मेरे लण्ड का नसीब -3
(Mere Lund Ka Naseeb-3)
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अब तक आपने पढ़ा..
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में चले गए। बाथरुम में शावर के नीचे नहाने लगे।
मेरा लंड फिर तन गया। दर्द तो मुझे भी महसूस हुआ। लेकिन चूत के मजे के सामने ये दर्द कुछ भी नहीं था।
मैंने उसका एक पैर कमोड पर रखवा कर उसको उल्टा कर दिया और सवा घण्टे तक उर्मिला की चूत की चुदाई की।
फिर हम नहा कर बाहर आ गए। अब रात के 2 बज चुके थे।
मैंने कहा- अब हमें सोना चाहिए.. सुबह मुझे कम्पनी भी जाना है।
उसने कहा- ठीक है.. मैं भी थक गई हूँ।
मैं जैसे ही लेटा तो मेरा फोन बज गया, मैंने सोचा इस वक्त किसका हो सकता है?
मैंने देखा तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि मोनिका का फोन आ सकता है। मैंने उर्मिला को कहा- तुम चुप रहना.. मोनिका का फोन है।
मैंने फोन उठाया और ‘हैलो’ बोला.. तो मोनिका ने कहा- राहुल जी सो गए क्या?
मैंने कहा- नहीं..
उसने कहा- कौन है आपके पास?
अब आगे..
मैं चौंका.. तो उससे पूछा- क्या मतलब?
उसने कहा- कौन है आपके पास..? जो आपकी नींद उड़ी हुई है।
मैंने कहा- है कोई.. जो मेरी नींद चुरा रहा है।
उसने कहा- कौन है?
मैंने कहा- पता लगा लो।
उसने कहा- मुझे सच में लगता है.. कि आपके पास कोई है?
मैंने कहा- मैं भी वही तो कह रहा हूँ.. पता लगा लो।
तो उसने कहा- प्लीज बताओ ना कौन है?
‘है कोई.. जिसने मेरा दिल चुरा लिया है।’
तो मोनिका ने तुरंत कहा- राहुल जी आई लव यू..
मैंने कहा- क्या.. मुझे कुछ सुनाई नहीं दिया।
उसने फिर कहा- राहुल जी.. आई लव यू..
मैंने कहा- आई लव यू टू..
उसने कहा- आप मुझसे कितना प्यार करते हो?
मैंने कहा- जितना तुम मुझसे करती हो उससे हजार गुणा अधिक।
वो हँसने लगी और कहने लगी- आपसे बातों में कोई नहीं जीत सकता। अच्छा सुनो.. मुझे कल आपसे मिलना है।
मैंने कहा- हम कम्पनी में पूरा दिन तो साथ रहने वाले हैं।
उसने कहा- नहीं.. अकेले में।
मैंने कहा- ठीक है.. कल शाम को कमरे पर आ जाएंगे।
उसने कहा- मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ।
मैंने कहा- तुम तो ऐसे कह रही हो.. जैसे मैं तुमसे प्यार नहीं करता।
उसने कहा- मैं ऐसा तो नहीं कह रही।
तो मैंने कहा- मैडम जी अब सो भी जाओ.. कल कम्पनी में भी जाना है।
उसने कहा- मेरी नींद उड़ाकर.. अब आप सोने के लिए कह रहे हो।
मैंने कहा- अब सोने का क्या लोगी.. मोना डार्लिंग?
उसने कहा- एक प्यारी सी चुम्मी..
मैंने उसे फोन पर चुम्मी किया और ‘गुडनाईट’ बोल कर फोन रख दिया। फोन रखने के बाद मैंने उर्मिला को देखा तो वो मुझे अजीब नजरों से देख रही थी।
मैंने कहा- क्या हुआ उर्मिला?
उसने कहा- क्या इरादा है अब?
मैंने कहा- तुम बताओ।
उसने कहा- मुझे आपका माल पीना है।
मैंने कहा- मना किसने किया है?
उसने मेरा लंड पकड़ा और मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी।
मैं उसके मुँह को चोदने में लग गया।
मैं तो जन्नत में घूम रहा था। उसके सिर को पकड़कर लण्ड पर दबा रहा था। वो बराबर चूसे जा रही थी।
बीस मिनट बाद सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया और वो सारा माल पी गई।
फिर उठकर बाथरूम में जाकर सब साफ करके वापस आकर बिस्तर पर लेट गया। मैंने उर्मिला को समझाया कि कल शाम को तुम मेरे फोन करने के बाद ही आना।
फिर हम सो गए।
सुबह आठ बजे मेरी आँख खुली। मैं जल्दी नहा कर तैयार हो गया, मोनिका को फोन करके बता दिया कि मैं उसे लेने आ रहा हूँ।
मैं दस मिनट बाद ही उसके घर पहुँच गया। मैंने देखा कि वो तैयार होकर अपने घर के गेट पर खड़ी होकर मेरा इन्तजार कर रही थी। मेरे बाइक रोकते ही वो मेरे पीछे बाइक पर बैठ गई, हम पन्द्रह मिनट में ही कम्पनी में पहुँच गए।
सारा दिन काम में निकल गया, शाम को जैसे ही छुट्टी का वक्त हुआ.. तो वो मेरे पास आई और कहा- सर चलिए।
मैंने कहा- सर क्यों.. जानू कहो।
उसने कहा- अगर किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी और बदनामी भी।
मैंने भी कहा- ठीक है। कम्पनी में सर ही बोला करो।
हम पन्द्रह मिनट में ही मेरे फ्लैट पर पहुँच गए। हम अन्दर गए और मैं अन्दर जाते ही कपड़े उठाकर बदलने के लिए बाथरूम में घुस गया।
जैसे ही मैं कपड़े बदलकर बाहर निकला.. तो उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरे गले लगकर मेरे होंठों को चूसने लग गई।
क्या बताऊँ दोस्तो.. मुझे तो ऐसा लगा कि जैसे कोई परी मेरे पास हो और मैं उसके होंठों को चूस रहा हो।
लगभग पन्द्रह मिनट तक उसने मेरे होंठों को चूसा और कहने लगी- मुझे अपना बना लो.. आज मुझे औरत बना दो।
मैंने कहा- मोनिका.. बस एक-दो दिन की तो बात है। फिर मैं अपनी मोनिका डार्लिंग से शादी करूँगा और सुहागरात मनाऊँगा।
मैंने फिर से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। लगभग पन्द्रह मिनट तक मैंने उसके होंठों को चूसा और उसके चूचों को कमीज के ऊपर से ही दबाया।
एक घण्टा कब बीत गया.. हमें पता ही नहीं चला।
मैंने कहा- अब ज्यादा जल्दी ठीक नहीं है.. चलें अब?
उसने ‘हाँ’ में सर हिलाया और हम दस मिनट में ही मोनिका के घर पर पहुँच गए।
मैं बाहर से ही वापस आना चाहता था। लेकिन मोनिका की सास ने मुझे जबरदस्ती अन्दर बुलाया और उसकी सासू माँ ने आज फिर मुझ पर खाना खाने के लिए कहा और मोनिका ने भी दबाव डाला।
मैंने कहा- ठीक है।
मोनिका ने सबके लिए खाना लगा दिया। हम सबने एक साथ बैठकर खाना खाया। मैंने खाना खाने के बाद मोनिका की सास को नमस्ते बोला और बाहर आ गया।
मोनिका भी मेरे साथ मुझे छोड़ने के लिए बाहर आ गई।
मैंने ‘बाय’ बोला और अपने फ्लैट की तरफ चल दिया और दस मिनट में ही अपने फ्लैट पर पहुँच गया।
वहाँ पहुँचकर मैंने उर्मिला को फोन किया और उर्मिला 20 मिनट बाद ही वहाँ आ गई।
उसने आते ही कपड़े निकाल फेंके।
दोस्तो, ब्लाउज और पेटीकोट में क्या लग रही थी। उसका वो भरा हुआ बदन और बिना साड़ी के देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया।
मैंने उसको अपनी तरफ आने का इशारा किया, वो मेरे पास आकर बैठ गई, मैंने उसको पकड़कर चूमना शुरू कर दिया।
क्या रसीले होंठ थे उसके.. एक हाथ से उसके चूचों को मसलना शुरू कर दिया। ओर दूसरा हाथ उसकी चूत पर ले गया। ओर उसकी चूत को सहलाने लगा और उसकी जांघों को भी सहलाना शुरू कर दिया।
वो ऊहहहह.. आहह आहह की आवाजें निकालने लगी।
मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया और पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया और उतारकर अलग रख दिया।
उसने नीचे कुछ नहीं पहना था, मैंने उसके पूरे बदन को चूम डाला और जगह-जगह पर काट दिया।
वो ‘ऊहह.. आहह.. आहह..’ कर रही थी। मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो वो हल्के से चिहुंक उठी। वो अपने होंठों को काट रही थी। मैंने उसकी चूत को जीभ से चाटना शुरू कर दिया। वो लगातार सीत्कार कर रही थी.. मैं फिर भी उसकी चूत को अपनी जीभ से ही चोदे जा रहा था। कुछ ही देर बाद वो झड़ गई।
उसकी चूत से पानी निकल रहा था। वो शान्त हो गई और मैंने उसका सारा कामरस पी लिया। अब उसने उठकर मेरा लन्ड पकड़ा मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। वो बिलकुल लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी और दस मिनट में ही मेरा वीर्य उसके मुँह में निकल गया और वो सारा का सारा पी गई।
फिर हम 69 की अवस्था में आ गए। और एक-दूसरे को चुदाई के लिए तैयार किया।
फिर मैंने भी बिना देर किए उसकी चूत पर लंड रखकर एक जोर का धक्का मारा और एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी चूत की दीवारों को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।
उसके मुँह से ‘आहहह.. हहह..’ निकल गई।
मैं जोर से चोदता रहा और वो बड़बड़ाने लगी- आहहहहह.. चोद..दे.. मेरे राजजज.. चोददददद..
वो भी नीचे से कूल्हे उठा-उठाकर चुदवाने लगी।
मैं भी उसे खूब जोर से चोदे जा रहा था और वो दस मिनट में झड़ गई।
फिर मैंने उसे उल्टा करके कुतिया की तरह चोदा और वो दो बार फिर झड़ चुकी थी।
मैंने उसे बहुत देर तक चोदा।
अब मैं भी झड़ने वाला था तो मैंने तगड़े झटके मारकर उसकी चूत में ही झड़ गया।
फिर कुछ देर तक उसके ऊपर ही लेट गया। आज चुदास बढ़ गई थी तो.. मैंने उसे फिर लगातार दो बार और चोदा और लण्ड-चूत साफ करके सो गए।
सुबह आठ बजे मेरी आँख खुली।
मैं जल्दी नहा कर तैयार हो गया और कल की तरह आज भी मैंने मोनिका को फोन करके बता दिया कि मैं उसे लेने आ रहा हूँ।
मैं दस मिनट बाद ही उसके घर पहुँच गया। मैंने देखा कि वो तैयार होकर अपने घर के गेट पर खड़ी होकर मेरा इन्तजार कर रही थी। मेरे बाइक रोकते ही वो मेरे पीछे बाइक पर बैठ गई। हम पन्द्रह मिनट में ही कम्पनी में पहुँच गए। सारा दिन काम में निकल गया।
शाम को जैसे ही छुट्टी का वक्त हुआ। तो उसने मुझे बताया कि आज उसका पति आ गया है.. और वो आज मुझे उससे मिलवाएगी और फिर उससे मेरे और अपने बारे में बात करेगी।
मैंने देखा कि वो कम्पनी के गेट पर खड़ी होकर मेरा इन्तजार कर रही थी। मेरे बाइक रोकते ही वो मेरे पीछे बाइक पर बैठ गई। हम पन्द्रह मिनट में ही उसके घर पर पहुँच गए।
उसने मुझे अन्दर बुलाया। मैं अन्दर गया और उसकी सास के पैर छूकर नमस्ते किया।
फिर मैंने उसके पति से हाथ मिलाया और बैठकर बातें करने लगे।
फिर साथ में सभी ने खाना खाया।
मोनिका बहुत खुश लग रही थी, उसने मुझे आँख मार दी।
मैंने भी सबको देखकर उसे आँख मार दी।
खाना खाने के बाद मैंने सबको ‘बाय’ बोला और अपने फ्लैट पर आ गया।
मैंने आने के बाद उर्मिला को फोन कर दिया, वो आई उसे जी भरकर पूरी रात चोदा।
अगले दिन रविवार था। सुबह दस बजे उठ कर नहाया और नाश्ता किया। थोड़ी देर बाद मोनिका का फोन आया और मोनिका ने कहा- मेरा नामर्द पति तुमसे मिलना चाहता है।
मैंने कहा- ठीक है.. उसे लेकर मेरे फ्लैट पर आ जाओ।
तब तक उर्मिला नाश्ता बना चुकी थी, मैंने उससे कहा- मोनिका और उसके घर वाले आ रहे हैं। हम सब बाहर जाएंगे। मैं तुम्हें शाम को फोन करूँगा.. तभी तुम आना नहीं तो नहीं आना।
उसने कहा- जैसा आप ठीक समझो।
वो चली गई। मैं बैठा हुआ अपने लैपटाप पर काम कर रहा था। तभी कुछ देर बाद वो दोनों आ गए। मैंने उन्हें बिठाया और ठण्डा.. नमकीन और बिस्कुट आदि सबके लिए रख दिए।
हम सबने ठण्डा वगैरह पिया।
अब मैंने कहा- सुनाइए.. मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ।
उसके पति ने कहा- हमें आपकी मदद की जरूरत है। मेरी माँ ने मुझे बताया कि आप हरियाणा से हो और अकेले रहते हो। मैं आपसे कुछ मदद लेना चाहता हूँ।
मैंने कहा- जो भी बात है.. वो बिना किसी झिझक के मुझसे कह सकते हो।
तो उसने कहा- मैं इस काबिल नहीं हूँ कि मैं मोनिका को शारीरिक खुशी दे सकूँ।
मैंने झूठमूठ का नाटक करते हुए कहा- मैं कोई डाक्टर नहीं हूँ.. जो आपका इलाज कर सकूँ।
तभी उसने कहा- आप इसे अपनी पत्नी बना लीजिए और इसे वो खुशी दे दीजिए।
इतना कह कर वो रोने लग गया।
मैंने फिर नाटक करते हुए कहा- आप ये क्या कह रहे हो?
तो उसने कहा- आप समाज के सामने ये शादी मत करना। आप सिर्फ उसके साथ शारीरिक संबंध बना कर उसे औरत बना दीजिए और हमें बदनामी से बचा लीजिए।
मैंने उसे चुप करवाया और मोनिका से कहा- आप दूसरे कमरे में चली जाओ.. मैं इनसे अकेले में बात करना चाहता हूँ।
तभी मेरे दिमाग में एक योजना आई। मैंने अपने लैपटाप का कैमरा चालू कर दिया और आकर उसके पास बैठ गया। मैंने कहा- मुझे अपना भाई समझो.. और पूरी बात खुलकर बताओ।
उसने वही बात फिर से कही तो वो पूरी बात मेरे लैपटाप में रिकार्ड होती चली गई.. जिसे मोनिका भी छुप कर देख रही थी।
मोनिका के पति ने कहा- आप एक तरह मोनिका के पति ही रहोगे और वो आपकी पत्नी बनकर रहेगी।
मैंने कहा- मैं आपकी सारी बात मानने को तैयार हूँ.. लेकिन मेरी कुछ शर्तें है। अगर आप मानो तो मैं तैयार हूँ।
उसने कहा- मैं आपकी सारी शर्तें मानने को तैयार हूँ।
तो दोस्तों वो सब अगले भाग में बताऊँगा कि मैंने क्या-क्या शर्तें रखी और कैसे मोनिका मेरी पत्नी बनी।
कैसे मोनिका ने मुझे जिगोलो बनाया.. और मैंने कैसे अपना काम शुरू किया।
तब तक आपके प्यार भरे मेलों का इन्तजार रहेगा। अपने प्यारे दोस्त को इजाजत दीजिए।
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