कमसिन जवानी पर अपनी हवस पूरी की- 1

(Adult Girl Sex Kahani)

एडल्ट गर्ल सेक्स कहानी में ऑफिस के लिए मैंने 20 साल की एक लड़की सहायिका रखी. जरूरत भी थी और फिर सहायिका तो चुदाई में सहायक बनेगी ही.

मित्रो, आपका साहिल अग्रवाल फिर एक बार माहौल गर्म करने आया है आपके बीच!
सर्वप्रथम अन्तर्वासना का बहुत धन्यवाद जो मुझे अपनी सच्ची घटनाओं को रखने का एक सुनहरा मंच दिया है.

मैं पिछले पंद्रह सालों से यहां पाठक हूं जब पाठकों की संख्या सीमित एवम् इंटरनेट टू जी वाला था।

चलिए अब सीधे एडल्ट गर्ल सेक्स कहानी पर आते हैं.

सबसे पहले सभी पाठक अपने लन्ड पर तेल लगा लें और सभी पाठिकाएं अपनी नंगी चूत शेव करके उस पर जेल लगा लें.

अब मेरी उम्र 31 साल है और यह घटना आज से चार साल पहले की, मेरी शादी से ठीक पहले की है.
मैं बरेली शहर से हूं.
मेरी उम्र उस वक्त 27 साल थी, मैं अपनी ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था.

पापा ने व्यापार संभालने को बोला, मुझे ऑफिस शानदार बनवाकर दे दिया गया.

शुरुआत में मेरा काम सिर्फ बैंकिंग देखने का था.
मुझे एक असिस्टेंट की जरूरत थी तो मैंने इंटरव्यू का विज्ञापन दिया अखबार में!

मैं चोदू तो था ही … सेक्स का दीवाना!
तो सिर्फ फीमेल के लिए ही असिस्टेंट का विज्ञापन दिया,

अगले दिन चार लड़कियां आई.
जिनमें एक लड़की 20 साल की आई.
उसका नाम नेहा था, चांद सी गोरी और हल्की सी भरी हुई.
एक छोटे घर की लड़की जो सूट पहन कर आई थी वो भी एकदम चुस्त … जिससे उसका शानदार फिगर 34 के उभरे दूध, उसकी कमर का कटाव और उसकी पांच फीट 2 इंच की हाईट कहर ढा रही थी.

उसके कमीज का गला बड़ा था तो उसकी बूब्स लाइन दुपट्टा साइड में नीचे होने से साफ दिखाई दे रही थी.
मेरा मन उस पर सम्मोहित हो गया।

इंटरव्यू लेते समय उससे उसका मोबाइल जमीन पर गिर गया.
जैसे ही वह झुकी, उसका दुपट्टा उसके सीने से अलग हुआ और उसके शानदार गुलाबी आधे बूब्स मुझे दिखाई दिए.

उसने मोबाइल उठाते समय मेरी तरफ देखा और सर झुका लिया.
मैं झेंप सा गया.

मैंने उसके परिवार के बारे में उसे पूछा तो नेहा ने बताया कि वह एक साधारण परिवार से है. उसके पिता जी कोरोना में चले गए. मां घर पर सिलाई का काम करती है और एक छोटी बहन है जो उससे 2 साल छोटी है.

नेहा को नौकरी की सख्त जरूरत थी, उसे घर के खर्च के साथ अपनी छोटी बहन की शिक्षा के लिए अच्छे कॉलेज में एडमिशन भी करवाना था.
मैंने उसकी सारी बात सुनी और उसकी भरी जवानी को देखकर उसे 12 हजार रुपए प्रति महीने की नौकरी पर रख लिया.

लेकिन मेरी एक शर्त थी कि मेरे यहां मिनी शॉर्ट ड्रेस जो कूल्हे तक आती है, पहन कर आनी थी, वो भी वन पीस वाली!
वह पहले हिचकिचाई और बोली- मैंने ऐसे कपड़े कभी नहीं पहने! और न ही मेरे घर का ऐसा माहौल है कि मैं ऐसे कपड़े पहन कर आऊं।

मैंने नेहा की दिक्कत को समझा और बोला- कपड़ों के पैसे मैं दे दूंगा आपको अलग से. और रही बात चेंज करने की … तो आप अपनी ड्रेस मेरे ऑफिस के चेंजिंग रूम में चेंज करना. वहीं पर एक रैक आपको दे दूंगा।

उसने कुछ पल सोचा और नौकरी के लिए हां कह दी.

मैंने उसे पांच हजार रुपए दिए कपड़ों के लिए, हाथ मिलाया और कल से आने को बोल दिया।

अगले दिन जब मैं अपने ऑफिस आया तो वह काले रंग की शॉर्ट ड्रेस पहन कर आई थी जो एकदम टाइट थी.
उसके बूब्स और गांड अलग ही दिख रहे थे.
उसका फिगर देख मेरा तो लन्ड खड़ा हो गया और मैं अपने लन्ड को उसके सामने सही करने लगा.

वह मुस्करा दी, मैं भी उसे ब्यूटीफुल बोल कर उसे काम समझाने लगा.
वह काम समझ गई और अपना काम करने लगी.

शाम को जब वो काम खत्म करके घर जाने को थी, तब वह कपड़े चेंज करने मेरे चेंज रूम में गई.

मेरा चेंजिंग रूम मेरे ऑफिस के बेडरूम से लगा हुआ है.
वहाँ पर एक ऐसी विंडो है जिससे बेडरूम से चेंजिंग रूम में देखा जा सकता है और चेंजिंग रूम वाले को पता नहीं चलेगा कि कोई उसे देख रहा है.

मैं बेडरूम में जाकर उसे चेंज करते हुए देखने लगा.

उसने जब अपनी ड्रेस उतारी तो वह पुरानी ब्रा पैंटी में थी और उसकी पैंटी पीछे से थोड़ी फटी हुई से थी.

उसकी कसी जवानी में पूरे गोरे जिस्म को देखकर मेरे लन्ड में लहर सी दौड़ने लगी.
मैंने अपना लन्ड निकालकर उसे कपड़े बदलते देखकर मुट्ठ मारी.

अब मैं उसे चोदने की फिराक में था.

एक दिन मैं एक मीटिंग में गया तो उसे अपने साथ ले गया.
मीटिंग एक फाइव स्टार होटल में थी तो वह थोड़ा असहज थी.

अचानक से लिफ्ट में चढ़ते समय उसका बैलेंस बिगड़ा और नेहा फिसल गई.
उसे शॉर्ट ड्रेस पहनने का इतना अनुभव न होने के कारण उसकी ड्रेस पीछे से उठ गई और उसकी मल्टीकलर फूल वाली पुरानी सी पैंटी दिखने लगी.

कसम से मन हुआ कि यहीं पैंटी फाड़ कर लिफ्ट बंद करके चुदाई कर दूँ.
गलती उसकी नहीं थी क्योंकि वह पहले कभी भी नहीं गई थी इतने बड़े होटल में!

मैंने उसे उसकी पैंटी पर हाथ रखकर उठाया जिससे वह शर्म से पानी पानी हो गई.
उसने जल्दी से अपनी ड्रेस को ठीक किया.

हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए मुस्कराए.
फिर हम मीटिंग में ज्वाइन हुए.

मीटिंग में सभी लोग उसके खूबसूरत जिस्म को, लोमड़ी जैसे शिकार को देखकर लार टपकाती है, ठीक उसी तरह आंखों से चोद रहे थे.

काफी देर बाद मीटिंग अच्छे से खत्म हुई और डील फाइनल हो गई.
मैंने डील फाइनल होने पर उसे लंच का ऑफर दिया.

उसने मना किया लेकिन मेरे जोर देने पर मेरे साथ लंच किया.
हम दोनों कुछ ही दिन में अच्छे दोस्त से बन गए थे.

उसने मुझे बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब रहती है और डॉक्टर ने बड़े अस्पताल में इलाज के लिए बोला है.

मैं नेहा का दीवाना था, मैंने उससे उसकी मां को अच्छे अस्पताल में दिखाने को बोला और पैसे की चिंता न करने के लिए कहा.
वह मेरी बात से खुश हो गई और मेरे हाथों को अपने हाथों में लेकर चूमते हुए धन्यवाद किया।

उसने कुछ ही दिन में पूरा काम संभाल लिया.

कभी कभी मैं मौका देखकर काम के वक्त उसकी गांड पर हाथ फेर देता, तो कभी बूब्स पर कोहनी सटा देता.
वह समझती सब थी लेकिन मुस्करा देती थी.

मेरी हिम्मत बढ़ती गई.
हमारे बीच नॉनवेज चकल्लस आम बात ही गई.

वह कभी कभी देर शाम तक मेरी काम में मदद करती.
हम दोनों में अच्छी बॉन्डिंग हो गई.

एक दिन एक बड़ी पार्टी के साथ मीटिंग होनी थी.
मैंने नेहा को अच्छी ड्रेस और खुद का थोड़ा बहुत मेकअप करने के लिए बोला.
उसने कहा- सर जैसा आप कहो!

मैंने उससे कहा- ऐसा करो … मुझे भी शॉपिंग करने जाना है, मेरे साथ चलो!
मैं उसे एक बड़े माल में ले गया जहाँ एक ब्रांडेड लेडीज शोरूम में मैं उसके लिए ड्रेस देखने लगा.

तभी मेरी नजर एक ड्रेस पर गई जो स्टैचू पहने खड़ी थी.

वो लाल ड्रेस बहुत छोटी वन पीस में थी और पीछे से पूरा बैकलेस थी.

मैंने उसे ट्राई करने को बोला.
वह ट्रायल रूम में गई और मुझे थोड़ी देर बाद अंदर ट्रायल रूम में आवाज देकर बुलाया.

उसे उस ड्रेस में देखकर मैं दंग रह गया.
वह इतनी सेक्सी लग रही थी.

मैंने उसे सेक्सी बोला और पैक कराने को बोल दिया.

ड्रेस पर रेट देख कर नेहा बोली- ये चौबीस हजार की है!
मैंने कहा- कोई नहीं … बस पैक करवाओ!

उसने मुझसे ट्रायल रूम से बाहर जाने को कहा.
तभी मैं उसे छेड़ते हुए बोला- मेरे सामने ही बदल लो!

उसने मुझे हल्के से प्यार से डांटते हुए बाहर जाने को बोला.
मैं बाहर आ गया।

वह मुझ पर फिदा सी ही गई.

साथ ही मैंने उससे सुंदर और अच्छे अंडरगार्मेंट्स लेने को बोला.
वह समझ गई कि मैंने लिफ्ट में उसकी पैंटी देख ली है, तभी बोल रहा हूं.

पहले तो वह थोड़ा झेंपी … पर वह मुझसे इतना खुल चुकी थी कि उसने मेरे कहने पर चार ब्रा पैंटी के सेक्सी सेट ले लिए.
और मैंने भी उसके बिना कहे उसे अपनी पसंद वाले उसे शानदार डिजाइन वाले अंडरगार्मेंट्स दिलवाए।

फिर हमने साथ में खाना खाया और मैंने उसकी उसके घर ड्रॉप कर दिया.

रात में उसका फोन आया कि मम्मी की तबीयत खराब है.
मैंने उसे अपने जानने वाले महंगे अस्पताल में जाने को कहा और अस्पताल में फोन करके बोल दिया कि अच्छे से इलाज करें, पैसे की फिक्र न करें.

साथ में मैंने नेहा के खाते में चालीस हजार ट्रांसफर कर दिए जिससे उसे किसी और चीज की दिक्कत न हो.

सुबह दस बजे नेहा का फोन आया- थैंक्यू साहिल जी, आपने मेरी बहुत मदद करी. मम्मी अब ठीक है, मैं ऑफिस कल आऊंगी.

मैंने कहा- कोई बात नहीं … मैं अस्पताल आऊंगा मम्मी को देखने!

शाम को जब मैं अस्पताल पहुंचा तो उसकी छोटी बहन नैना को देखा.
वह तो अपनी बहन नेहा से भी ज्यादा पटाखा माल थी.
शानदार फेस कट, एक सा जिस्म, दूध तने हुए, गांड उभरी हुई, और शॉर्ट बरमूडा में मखमली जांघें जैसे चमक रही थी.

नेहा ने मुझे ताड़ते हुए देख लिया और मुझे हिलाते हुए कहा- सर, आपका धन्यवाद आप यहां आए!

मेरा तो मूड बन चुका था, मैंने कहा- मैं चलता हूं!
तो नेहा बोली- सर मुझे घर तक ड्रॉप कर देते! छोटी बहन मम्मी के पास अस्पताल में रहेगी.

मैं नेहा को लेकर चल दिया.
कार में नेहा मेरा हाथ पकड़कर बोली- सर, आपका अहसान मैं कैसे पूरा करूंगी? आज से मैं आपकी गुलाम हूँ, आप जैसा कहेंगे, वैसा करूंगी.

यह बोलते ही उस एडल्ट गर्ल ने मेरे पैंट के ऊपर से मेरे लन्ड पर अपना हाथ रख दिया.

मैं तो वैसे ही गर्म था, मैंने बाल पकड़कर नेहा को किस करना शुरू कर दिया और अपनी पैंट की जिप खोल दी.
नेहा मेरे लन्ड को सहलाने लगी.
मैं उसके मुलायम बूब्स के दबाते हुए किस कर रहा था.

फिर मैंने एकदम से नेहा से अलग होते हुए उसका सर पकड़ कर अपने लन्ड पर झुका लिया और अपना लन्ड उसके मुंह में डाल दिया.
वह हल्के हल्के लन्ड मुंह में लेने लगी और दस मिनट में मैंने अपना सारा माल उसके मुंह में छोड़ दिया.

उसके बाद मैंने उसे घर ड्रॉप कर दिया और उसे अगली शाम को होने वाली मीटिंग के बारे में बताया. एक बड़ी डील के लिए मिस्टर अभिनव आ रहे थे.
तो मैंने नेहा को होटल में आने को बोला, वो भी अच्छे से तैयार होकर फुल मेकअप में!

अगले दिन दोपहर को मैंने नेहा को फोन करके मीटिंग का याद दिलाया.
नेहा बोली- सर आप चिंता न करो, मैं शाम को ध्यान से टाइम से होटल पहुंच जाऊंगी.

मैंने अभिनव के साथ मीटिंग के लिए एक स्वीट बुक किया था, सोचा क्यों न आज नेहा के साथ रात में यहीं होटल में
चुदाई
करके सुहागरात मना ली जाए.
होटल वाले को मैंने सब समझा दिया क्या करना है.

दोस्तो, आपको मेरी यह सच्ची एडल्ट गर्ल सेक्स कहानी कैसी लग रही है?
मुझे मेल और कमेंट्स में जरूर बताना।
मेरी मेल आईडी
[email protected]

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