आखिर मेरे बेटे का बाप कौन है- 7

(Nangi Chut Dikha Di Maine)

मैंने अपनी नंगी चूत दिखायी तो कहीं मेरी प्यासी जवानी के लिए लंड का इंतजाम हुआ. पड़ोसी लड़का मुझे चोद रहा था पर वो बीच में झड़ गया और मैं प्यासी रह गयी.

दोस्तो नमस्कार!
मैं आपकी अपनी चुदक्कड़ बीवी अपने आत्मकथा में स्वागत करती हूं और आप लोगों का दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ कि आपलोग मुझे इतना ज्यादा प्यार दे रहे हैं मेल करके और इंस्टाग्राम पर बातें करके.

आपने पिछली सेक्स कहानी
जवान लड़के का लंड चूसकर माल पीया
में पढ़ा था कि किस तरह मेरे पड़ोसी के बेटे गौतम ने अपनी बर्थडे पर मेरी जवानी गिफ्ट के रूप में मांग ली थी. मैंने उसका लंड मुँह में लेकर उसकी गर्मी शांत कर दी.
उसने मेरे होंठों पर अपने स्पर्म की एक धार मार दी थी जिसकी सुंगध से मैं रोमांचित हो गयी और मेरे ऊपर सेक्स की खुमारी चढ़ने लगी थी.

लेकिन गौतम तो मेरे मुँह में रस झाड़कर शांत बैठ गया था. मैं समझ गयी कि इसका लंड दुबारा खड़ा होने में समय लगेगा.
मैं चाहती तो उसके लंड के साथ खेल कर उसे फिर से खड़ा कर देती लेकिन मैंने भी उसे थोड़ा समय दे दिया.

मैं बोली- गौतम अब तो खुश हुआ न अपनी दीदी के मुँह में छोड़कर … अब मैं जाऊं?
वो बोला- नहीं यार दीदी अभी नहीं, मुझे तो अपनी वर्जिनिटी आपकी चूत में खोनी है.

मैं बोली- अच्छा तू तो मेरे मुँह की गर्मी भी बर्दाश्त नहीं कर सका. मेरी चूत की गर्मी से तो तू जल जाएगा.
गौतम बोला- देखते हैं दीदी. आज मैं जलता हूं कि आपकी चूत की गर्मी को ठंडा करता हूँ.

वो तो मुझे चोदने के लिए तैयार हो रहा था.
लेकिन मैं चाहती थी कि उसको थोड़ा और समय मिले जिससे उसमें और एनर्जी आ जाए.

मैं बोली- यार गौतम भूख लग रही है.
वो बोला- हां यार दीदी, भूख तो मुझे भी लग रही है.

इतने में गौतम बोला- रुको दीदी, मैं आर्डर कर देता हूँ.
मैं बोली- तू रुक जा … मैं आर्डर कर देती हूं.

लेकिन वो नहीं माना और आर्डर कर दिया.
खाना आने में समय लगना था, तब तक हम लोगों ने ढेर सारी बातें कीं.

मैं अभी भी ब्रा पैंटी में ही थी और गौतम बिल्कुल नंगा. जिसके कारण मैं उसके लंड से खेल रही थी.

वो मेरी चूचियों से खेल रहा था. मेरी चूचियों को ब्रा से बाहर निकाल कर उसने चूचों को अच्छे से मसला और पी पीकर मेरी चूचियों लाल कर दिया था.
गौतम मेरी चूत को भी अपनी उंगली से चोद रहा था.

अब दोनों हम मूड में आ चुके थे. मेरी चूत अभी चुदाई की मांग कर रही थी. गौतम का लंड भी एकदम तन चुका था.

तभी गौतम ने मेरी ब्रा के हुक्स खोल दिए, जिससे मेरे दोनों पहाड़ पूरी तरह से आजाद हो गए. मेरी नंगी चुचियों को देखकर वो उन पर भेड़िया सा टूट पड़ा.

वो इतना अधिक उतावला हो गया था कि कभी मेरी एक चूची को पीता तो कभी काटता.
उससे ज्यादा मैं गर्म हो गयी थी. आज पहली बार किसी से चुदाई के दौरान मेरा अपना हाथ अपनी चूत पर चला गया था.

अब मेरे से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था.
मैंने गौतम का लंड पकड़ा और बोली- जल्दी से मेरी चुत में डाल दो, नहीं तो मैं तेरा लंड उखाड़ लूंगी.

उसने बिना देरी किए मेरी पैंटी को निकाल दिया और सीधे मेरी चूत पर अपना लंड रखकर एक जोरदार धक्का दे मारा.
उसका लंड बिना किसी रुकावट के पूरा अन्दर चला गया.

चूंकि मैं रोज नए नए लंड लेती थी. इस कारण से चूत थोड़ी खुल सी गयी थी.

उसके लंड अन्दर जाते ही मैं और तपड़ने लगी.
इस समय मेरे मन में बस एक ही ख्याल आ रहा था कि ये मेरी चूत फाड़ दे.

उसने भी शायद मेरी भावना को समझ लिया था. वो बड़ी तेजी से लंड आगे पीछे करने लगा. मैं भी उसका साथ दे रही थी. हम दोनों मजे में गोते लगा रहे थे.

तभी गौतम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.
मैं कुछ समझ पाती, इससे पहले साले ने मेरी चूत में अपनी गर्मी निकाल दी और मेरे ऊपर ढेर हो गया.

उसकी गर्मी तो शांत हो गयी थी, लेकिन मेरी गर्मी और बेचैनी और बढ़ गयी थी.

मुझे बहुत तेज गुस्सा आ गया था.

मैंने उसे अपने ऊपर से हटाया और बोली- साले तूने यह क्या किया?
गौतम को लगा शायद उसने मेरी चुत में स्पर्म डाल दिया, उसके लिए मैं गुस्सा हूं.

वो बोला- दीदी कोई बात नहीं, मैं मेडिसिन ला दूंगा.
इस बात से मुझे और तेज गुस्सा आ गयी और मैं बोली- साले जब लंड में ताकत ही नहीं थी, तो ये सब नाटक क्यों किया.

अब उसकी समझ में कुछ आया. वो बोला- आपको मजा नहीं आया?
मैं बोली- साले मेरी प्यास तूने और बढ़ा दी है.

मेरे मन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगी थी. मैं क्या करूं, मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रही थी.
इस दौरान मैं गौतम को बहुत बुरा भला सुना रही थी और वो बेचारा चुपचाप सुन रहा था.

मेरी चूत से उसका वीर्य टपक टपक कर मेरी जांघों पर बहने लगा था, जो मेरी प्यास और बढ़ा रहा था.

मैं क्या करूं, मुझे समझ में नहीं आ रही थी. तभी किसी ने डोरबेल बजायी.

गौतम तौलिया लपेट कर गेट खोलने गया तो डिलीवरी बॉय आया था.

गौतम आया और एक साइड में खाने को रखकर कमरे में आकर अपने वॉलेट से पैसे लेने लगा.

तभी मेरे दिमाग के एक ख्याल आ गया. अब आप लोग तो समझदार हो ही. आप सही समझे, जो आप समझ रहे हो … वही मैं भी सोच रही थी.

मैंने तुरन्त गौतम से पूछा- डिलीवरी बॉय कैसा है?
वो बोला- क्यों?

मैं बोली- बोल ना.
वो बोला- ठीक-ठाक है.

मैं बोली- उसकी ऐज कितनी होगी?
तो गौतम बोला- ये सब आप क्यों पूछ रही हो?

मैं बोली- साले तू तो मुझे बीच रास्ते में ही छोड़ दिया. मैं सोच रही हूँ कि बाकी का सफर उसके साथ ही तय कर लूं.
गौतम बोला- दीदी, आप अजनबी से चुदोगी?

मैं बोली- सब तेरे कारण हो रहा है. तू जल्दी से बता कि वो कैसा है?
वो बोला- वो 25-26 साल का होगा.

मैं बोली- देखने में कैसा है?
वो बोला- गोरा है.

मैं बोली- अरे मतलब मुझे खुश कर पाएगा?
वो बोला- मुझे क्या पता. आप खुद पूछ लो.
मैं बोली- ये तू सही कह रहा है.

मैंने उसके हाथ से पैसे लिए और उसका टॉवल खींच कर अपने ऊपर लपेट लिया.

ये टॉवल थोड़ी छोटी थी, जिससे मेरी थोड़ी सी गांड दिख रही थी.

गौतम बोला- दीदी आप तो कमाल हो … डिलीवरी बॉय से चुदोगी.
मैं स्माईल करते हुए बोली- बेटे आज तुझे मधु की लाइव चुदाई देखने का मौका मिल रहा है … और बहुत कुछ सीखने का भी.

फिर मैं डिलीवरी बॉय को पैसे देने चली गयी.

जैसे ही मैं पैसे लेकर उस लड़के के सामने गयी. वो मुझे इस रूप में देखकर चौंक गया. उसकी आंखें खुली की खुली रह गईं.

वो मुझे वासना से ऐसे देखने लगा, जैसे वो मुझमें खो गया हो.
मैं समझ गयी कि चलो आधा काम तो हो गया.

लेकिन इसका लंड जल्दी से कैसे लूं, ताकि मेरी गर्मी शांत हो जाए. मैं उस लड़के की बात करूं तो वो देखने में तो बड़ा मस्त था.

मैं अपना हाथ हिलाते हुए बोली- ओ हैलो मिस्टर … क्या देख रहे हो. कभी लड़की देखी नहीं क्या!
फिर जैसे उसका नशा टूट गया हो. वो सकपका कर बोला- सॉरी मैडम.
वो नजरें झुका कर खड़ा हो गया.

मैंने सोची कि आज मेरी किस्मत ही खराब है. मैं चुदने के लिए अपने हुस्न का दीदार करवाने आयी हूँ … और ये चूतिया अपना सर झुका कर खड़ा हो गया. ऐसे मेरी चूत की आग कैसे शांत होगी.

मैं बस यही सब सोच रही थी कि तभी मेरे दिमाग में एक तरकीब आ गई.

ये मैंने एक पोर्न में देखा था.
मैं उसे पैसे देते हुए बोली- लो पैसे लो.

उसने जैसे ही हाथ बढ़ाया, मैंने जान बूझकर पैसे गिरा दिए और बोली- ओह्ह सॉरी … मैं उठा देती हूं.
वो बोला- नहीं मैडम, मैं उठा लेता हूं.

फिर जैसे ही मैं बैठी, उसी समय वो भी बैठ गया और पैसे उठाने लगा.
जैसे ही मैं बैठी, मेरी एक जांघ पूरी तरह नंगी हो चुकी थी जो किसी को भी पागल बनाने के लिए काफी थी.

अगर ढंग से देखा जाए तो मेरी चूत भी दिखने लगी थी. शायद वो मेरी खुली चुत को देख भी रहा था.
वो बिल्कुल मेरी नंगी जांघों में खो चुका था.

मैं ऐसे ही बैठी थी, जिसके कारण मेरी टॉवल की गांठ ढीली हो रही थी और मैंने अपने शरीर को अच्छे से हिलाकर उसे और ढीली कर दी थी. अगर मैं टॉवल को बिना पकड़े खड़े होती, तो पक्का खुल जाती … जो कि मैं चाहती भी थी.

मैं बोली- पैसे गिन लो, पूरे है ना!

मेरी बात सुनकर उसको होश आया और वो खड़ा हो गया.
फिर मैं भी झट से खड़ी हुई और वही हुआ, जो मैं चाहती थी. मेरी टॉवल खुल कर गिर गयी और मेरी कातिल जवानी पूरी की पूरी नंगी हो गयी.
जिसे देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं और वो बिल्कुल पत्थर बन चुका था.

मैं एक्टिंग करती हुई बोली- ओह्ह सो सॉरी … पता नहीं कैसे खुल गयी.

लेकिन उस पर मेरी बातों का कोई असर नहीं पड़ा. वो तो पूरा खोया हुआ था. और खोये भी क्यों ना. रोज रोज मेरी जैसी हुस्नपरी के दर्शन थोड़े न होते होंगे. वो भी बिल्कुल नंगी.

मैं उसका हाथ पकड़ते हुए बोली- पैसे गिन लो ठीक है ना.
वो लड़खड़ाते हुए बोला- ऐसी चीज के दर्शन के बाद पैसों की किसको पड़ी है.

मैं बोली- क्या!
तो वो थोड़ा होश में आया और बोला- मैडम, आज तक इतने दिन की सर्विस में मेरे साथ ऐसा कभी नहीं हुआ.

मैं चौंकते हुए बोली- क्या?
वो बोला- कुछ नहीं मैडम.

वो थैंक्यू बोलकर अपना बैग उठाने लगा. तो मैंने सोचा कि यार मुझे ही आगे बढ़ना पड़ेगा, नहीं तो ये चला जाएगा.

मैं तौलिया उठाकर अपने नंगे बदन पर बांधती हुई इठलाती हुई बोली- सिर्फ खाने की ही सर्विस देते हो या और कुछ भी.

अब वो मेरे इशारों को समझ गया था. वो अपने बैग को नीचे रखते हुए बोला- मैडम आप जो बोलो, वो सर्विस दूँगा और ऐसी सर्विस दूँगा कि आप याद रखोगी.
मैं अपनी एक उंगली से अपने बाल घुमाती हुई बोली- अच्छा क्या क्या सर्विस देते हो!

वो मेरे दूध देखते हुए बोला- आप जो बोलो मैडम.
मैं बोली- सारी सर्विस गेट पर ही दोगे या अन्दर भी आओगे.

वो बोला- आप जहां बोलोगी … वहां दे देंगे.

मैंने सोची कि क्यों ना इससे यहीं सीढ़ी पर ही चुद लूं. कुछ नया भी होगा और डायरेक्ट मैं चुद भी सकती हूं. अगर इसे बेड पर बुला लिया … तो ये भोसड़ी का मेरी जवानी को चूमने चाटने में खो जाएगा. और तब तक तो मेरी चूत से आग निकलने लगेगी.

अगली सेक्स कहानी में मैं डिलीवरी बॉय से चुदाई की कहानी लिखूँगी. आप लोग नंगी चूत दिखाने की कहानी पर अपनी राय मुझे कमेंट्स में बताएं.
इमेल नहीं दी जा रही है.

नंगी चूत दिखाने की कहानी का अगला भाग: आखिर मेरे बेटे का बाप कौन है- 8

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