अन्तर्वासना की प्रशंसिका का इंटरव्यू-3
(Antarvasna Ki Fan Ka Interview- Part 3)
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हम दोनों एक होटल में रुक गए और मैंने अर्श को कमरे में जाते ही अपनी बाँहों में भरके एक चुम्बन ले लिया।
अब आगे..
जवाब में अर्श ने भी किस किया और बोली- अरे सब्र करो अभी..
मैंने कहा- साली, दो दिन से सब्र ही तो हो रहा है..
ये कहते हुए मैंने उसकी गाण्ड पर एक चपत लगाई।
मैंने अर्श को बस 2-3 किस करके छोड़ दिया.. क्योंकि मुझे मीटिंग में जाना था और मेरे कपड़े इतने लम्बे सफ़र के बाद भी ठीक-ठाक स्थिति में थे। मैं नहीं चाहता था कि मीटिंग से पहले ही मेरे कपड़े बिखर जाएँ।
तब तक वेटर भी चाय लेकर आ चुका था, मैंने दरवाजा खोला और वेटर ने चाय टेबल पर रख दी।
अर्श चाय को कप में डालने लगी।
मैं बाथरूम चला गया.. वापिस आया और हमने एक साथ चाय पी और मैंने प्यार से अर्श को एक किस की और मीटिंग पर जाने लगा।
मैंने अर्श को कहा- मेरे बैग में लैपटॉप है.. तब तक तुम वहाँ पर कुछ देख सकती हो.. उसमें कुछ सेक्सी फ़िल्में और कुछ नई लिखी हुई सेक्स कहानियाँ हैं.. जो मैंने अन्तर्वासना के लिए भेजनी हैं, तब तक वो देखो.. मैं तुझे वापिस 2:30 बजे मिलता हूँ.. हम लंच एक साथ ही करेंगे।
तभी अर्श बोली- अरे मैं नहीं जाऊँगी क्या मीटिंग में?
मैंने कहा- नहीं बेबी.. यह मीटिंग सिर्फ सीनियर्स की ही है.. तुम्हारी तो जॉइनिंग भी अभी हुई है.. तुम अभी लोकल दफ्तर में ही रहोगी।
यह कह कर मैं कमरे से बाहर निकल गया।
मुझे जाते हुए देख कर अर्श बोली- ज़ल्दी आने की कोशिश करना.. नहीं तो ऐसे में मैं बोर हो जाउंगी।
मैंने कहा- ओके बेबी।
मैं मीटिंग अपने बॉस से मिला.. कम्पनी नया क्या करना चाहती है.. उस पर विचार-विमर्श हुआ और दो बजे मीटिंग ख़त्म होते ही.. मैंने दफ्तर से निकलना चाहा तो मेरे बॉस ने कहा- रवि लंच तो करके जाओ।
मैंने कहा- नहीं सर.. यहाँ पर मुझे अपने किसी दोस्त से मिलना है.. इसलिए आज का लन्च उसके साथ ही करूँगा.. आप करो।
कहते हुए मैं अपने दफ्तर से बाहर निकला और होटल के लिए निकल पड़ा।
मैं होटल पहुँचा और नीचे रिसेप्शन पर लंच का ऑर्डर करके अपने कमरे की तरफ बढ़ गया। मैंने कमरे की घन्टी बजाई.. तो 2-3 बार बेल बजाने के बाद अर्श ने दरवाजा खोला और ऐसे लगा जैसे वो अभी-अभी सो कर उठी हो।
मैंने अन्दर जाते ही अर्श को बाँहों में भर लिया और बोला- कहाँ बिजी थीं जानेमन?
अर्श बोली- सर मैं तो बोर हो गई थी.. नींद आ गई थी मुझे.. अगर आप एक घंटा और न आते तो आज मैं तो बस में चढ़ कर चली जाती।
मैंने कहा- अच्छा साली.. तुझे ऐसे जाने दे देता.. चल अब मैं आ गया हूँ। अब तेरा दिल लगवा दूँगा जानेमन.. अब पहले लंच कर लें.. लंच करने से पहले नहा लूँ।
अर्श बोली- आप नहा लो.. मैं तो नहा कर ही सोई थी।
मैं नहाने चला गया। नहा कर मैं जैसे ही बाहर निकला तब तक वेटर भी लंच लेकर आ चुका था।
मैंने और अर्श ने एक साथ लंच किया और बर्तन वापिस भिजवा दिए।
अब मैं और अर्श दोनों नाईट ड्रेस में थे।
मैंने अर्श को बाँहों में भर लिया और बोला- अब बोल मादरचोद साली कुतिया.. कितनी गर्मी है तेरे अन्दर..
मैं अर्श को चूमने लगा.. मैं उसका बदन चूम रहा था.. उसके होंठों से लेकर उसकी बाँहों और नीचे मम्मों तक बेतहाशा चूमने लगा।
अर्श भी सिसकारती हुई मेरा साथ देने लगी। मैं उसके शरीर के कपड़े भी एक-एक करके उतार रहा था।
अब उसके शरीर पर ब्रा और पैंटी रह गई थी। मैंने भी अपने शरीर के सभी कपड़े निकाल दिए थे। बस मेरे शरीर पर अब मेरा अंडरवियर ही था।
मैं बोला- साली कुतिया.. अब बोल कितना डर्टी कर दूँ तुझे.. बहन की लौड़ी साली.. तुझे ज्यादा शौक है न गाण्ड और चूत मरवाने का.. बहन की लौड़ी..
अर्श बोली- हाँ कुत्ते.. कर दे मुझे आज फुल डर्टी.. ले चोद आज मेरी गाण्ड और चूत.. ले ले मेरी जवानी.. पी मेरी चूत का रस.. मेरी गाण्ड तक चोद साले.. मेरी बहन को भी चोद डाल आज..
मुझे उम्मीद नहीं थी कि वो इतनी खुली हुई है.. परन्तु अर्श तो बहुत ज्यादा साथ दे रही थी। मैं समझ गया था कि अर्श बहुत खुल कर मज़ा लेने वाली लड़की है। इसी लिए इसे हर कोई लड़का या मर्द पसंद नहीं है।
मैंने उसकी ब्रा को भी निकाल दिया और उसके एक मम्मे को अपने मुँह में ले लिया और दूसरे को अपने हाथ से मसलने लगा।
अब अर्श सिसक रही थी और उसने अपना एक हाथ मेरे अंडरवियर में डाल कर मेरा लण्ड पकड़ लिया था।
मैंने भी उसके मम्मों को चूसते हुए एक हाथ से उसकी पैंटी को निकाल दिया और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो और ज्यादा सिसकारने लगी।
‘उन्ह साले.. अब चोद ले अपनी कुतिया को.. ले मेरी जवानी तेरे हाथों में है आज..’
वो थोड़ा नॉर्मल होती हुई बोली- सॉरी सर.. मुझे चुदाई के वक्त गन्दी-गन्दी बातें पसंद हैं और हो सकता है मैं आपको कुछ गलत बोल दूँ.. तो प्लीज माफ़ कर देना।
मैंने कहा- अरे साली मादरचोद.. कमीनी तू जो मर्जी बोल कुतिया.. आज तेरी गाण्ड तक चुद जाएगी।
यह कह कर मैंने उसकी चूत से उंगली निकाल कर अपनी उंगली उसकी गाण्ड में डाल दी, वो थोड़ा दर्द से कराहने लगी।
मैंने तुरंत उंगली उसकी गाण्ड से निकाल कर फिर चूत में डाल दी।
उसके मम्मों को मैं लगातार चूसे जा रहा था।
मैंने उसके चूतड़ों पर एक चपत लगाई और बोला- साली बहन की लौड़ी.. अब देखता हूँ तेरी जवानी में कितना दम है।
वो बोली- मेरी जवानी में तो बहुत आग है.. तुम अपना लौड़ा बचा कर रखना.. कहीं जल न जाए तेरा लौड़ा.. मेरी गाण्ड और चूत के जोश में साले..
यह कहते हुए उसने अपनी चूत की फांकों को खोल दिया और बोली- ले देख अपनी राण्ड की जवानी का जलवा साले.. यहाँ पर दो-दो लण्ड एक साथ घुसे हुए हैं.. तुझमें हिम्मत है तो शांत कर इसको। यह देख तुम्हारे सामने जलती जवानी पड़ी हुई है.. इस राण्ड की।
अब मैंने उसकी खुली हुई चूत के छेद में अपनी जीभ को रख दिया और अपनी जीभ से उसकी चूत को चाटने लगा। वो और ज्यादा कराहने लगी।
अर्श को बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था, वो ‘उई.. सीसी.. आ.ह. चो..द.. सा.ले.. आ..ह उ.ई. चा.ट. चा.ट मे.री.. जवानी..’ ऐसे बोल रही थी। मैं भी उसकी चूत को तेज-तेज चाटने लगा था।
अर्श ने एक हाथ से मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरी टाँगों से निकाल कर एक तरफ फ़ेंक दिया।
अब हम दोनों बिल्कुल अल्फ नंगे थे।
अर्श ने मेरे लण्ड को अपने होंठों में ले लिया और उसकी चूत पहले से ही मेरे मुँह में थी। हम दोनों 69 की पोजिशन में थे।
मैं अर्श की चूत को चाट रहा था और वो मेरे लण्ड और गोटियों को चाट और चूस रही थी।
मैं अपनी जीभ कभी उसकी चूत में डाल कर उसका रस पीता और कभी उसकी चूत के दाने के ऊपर अपनी जीभ घुमाता… जिससे अर्श बहुत ज्यादा गर्म हो गई थी। वो मेरा लण्ड भी चाट रही थी और सिसकार भी रही थी।
आखिर वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई.. तो मुझे लगा कि जैसे मेरे मुँह में कुछ नमकीन सा पानी गिरने लगा है।
मैंने उसकी समूची चूत को मुँह में ले लिया।
अब उसकी पूरी चूत मेरे मुँह में थी और मेरी जीभ उसकी चूत से गिर रहा पानी का हर कतरा चाट और चूस रही थी, मेरे मुँह में जा रहे नमकीन पानी के स्वाद से मेरा लण्ड भी बहुत गर्म हो चुका था। अर्श भी मेरे लण्ड को छोड़ना नहीं चाहती थी। मेरा शरीर मज़े से अकड़ रहा था.. अर्श का पूरा अकड़ा हुआ शरीर मेरे मुँह में अपनी जवानी का रस छोड़ रहा था।
आखिर मेरे लण्ड ने भी मेरे बस से बाहर होकर अपने रस की पिचकारी अर्श के मुँह में छोड़ दी।
अर्श ने भी अपने मुँह को और कस लिया और मेरे लण्ड का गिर रहा हर कतरा अपने मुँह में लेने लगी।
मेरे मुँह में अर्श की चूत का पानी गिर रहा था और अर्श के मुँह में मेरे लण्ड का पानी जा रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा मस्ती में डूबे हुए एक-दूसरे की जवानी का मज़ा लूट रहे थे।
इस सब में हमें बहुत ज्यादा मज़ा आया। आखिर हम दोनों एक-दूसरे से अलग हुए और मैंने फिर से उसके मम्मों को अपने मुँह में ले लिया।
मैंने अर्श अपने बैग में से डिल्डो (नकली लण्ड) निकाल लिया। आपको मालूम ही है कि मेरे पास अलग-अलग तरह के और अलग-अलग साइज़ के डिल्डो (नकली लण्ड) हैं।
इस बार मैंने अर्श को अपनी गोद में बिठाया और उसके दोनों मम्मों को चूसने लगा और एक हाथ नीचे ले जा कर डिल्डो उठाया और उसकी गाण्ड में डालने की कोशिश करने लगा।
जैसे ही डिल्डो का दबाव अर्श ने अपनी गाण्ड पर महसूस किया तो वो एकदम से उठ गई और बोली- उई.. अरे मारोगे क्या आज.. इसके लिए तो मैंने सोचा भी नहीं था कि इतनी ज़ल्द आप यहाँ तक पहुँच जाओगे।
मैंने कहा- साली मादरचोद.. अगर तूने मेरी कहानियाँ पढ़ी ही हैं.. तो तुझे पता ही होगा कि जब गाण्ड और चूत एक साथ बजती है.. तो मेरे लण्ड को जितना मज़ा आता है। उससे दुगना मज़ा गाण्ड और चूत मरवाने वाली राण्ड को आता है कुतिया। आज तेरी भी गाण्ड और चूत एक साथ बजेगी।
मैंने अर्श को उल्टा किया और उसकी गाण्ड और चूत को ध्यान से देखने लगा। मैंने पहले उसकी चूत के दाने को हल्के-हल्के सहलाया और चूत की फांकों को भी हल्का-हल्का सहलाया और फिर मैंने उसकी चूत पर एक किस की। अब अर्श दुबारा मूड में आने लगी थी।
तभी मैंने अर्श को कहा- बहन की लौड़ी साली.. तेरी जवानी तो बहुत खूबसूरत है.. बोल आज कितना मज़ा दूँ तेरी इस जवानी को?
वो बोली- जितना दे सकते हो दे दो.. अगर आज मुझे मज़ा मिल गया तो मैं भी आपको कुछ एक्स्ट्रा दूँगी.. जानेमन। मेरा दिमाग घूम गया कि अब गाण्ड तक तो मेरे सामने है.. इससे ज्यादा ये क्या एक्स्ट्रा देगी।
मैंने कहा- भोसड़ी की अब गाण्ड तक तो तेरी चुदने वाली है.. अब इससे ज्यादा क्या एक्स्ट्रा दोगी तुम?
दोस्तो, अर्श के साथ चुदाई की कहानी पढ़ कर मजा आ रहा होगा। आपके ईमेल मिले हैं और भी भेजिएगा।
कहानी जारी है।
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