चुदाई में शह और मात- 2
(Indian Hot Bhabhi Sex Kahani)
इंडियन हॉट भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि वासना की आग में जब जवानी का तड़का लगता है तो दो जिस्म बस एक जान हो जाना चाहते हैं.
कहानी के पहले भाग
गबरू जवान पर दिल आ गया
में आपने पढ़ा कि एक गोरा चिट्टा, लंबा कद, कसा हुआ कसरती बदन वाला लड़का एक भाभी को भा गया. उस भाभी ने उसे घर में काम के बहाने बुलाया और उसे अपना नंगा जिस्म दिखाकर अपने जाल में फंसा लिया.
दोनों बेड पर नंगे ओरल सेक्स का मजा ले रहे थे.
अब आगे इंडियन हॉट भाभी सेक्स कहानी:
रेखा ने अब आशु से खुशामद की कि अब पहले अंदर आ जाओ।
आशु ने उसकी आग को और भड़काया और नीचे होकर रेखा की टांगें पूरी फेला कर खोल दीं और एक बार दोबारा अपनी जीभ घुसा दी।
रेखा तड़फ उठी।
अब वो मचलते हुए आशु से बोली- अब और न तड़फाओ, पहले मेरी चूत की प्यास बुझा दो, अपना औज़ार अंदर करो।
आशु ने भी अब बिना समय गँवाए अपना मूसल एक ही झटके में पूरा पेल दिया।
हालांकि रेखा की चूत चुदी-चुदाई थी और खूब गीली हो गयी थी, फिर भी नये लंड का झटका उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और वो चीख उठी।
अब आशु ने पेलमपाल शुरू कर दी। रेखा भी उसका पूरा साथ दे रही थी।
आशु ने रेखा को हर पोज़ में चोदने का मन बनाया था।
उसने अब रेखा की चूत से लंड निकाल कर रेखा को घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में घुस गया।
आशु ने कोशिश तो की थी गांड में घुसने की, पर रेखा ने साफ मना कर दिया।
अब पीछे से चिपट कर आशु ने अपने हाथों से रेखा के मम्मे दबोच लिए थे।
रेखा भी मदमस्त हो गयी थी; उसने गर्दन घुमा-घुमाकर आशु को चूमना जारी रखा।
नौकर मालकिन की चुदाई अपने चरमोत्कर्ष पर थी।
रेखा ने अप आशु को नीचे लिटाया और चढ़ गयी उसके ऊपर!
उसने अपनी चूत को लंड के ऊपर सेट किया और लगी जोर ज़ोर से उछलने!
पता नहीं लंड चूत चोद रहा था या चूत लंड को चोद रही थी।
रेखा हाँफ रही थी, अब उसके बोल निकल रहे थे- आशु, मज़ा आ गया यार आज तो! आज तूने अपनी मेमसाब को खुश कर दिया। आज दिन भर सिर्फ और सिर्फ चुदाई ही होगी.
आशु भी बोला- हाँ मेमसाब, आज आपको वो मज़ा दूँगा कि आप भी क्या याद रखोगी।
कुछ पल बाद आशु ने रेखा को वापिस नीचे लिटा दिया और अबकी बार पूरे ज़ोर शोर से चुदाई शुरू की।
अब आशु कह रहा था- कि आया मज़ा मेमसाब या अभी और अंदर करूँ?
रेखा भी बोली- मेरे राजा, आज तो फाड़ ही दो मेरी मुनिया को … मैं भी तेरा लंड खा जाऊँगी।
पूरे कमरे में सीत्कारें और फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी।
आशु का अब होने वाला था, रेखा को तो पहले ही हो चुका था।
रेखा से आशु ने पूछा- मेरा होने वाला है, कहाँ निकालूँ?
और रेखा तो बिना कंडोम के चुदाई करवाती ही नहीं थी, पर वो आज लंड को बाहर निकालने को तयार नहीं थी।
उसने आशु को भींच लिया और बोली- अंदर ही निकाल दो। मैं बाद में दवाई ले लूँगी।
रेखा की चूत आशु के गाढ़े माल से भर गयी।
आज इतने सालों बाद रेखा की चूत को माल मिला था।
दोनों निढाल होकर बेड पर पड़े रहे।
तभी डोरबेल बजी।
शायद लंच की डिलीवरी थी।
आशु ने फटाफट अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोल कर लंच लिया।
सामने से 115 नंबर वाली मोनिका मेम आ रही थीं।
आशु को इस समय देख कर वो मुस्कुराई।
इसपर आशु बोला- दीवाली की सफाई करवा रहा हूँ।
वो कुछ और पूछतीं, इससे पहले आशु ने दरवाजा बंद कर दिया और रेखा को सारी बात बता दीं।
रेखा ने बुरा सा मुंह बना कर मोनिका को बहन की भद्दी गाली दी और उठकर अपने लिए सिगरेट सुलगा ली।
आशु ने जल्दी से कमरा ठीक किया।
रेखा के मोबाइल पर मोनिका का फोन बज रहा था, वो दोबारा बोली कि बहन की लौड़ी को चैन नहीं है।
लेकिन रेखा बड़ी मीठी आवाज़ में मोनिका से बात करते हुए अलमारी से अपने कपड़े निकाल कर बाथरूम में चली गयी।
आशु ने इस अंदेशे से कि कहीं मोनिका न आ जाये, पूरे घर के माहौल पर निगाह दौड़ाई और ठीक ठाक किया।
उसने रेखा की प्लेट मेज़ पर लगा कर लंच खोल दिया।
तभी रेखा कपड़े पहन कर आ गयी और बोली- फटाफट लंच कर लो. वो कुतिया सूंघते सूंघते यहाँ आएगी जरूर!
दोनों ने लंच किया और मेज़ साफ करी।
आशु ने अपने पहने कपड़ों में ही रही सही सफाई निबटानी शुरू की।
अब उसने वैक्युम क्लीनर चला लिया था ताकि आवाज़ बाहर तक जाये।
रेखा का मन अब सफाई में कहा था, वो इधर उधर से आते जाते आशु को चूम रही थी।
तभी डोरबेल बजी.
मोनिका थी।
रेखा मोनिका को लेकर सोफ़े पर पसर गयी।
आशु ने मौका देख कर रेखा से कहा- आप लोग बात कीजिये, मैं लंच करके आता हूँ, एक घंटे में आ जाऊंगा।
अब रेखा क्या कहती … उसने हाँ कह दी.
आशु चला गया।
एक घंटे बाद रेखा का फोन आया कि मोनिका चली गयी है, काफी कुरेद-कुरेद कर पूछ रही थी आशु के बारे में, तो वो जरूर उसे भी फोन करेगी।
रेखा ने आशु को कहा कि वो उसे ठीक 3 बजे बाहर चौराहे पर मिल जाये, शॉपिंग पर चलना है।
आशु क्या कहता, उसे तो पूरे दिन के लिए बूक कर ही लिया था रेखा ने … और फिर जो आज उनके बीच हुआ है उससे तो अब आशु रेखा का और भी दीवाना हो गया है।
तभी मोनिका का फोन आया आशु के पास!
उसने पूछा- कहाँ हो?
तो आशु ने कह दिया- अपने रूम पर हूँ।
मोनिका बोली कि कल उसके फ्लैट की भी सफाई में हेल्प कर दे।
अब आशु मना भी कैसे करता … उसने कहा- ठीक है, मैं फ्री होने पर आपको बताता हूँ।
मोनिका पीछे पड़ी- नहीं कल ही आ जाओ।
आशु ने काफी कहा कि ये उसका पेशा नहीं है, वो तो रेखा मेमसाब ने कहा तो उसने उनकी मदद कर दी।
पर मोनिका पीछे ही पड़ गयी।
आखिर आशु को कहना पड़ा कि रात को बता दूँगा।
तीन बजे आशु कपड़े चेंज करके चौराहे पर इंतज़ार कर रही रेखा की गाड़ी में स्टीयरिंग सीट पर बैठ चल पड़ा।
उसने रेखा से मुस्कुराकर मोनिका के फोन के बारे में बताया।
रेखा ने मुस्कुरा कर उसे चूम लिया और बोली- चले जाना … पर खबरदार जो किसी को भी लिफ्ट दी तो!
आशु हंस पड़ा।
दोनों ने तय किया कि कल आशु को मोनिका के पास चले ही जाना चाहिए वर्ना वो फिर रेखा के फ्लैट पर चक्कर लगाएगी।
रेखा ने आशु से गुरुग्राम चलने को कहा। उसे डर था कि मोनिका उन्हें कहीं ट्रेस न करे।
रास्ते भर रेखा आशु से चुहलबाजी करती रही।
एक बार तो उसने उसकी ज़िप खोल कर उसका लंड निकाल लिया और चूस दिया।
आशु को कहना पड़ा कि ऐसे तो ड्राइविंग नहीं हो पाएगी।
गुरुग्राम दोनों मूवी देखने चले गए।
मूवी में आशु ने भी रेखा के मम्मे जम कर दबाये और दोनों ने चूमचाटी में तो टीन्स को भी पीछे छोड़ दिया।
रेखा चुदासी हो रही थी।
मूवी के बाद डिनर खाते समय रेखा ने उतावलेपन में आशु से कहा कि आज रात वो उसके बिना नहीं रह पाएगी।
अब डर यह भी था कि गेट पर गार्ड्स की जानकारी में न आ जाये कि आशु रात को अंदर रहा है और रात को मोनिका को कैसे भी पता न चल पाये।
लौटते में मेडिकल स्टोर से रेखा ने गर्भ से बचने के लिए दवाई ले ली।
गार्ड्स की निगाहों से बचने के लिए आशु अपने सुबह पहनने वाला ट्रेक सूट अपने रूम से लेकर सोसाइटी से पहले ही गाड़ी की डिग्गी में बैठ गया।
रात के दस बज रहे थे।
रेखा ने सहज स्वभाव गाड़ी सोसाइटी के गेट में घुसाई।
गार्ड ने उसे नमस्ते की और बताया कि मोनिका मेम उसे पूछ रही थीं, और पूछ रही थीं कि अकेले गयी हैं या कोई और साथ था क्या!
रेखा मुस्कुरा दी।
उसने गाड़ी पार्किंग में न ले जाकर अपने टावर की ओर ले ली।
एक कोने में जहां अंधेरा था, वहाँ उसने आशु को बाहर निकाला।
आशु के हाथ में दो बड़े शॉपिंग बेग्स थे।
उन लोगों ने ये तय कर लिया था कि अगर मोनिका या कोई और मेमसाब पूछती हैं तो कह देंगे शॉपिंग को गए थे।
पर गनीमत रही कि रेखा के फ्लैट तक कोई नहीं मिला।
रेखा भी गाड़ी पार्क कर के आ गयी।
दोनों फ्लैट में घुस गए और घुसते ही बेल की तरह लिपट गए।
अब रेखा कोई भी मिनट नहीं खोना चाहती थी।
पर मोनिका को चैन कहाँ … उसका फोन आया आशु के फोन पर!
आशु ने उठाते ही कहा- मेम सो रहा हूँ. और हाँ कल मैं 10 बजे तक आ जाऊंगा।
मोनिका बोली- बच्चे स्कूल 8 बजे तक चले जाएंगे, तुम जल्दी ही आ जाना फिर दोपहर तक काम निबट जाएगा। नाश्ता तुम मेरे घर ही कर लेना।
आशु ने हाँ कह दी पर उससे कह दिया- आप अब सो जाओ, सुबह आपको मेरे साथ मदद करनी होगी।
रेखा आशु को लेकर वाशरूम में घुस गयी।
दोनों के कपड़े प्याज़ के छिलके जैसे उतर गए। दोनों शावर के नीचे चिपट कर खड़े हो गए।
ऊपर से गुनगुना पानी … नीचे आग लगाती चूत और तम्बू बना लंड!
आज तो रात मस्तानी होनी ही थी।
आशु ने शावर के नीचे ही रेखा के मम्मे मसल मसल कर चूसे।
रेखा भी नीचे बैठ गयी और उसका लंड लालीपोप बना कर चूसती रही।
आशु ने रेखा को खड़ा किया और उसकी एक टांग उठाकर सहारा देकर टोंटी पर रख दी रेखा उसे थाम कर खड़ी थी।
आशु ने अपना मूसल पेल दिया उसकी चूत में!
धकापेल शुरू हो गयी।
रेखा ज्यादा हिल नहीं पा रही थी … उसने तो आशु का सहारा लिया हुआ था।
आशु उसके होंठों से होंठ भिड़ा कर चुदाई कर रहा था।
चुदाई तो हो रही थी, पर मज़ेदार नहीं थी।
रेखा ने अपने को अलग किया और तौलिया लपेट कर बाहर आ गयी।
आशु भी पीछे पीछे बाहर आ गया।
रेखा ने दो छोटे ड्रिंक्स बनाए।
आशु ने कहा भी कि वो नहीं पीता!
पर रेखा ने उसे जबर्दस्ती पिला ही दी।
दोनों फिर बेड पर आ गए।
फिर चुदाई का जो घमासान शुरू हुआ तो देर रात तक ही थमा।
इस बीच आशु ने रेखा को हर पोज़ में चोदा।
रेखा में भी गजब का माद्दा था चुदाई का … उसने पूरा साथ दिया आशु का!
जितना आशु ने उसे दबा कर पेला उतना ही पलट कर उसने भी आशु के ऊपर चढ़ कर घुड़सवारी की।
आशु ने रेखा के मुंह से इतनी अश्लील भाषा पहली बार सुनी।
वो सोचता रह गया की आखिर पढ़े लिखे घर की महिलाएं भी इतना गंदा बोल सकती हैं।
रेखा ने उसे खूब गालियां देते हुए चोदने को उकसाया।
वो कहती रही- अरे, तेरे लोंडे का तो दम निकल गया, तू दिन में तो बड़ा चुदक्कड़ बन रहा था गांडू … अब तेरी मर्दानगी कहाँ माँ चुदाने चली गयी? आजा मेरे राजा … आज फाड़ दे मेरी चूत को! प्यास बुझा दे मेरी!
जब आशु ज्यादा बेरहमी से चोदता तो बोलती- बहनचोद … हराम का माल समझकर चोद रहा है? मेरी चूत फट गयी तो तेरा बाप जवाब देगा मेरे आदमी को?
इसी तरह अब आशु भी खुलकर बोल रहा था- हाँ आज तो आपकी फाड़ ही दूँगा. ऐसा मज़ा दूँगा कि हर रोज चुदवाने को मुझे ही बुलाएँगी। कुतिया बना कर चोदूँगा रोज़!
आशु ने आखिर में वेसलीन लगा कर रेखा की गांड भी मार ही ली।
रेखा बहुत उछली पर आशु गांड फाड़ कर ही रहा।
उसके आँसू निकल आए।
वो बहुत बिफरी- मना किया था तुम्हें, अब मैं पूरे दिन हिल भी नहीं पाऊँगी।
आशु ने भी पलट कर जवाब दिया- पूरे दिन मैंने वो किया जो तुमने चाहा. अब अगर एक काम मैंने अपनी मर्जी से कर दिया तो हल्ला क्यों मचा रही हो?
पर जो भी हो चुदाई का पूरा लुत्फ लिया दोनों ने!
पूरा बेड रूम ऐसा लग रहा था जैसे कोई तूफान आया हो।
पूरी बेडशीट वीर्य से जगह जगह चिपचिपी हो रही थी.
रेखा को यही पसंद था कि उसके साथ जंगलीपना हो।
पूरे रूम में जगह जगह सिगरेट के टुकड़े पड़े दे।
रेखा ने आज दसियों सिगरेट फूँक दी थीं।
थक कर रेखा आशु से चिपट कर नंगी ही सो गयी।
आशु की आँख सुबह चार बजे खुल गयी।
उसे सोसाइटी से बाहर निकलना था तो उसने रेखा को उठाया।
वो खुद तैयार हुआ और धीरे से खिसकता हुआ सोसाइटी के गेट तक आया।
उसे मालूम था कि इस समय दोनों गार्ड उनींदे हो रहे होते हैं और गेट भी अधखुला सा होता है।
उसने साधारण तरीके से गार्डों को उठते हुए कहा- आज मैं जल्दी आ गया हूँ, पहले गाड़ी सफाई कर देता हूँ, फिर दूध लेने जाऊंगा।
गार्ड भी सोचते रह गए कि आखिर उनको ऐसी झपकी कैसे आ गयी कि वो बाहर से आ गया और उन्हें मालूम भी न पड़ा।
पर आशु रोज जल्दी ही आता था, तो उन्हें भी चिंता नहीं हुई।
आशु ने एक घंटे में गाड़ियाँ साफ करीं और दूध लाकर सभी को देता हुआ अपने फ्लैट पर 7 बजे तक आ गया।
रेखा के फ्लैट कि जब उसने घंटी बजाई तो रेखा ने गेट खोला और उसे अंदर खींच लिया।
उसने अपने होंठ चिपटा दिये आशु से!
वो सेक्स के मूड में थी.
तब आशु ने समझाया कि मोनिका इंतज़ार कर रही होगी, क्या फायदा वो इधर आ जाये।
घर आकर आशु सो गया।
प्रिय पाठको, मजा आ रहा है ना इस इंडियन हॉट भाभी सेक्स कहानी में?
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