया और हम दोनों फ़ोन पर एक दूसरे को मैसेज में ही अच्छी अच्छी वीडियो और फ़ोटो भेजने लगे।
लेकिन कभी हम दोनों के मन में कुछ गलत नहीं था हम दोनों बस एक नॉर्मल दोस्त ही थे।
लेकिन दोस्तो, एक रात मेरे साथ ऐसा कुछ हुआ कि अनिल के प्रति मेरा नजरिया बिल्कुल ही बदल गया।
ऐसा नहीं था कि अनिल ने मुझे कुछ गलत कहा था।
बल्कि उन्हें तो ये सब पता भी नहीं था।
हुआ यूं कि एक रात मेरा बेटा अपनी दादी के साथ सोया हुआ था और मैं अपने कमरे में अकेली सो रही थी।
मैं अपना मोबाइल फोन चला रही थी.
तभी मेरे फोन पर अनिल जी का मैसेज आया क्योंकि वे रोज सुबह और रात में मोर्निंग और गुड नाईट का मैसेज भेजते थे।
अगले दिन रविवार था और उस दिन हमारी छुट्टी थी।
मैंने भी उन्हें एक मैसेज भेज दिया- इतनी जल्दी गुड नाईट बोल रहे हैं?
क्योंकि उस वक्त केवल 9 बज रहे थे।
मेरा मैसेज पढ़कर उधर से भी अनिल ने इसका जवाब दिया और हम दोनों के बीच मैसेज में ही बात होने लगी।
आमतौर पर हम लोग कभी चैट नहीं करते थे लेकिन उस रात बस ऐसे ही चैट शुरू हो गई।
हम लोगों ने करीब एक घँटे तक चैटिंग करी उसके बाद अनिल जी गुड नाईट बोलकर मैसेज बंद कर दिए।
लेकिन मुझे उस वक्त नींद नहीं आ रही थी और मैंने कुछ पोर्न फिल्म देखी और फिर अन्तर्वासना में एक कहानी पढ़नी शुरू कर दी।
वह कहानी ऐसी थी कि एक औरत मर्द साथ में काम करते हैं और उनके बीच चुदाई हुआ करती थी।
कहानी बेहद ही ज्यादा उतेजित करने वाली थी और मैं कहानी पढ़ते हुए ही अपनी साड़ी के अंदर हाथ डाल कर अपनी पुद्दी सहलाने लगी।
उस कहानी को पढ़ते हुए ही मेरे मन में अनिल और अपने बीच गंदे ख्याल आने लगे क्योंकि उस कहानी की तरह ही हम दोनों भी एक साथ काम करते थे।
यह ख्याल मेरे मन में अचानक से ही आ गया था।
मैंने वह कहानी पूरी पढ़ी और उसके बाद रोज की तरह अपनी उंगलियों को अपनी पुद्दी में डालकर अपने आप को शांत की।
उसके बाद मुझे भी नींद आ गई और मैं सो गई।
रात करीब तीन बजे अचानक से मेरी नींद खुल गई और मेरी साँसे काफी तेजी से चल रही थी।
मैंने महसूस किया कि मेरे नीचे कुछ गीला गीला है।
जब मैंने अपनी साड़ी ऊपर करी तो देखा कि मेरी चड्डी और पेटिकोट बिल्कुल गीले हो गए थे और मेरी जांगहें पूरी तरह से चिपचिपे पानी से सराबोर थी।
मैं समझ गई थी कि मैं बुरी तरह से झड़ी हूँ इसलिए मेरा इतना पानी निकला है।
दोस्तो, हुआ यूं था कि सोती हुई मैं सपना देख रही थी और सपने में अनिल मुझे बेहद बुरी तरह से चोद रहा था।
मुझे भी काफी मजा आ रहा था और मैं सपने में ही झड़ गई थी।
दोस्तो, अगर किसी को पता नहीं हो तो उन्हें मैं बता देना चाहती हूं कि ऐसी स्थिति को ही स्वप्नदोष कहते हैं और मेरे साथ ऐसा कई बार हो चुका था।
लेकिन अनिल के साथ सपने में ऐसा पहली बार हुआ था।
उस सपने को मैं बार बार याद कर रही थी क्योंकि उस सपने को याद करने से मुझे अंदर से ही अलग तरह का मजा आ रहा था।
फिर मैंने उठकर अपने कपड़े बदले और सोने की कोशिश करने लगी।
काफी देर तक मैं जागती रही और बड़ी मुश्किल से मुझे नींद आई।
उस दिन के बाद से ही अनिल के प्रति मेरा नजरिया कुछ अलग हो गया था।
जब भी हम लोग ऑफिस में मिलते और बात करते तो मेरा बात करने का सलीका अलग हो गया था।
अब मेरी नजर अनिल के मजबूत शरीर, चौड़े सीने और मोटी बाजुओं पर जाने लगी थी।
लेकिन मैंने अनिल को इस बात की भनक नहीं लगने दी कि उसके लिए मेरे मन में कुछ गलत चल रहा है।
अनिल हमेशा से ही मुझे एक अच्छी दोस्त मानता था।
वह मुझसे 16 साल बड़ा था लेकिन उसने कभी भी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि हम दोनों की उम्र में इतना फर्क है।
दोस्तो, अब मेरे मन में इतने ज्यादा गंदे ख्याल आने लगे थे कि जब कभी भी मैं अपनी पुद्दी में उंगली करती तो ये सोचती कि अनिल ही मुझे चोद रहा है।
पता नहीं मुझे क्या हो गया था … लेकिन मुझे वह अच्छा लगने लगा था और मैं उसे देख कर ही खुश हो जाती थी।
सच कहूँ दोस्तो, मैं चाहती थी कि अनिल मुझे चोदे।
मुझे उसकी पर्सनालिटी बेहद पसंद आने लगी थी।
अगर शरीर के मामले में देखते तो मैं उससे आधी थी मतलब जहाँ वह लंबा ऊंचा हट्टा कट्टा और करीब 90 किलो वजनी था वही मैं केवल 56 किलो की और साढ़े 5 फीट लंबी थी।
अगर सच में वह मुझे अपनी पूरी ताकत से चोदता तो मेरी हालत खराब कर देता।
बस दोस्तो, मेरे मन में उसके लिए बस गंदे से गंदे ख्याल आते रहते थे और रोज रात में मैं उसे ही याद करते हुए अपनी पुद्दी में उंगली करती थी।
ऐसा काफी दिन तक हुआ और अब मुझे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
मैं अब उसके साथ अपना रिश्ता आगे बढ़ाना चाहती थीं।
इसलिए मैंने अब रात में उससे चैट करना शुरू कर दिया और कभी कभी हमारे बीच फोन पर बात भी हो जाती थी।
लेकिन अनिल ने कभी भी मुझसे ऐसी कोई बात नहीं की जिससे यह पता चलता कि उसके दिल में भी मेरे लिए कुछ है।
वह हमेशा ही बिल्कुल नॉर्मल बात करता था।
फिर मैंने अपने दिल में ठान लिया था कि अब मुझे ही उससे खुलकर बात करनी होगी।
और एक रात जब हम दोनों फोन पर बात कर रहे थे तो मैंने उसे कह दिया कि मैं तुम्हें पसंद करती हूं।
पहले तो वह बिल्कुल शांत रहा फिर मुझे सोचकर बताने के लिए बोला और मुझसे समय मांगा।
उसके अगले दिन जब मैं ऑफिस गई तो मुझे पता चला कि अनिल ने कुछ दिन की छुट्टी ली है।
मैं उसे मैसेज कि फिर कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
कई दिनों तक उसका कोई मैसेज नहीं आया और न ही कॉल आया।
मैंने यह सोच लिया था कि उसे मेरी बात अच्छी नहीं लगी और उसे मुझमें कोई रूचि नहीं है।
मैं अपने आप को मन ही मन बहुत कोसने लगी क्योंकि पता नहीं अनिल मेरे बारे में क्या सोचा होगा क्योंकि वह मुझे एक अच्छी दोस्त मानता है और मैंने उसके बारे में ऐसे सोचा।
फिर चार दिन के बाद रात में उसका कॉल आया.
हम दोनों बात कर रहे थे और तभी उसने मुझे अपने प्यार का इकरार कर दिया।
मैं बेहद खुश थी क्योंकि वह मेरी बात से नाराज नहीं हुआ था।
लेकिन उसने मुझे कहा कि हमारे इस रिश्ते के बारे में कभी किसी को पता नहीं चलना चाहिए।
मैंने उसे हर बात के लिए हा कह दिया।
अगले दिन से ही हम लोगों ऑफिस जाना शुरू कर दिए लेकिन अब हम दोनों ऑफिस में भी ऐसे रहते थे जैसे कि एक दूसरे को जानते ही न हों।
जब हमें कोई काम होता था तो ही हम बात करते थे।
कोई भी हमें देखकर ये नहीं कह सकता था कि हम दोनों के बीच में कुछ ऐसा हो भी सकता है।
बस हम लोग रोज रात में फोन पर ही बात किया करते थे।
लेकिन हम दोनों ने कभी भी फोन पर सेक्स की बात नहीं की थी।
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए।
अब दोस्तो, आप लोग सोच रहे होंगे कि जब हम दोनों बस फोन पर ही बात करते थे और बाहर कभी मिलते तक नहीं थे तो फिर हम दोनों के बीच सेक्स कैसे हुआ होगा।
तो मैं आप लोगों को बता दूँ कि हम दोनों के बीच सेक्स भी हुआ और ऐसे हुआ कि अमित ने मेरी 7 साल की प्यास बुझा दी।
वह चुदाई में इतना माहिर इंसान है कि किसी भी औरत को संतुष्ट कर दे। वह बाहर से जितना हट्टा कट्टा दिखता है उतना ही बिस्तर पर चुदाई के समय भी मजबूत है।
उसने मेरी ऐसी चुदाई की है कि मुझे पहली बार चुदाई का असली मजा मिला।
कैसे हुई थी मेरी चुदाई और हम दोनों कहाँ मिले थे?
ये सब मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊँगी।
तो दोस्तो, हॉट विडो Xxx रोमांस कहानी का अगला भाग अवश्य पढ़िये।
धन्यवाद।
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