सहकर्मी महिला की होटल में चुदाई- 2
(hot Girl Pussy lick Story)
हॉट गर्ल पुसी लिक का मजा मैंने दिया अपने ऑफिस में काम करने वाली एक महिला को. उसका पति उसे सेक्स में संतुष्ट नहीं कर पाता था. वह मेरे लंड का मजा लेने को तैयार हो गयी थी.
साथियो, मैं विजय आपको अपने ऑफिस में साथ काम करने वाली सोनल की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
सहकर्मी की अधूरी अन्तर्वासना
में अब तक आपने पढ़ा था कि सोनल, मेरी सहकर्मी औलाद की चाह में मेरे लौड़े को चूसने लगी थी.
अब आगे हॉट गर्ल पुसी लिक का मजा:
सोनल जिस तरह से मेरे लौड़े को चूस रही थी, उससे मुझे तो जन्नत सी खुशी मिल रही थी.
अच्छी बात ये थी कि मेरे 3 इंच मोटे लंड को वह अपने बड़े मुँह से आराम से पूरा अन्दर तक ले रही थी.
लगभग 10 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा.
फिर जब मुझे लगा कि मैं आने वाला हूँ तो मैंने उसे चूसने से मना किया- रबड़ी निकलने वाली है मैडम हट जाओ.
मगर वह नहीं मानी.
उसके लंड चूसने से ऐसा साफ लग रहा था मानो उसे बड़ी मिन्नतों के बाद लंड मिला हो.
जब मेरा स्खलन का समय आया तो मैंने उसके सर को पकड़ कर लंड पूरा मुँह में घुसेड़ दिया और रस फेंकना शुरू कर दिया.
मेरे लौड़े से वीर्य की एक एक बूंद झटकों के साथ उसके गले से नीचे उतरती जा रही थी.
उसने पूरा लंड अन्दर ले रखा था.
एक मिनट बाद जब मैंने लंड निकाला तो उसने लंड को चाटकर साफ़ कर दिया.
फिर मुँह पौंछती हुई ऊपर आ गई.
मैंने बिना देर किए उसे अपनी गोद में खींचा और उसके होंठ चूम कर उसे थैंक्स बोला.
‘सर आप क्यों थैंक्स बोल रहे है, थैंक्स तो मुझे बोलना चाहिए कि आपने एक अनमोल चीज देकर मेरा जीवन धन्य कर दिया. मुझे तो अभी तक विश्वास नहीं हो रहा कि इतना बड़ा और मोटा लंड भी होता है. अब मुझसे तो इंतजार ही नहीं हो रहा है.’
मैंने कहा- इंतजार का फल मीठा होता है और वैसे भी ऑफिस में ये सब सही नहीं.
कुछ देर बाद हम दोनों घर चले गए.
रात काटनी मुश्किल हो रही थी.
मेरी आंखों के सामने बस वही सीन चल रहा था, जब सोनल ने मेरे लंड को चूसा था.
यह सोच सोच कर मेरा लंड बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
उस रात मैंने अपनी बीवी को दो बार चोदा.
मैंने बीवी की इतनी बेरहम चुदाई की थी कि बीवी ने भी कराहते हुए कहा- क्या बात है … आज किसी की चूत दिख गई है, जो मेरी ही चूत फाड़ने पर तुल गए हो!
मैंने उससे कुछ नहीं कहा, उसने भी चुदाई का पूरा मजा लिया और माल पूरा अन्दर गिरवाया.
मैं भी थक कर सो गया.
सुबह उठ कर मैं सोचने लगा कि सोनल को कब और कहां चोदा जाए.
मैं उसकी योजना बनाने लगा.
ऑफिस जाते वक्त मैंने उसके लिए एक जोड़ी ब्रा और पैंटी खरीद ली और ऑफिस पहुंच गया.
जैसे ही मैं ऑफिस पहुंचा, सोनल आज मेरा इंतजार पहले से कर रही थी.
मैंने उसे गुडमॉर्निंग किया और पूछा- कैसी कटी रात?
उसने जवाब दिया- बस इंतजार और बेचैनी में कटी रात कि कब हम …
आधी बात बोलकर वह चुप हो गई.
मैं उसे अन्दर वाले कमरे में ले गया और उसे गले से लगा कर लिप किस किया.
उसे गले लगाने पर ऐसा लगा मानो वह मुझे छोड़ना ही नहीं चाह रही है.
मैंने उसके दूध और गांड को खूब दबाया.
उसकी सिसकारी निकल गई.
अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था; लगा कि बस इसे नंगी करके अपना हथियार इसकी चूत में डाल दूँ.
मगर ऑफिस की वजह से मैंने संयम बनाए रखा और अपने हाथ से उसकी चूत को सहला दिया.
जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत पर लगा, उसकी जोर से आह निकल गई.
“सर अब और सहन नहीं होता. जब से आपके लंड को देखा है, तब से मेरी चूत गीली पड़ी है. प्लीज जल्दी से एक बार लंड डाल दीजिए, प्लीज मुझे अभी ही चोद दीजिए.”
मैंने उसे रोका और कहा- मैं तुमको आराम से रात भर चोदना चाहता हूँ. आज तक चुदाई का जो सुख तुमको नहीं मिला, वह देना चाहता हूँ.
सोनल ने कहा- बस एक बार डाल दो, फिर आराम से कर लेना.
मैंने उसे समझाया कि ऑफिस में चुदाई ठीक नहीं.
मगर आप लोग तो जानते हैं कि जब औरत चुदाई के मूड में आती है, तो उसे किसी की परवाह नहीं होती.
फिर भी मैंने उसके आग को देखते हुए उसे टेबल पर बैठाया और उसके पैरों को फैला दिया.
उसकी काली पैंटी को मैंने उतार दिया.
सोनल मेरे लंड को सहला रही थी और मैं उसके दूध को दबा रहा था.
उसके दूध इतने मस्त थे कि छोड़ने का मन ही नहीं कर रहा था.
मैंने ब्लाउज के ऊपर से ही उसके एक दूध को पीना शुरू कर दिया और हाथ से उसकी चूत पर लगा दिया.
जैसे ही मैंने उसकी चूत को छुआ, ऐसा लगा जैसे मैडम ने मूत दिया हो.
उसकी चूत इतनी गीली थी कि मैंने आज तक किसी औरत की चूत इतनी गीली नहीं देखी.
मैं आज उसे चोदने के मूड में नहीं था. मैं उसे इत्मीनान से चोदना चाहता था.
मैंने अपने मुँह को नीचे लाकर उसकी चूत पर रख दिया और उसे किस करने लगा.
उसने मेरा चेहरा ऊपर उठाया और कहा कि वहां मत चाटिए … उधर गंदा होता है.
शायद उसने पहले कभी चूत को नहीं चटवाया था.
जबकि मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है.
मैंने उससे कहा- जैसे कल तुमने मेरा चूसा था, वैसे ही आज मैं तुमको जन्नत का मजा दिलाता हूँ मेरी जान. एक बार चूत चटवा लोगी, फिर हमेशा पहले चूत ही चटवाओगी. तुम बस आनन्द लो.
इतना बोल कर मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरने लगा.
मेरे पहले अहसास से उसने एक बहुत जोरदार सिसकारी भरी- आह सर, ये आपने क्या कर दिया … आह और जोर से!
उसने मेरे सर को अपनी चूत के मुँह में दबा दिया.
एक तो पहले से ही उसकी बुर पानी पानी थी और ऊपर से उसने और पानी छोड़ना शुरू कर दिया.
मगर एक बात थी उसके पानी का स्वाद एकदम मस्त था.
ये स्वाद वही जान सकता है, जिसने बुर चाटी हो या जिसने बुर को चटवाया हो, पुसी लिक का मजा लिया हो.
सोनल असीम आनन्द की अनुभूति ले रही थी और मैं अपनी जीभ का कमाल उसके दाने को चाट कर दिखा रहा था.
कभी कभी अपनी जीभ से उसे चोद देता. पूरी जीभ अन्दर डाल कर मैं उसे चोदने लगा.
उसका नतीजा ये हुआ कि मेरे 10 मिनट की बुर चटाई से सोनल का पानी छूट गया.
जैसे ही उसका पानी छूटा, तब उसने मेरे सर को दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे अपनी बुर में ऐसे घुसा लिया था, मानो वह मेरे सर को ही अपनी चूत के अन्दर पूरा घुसेड़ लेना चाह रही हो.
कुछ पल के लिए तो मेरी सांस ही रुक गई.
फिर भी मैंने उसकी बुर को पूरी तरह चाट कर साफ किया.
जब मैंने बुर से अपना मुँह हटाया और सोनल की तरफ देखा तो उसके चेहरे में एक संतुष्टि थी जिसे देखकर मैं बहुत खुश हुआ.
वहीं दूसरी ओर मेरे पूरे चेहरे पर सोनल की चूत का पानी लगा हुआ था.
वह देख कर सोनल हंसने लगी और अपनी साड़ी से मेरे चेहरे को साफ करने लगी.
इस वक्त उसका प्यार किसी पत्नी से कम नहीं लग रहा था.
सोनल ने कहा- सर थैंक्यू, मैंने आज तक इतना आनन्द नहीं लिया. सेक्स ऐसा भी होता है, ये मुझे आज ही पता चला.
मैंने सोनल से कहा- यह तो शुरुआत है. अभी तो असली चुदाई बाकी है.
सोनल ने कहा- जब शुरुआत इतनी बेहतरीन है तो मुझे इंतजार है आपकी मस्त वाली चुदाई का.
फिर मैंने उसे उसका गिफ्ट दिया.
जैसे ही उसने उस गिफ्ट को खोला, वह खुश हो गई और ब्रा और पैंटी देख कर बोली- इसे तो उतरना ही होता है, फिर क्यों लाए … वैसे थैंक्यू!
मैंने कहा- जब हमारी पहली चुदाई हो, तो मैं चाहता हूँ तुम इसे पहनो. मैं तुम्हें इसमें सजी हुई देखना चाहता हूँ.
सोनल ने कहा- बोलो तो अभी पहन लूं!
मैंने सोनल से कहा- चुदाई के लिए इतनी बेताब मत हो मेरी जान, चुदाई का मजा इत्मीनान से ही आता है.
प्यार भरी बातों के बीच मैंने उससे कहा- कल तैयार रहना, कल की रात तुम्हारी असली सुहाग रात है. हम दो दिन खूब चुदाई करेंगे.
सोनल को कुछ समझ नहीं आया.
उसने पूछा- वो कैसे होगा सर?
मैं- तुम चिंता मत करो डार्लिंग … मैंने सब प्लानिंग कर ली है. बस तुम वैसा ही करो, जैसा मैं कहता हूँ.
मैंने उसे एक फर्जी लैटर पकड़ा दिया जिसमें दो दिन की ट्रेनिंग का आदेश था.
वह भी 250 किलोमीटर दूर एक शहर में था.
यह देख कर वह बहुत खुश हो गई और मुझे किस करने लगी- मान गए सर … आई लव यू.
‘लव यू टू सोनल, बस अब तुम दो दिन की पूरी तैयारी कर लेना. दो दिन तक हम रूम से नहीं निकलेंगे. बस चुदाई ही चुदाई होगी.’
सोनल- मैं भी जी भर के चुदवाना चाहती हूँ. आप कोई कसर मत छोड़ना. इन दो दिनों में कोई रहम मत करना. मैं चाहती हूँ कि ये दो दिन मेरी जिंदगी के सबसे हसीन दिन हों.
मैंने कहा- चिंता मत करो, तुम ये दो दिन कभी भी नहीं भूल पाओगी, बस तैयार रहो.
तब मैंने होटल बुक किया और हम दोनों निकलने के दिन का बेसब्री से इंतजार करने लगे.
सोनल भी अपने घर पर दो दिन के ट्रेनिंग का बहाना करके निकलने की तैयारी में थी.
दूसरे दिन हम सुबह 5 बजे ट्रेन से निकले.
हम दोनों बहुत ज्यादा एक्साइटेड थे; सब्र करना मुश्किल था.
फिर हम दस बजे के करीब शहर पहुंच गए और उधर से सीधे होटल में आ गए.
जैसे ही सोनल ने कमरे के अन्दर प्रवेश किया, वह चौंक गई और मुझसे लिपट गई.
उसकी आंखें भर आईं क्योंकि कमरे को मैंने सुहागरात जैसा सजवाया था.
बिस्तर पर गुलाब के फूल, कैंडिल जलती हुई, खुशबूदार कमरा और साइड में वाइन की बोतल.
मैंने कमरा बंद किया और सोनल से चिपक कर लिप किस करने लगा.
मैंने सोनल से पूछा- पसंद आया.
उसने जवाब दिया- इतना तो आज तक मेरे पति ने नहीं किया. जो खुशी आपने मुझे दी, काश आप मेरे पति होते.
मैंने हंसते हुए कहा- फिर इसी तरह दूसरे की बीवी को होटल ले जाकर चोदता.
सोनल ने कहा- यदि मुझे बता कर जाते तो मैं कुछ नहीं बोलती.
उसने मेरे होंठों को किस किया.
मैंने कहा- अब जल्दी से तैयार हो जाओ, फिर हम दोनों अपना सुहागदिन मनाते हैं. मैं बाहर से कुछ सामान लेकर आता हूँ, तब तक तुम फ्रेश हो जाओ.
इतना कह कर मैं बाहर चला गया.
मैंने मेडिकल स्टोर से कुछ दर्द की और कुछ स्टेमिना की दवा लीं.
मैंने दवाइयों का पूरा पत्ता खरीद लिया था. मुझे पता था कि इन दो दिनों के उत्सव में मेरी और उसकी, दोनों की हालत खराब होने वाली थी.
लगभग एक घंटा के बाद मैं होटल वापस आ गया.
उधर मुझे सरप्राइज मिला.
सोनल एकदम सज-धज कर दुल्हन की तरह बेड पर बैठी थी.
मैंने उसे देखते साथ कहा- अरे ये सब क्या है, तुम तो पूरी तैयारी से आई हो!
उसने कहा- हां मैं अपनी जिंदगी के सबसे हसीन पल को जीना चाहती हूँ. जब से मैंने आपके लंड को देखा है, तब से दिल की ख्वाहिश थी कि आपके साथ एक रात पत्नी बन कर रहूँ. आज आप मुझे वह जरूर हक देंगे न!
मैंने उसके घूंघट को उठाया और उसके माथे पर एक किस कर दिया.
तभी मैंने देखा कि उसने मांग को नहीं भरा था.
मैंने आंखों के इशारे से पूछा तो उसने कहा- मेरे पतिदेव आज आप मेरी मांग भरो.
यह कह कर उसने बाजू में सहेज कर रखी हुई सिंदूर की डिब्बी मुझे दे दी.
मैंने उसके प्यार की इज्जत करते हुए उसकी मांग भर दी.
वह और मैं बहुत खुश थे.
मैंने उसे आई लव यू सोनल कहा और उसके लिए एक अंगूठी ली थी, उसे पहना दी.
यह मैंने पहले से ही खरीद कर रखी थी.
अब चुदाई की कुछ तो निशानी बनती है.
सोनल ने उठ कर मेरे पैर छुए और कहा- आज से आप मेरे पति हैं.
वह मेरी बांहों में समा गई.
मैंने उससे अलग होते हुए उसे बिस्तर में बैठाया और अंगूठी पहनाते हुए कहा- ये अपने पति की तरफ से पत्नी को छोटा सा गिफ्ट है.
उसने उस अंगूठी को अपनी उंगली में मुझसे पहन लिया- आज से मैं आपकी हुई.
मैंने उसके सर से साड़ी को हटा दिया साड़ी का पल्लू ऊपर से सीधे बिस्तर में गिर गया और सोनल के बूब्स गोल्डन ब्लाउज में बड़े ही गजब के दिखने लगे.
उसका मदमाता यौवन मुझे ललचाने लगा.
मैंने उसके दूध को ऊपर से दबाया तो उसकी सिसकारियां निकल गईं.
उफ्फ …
फिर मैंने उठ कर दो गोलियां निकालीं.
एक मैंने और एक उसको खिला दी.
उसने पूछा- ये क्या है?
मैंने कहा- जन्नत की सैर का रास्ता.
उसने भी दवा को खा लिया.
फिर मैंने उसके गर्दन में किस किया, अपनी जीभ फेरने लगा.
उसकी गर्दन से होता हुआ मैं उसके क्लीवेज तक चाटने और किस करने लगा.
साथ ही अपने हाथों से उसके पेट और दूध को सहलाने लगा.
धीरे धीरे उसके कान की लोब को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
उसका पूरा शरीर कांप उठा.
फिर मैंने उसकी पीठ को किस किया.
वाह क्या गजब की लग रही थी.
इसी तरह मैं उसकी पीठ से होता हुआ उसकी कमर तक पहुंच गया.
फिर मैंने धीरे से उसके ब्लाउज का हुक खोल दिया.
अन्दर उसने वही लाल रंग की ब्रा पहनी थी जो मैंने उसे दी थी.
लाल ब्रा में उसके कसे हुए चूचों में क्या गजब का कहर ढा रही थी.
मैंने ब्लाउज को उसके शरीर से अलग कर दिया.
अब वह लाल ब्रा में मेरे सामने थी.
मैं उसके दोनों दूध देखता रह गया.
इस उम्र में भी उसके बूब्स कितने टाइट थे, किसी कमसिन लड़की के जैसे.
उसके पहाड़ मुझे ललचा रहे थे.
उसने मेरी तरफ देखते हुए अपने दोनों दूध हिला कर दिखाए और बोली- आम कैसे लगे?
मैंने जीभ को होंठों पर फेर कर कहा- रसीले … अब इन्हें चूसने का मजा लूँगा.
उसने कहा- पहले जल्दी से अपने कपड़े उतारो और आ जाओ मेरे राजा!
दोस्तो, अब मेरी सहकर्मी की चुदाई का समय आ गया था.
अगले भाग में मैं आपको सोनल की चुदाई की कहानी सुनाऊंगा.
आप मेरे साथ बने रहें और मुझे हॉट गर्ल पुसी लिक स्टोरी पर अपने विचार जरूर बताएं.
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हॉट गर्ल पुसी लिक कहानी का अगला भाग:
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