ऑफिस असिस्टेंट की चुदाई
(Office Assistant Ki Chut Chudai)
दोस्तो, मैं दिल्ली से 28 साल का युवक हूँ. मैं ये सेक्स स्टोरी अपने जीवन में पहली बार लिख रहा हूँ.
ये घटना 3 साल पहले की है, उस समय मैंने एक जॉब फर्स्ट टाइम ज्वाइन किया था. मैं अपने ऑफिस में मैनेजर था और हमारी कम्पनी का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट का काम था.
मैं जब पहले दिन ऑफिस गया तो देखा कि मैं इधर सबसे कम उम्र का हूँ. बाकी सभी लोग 35 साल से ऊपर के थे. सभी मुझे सर बुलाते थे, मैं अकेला एमबीए था. मेरी असिस्टेंट का नाम सुमन था. उसकी उम्र 37 साल की थी.. और वो दिखने में भी कोई खास नहीं थी.
उसने अपने काम को समझाने में मुझे बहुत सपोर्ट किया. यंग होने के कारण मैं हर काम में बहुत एग्रेसिव था. मेरी वजह से मेरी असिस्टेंट सुमन को भी रात के 8 बजे तक रुकना पड़ता था.
एक दिन की बात है, मैं जब ऑफिस से काम पूरा करके घर जा रहा था तो बस स्टैंड पर मैंने सुमन को देखा वो शायद बस का इंतजार कर रही थी. मैंने अपनी बाइक को उसके पास रोका और उससे कहा- आप कहो तो मैं आपको कहीं ड्रॉप कर दूँ?
उसने कहा- हाँ मैं जल्दी में हूँ.. आप प्लीज़ मुझे मेरे घर छोड़ दो.
मैंने कहा- ठीक है.
वो मेरी बाइक पर बैठ गई.
मैंने पूछा- आपको जाना कहाँ है?
उसने बताया- मैं जनकपुरी में उत्तम नगर में रहती हूँ.
तो मैंने कहा- सुमन जी फिर तो आप मेरे साथ ही जाया करो क्योंकि मैं भी उत्तम नगर में ही रहता हूँ.
उसने कहा- आप प्लीज़ अभी जल्दी से मुझे घर पहुँचा दो.. मुझे अर्जेंट काम है.
मैंने पूछा- क्या मैं जान सकता हूँ कि आप इतनी जल्दी में क्यों हो?
उसने कहा- चल कर देख लेना.
मैं 20 मिनट में उसके घर पहुँच गया. उसने मुझे रोकते हुए कहा- आप फर्स्ट टाइम आए हो.. चाय तो बनती है.
मैं उसके साथ उसके घर के अन्दर गया. मैंने देखा सुमन के बच्चे की तबीयत खराब थी, उसे बहुत ज़्यादा बुखार था. सुमन की एक बेटी भी थी, जो उसके पास थी.
मैंने तुरंत अपने एक डॉक्टर फ्रेंड को फोन किया और उसे आने को कहा, तो उसने कहा कि वो एक घंटे में आता है.
इतने में सुमन ने अपनी बेटी प्रिया से कहा- अंकल के लिए एक कप चाय बनाओ.
मैंने सुमन से पूछा- इसे फीवर कब से है?
उसने बताया- एक हफ्ता हो गया.
मैं बोला- इसे डॉक्टर के पास क्यों नहीं ले गईं?
उसने कहा- मैं अकेली हूँ और मैं बस से आती हूँ इसलिए मुझे ऑफिस से आने में रात के 9 बज जाते हैं.
मैंने पूछा- आपके हज़्बेंड?
उसने मुँह बनाते हुए बताया- वो मेरे साथ नहीं रहता है, उसने एक रखैल रखी हुई है, वो उसी के पास रहता है. वो पिछले 5 साल से हमारे घर नहीं आया है.
मैंने पूछा- वो कहाँ रहता है?
उसने बताया- फरीदाबाद.
मैंने पूछा- घर के लिए कुछ पैसे देता है?
उसने कहा- नहीं.
दोस्तो, मैं सोच में पड़ गया क्योंकि सुमन की सेलरी सिर्फ़ 8000 रूपए थी. मुझे चुप देख कर सुमन ने कहा- सर जी क्या सोच रहे हो?
मैंने कहा- सुमन, 8000 में कैसे सब कुछ कर लेती हो?
उसने कहा कि घर उसका अपना है और वो एक्सट्रा एक्सपेन्स करती नहीं है. उसने ये भी बताया कि उसकी बेटी प्रिया बहुत समझदार है, वो कुछ भी एक्सट्रा डिमांड नहीं करती. सिर्फ़ बेटा राजीव ही कुछ नखरे करता है.
इतने में मेरा दोस्त डॉक्टर आ गया, उसने राजीव के लिए कुछ दवा लिख कर दिया और कहा कि राजीव का ब्लड टेस्ट करवाना जरूरी है. वो कल शाम को को दोबारा आएगा.
ये कह कर वो वापस हो गया. मैंने दवा लाकर दे दीं और सुमन से कहा- आप कल ऑफिस मत आना, में शाम को डॉक्टर को लेकर आऊंगा. आप राजीव की ब्लड रिपोर्ट लेकर रखना.
दोस्तो इसके बाद मैं अपने घर आ गया और दूसरे दिन शाम को 4 बजे ही ऑफिस से निकला और डॉक्टर को लेकर सुमन के घर आ गया.
रिपोर्ट में मलेरिया होने का पाया.
डॉक्टर ने दवा लिख दीं और वो वापस हो गया. मैंने देखा सुमन रो रही थी.
मैंने पूछा- क्या बात हुई.. राजीव ठीक हो जाएगा. आप दवा लेने चलो.
उसने मेरी तरफ देख कर कहा- मेरे पास पैसे नहीं है.
मैंने कहा- मैं पैसे दे देता हूँ.. आप चलो.
हम दवा लेकर आए. मैंने सुमन को 5000 रूपए देते हुए कहा- ये कुछ पैसे रख लो.
वो बोली- नहीं, मैं आपसे नहीं ले सकती. आपने इतना किया ये ही बहुत है.
मैंने फिर कहा- आप उधार समझ कर रख लो.
तब उसने एक स्माइल दी और पैसे रख लिए.
दवा ख़ाने के बाद उसका बेटा सो गया और उसकी बेटी हमारे लिए चाय बनाने के लिए किचन में चली गई.
मैं और सुमन एक ही सोफे पर बैठे थे और एक-दूसरे से सटे हुए थे. कुछ देर के बाद प्रिया चाय लेकर आई और चाय देते वक़्त गर्म होने के कारण उसके हाथ से गिर कर मेरे शर्ट पे गिरी और थोड़ी चाय सुमन के गले पर भी गिर गई.
मैंने झट से अपनी शर्ट निकाली और सुमन से पूछा- आप ठीक हो?
तो वो बोली- चाय बहुत गर्म थी.
उसने इशारा करते हुए अपने गले और अपनी चूचियों को देखा.
मैंने प्रिया से पूछा- कुछ है लगाने को?
उसने बरनोल का ट्यूब दिया. मैंने सुमन को सोफा पर ही लेटा दिया और उसके गले में दवाई लगा दी. फिर मेरा हाथ रुक गया और मेरी नज़रें बार-बार उसके मम्मों पर जा रही थीं.
सुमन ने मुझे ऐसा करते देख लिया था, उसने कहा- लाओ मैं खुद से लगा लूँगी.
वो अपने रूम में चली गई और कुछ देर के बाद जब आई तो मैंने देखा वो नाइटी पहने हुए थी.
इस वक्त रात के 10 बज गए थे तो मैं अपने घर जाने की कह कर उठने लगा.
तब सुमन ने कहा- सर.. आप अकेले रहते हो तो आप खाना यहीं से खाकर जाओ.
मैं उसकी बात मान गया. खाना खाते समय मेरी नज़रें बार-बार सुमन के मम्मों को देख रही थीं क्योंकि मैंने कभी किसी औरत को इतने करीब से नहीं देखा था.
सुमन ने शायद ये नोटिस कर लिया था. वो नज़रें झुका कर स्माइल कर रही थी.
खाना ख़ाने के बाद सुमन ने कहा- सर, आज आपको मेरी वजह से बहुत समय हो गया.
मैंने कहा- मुझे तुम्हारी मदद करना अच्छा लगता है, क्योंकि अब मैं तुम्हें दोस्त मानता हूँ.
दोस्तो उस दिन के बाद मैं रोजाना सुमन को ऑफिस लाने ले जाने लगा.
एक दिन मेरी तबीयत खराब थी, ऑफिस में जाकर और भी ज्यादा गड़बड़ हो गई.
सुमन ने कहा- क्या हुआ?
तो मैंने कहा- पेट खराब है.
‘कैसे हो गया?’
‘मैं हमेशा ढाबे का खाना खाता हूँ इसलिए हो गया.’
मैंने दवा मंगवा ली.
शाम को घर जाते वक़्त सुमन ने कहा- राजीव आपको बहुत याद कर रहा था.
मैंने कहा- चलो, आज तुम्हारे घर रुकते हुए ही अपने घर जाऊंगा.
सुमन ने अपने घर में पहुँचने के बाद मुझसे कहा- सर एक बात आपसे कहना थी.
मैंने कहा- बोलो?
उसने कहा- सर आप किराए के रूम में अकेले रहते हो. आप अगर बुरा ना मानो तो क्या आप मेरे घर में ही नहीं रह सकते? मेरे घर में दो कमरे हमेशा खाली ही रहते हैं और आपको घर का खाना भी मिल जाया करेगा.
मैंने कहा- अगर तुम 5000 रूपए हर महीने मेरे से लोगी, तब ही रहूँगा.
वो मान गई क्योंकि इससे उसको एक्सट्रा इनकम भी होने लगती.
मैं दूसरे दिन ही अपना सामान लेकर आ गया.
मेरे आने के बाद उसका बेटा मेरे पास ही सोया करता था. वो मुझसे बहुत प्यार करता था, मैं भी उसे बहुत मानता था.
सुमन हमेशा अकेली एक रूम में.. और राजीव पहले अपनी बहन प्रिया के साथ सोता था. अब प्रिया अकेले ही अपने रूम में सोती थी.
एक बार ऑफिस की तीन दिन की छुट्टी थी.
मैंने सुमन से कहा- सुमन अब आराम करने के लिए मेरे पास सनडे को मिलाकर 3 दिन हैं.
सुमन बोली- सर जी आप बहुत ज़्यादा काम भी तो करते हो. अच्छा है आपको रेस्ट मिल जाएगा.
मैं शाम को मार्केट गया और रम की बोतल ले आया. रात को खाना खाने से पहले मैंने सुमन से कहा- सुमन मैं आज ड्रिंक करूँगा.. तुम्हें कोई प्राब्लम तो नहीं है?
उसने हैरत से कहा- आप ड्रिंक करते हो?
मैंने कहा- कभी-कभी..
तो उसने कहा- सर जी मैं भी अपने हज़्बेंड के साथ कभी-कभी ड्रिंक किया करती थी.
मैंने कहा- तब तो आज हम दोनों साथ में ही ड्रिंक करेंगे.
उसने कहा- ठीक है, लेकिन राजीव और प्रिया को पता नहीं चलना चाहिए.
सुमन ने रात के 8 बजे ही दोनों बच्चों को खाना खिलाकर उन्हें सोने को भेज दिया.
फिर उसने मुझसे कहा- सर जी मैं बाथरूम जा रही हूँ, नहाने के बाद हम लोग खाना और पीना दोनों मेरे कमरे में ही करेंगे, आप मेरे रूम में चलो, मैं अभी आई.
मैं उसके बेडरूम में आ गया और वो बाथरूम में घुस गई.
कुछ देर के बाद वो आई, तो मैं उसे देखता ही रह गया. वो कमाल की औरत लग रही थी. उसने एक पारदर्शी नाइटी पहनी हुई थी और उसके बाल से पानी की बूंदें उसके मम्मों और गांड दोनों को भिगा रही थीं.
उसने आते ही कहा- सर जी पैग बनाओ.
मैंने पहला पैग बड़ा बनाया, उसने एक बार में ही पूरी ग्लास खत्म कर दिया.
उसकी इस अदा से मैं तो शॉक हो गया. फिर एक पैग और पीने के बाद हम दोनों ने खाना खाना शुरू किया.. और साथ में ड्रिंक भी कर रहे थे.
फिर उसने मुझसे पूछा- सर जी क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने कहा- नहीं..
उसने एक नशीली स्माइल दी और पूछा- क्या आपने आज तक कभी सेक्स किया है?
मैंने कहा- नहीं.
उसने फिर स्माइल की और कहा- क्या आप सेक्स करना चाहते हो?
मैंने कहा- सुमन शायद तुम्हें बहुत चढ़ गई है. तुम जाकर सो जाओ.
तब उसने कहा- सर जी बताओ ना, क्या सेक्स करना चाहते हो?
मैंने कहा- ये तो कोई भी चाहेगा.. क्या तुम्हें मन नहीं करता?
मैंने ये पूछा ही था कि वो मेरे करीब आकर मुझसे लिपट गई और मेरे होंठों को चूमने लगी. उसने मेरे कान में कहा- मुझे सेक्स पसंद है.. और आप मुझे बहुत पसंद हो.
उसने मुझे अपने बिस्तर पर लिटा दिया और मुझे चूमने लगी. मैं भी उसको चूमने लगा और मैंने उसके मम्मों को दबाया. मैंने उसके कान में कहा- सुमन मैंने आज तक किसी औरत को नंगी नहीं देखा है.
उसने कहा- सर जी मैं तो आपके हाथों नंगी होने के लिए कब से तैयार थी. आप ही समझ नहीं पाए.
मैंने उसे नंगी किया तो उसने भी मुझे नंगा किया.
सुमन की क्या मस्त 36-30-30 की फिगर थी. मैं तो उसके मम्मों को चूसे ही जा रहा था और वो मुझे किस किए जा रही थी.
कुछ देर के उसने मेरा लंड बाहर से ही प्रेस किया, मुझे बहुत अच्छा लगा.
फिर उसने मेरे लंड को बाहर निकाला तो उसे देख कर बोली- सर जी आज 5 साल के बाद मैं किसी लंड का प्यार करूँगी.
मैंने कहा- लंड से कैसे प्यार करोगी? वो तो तेरी चुत में डालूँगा.
उसने कहा- सर जी मैं तो पहले इसको चूसूंगी.
ये कहकर वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं भी उसके सर को पकड़ कर लंड चुसवा रहा था.
कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड उसके मुँह में निकल जाएगा, तो मैंने कहा- मेरा माल आने वाला है.
उसने लंड चूसते हुए इशारे से कहा- आने दो..
मैं लंड की पिचकारी छोड़ दी और वो पूरा का पूरा रस पी गई.
मुझे बहुत मज़ा आया.
अब उसने कहा- सर जी, लंड चुसाई कैसी लगी?
मैंने कहा- बहुत मज़ा आया.
तो उसने कहा- सर जी, अब आप मेरी चुत को चाटो.
मैं भी उसकी चुत को चाटने लगा. क्या मस्त मादक खुशबू और चुत का स्वाद था. वो कमर उठा कर चुत चुसवा रही थी. फिर उसने 69 की पोज़िशन बनाई और मेरे लंड को चूसना शुरू किया.
कुछ देर के बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया.. तो उसने कहा- सर जी अब मेरी चुत में अपना हथियार डाल दो.
मैंने लंड को उसके चुत के मुँह पे ले जाकर एक तेज धक्का मारा, वो चीख पड़ी, बोली- अह.. मर गई.. धीरे-धीरे डालो.
फिर मैंने एक और धक्का मारा तो पूरा का पूरा लंड उसकी चुत के अन्दर चला गया.
फिर तो मैं शॉट्स पे शॉट्स लगाता गया, वो भी कमर उठा-उठा कर मेरे शॉट्स का जबाब दे रही थी. करीब 15 मिनट के बाद मैं उसकी चुत में झड़ गया. अब तक वो भी दो बार झड़ चुकी थी.
उसने मुझे अपने से लिपटा लिया और कहा- आज से मैं तेरी रखैल हूँ और तुम मेरे राजा हो.
मैंने उसके मम्मों को दबाना चालू रखा था और निप्पल चूस रहा था.
उसने कहा- मेरे राजा एक बार और चोदेगा क्या?
मैंने कहा- साली तुझे तो आज पूरी रात चोदूँगा.
उसने कहा- तो चोदो मुझे.
फिर मैंने उसे रात में 4 बार चोदा. सुबह के 4 बजने को थे तो उसने कहा- सर जी, आप अपने कमरे में जाकर सो जाओ, नहीं तो प्रिया और राजीव को पता चल जाएगा.
दोस्तो उसके बाद मैं हर रात सुमन को उसी के कमरे में चोदता हूँ और ये सिलसिला अभी तक चल रहा है. वो कहती है कि जब तक मैं उसकी चुत में अपना लंड का मज़ा नहीं देता, तब तक उसे नींद नहीं आती है.
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