मालिक की बीवी की चूत और गांड मारी
(Newly Wed Sex Kahani)
न्यूली वेड सेक्स कहानी में मेरे छोटे मालिक की शादी के बाद नई बहू को लेकर वे ऑफिस आये. वहां मैं उसको घूरता रह गया. उसकी निगाह भी मेरे ऊपर ठहर सी गयी.
नमस्कार दोस्तो,
मेरा नाम गाजी है और मैं एक ऑफिस में काम करता हूं.
मेरी हाईट 5 फुट 10 इंच है.
दिखने में भी मैं ठीक ठाक हूं. मेरा लंड साढ़े छह इंच लम्बा है और इसके ऊपर गोलाई में इंची टेप लपेट कर नापा तो यह काफी मोटा है.
मैं अपने इस लंबे और मोटे लौड़े से काफी सारी लड़कियों और औरतों को चुदाई का अनोखा मज़ा दे चुका हूँ.
यह सेक्स कहानी मेरी और मेरे छोटे मालिक की बीवी की है.
मेरा दावा है कि यह सेक्स कहानी पढ़ कर आपका लंड खड़ा हो जाएगा, लड़कियों की चूतें गीली हो जाएंगी.
यह न्यूली वेड सेक्स कहानी जब की है, जब मेरे मालिक का परिवार छोटे मालिक की बीवी को पहली बार लेकर ऑफिस में आये थे.
सब लोग ऑफिस के बाहर खड़े थे, मैं भी वहीं था.
जब मालिक और उसका परिवार आया तो सबने मिलकर उनका स्वागत किया.
मैंने अपने मालिक के बेटे की नवविवाहिता बीवी को देखा तो मेरा नशा फट गया.
वह पहली बार ऑफिस आई थी.
क्या माल थी यार … मैं तो उसे देखता ही रह गया.
वह इतनी मस्त आइटम दिख रही थी जैसे मेरे सामने कोई जन्नत की हूर उतर कर आ गई हो.
मालकिन भी मुझे देखने लगी.
फिर अचानक से मेरे पास आई और मुझसे हाथ मिलाने लगी.
जैसे ही मैंने उससे हाथ मिलाया, मेरे अन्दर उसे चोदने की हवस जाग गई.
फिर सब अन्दर आ गए.
मैं भी पीछे पीछे अन्दर आ गया पर मेरी आंखें उसकी गांड को ही मटकती हुई देख रही थीं.
वह भी बार बार पीछे मुड़कर मुझे ऐसे देख रही थी जैसे उसकी गांड में तीसरी आंख लगी हो और उसे मेरे घूर कर देखने वाली बात का पता चल गया हो.
फिर सब पूजा वाली जगह पर इकट्ठे हो गए.
मैं अभी भी अपने बॉस की बीवी को ही देख रहा था.
वह भी मुझे नोटिस कर रही थी.
कुछ देर बाद पूजा समाप्त हो गई थी और बॉस काम देखने लगे थे.
उनकी बीवी को मालूम था कि अब यह काम का सिलसिला काफी देर तक चलने वाला है.
थोड़ी देर बाद वह मेरे पास आई.
मैं डर गया.
वह मेरे करीब आकर बोली- बाथरूम कहां है?
मैं बोला- आएं मेम … मैं आपको बता देता हूँ.
वह मेरे पीछे पीछे आने लगी और मैं उन्हें क्लाइंट वाले बाथरूम में ले गया.
वह बाथरूम के अन्दर चली गई और मैं बाहर ही खड़ा रहा.
थोड़ी देर में उसकी आवाज आई.
मैंने दरवाजा खोला और पूछा- क्या हुआ मेम?
वह बोली- नल में पानी नहीं आ रहा है.
मैंने अन्दर जाकर देखा, तो वाकयी पानी नहीं आ रहा था.
फिर मैंने नीचे देखा तो पानी नीचे से बन्द था.
मैंने नीचे से पानी खोल दिया तो नल में पानी आने लगा.
जैसे ही मैं उधर से उठने लगा तो मेरा सिर नल में लग गया.
वह बोली- अरे संभल कर … क्या हुआ दिखाओ मुझे!
वह मेरा सिर झुका कर देखने लगी और इसी वजह से मेरा सर उसके चूचों में लगने लगा.
उसके चूचों की मुलायमियत से मेरा तो लंड भी अपने आकार में आ गया.
जल्दी ही लंड पूरा खड़ा होकर उसके पेट में लगने लगा.
शायद उसको भी लंड की सख्ती महसूस हो रही थी.
फिर वह एकदम से पीछे को हो गई और नीचे होकर मेरे लंड की ओर देखने लगी.
उसी वक्त वह मुस्कुराने लगी.
उसके बाद वह जैसे ही पीछे घूमी, मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया.
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी पर मैं उसकी गर्दन को चूमने लगा क्योंकि मुझे मालूम था कि लड़कियां गर्दन पर चुम्बन लेने से जल्दी गर्म हो जाती हैं.
वही हुआ, वह थोड़ी ही देर में गर्म होने लगी और अब उसने खुद को मुझसे छुटाना भी बन्द कर दिया था.
अब मैंने उसे अपनी ओर घुमा लिया और उसके लाल होंठों को चूमने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.
मेरा लंड उसके पेट में चुभने लगा.
हम दोनों एक दूसरे में लीन हो चुके थे.
मेरा लंड फटा जा रहा था.
वह भी पूरी गर्म हो चुकी थी.
मैंने अपना हाथ उसके बूब्स पर रख दिया और दबाने लगा.
वह भी मचलने लगी.
कुछ ही पलों बाद मैं अपने दूसरे हाथ से उसकी चूत को साड़ी के ऊपर से ही रगड़ने लगा.
वह लंड लेने के लिए तड़पने लगी और मुझसे लंड पेलने के लिए बोलने लगी.
मैंने कहा- अभी रूक जा मेरी रबड़ी, अभी तो शुरुआत है.
मैं नीचे बैठ गया और उसकी साड़ी उठा कर अन्दर घुस गया.
अन्दर देखा, तो उसकी चड्डी पूरी गीली हो गई थी और चूत का पानी नीचे गिर रहा था.
उसकी चड्डी का रंग लाल था, पर वह गीली होकर काली सी दिखने लगी थी.
मैंने देर ना करते हुए सीधे अपने मुँह से उसकी चड्डी के कपड़े को दबाया और चूसने लगा.
उसकी चूत भी मेरे मुँह के स्पर्श से झनझना उठी और मानो एकदम से उसके शरीर में करंट सा लगा.
उसने लम्बी सी आह की सिसकारी भरी.
मैं लगा रहा.
उसके मुँह से ‘आह सी ई सी …’ की आवाज निकलने लगी.
वह बोलने लगी- आह और चूसो.
मैंने उसकी चड्डी चूसते हुए खींचना शुरू की और जल्द ही उतार दी.
उसकी चूत एकदम क्लीन थी और फूली हुई दिख रही थी.
गुलाबी चूत देख कर मेरे मुँह में भी पानी आ गया.
अब तो उसने भी अपनी साड़ी को उतार दिया और पेटीकोट भी उतार दिया.
वह नीचे से पूरी नंगी हो चुकी थी.
मैं फिर से उसकी चूत को चूसने लगा.
वह सी सी सी की आवाजें निकलने लगी और बोलने लगी- और जोर से चूसो … मेरा पूरा पानी पी जाओ.
उसने मेरा सिर को अपनी टांगों में दबा लिया और बोलने लगी- ऐसा मेरे साथ कभी नहीं हुआ. मेरा पति तो बस मुझे आते ही चोदने में लग जाता है और वह साला मुझे संतुष्ट भी नहीं कर पाता है.
यही सब कहते हुए वह एकदम से झड़ गई और मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया.
चूत का सारा रस चाट लेने के बाद भी मैं उसकी चूत को चाटता रहा.
वह फिर से गर्म हो गई, कहने लगी- अब मुझे और मत तरसाओ … मेरी चूत का अपने लंड से उद्घाटन कर दो.
मैं बोला- अभी तो आपको अपने प्यारे लंड को अपने मुँह में भी लेना है.
वह मुस्कुरा कर बोली- जो भी करना है, जल्दी करो … लाओ लंड मुझे चूसने दो.
फिर मैं खड़ा हो गया.
वह नीचे बैठ गई और लंड को पैंट में से ही दबा कर देखने लगी.
मैं बोला- अब क्या हुआ, खोलो पैंट और निकालो?
उसने वैसा ही किया.
जैसे ही लंड पैंट से बाहर निकला, उसकी तो आंखें खुली की खुली ही रह गईं.
वह बोली- क्या है ये?
मैंने कहा- लंड है ये!
वह बोली- ये लंड है … तो मेरे पति का क्या है? वह तो इसके आगे कुछ भी नहीं है!
मैं बोला- अब चूसो भी.
वह बोली- यह मुँह में कैसे जाएगा?
मैं बोला- डालो तो मुँह में.
फिर वह पहले लंड का टोपे को जीभ से चाटने लगी और बोली- इसका तो नमकीन सा स्वाद है!
मैं बोला- पहली बार चूसा है क्या?
वह हां बोली.
अब वह लंड को मुँह में लेने की कोशिश करने लगी.
मैंने भी देर नहीं की, जल्दी से मुँह में लंड घुसा दिया और बाल पकड़ कर मुँह को चोदने लगा.
उसकी सांसें रुकने लगी थीं और आंखों से पानी आने लगा था.
मैं भी एकदम से जानवर बन गया और लंड को बाहर करता और फिर मुँह में डाल देता.
मैंने करीबन 15 मिनट तक उसके मुँह को चोदा.
जैसे ही मैं हटा, उसकी सांस में सांस आई.
वह हांफती हुई बोली- मारेगा क्या? अगर थोड़ी देर और करता, तो मैं तो मर ही जाती.
मेरा पूरा लंड उसके थूक से चिकना हो गया था.
मैंने उसे खड़ा किया और घोड़ी बना दिया.
वह बोली- आराम से करना … तुम्हारा बहुत बड़ा और मोटा है.
मैंने अपने एक हाथ से लंड को पकड़ कर उसकी मुनिया (चुत) के मुँह पर रख दिया और रगड़ने लगा.
अब उससे रहा नहीं जा रहा था, वह बोली- डालो!
मैं- रूक मेरी रंडी, इतनी क्या जल्दी है?
वह न्यूली वेड गर्ल सेक्स के लिए बेचैन होकर बोली- अब रुका नहीं जा रहा. मेरी चूत जल रही है, इसको लंड की भूख है.
मैं बोला- ठीक है.
मैंने जोश में अपने लंड को धक्का दे दिया मगर लंड फिसल गया.
फिर से मैंने लंड को चूत के मुँह पर रखा और थोड़ा जोर से धक्का दिया.
इस बार आधा लंड चूत में घुस गया.
उसकी जोर से आवाज निकल गई- मर गई, फट गई मेरी चूत … मम्मी आई आ आ आ!
वह बोली- बहुत दर्द हो रहा है.
मैंने ऐसे ही रुक कर उसका ब्लाउज और ब्रा निकाल दी और दोनों हाथों से उसके थनों को दबाने लगा.
मैं उसकी पीठ को मुँह से चुभलाने लगा.
जैसे ही उसको थोड़ा आराम मिला, मैं फिर से रेडी हो गया.
मैंने दूसरा धक्का दे दिया.
वह फिर से चिल्लाई और कहने लगी- निकालो इसे बाहर … मुझे नहीं चुदना.
मैं फिर से उसके चूचे दबाने लगा.
उसे भी थोड़ी देर में आराम मिल गया और धीरे धीरे अपनी क़मर हिलाने लगी.
अब मैं भी उसको आराम आराम से धक्के देते हुए चोदने लगा. मेरे लंड ने चूत में जगह बना ली थी.
उसे मजा आने लगा तो बोली- फास्ट … फक मी हार्ड.
मैं भी ये सुन कर जोर जोर से धक्का मारने लगा और वह ‘आ आ आ आ … उफ़.’ करने लगी और ‘फक मी, फक मी, फक मी.’ चिल्लाती रही.
बाथरूम में उसकी आवाजें और थफ थफ की आवाजें ही गूंज रही थीं.
थोड़ी देर में वह झड़ गई.
मैंने लंड को बाहर निकाला तो देखा उस पर खून लगा हुआ था.
आज उसकी चूत की सील सही से टूट चुकी थी.
इसके बाद मैं कमोड पर बैठ गया.
वह लंड को चूत के मुँह पर रखकर बैठ गई और कूदने लगी.
मेरा लंड आराम से चूत में घुसने निकलने लगा.
वह मज़े में कूदती रही और आ आ आ आ की आवाज निकालती रही.
यह सिलसिला 10 मिनट चला और वह झड़ गई.
चूत के पानी से पूरा लंड चिकना हो गया.
मैंने उसे खड़ा किया और अब मुझे उसकी गांड मारने की सूझी.
मैंने उसे घोड़ी बना दिया.
वह बोली- अब क्या?
मैं- अब गांड.
वह सीधी खड़ी हो गई.
उसने कहा- नहीं, वहां नहीं. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई. वहां बहुत दर्द होता है.
मैंने कहा- नहीं, मैं आराम से करूंगा.
वह ना करती रही, पर मैं नहीं माना.
फिर उसने कहा- ठीक है करो.
मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा.
वह कुतिया बन गई और मैंने अपना लंड गांड पर लगा कर धक्का दे दिया.
लंड चिकना होने के कारण आधा लंड गांड में घुस गया. उसे बहुत दर्द होने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने दुबारा धक्का दिया, तो पूरा लंड गांड में घुस गया.
वह फिर से चिल्लाई- आह मम्मी मार दिया इस जालिम ने … फाड़ दी मेरी गांड.
थोड़ी देर बाद उसे आराम हुआ तो मैंने धक्के देने चालू किए.
उसकी टाईट गांड से मेरा लंड भी छिल गया.
गांड बहुत गर्म थी जिस वजह से मैं जल्दी ही गांड में झड़ गया.
फिर उसने अपनी चूत और गांड को साफ किया और मैंने अपने कपड़े पहने.
मैंने उसे भी साड़ी पहने में मदद की.
फिर उसने मुझे किस किया और बोली- ऐसी चुदाई कभी नहीं हुई, मैं इसे याद रखूँगी.
हम दोनों एक एक करके बाहर आ गए.
उसे चलने में भी दिक्कत हो रही थी.
दोस्तो, ये थी मेरी सेक्स कहानी जो मैंने आपके साथ साझा की.
मैं आज भी उसको कभी कभी याद करके लंड हिला लेता हूं.
मेरी न्यूली वेड सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments