मेरी चालू बीवी-24
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इमरान
अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या सलोनी मेरे सामने ही किसी गैर मर्द से चुदवाती है… या उससे पहले मैं सलोनी के सामने…
मधु या किसी और कमसिन लड़की को चोदता हूँ…
इस सब बातों को सोचते हुए मेरा लण्ड तन कर खड़ा हो गया था… और ख़ुशी में उसने पानी कि कुछ बूंदें भी टपका दी थीं…
तभी सलोनी कमरे में आती है…
उसके चेहरे से कोई अन्य प्रतिक्रिया नहीं दिखती… उसने बड़ी बेबाकी से अपना गाउन उतार दिया…
एक बार फिर मैं उसके सुन्दर शरीर को देखने लगा… उसने कुछ नहीं पहना था…
अब वो बड़ी मादकता के साथ अपने पूरे नंगे बदन पर कोई लोशन का लेप लगा रही थी…
फिर मुझे देखते हुए ही कहने लगी- …जान तो तुमने क्या सोचा…?? क्या पहनूँ फिर मैं आज?
मैं एक बार फिर उसकी पोशाकों को देखने-परखने लगता हूँ…
फिर वो एक जोड़ी अपनी कच्छी-ब्रा को पहन लेती है…
मैं- क्यों क… क्या यही सेट पहनना है?
सलोनी- हाँ… ये तो मुझे यही पहनना है… बाकी रुको मैं बताती हूँ…
वो एक वहुत सेक्सी ड्रेस निकाल कर लाती है… ये उसने अपने भाई के रिसेप्शन पर पहना था…
ये वाला ड्रेस…
सब उसको वहाँ देखते रह गए थे… हाँ रिसेप्शन पार्टी के समय तो उसने इसके नीचे पतली हाफ केप्री पहनी थी…
परन्तु जब रात को उसने केप्री निकाल दी थी, तब तो घर के ही लोग थे…
मगर सभी उसी को भूखी नजरों से ताक रहे थे, चाहे वो सलोनी के जीजा हों… या उसके भाई… और पापा…
उस समय बिस्तर आदि लगते समय… सलोनी के जरा से झुकने से ही उसकी सफ़ेद कच्छी सभी को रोमांचित कर रही थी…
मैंने तुरंत हाँ कर दी… और यह भी कहा- यार इसके नीचे बस वो वाली सफ़ेद कच्छी ही पहनना…
सलोनी- कौन सी… वो वाली… वो तो कब की फट गई.. ये वाली बुरी है क्या??
उसने अभी एक सिल्की… स्किन टाइट… वी शेप स्काई ब्लू… पहनी थी…
मैं- नहीं जान… इसमें तो और भी ज्यादा सेक्सी लग रही हो… मगर बस इसी के ऊपर यह पहनना… वो उस दिन वाली कैप्री नहीं
पहनना…
सलोनी- अरे जानू फिर तो बहुत संभलकर रहना होगा… तुम ही देखो… फिर…
मैं- हाँ हाँ… मुझे पता है… पर प्रणव ही तो है.. वो तो अपना ही है ना… और फिर रुचिका से क्या शरमाना..
सलोनी- ठीक है जानू… जैसा आप कहो…
मैंने कसकर सलोनी को अपने से चिपका लिया… और कच्छी के ऊपर से उसके गोल मटोल चूतड़ों को सहलाने लगा…
तभी मधु अंदर आती है…
मधु- भाभीईइ… इइइइइइइ ओह
हम दोनों अलग हो गए…
सलोनी- क्या हुआ??
मधु- वो तो हो गया भाभी… अब क्या करूँ?
सलोनी- ले जरा यह लोशन, मेरी पीठ, टांगों और कूल्हों पर लगा दे… जहाँ जहाँ… दिख रहा है…
मधु- यह क्या है भाभी…
सलोनी- यह शाइनिंग लोशन है… और फिर तू भी तैयार हो जाना… ये फ्रॉक उतार कर… मैंने ये कपड़े रखे हैं… ये पहन लेना…
मैंने देखा उसने एक सफ़ेद नेकर और टॉप था जो थोड़ा पुराना था… मगर सूती था…
सलोनी- और हाँ यह कच्छी मत पहनना… मैं कल तुझको बढ़िया वाली दिलाऊँगी… मुझे भी जाना है कल तो तू भी वहीं से अपने साइज
की ले लेना…
मधु- जी भाभी…
इस बार मधु ने कुछ नहीं कहा… वो लोशन लगाते हुए बार बार मुझे ही देख रही थी…
शायद रसोई वाला किस्सा उसको भी अच्छा लगा था…
कुछ देर बाद सलोनी ने मधु की ड्रेस को उठा कर कहा- बस अब हो गया… अब तू ये कपड़े ले और तैयार हो जा… चाहे तो नहा लेना… पसीने की नहीं आएगी…
मधु- जी भाभी…
मधु ड्रेस लेकर मुझे तिरछी नजर से देखते हुए बाथरूम में चली गई।
इधर सलोनी तैयार होने लगी, उधर बाथरूम से शॉवर की आवाज से पता लग जाता है कि मधु नहा रही है…
कुछ देर बाद…
मधु- भाभी यहाँ तौलिया नहीं है…
सलोनी- ओह ! (मुझसे) जरा सुनो जानू… मधु को तौलिया दे दो ना… वो बालकोनी में होगा…
मेरी तो बांछें खिल जाती हैं… ना जाने मधु कैसी हालत में होगी… कच्छी पहन कर नहाई है… या पूरी नंगी होगी…
उसकी पूरी नंगी तस्वीर मन में लिए मैं तौलिया लेकर बाथरूम के दरवाजे पर पहुँच गया।
मैं दरवाजे से बाहर खड़ा मधु को आवाज देने की सोच ही रहा था कि…
सलोनी- मधु ले तौलिया…
जाने अनजाने सलोनी हर तरह से सहायता कर रही थी… अगर मैं आवाज देता तो हो सकता था कि वो शर्म के कारण दरवाजा नहीं
खोलती… या अपने को ढकने के बाद ही खोलती… मगर सलोनी की आवाज ने उसको रिलैक्स कर दिया था…
जैसे ही दरवाजा की चटकनी खुलने की आवाज आई…
मैंने भी दरवाजे को हल्का सा धक्का दिया और दरवाजा पूरा खुल गया…
कहानी जारी रहेगी।
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