सास बहू के लिए घर में ही लंड मिला- 2
(Sas Bahu Xxx Kahani)
सास बहू Xxx कहानी में पतियों से चुदाई ना मिलने से बहू ने घर के नौकर को पटाकर सेक्स का मजा ले लिया. वह अपनी सास से भी खुली हुई थी, दोनों लेस्बियन करती थी तो …
दोस्तो, मैं सनी ब्वॉय आपका सास बहू की प्यासी चूत की चुदाई की कहानी में पुनः स्वागत करता हूँ.
कहानी के पहले भाग
घर के नौकर से चुदाई का मजा लिया
में अब तक आपने पढ़ा था कि रिशा ने अपनी चूत के लिए राजू का लंड सैट कर लिया था और उससे रात में अपनी जबरदस्त चुदाई करवा ली थी.
अब आगे सास बहू Xxx कहानी:
अगली सुबह सरिता ने मुस्कुराते हुए उससे पूछा- रात को तेरे कमरे से कुछ आवाज आ रही थी! शायद तूने टीवी पर कोई पोर्न लगा ली थी … तो पगली आवाज थोड़ी धीमी कर लिया किया कर!
रिशा ने भी कह दिया- मैं नीचे पानी लेने आई थी तो आपका कमरा हिल रहा था.
सरिता हंस दी और बोली- लाला जी चढ़ाई की कोशिश कर रहे थे … पर बार बार फिसल जा रहे थे, तो मैंने ही चढ़ाई कर ली थी. पर लालाजी से प्यास बुझाई तो जाती नहीं है, उलटे भड़का और देते हैं. मैं सोच रही थी तेरे पास आ जाऊं … पर लालाजी ने कमरे की चिटकनी कसके बंद कर दी थी, जो मुझसे खुली ही नहीं.
रिशा की तो यह सुन कर जान निकलते निकलते बची.
वह सोच रही थी कि दीदी अगर ऊपर आ जातीं तो क्या होता!
रिशा ने सरिता से कहा- मेरे से तो अब बर्दाश्त नहीं होता. मैं सोचती हूँ कि भाग जाऊं या अजय को तलाक दे दूं.
सरिता सुन कर सन्न रह गयी.
वह रिशा का हाथ पकड़ कर कमरे में ले गयी और कमरा बंद करके उससे चिपट गयी.
दोनों रोने लगीं.
सरिता ने उससे कहा- कहां जाएगी पगली. दुनिया तुझे नोंच खसोट लेगी. यहां जब हम दोनों रानियों की तरह रह रही हैं. बस शरीर की आग नहीं बुझ रही है, तो हमें बर्दाश्त करना होगा … और यहीं रहकर कोई रास्ता निकालेंगी.
दोनों आपस में लिपट कर एक दूसरे को संभालने लगीं.
रिशा ने सरिता के होठों को चूमना शुरू किया.
सरिता ने उससे कहा- अभी शांत हो, आज रात को दोनों साथ सोयेंगी. गर्मी मिटाने को मैं कुछ लाऊंगी अपने साथ!
रिशा हंस पड़ी.
दिन में राजू रिशा के सामने आने से बचता रहा.
दोपहर को जब खाना खाने आया तो रिशा ने उसकी खाने में मिर्च ज्यादा ही तेज कर दी.
राजू ने जैसे ही निवाला मुँह में रखा तो उसकी आह निकल गयी.
पास खड़ी सरिता बोली- क्या हुआ?
राजू धीरे से बोला- शायद सब्जी कुछ तीखी ज्यादा है.
रिशा हँसती हुई बोली- अभी लालाजी खा कर गए हैं, उन्होंने तो कुछ नहीं कहा. तूने कुछ गर्म ले लिया होगा मुँह में, तो तेरा मुँह कट गया है.
यह कह कर उसने सरिता से नजर बचाकर राजू को आंख मार दी.
राजू ने जैसे तैसे खाना खाया.
फिर रिशा ने उससे कहा- ऊपर मेरे कमरे में आ जाना, ग्लिसरीन दे दूँगी. वह मुँह में लगा लेना, आराम मिल जाएगा.
यह कहकर वह ऊपर कमरे में चली गयी.
पीछे पीछे सरिता ने राजू को जबरदस्ती भेज दिया- जा, भाभी से ग्लिसरीन ले आ, नहीं तो परेशान रहेगा.
ऊपर कमरे में उसके पहुंचते ही रिशा उससे चिपट गयी और ताबड़तोड़ चूमने लगी.
रिशा ने उसके पजामे के ऊपर से ही उसका लंड कसके पकड़ लिया और मसलने लगी.
राजू गिड़गिड़ाया- भाभी ज़ी अभी जाने दो. लालाजी राह देख रहे होंगे.
वे दोनों नीचे आ गए.
रात को खाने से निबटकर सरिता ने लालाजी को कह दिया- आज रात मैं रिशा के पास सोऊंगी, मेरा जी खराब हो रहा है.
लालाजी भी समझते थे.
वे सरिता से बोले- अबकी बार जब अजय आए, तो उसे समझाओ कि वह नौकरी छोड़ दे. यहां क्या कमी है!
सरिता ऊपर चली गयी.
रिशा उसका इंतज़ार कर रही थी.
उसने किवाड़ बंद कर लिया और रिशा के साथ बिस्तर पर बैठ गयी.
सरिता के हाथ में थैले में कुछ था.
रिशा ने जानना चाहा, तो सरिता हंस दी और बोली- अभी दिखा दूंगी.
तब रिशा ने अपनी अल्मारी से दो नाइटी निकालीं जो उसने नीचे से कटवा ली थीं.
मतलब वह बहुत शॉर्ट नाइटी बन गयी थीं.
रिशा सरिता से बोली- आप फ्रेश होकर इसे पहन लेना.
सरिता हंस पड़ी और बोली- इसकी भी क्या जरूरत है हमें!
पर रिशा ने जिद की तो दोनों ने पहन ली.
अब दोनों किसी सहेलियों की तरह नजर आ रही थीं.
हँसते खिलखिलाते दोनों बेड पर पसर गईं और टीवी देखने लगीं.
रिशा की चूत सुलग रही थी.
उसने धीरे धीरे अपने पैरों को सरिता के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया.
सरिता असहज हुई और बोली- थोड़ा सब्र तो रख!
इस पर रिशा ने उसका मुँह अपनी ओर किया और लगी चूमने!
इसके बाद जो होना था, वही हुआ.
दोनों की नाइटी उतर गईं और दोनों एक दूसरे के जिस्म से खेलने लगीं.
सरिता के मम्मे भारी थे.
रिशा उसके निप्पल चूसने लगी और दांतों से काटने लगी.
अब सरिता की चूत भी फुंफकार मारने लगी.
उसने रिशा को अपने ऊपर कर लिया.
रिशा अपनी चूत से उसकी चूत रगड़ने लगी.
दोनों कसमसा रही थीं.
सरिता ने पास रखे थैले से एक बहुत मोटी मोमबत्ती निकाली जिसके दोनों सिरे उसने लंड के सुपारे की तरह घिस रखे थे.
सरिता ने थूक लगा कर उसका एक सिरा रिशा की चूत में कर दिया और अन्दर बाहर करने लगी.
रिशा तो पागल जैसी हो गयी.
मोमबत्ती उसे राजू के लंड जैसा मजा दे रही थी.
वह हांफने लगी.
अब सरिता ने दूसरा सिरा अपनी चूत में किया और दोनों बगल बगल लेटकर एक दूसरे को धक्के लगाने लगीं.
दोनों के होंठ मिले हुए थे.
मोमबत्ती तो मोमबत्ती ही होती है, उससे लंड सा मजा कहां.
तब भी दोनों तड़पती हुई मोमबत्ती से मजा लेती रहीं.
रिशा बोली- दीदी, तुम तो लालाजी के औज़ार से खेल लेती हो, मैं क्या करूँ. कब तक अपने दाने को हाथ और खीरे से मसलती रहूँ. अपन दोनों को तो एक असल का मर्द चाहिए.
सरिता चुप रही.
तो आखिर में रिशा ने उसे कल रात की पूरी बात बता दी.
रिशा सरिता से चिपट गयी और बोली- दीदी, मेरी गलती है, पर क्या करूँ. मैं तो शादी से पहले भी बहुत चुदासी थी, सहेलियों की बात सुन सुन कर चूत भड़क जाती थी, पर फिर भी ब्याह होने का इंतज़ार किया. ब्याह हुआ पर आदमी भी केवल नोच खसोट कर चला जाता है. कुछ प्यार-व्यार नहीं हैं हम दोनों में. वह कहता है, बच्चा कर लो. मैंने शर्त रखी है कि जब तुम साथ रहोगे, तभी करूँगी. इन मर्दों का भरोसा नहीं कि कब इल्जाम लगा दें कि बच्चा हमारा नहीं है.
सरिता की चूत भी राजू के लंड की बात सुनकर गीली हो गयी थी.
असल में उसने भी कई बार राजू के लंड के उभार को महसूस किया था.
उसने रिशा से राजू और उसकी चुदाई की सारी बातें पूछी और आखिर में वह रिशा से चिपटती हुई बोली- तूने तो कमाल का काम किया है. अब अकेली तू ही नहीं, मैं भी अपनी चूत रगड़वाउंगी उससे!
इस पर दोनों ने एक प्लान बनाया.
अगले दिन रिशा ने राजू को पैसे दिए और एक कागज़ पर लिखकर बाज़ार से हेयर रेमूविंग क्रीम मंगवाई.
राजू चुपके से वह क्रीम ले आया.
रिशा ने उसे समझाया कि इस्तेमाल कैसे होती है और कह दिया कि रात को दस बजे के बाद सबके सोने के बाद नहा धोकर उसके कमरे में आ जाए.
रात को रिशा खाने से जल्दी फारिग होकर अपने कमरे में आ गयी और नहाकर एक हल्की सी फ्रॉक डालकर लेट गयी.
आते समय उसने आंखों ही आंखों में सरिता को इशारा कर दिया.
किचन से निबटकर सरिता कमरे में आई तो लालाजी शराब का गिलास लिए बैठे थे.
आज सरिता ने लालाजी से शराब को लेकर कुछ नहीं कहा, बल्कि पैग ख़त्म होने पर एक बड़ा पैग खुद ही बना कर दे दिया.
लालाजी हैरान थे कि आज सूरज पश्चिम से कैसे उग गया!
सरिता बोली- पीकर तुम अच्छे से करते हो इसलिए!
लालाजी तो निहाल हो गए.
दोनों पैग चढ़ा कर ऊपर चढ़ने की कोशिश में फिसल गए और जल्दी ही खर्राटे लेने लगे.
ऊपर राजू ने जब सरिता को किचन से बाहर जाते देखा तो वह चुपके से रिशा के कमरे में पहुंच गया.
रिशा ने उसे अन्दर करके दरवाजा भेड़ लिया.
तभी रिशा ने कमरे की लाइट बंद की और दोनों चूमाचाटी करने लगे.
आज कोई जल्दी नहीं थी.
पर राजू घबरा रहा था.
रिशा ने उसे उकसाया- तेरी क्यों फट रही है भोसड़ी के … आराम से कर न!
थोड़ी देर में राजू सामान्य हो गया.
रिशा ने राजू के पजामे में हाथ डाला तो पाया कि राजू ने अच्छे से सफाई कर ली है; उसका लंड चिकना हो गया था और इस समय तना हुआ था.
तब रिशा ने राजू का पजामा उतार दिया और नीचे घुटनों पर बैठ कर लंड चूसने लगी.
रिशा के हाथों में राजू का औज़ार मचल रहा था.
उसने उसे थूक से भिगो दिया था और वह उसे मसल रही थी.
अब राजू भी बेधड़क हो गया था.
उसने रिशा को खड़ा किया और उसकी फ्रॉक उतार दी.
साथ ही अपनी कमीज भी.
अब दोनों एकदम नंगे थे.
कमरे में बाहर से हल्की सी रोशनी आ रही थी.
राजू रिशा के मम्मे चूमने चूसने लगा.
रिशा के इशारे पर उसने रिशा की चूत में उंगली कर रखी थी.
अब रिशा अपनी चूत चुसवाना चाह रही थी तो वह बेड पर टांगें फैला कर लेट गयी.
उसने राजू को भी अपने पास घसीट कर उसका सर अपनी टांगों के बीच कर दिया.
राजू समझ गया कि रिशा उससे क्या चाहती है.
उसने अपनी जीभ रिशा की चूत की फाँकों के बीच में कर दी.
रिशा की आहें निकलनी शुरू हो गयीं.
चूत चूसते चूसते राजू ने उसकी चूत थूक से भर दी.
अब राजू का मूसल भी तनतना रहा था और अन्दर आने को बेताब था.
उसने बेड के नीचे खड़े होकर रिशा को अपनी ओर खींचा और उसकी टांगें फैला कर अपना मूसल पेल दिया.
राजू के अब दमदार धक्के लगने लगे थे.
राजू का मजबूत लंड रिशा की चूत की गहराइयां नाप रहा था.
रिशा पीछे को खिसकी और उसने राजू को बेड पर अपने ऊपर खींच लिया.
अब रिशा ऊपर आना चाह रही थी पर राजू की मजबूत पकड़ के आगे उसकी एक न चली.
राजू ने उसकी टांगें ऊपर कर दीं और रेलम पेल करने लगा.
दमदार धक्कों और स्पीड से रिशा की चुदाई एक्सप्रेस फुल स्पीड पर थी.
उसकी पाजेब छनछन की तेज आवाज कर रही थी.
राजू बीच बीच में उसके मम्मे मसल देता.
तभी अचानक से किवाड़ खुला.
सरिता आ गयी थी.
उसने लाईट जलाई तो रिशा और राजू नंग-धड़ंग थे और चिपटा चिपटी में लगे थे.
राजू एक झटके से उतरा और अपना पजामा उठा कर अपने लंड को छिपा लिया.
इधर रिशा ने भी अपना नंगा जिस्म चादर से ढक लिया.
राजू तो डर के मारे कांप रहा था.
सरिता ने उसे एक झापड़ लगाया.
राजू नंगा ही अपनी कमीज उठा कर अपने कमरे में भाग गया.
सरिता ने किवाड़ बंद कर लिया, लाईट बंद कर दी.
बेड पर सरिता रिशा से चिपट गयी.
रिशा खिलखिलाती हुई बोली- मेरा होने वाला था. आप और पांच मिनट बाद आतीं, तो काम पूरा हो जाता.
सरिता ने अपने होंठ रिशा के होंठों से भिड़ा दिए और पूछा- कैसा है राजू का औज़ार?
रिशा बोली- बहुत दमदार है.
यह कहकर रिशा ने सरिता की चूत में उंगली घुसा दी और बोली- चुद मैं रही थी और पानी आपकी मुनिया बहा रही है. अब क्या करना है?
सरिता बोली- मैं राजू को नीचे लेकर जाती हूँ और उससे अपनी मुनिया को शांत कराती हूँ. अब तू चुपचाप उंगली करके सो जा, मैं चली!
रिशा बोली- यहीं बुला लेते हैं. दोनों एक साथ कर लेंगी.
सरिता बोली- कुछ तो शर्म कर, तेरी सास हूँ मैं!
दोनों हंस पड़ीं.
सरिता बोली- मैं जाती हूँ, तू राजू को नीचे भेज और उससे कहना कि मुझसे माफ़ी मांगे वरना सुबह उसकी छुट्टी हो जायगी.
कह कर सरिता कमरे से चली गयी.
रिशा ने राजू को फोन करके बुलाया.
राजू आया तो रिशा उससे चिपट गयी.
वह दिखावटी घबराहट दिखाते हुए बोली- दीदी बहुत गुस्सा हैं. अब तू एक काम कर. नीचे जा और कैसे भी उन्हें मना ले. उन्होंने हमारी वीडियो बना ली है, इसलिए उनसे पंगा मत लेना.
राजू नीचे पहुंचा.
कमरे से तो लालाजी के खर्राटों की आवाज आ रही थी.
सरिता बराबर में बैठक पर सोफे पर अधलेटी थी.
राजू कमरे में घुसा और सरिता के पैर पकड़ लिए.
सरिता ने उसे धक्का दिया और कहा- तेरी हिम्मत कैसे हुई … सुबह तू अपना सामान बाँध लेना, मुझे सुबह दिखाई नहीं देना चाहिए!
राजू वहीं नीचे बैठ गया और बोला- ऐसा जुल्म नहीं करें, मैं आपकी गुलामी करूंगा. आप जैसा कहेंगी, वैसा ही करूंगा!
सरिता मुस्कुरा दी और बोली- फिर आज से तू मेरी भी ऐसी ही सेवा करेगा, जैसी बहू की कर रहा था … और आज से तू लालाजी से ज्यादा मेरा वफादार रहेगा … बोल मंजूर है?
राजू ने पैर पकड़ लिए और बोला- जैसा आप कहेंगी, वैसा ही होगा!
सरिता बोली- चल अब किवाड़ बंद कर और मेरे जिस्म की बिना तेल के मालिश कर!
राजू ने किवाड़ बंद किए.
सरिता बोली- लाईट भी बंद कर और मेरे और अपने कपड़े उतार … और शुरू हो जा. और हां अगर लालाजी की आंखें खुल जाएं तो इधर सोफे के पीछे छिप जाना, बाकी मैं संभाल लूंगी.
राजू ने अपने और सरिता के कपड़े उतारे.
सरिता ने उसका लंड पकड़ लिया और बोली- अब समझ में आया कि रिशा तेरे से चुद क्यों गयी!
तब सरिता ने लंड को पकड़ा और चूसने लगी.
पहली बार सरिता को मालूम पड़ा कि मर्द का लंड होता कैसा है.
लंड चूसते चूसते सरिता ने चुप खड़े राजू से कहा- तू ऐसे ही खड़ा रहेगा भोसड़ी के, कुछ तू भी तो कर … मादरचोद मुझे चोदने आया है या मेरी आरती उतारने? अब शर्मा मत और मजे दे मुझे!
अब राजू की भी हिम्मत बढ़ गई.
उसने सरिता को लिटाया और उसकी चूत में जीभ घुसा दी.
सरिता तो तड़प उठी.
ऐसा सुख उसे उसके दोनों पतियों ने किसी ने नहीं दिया था.
उसने टांगें चौड़ा दीं तो राजू ने जीभ और अन्दर घुसा दी.
सरिता अपने मम्मे मसलने लगी.
उसने राजू का हाथ पकड़ा और अपने मम्मों पर रख दिया.
राजू उन्हें जोर जोर से मसलने लगा.
सरिता दो दो मर्दों से चुदी हुई थी.
उसके मम्मे रिशा के मुकाबले मांसल थे.
राजू ने अपना एक हाथ नीचे किया और सरिता के दाने को मसलने लगा.
सरिता की चूत गीली हुई पड़ी थी.
अब तो सरिता राजू का लंड अन्दर लेने के लिए मचल रही थी.
सरिता ने राजू को हटाया और नीचे लिटाया.
वह उसके लंड के ऊपर चढ़ गई, अपने हाथों से उसका लंड अपनी चूत के ऊपर सैट किया और अन्दर धकेला.
नीचे से राजू ने उकसाया तो लंड सीधा अन्दर दरक गया.
सरिता को ऐसा अहसास हुआ मानो वह सातवें आसमान पर पहुंच गयी हो.
वह संभल कर और कसके नीचे होकर बैठी तो लंड उसकी बच्चेदानी को छू गया.
अब सरिता धीरे धीरे गांड उछालने लगी और राजू को भी गांड उछालने को उकसाती रही.
अभी दोनों की चुदाई ने रफ़्तार नहीं पकड़ी थी.
सरिता राजू से बोली- हरामी, ऊपर तो बड़ी जोर से पेलम पाल कर रहा था, यहां तेरी क्यों फटी पड़ी है?
राजू ने इस पर सरिता को नीचे किया और उसकी टांगें चौड़ा कर लंड पेल दिया.
आखिर सरिता ने उसकी मर्दानगी को छेड़ा था.
उसने जल्दी ही सरिता की आहें निकाल दीं.
सरिता भूल गयी कि बगल में लालाजी सो रहे हैं. वह राजू को और जोर से करने के लिए उकसा रही थी.
राजू ने स्पीड बढ़ा दी; उसका होने को ही था.
उसने सरिता से पूछा- कहां निकालूं?
सरिता बोली- रुक मत, अन्दर ही निकाल दे!
तभी लालाजी की आवाज आई- कहां गयीं?
सरिता हांफ रही थी. उसका उफान जोरों पर था.
राजू ने एक झटके में सरिता की चूत में ही सारा माल निकाल दिया.
लालाजी की दोबारा आवाज़ आई तो सरिता ने राजू को धक्का दिया और फटाफट नाइटी डाल कर कमरे में चली गयी.
जाते जाते उसने राजू को ऊपर जाने का इशारा किया.
सुबह सरिता और रिशा दोनों आमने सामने हुई तो मुस्कुरा उठी.
सास बहू Xxx जुगाड़ मिलने से बहुत खुश थीं.
सरिता ने रिशा से कहा कि रिशा तू राजू को ऐसा दिखाना, जिससे उसे पता नहीं चल पाए कि मैंने उसे माफ़ कर दिया या नहीं … और तू जब भी राजू को चुदाई के लिए बुलाये तो मुझको पहले बता दे.
रिशा ने हां कह दी.
सरिता आगे बोली- इसी तरह जब मैं बुलाऊंगी, तो तुझको बता दूँगी. राजू को हमेशा एक दूसरे का डर बना रहना चाहिए.
इस तरह से सास बहू दोनों को घर में एक ऐसा मजबूत लंड मिल गया था, जो उनके काबू में आया हुआ सांड था. दोनों उससे अपनी अपनी चूत की प्यास बुझवा लेतीं और मजे से रहतीं.
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी सास बहू Xxx कहानी!
जरूर लिखिएगा मुझे मेरी मेल आईडी पर.
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