जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 3

(Hot Maid Xxx Story)

सैम 14 2024-11-13 Comments

हॉट मेड Xxx स्टोरी में मैं पढ़ाई के बाद घर आया तो मेरे सामने चूतों का अम्बार लगा था. पहले ही दिन घर की जवान नौकरानी मेरे कमरे में आई तो उसकी चूचियां दिख रही थी.

फ्रेंड्स, मैं समीर आपको अपने परिवार की चुदासी चूतों की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
चाची ने कार में मेरा लंड चूसा
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं मां के साथ कामुक हरकतें करता हुआ उन्हें चोदने की कोशिश कर रहा था और मां भी चुदने को राजी दिख रही थीं, मगर बार बार किसी न किसी के बुलाने से या आ जाने से वे खुल कर चुदाई का मजा नहीं ले पा रही थीं.

अब आगे हॉट मेड Xxx स्टोरी:

मां- बेटा, अब तू अपने कमरे में जा और आराम कर … और हां अपना सब सामान अपने कमरे में ले जा, फिर शाम को किसको क्या देना है, उसकी बात करेंगे.
मैं रसोई से बाहर आया और अपने कमरे में जाने लगा तो देखा नैना ऊपर सीढ़ियों पर पौंछा मार रही है.

नैना के स्तन आधे से ज़्यादा ब्लाउज से बाहर थे. मैं उसके स्तन देख रहा था.
उसने मुझे उसके स्तन निहारते हुए देख लिया और हंस कर चली गयी.

मैंने देखा कि यह सामान तो ज़्यादा है.
तो मैंने नैना को आवाज दी
वह झट से आ गई.

मैंने कहा- मेरे यह बैग मेरे कमरे में रख दे.
नैना- हां भैया लाओ … और कुछ भी रखना है तो मैं रख देती हूँ.

हमारा घर दो मंजिल का था. नीचे वाली फ्लोर पर एक बड़ा सा हॉल, रसोई और दादाजी का कमरा था.
ऊपर फ्लोर पर तीन बेडरूम थे.
एक मां और बाबूजी का, एक रूम शर्मिला का … और एक शीला का था.

सेकंड फ्लोर पर मेरा रूम था … जिसके बाहर एक बड़ी सी खुली छत थी. एक गेस्ट रूम था, जो बैक साइड में था.
हम दोनों जैसे ही मेरे रूम में पहुंचे, नैना ने बैग मेरे रूम में रखे और मेरे कंधे पर से वुडन बॉक्स उतारने में मेरी मदद करने लगी.

बॉक्स नीचे रखते समय नैना की साड़ी का पल्लू उस बॉक्स के कॉर्नर में फँस गया और साड़ी का पल्लू उसके बदन से अलग हो गया.
जिसके कारण उसकी गदरायी हुई छातियां मेरे सामने बिल्कुल खुली किताब की तरह दिखने लगी थीं.

मैंने कहा- वाउ!
नैना शर्माती हुई बोली- क्या भैया आप भी!

नैना ने अपना पल्लू उठाने के लिए हाथ बढ़ाया और मैंने तुरंत उसका हाथ पकड़ लिया और उसके उभारों को करीब से निहारने लगा.
वह भी कुछ क्षणों के लिए चुपचाप खड़ी रही.
फिर मैं अपना लेफ्ट हैंड नैना के स्तन पर फेरने लगा.

नैना- भैया, आपको मेरी छातियां इतनी अच्छी लगीं?
मैंने कहा- तेरी छातियां तो बहुत सुंदर और कोमल हैं. मेरी जोरू की छातियां ऐसी हों तो मैं उसे दिन में तीन से चार बार चूसा करूँ.
नैना- मेरा पति तो मेरी ओर देखता नहीं है!

मैंने नैना को अपने करीब खींच लिया और उसकी छातियों को चूमने लगा.
अपने दाएं हाथ से मैं नैना के ब्लाउज के बटन, जो पीछे की ओर थे … खोलने लगा.

दो ही मिनट में मैंने नैना का ब्लाउज को खोल दिया और उसकी ब्रा को उसके बदन से अलग कर दी.

नैना ने भी अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और उसे सहलाने लगी. मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था.
मैंने अपने बाएं हाथ से नैना के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और पेटीकोट बिना किसी रुकावट के नीचे सरक गया.

अब नैना पूरी नंगी हो गई थी. नैना ने भी मेरी ट्रैक पैंट और अंडरवियर को मेरे बदन से अलग कर दिया.
अब हम दोनों एक दूसरे के बदन को निहार रहे थे.

नैना- भैया, आपका लौड़ा तो मेरे पति से भी काफी बड़ा है!
मैंने कहा- तुझे बड़ा लौड़ा पसंद नहीं है?

नैना- अपने गांव में कौन सी ऐसी औरत होगी, जिसे बड़ा लौड़ा पसंद नहीं होगा? मेरे पति का लौड़ा इतना बड़ा हो, तो मैं दिन में दो बार उससे चुदाई करूँ.
मैंने कहा- यह लौड़ा भी तो तेरा ही है, जब तेरा जी चाहे इससे चुदवा लेना!

मैंने नैना को अपने बेड पर लिटा दिया और उसके स्तन को चूसने लगा.
नैना भी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां लेने लगी.

मैंने कहा- नैना मुझे तेरी गांड बहुत अच्छी लगी. तेरा बदन एकदम हीरोइन के जैसा है.
नैना- आप भी एकदम हीरो लगते हो.
मैंने कहा- तू कौन सी किसी हीरोइन से कम है!

नैना- कहां भैया, मेरी ओर तो कोई देखता भी नहीं है. मेरा खुद का पति दिन भर खेतों में काम करता है और रात को गांड उठा कर सो जाता है. पिछले 14 महीने में उसने मुझे सिर्फ़ तीन बार चोदा है!

मैंने कहा- मेरी बीवी तेरे जैसी हो, तो मैं उसे एक सप्ताह में 14 बार चोदूँ!
नैना- भैया आपको तो कोई बहुत सुंदर लड़की मिलनी चाहिए, अपनी शीला दीदी के जैसी. अगर आप शीला दीदी का यौवन देखोगे तो पागल हो जाओगे.

मैंने कहा- मुझे तो तेरे बदन जैसा बदन अच्छा लगता है. तेरा बदन एकदम गठीला है और तेरी गांड एकदम नर्म रूई के जैसी है. तेरी चूचियां एकदम खड़ी हैं, चाहे कितना भी चूसो या प्यार करो … इनमें कोई ढलकाव नहीं आता है.
नैना- हां इस घर में मेरी जैसी चूचियां बस शर्मिला दीदी की हैं.

मैंने कहा- सच?
नैना- हां एक बार मैंने उन्हें नहाते हुए देखा है. ओह भैया … थोड़ा धीरज रखो अभी तो आप आए हो. शर्मिला दीदी की चूत भी बहुत छोटी सी है. एक बार वह अपनी चूत में उंगली कर रही थीं और मैं उनके कमरे में चली गयी थी. आपकी दोनों बहनों के बदन एकदम मक्खन जैसे हैं. आपकी मां जी भी कुछ कम नहीं हैं. वे भी हर दिन अपने शरीर की मालिश करवाती हैं. कई बार तो हम दोनों एक दूसरे के गुप्त अंगों में उंगली भी करती हैं और एक दूसरी को शांत करती हैं.

मैंने कहा- कभी किसी ने तेरी चूत चाटी है?
नैना- नहीं, आज तक तो किसी ने नहीं चाटी है!
मैंने कहा- आज मैं तेरी चूत चाट कर तुझे चूत चटाई का सुख दूँगा.

मैंने बिना समय नष्ट किए नैना को अपने बेड पर लिटा दिया और उसके लब चूसने लगा.
मेरे दोनों हाथ नैना के स्तन दबा कर रहे थे.

नैना- भैया, किवाड़ तो बंद कर दो!
मैंने कहा- ठीक है.

मैं जल्दी से जाकर किवाड़ों को बंद किया और हॉट मेड Xxx का मजा लेने नैना के पास बेड पर पहुंच गया.

नैना ने भी तुरंत मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी.

मैंने अपने होंठ नैना की चूत के होंठों पर रख दिए और जीभ से चूत को चाट लिया.
नैना एकदम से उछल पड़ी.

मैंने नैना की चूत चाटना जारी रखा और अगले कुछ ही मिनट तक मैं नैना की चूत को बिना रुके चाटने में लगा रहा.
नैना भी मेरा लौड़ा ज़ोर ज़ोर से चूस रही थी.

कुछ ही क्षणों में नैना मेरे मुँह में झड़ गयी.
मैंने नैना के मुँह से अपना लौड़ा निकाला और उसे मेरे लंड पर बैठने को कहा.

मैंने कहा- नैना, अब मुझे तेरी चूत मारनी है!
नैना- हां भैया, मेरी चूत भी बहुत दिन से प्यासी है.

मैं नीचे लेट गया और नैना को अपने लंड पर बैठने को कहा.
नैना ने अपनी चूत के छेद को मेरे लंड पर सैट किया और बैठने लगी.

लंड मोटा था तो नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे.
नैना- भैया बहुत दर्द हो रहा है. आपका लौड़ा बहुत मोटा है. मेरी चूत फट जाएगी.
मैंने कहा- नैना एक बार यह पूरा अन्दर चला जाएगा, तो बहुत आनन्द मिलेगा.

नैना- हां वह तो पता है, पर यह अन्दर जाएगा कैसे?
मैंने कहा- तू एकदम ज़ोर से मेरे लंड पर बैठ जा. तू ऊपर से ज़ोर लगा और मैं नीचे से ज़ोर लगाता हूँ.

नैना अपनी पूरी ताकत से मेरे लंड को अपनी चूत में डालने का प्रयास कर रही थी और तभी मैंने एक ज़ोरदार झटका मेरी तरफ से दे मारा.

मेरा लौड़ा उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर तक घुसता चला गया.
वह आह कर उठी.

मैंने इसी तरह से दो तीन बार नैना की चूत पर ज़ोर ज़ोर से अपने लंड से प्रहार किया और अब लौड़ा आसानी से उसकी चूत में अन्दर बाहर होने लगा.

अचानक मेरी नजर बेड के सामने लगे शीशे में पड़ी.
मैंने देखा कि शीला मेरे कमरे की खिड़की में से यह सब देख रही है.

मैंने नैना को काफ़ी ऊपर तक उठाया और फिर नीचे छोड़ दिया.
अब नैना को खूब आनन्द मिल रहा था. नैना के बाल उसके मुख और छाती को कवर कर रहे थे.

जब शीला ने मेरे पूरे लंड के दीदार किए तो उसकी भी आंखें बड़ी हो गईं.

अब मैंने और नैना ने पोजीशन चेंज कर दी.
नैना मेरे नीचे आ गई और मैं उसके ऊपर था.

मैंने लंड से नैना की चूत पर लंड को एक ज़ोरदार झटका मारते हुए अन्दर पेला, जिसके कारण मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया.

वह अपने दांत पीसती हुई अपनी आवाज दबा रही थी.
उसे बेहद दर्द हुआ था.

अगले कुछ मिनट तक मैं नैना की चूत को तेजी से रगड़ता रहा और अब वह भी खूब आनन्द ले रही थी.

नैना अब तक दो बार झड़ चुकी थी.
जब मैं अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया तो मैंने नैना से पूछा- पानी अन्दर डालूं या बाहर?
नैना- पानी अन्दर ही डालो!

कुछ समय और धक्के मारने के बाद मैं नैना के ऊपर गिर गया.
नैना थोड़े समय मेरे नीचे पड़ीं रही.

और वह मां की आवाज सुन कर सकपका गई.

मैं जल्दी से उठ कर चादर को ही लपेट कर बाहर आया और मां को देखने लगा.

मां- नैना कहां है?
मैंने कहा- मां, वह जरा कमरा साफ कर रही है.

वे चली गईं.

मैंने खिड़की से बाहर देखा तो शीला खिड़की के नीचे बैठी अपनी चूत में उंगली कर रही थी.

मैंने अपनी ट्रैक पैंट उतार दी और बॉक्सर पहन कर सो गया.
नैना अपने कपड़े ठीक करके नीचे मां के पास चली गयी.

शाम के साढ़े चार बजे मां ने मुझे आवाज लगाई और उठने के लिए कहा.
मैंने मां की आवाज का कोई जवाब नहीं दिया.

जब मेरी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मां ने शर्मिला को मेरे कमरे में भेजा.

मां- शर्मिला जा, जरा अपने भैया को उठा … और बोल कि उससे मिलने शिल्पा मौसी और सीमा दीदी आने वाली हैं.
शर्मिला- अच्छा मां जाती हूँ.

मैंने तुरंत अपना लंड बॉक्सर से बाहर निकाला और अपने चेहरे पर तकिया रख कर सोने की एक्टिंग करने लगा.

मैं तकिया के नीचे से सब कुछ साफ साफ देख सकता था.
मैंने देखा तो शर्मिला मेरे कमरे के दरवाजे पर खड़ी थी और अपने पीछे देख रही थी कि कहीं कोई उसके पीछे खड़ा तो नहीं है.

शर्मिला बिल्कुल धीरे धीरे मेरे बेड के निकट पहुंच कर एक बार फिर से अपने चारों ओर देखने लगी कि उसे कोई देख तो नहीं रहा है.

फिर शर्मिला धीरे से मेरे बेड पर बैठ गई और उसने डरते डरते अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया.

पहली बार लंड को छूने के बाद उसने उसे जल्दी से छोड़ दिया और उठ कर खड़ी हो गयी.
जब उसे ऐसा लगा कि उसे कोई नहीं देख रहा है और मेरी और से भी कोई हलचल नहीं हो रही है, तो वह एक बार फिर धीरे से बेड पर बैठ गयी.

अब उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी.

शर्मिला के हाथों की गर्मी से मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया.
मेरी बहन को भी इसमें मज़ा आने लगा.
वह अपने दूसरे हाथ से अपने अपनी चूत को घाघरे के ऊपर से दबाने लगी.

मैं उसकी ये सब हरकतें बेड के सामने लगे शीशे में आसानी से देख रहा था.

अब शर्मिला अपना हाथ मेरे लंड पर और टाइट कर लिया और आंखें बंद कर लीं.
मैं भी इसी समय का इंतजार कर रहा था.

जैसे ही शर्मिला ने आंखें बंद की, मैंने अपना एक हाथ शर्मिला के दूध पर रख दिया और उसे अपने पास खींच कर लिटा लिया.

शर्मिला भी बिना कुछ बोले मेरे बाजू में लेट गयी.
मैंने शर्मिला का ब्लाउज उसकी छाती से ऊपर कर दिया.
उसके गोरे गोरे स्तन व उसके गुलाबी चूचुक मेरी आंखों के सामने थे.

इस समय हम दोनों सब रिश्ते नाते भूल चुके थे और वासना हम दोनों के सिर चढ़ चुकी थी.
मैंने कहा- शर्मिला, तेरे स्तन तो बहुत खूबसूरत हैं … और तेरे निप्पल तो एकदम अनछुए से लगते हैं!
शर्मिला- भैया तुम इस धरती पर दूसरे इंसान हो, जिसने मेरी छाती को छुआ है.

मैंने कहा- पहला इंसान कौन है?
शर्मिला- पहला इंसान मैं खुद हूँ. आज तक मैंने अपना शरीर सिर्फ़ उस इंसान के लिए संभाल कर रखा था, जिसे मैं खुद से ज़्यादा प्यार करूँगी.

मैंने कहा- मुझ में ऐसा क्या देखा तूने?
शर्मिला- मैंने जब आपको स्टेशन पर देखा था, तो आप मुझे बहुत अच्छे लगे थे. आपने जिस तरह से मुझे छुआ और अपने गले से लगाया … सच में आपका वह स्पर्श मुझे अन्दर तक छू गया था.

मैंने कहा- फिर?
‘फिर आपने अपना हाथ मेरी चूत से लेकर मेरी गांड तक फेरा … जब आपने मुझे अपने गले लगाया तो आपके शरीर के हर एक अंग का स्पर्श मेरे मन को भा गया.’

मैंने कहा- मेरे शरीर के कौन से अंग का स्पर्श तुझे सब से अच्छा लगा?
शर्मिला- मुझे आपके लिंग का स्पर्श बहुत अच्छा लगा. मेरी सहेलियां भी बताती हैं के उनके भैया भी उन्हें जब गले लगाते हैं तो उनका लिंग भी एकदम से तन जाता है और उसका स्पर्श बहुत अच्छा लगता है. मुझे तो आपकी चौड़ी छाती और उस पर ढेर सारे बाल देख कर ऐसा लगा कि आप बहुत सेक्सी हो! जब आप का लिंग एकदम से तन कर मेरी नाभि पर टच करने लगा, तो मैं समझ गयी कि आपको भी मेरे शरीर का स्पर्श भा गया है.

मैंने उससे पूछा- तो आज तेरी प्यास बुझानी है?
वह बोली- मेरी अब तक सील पैक है!

मैं समझ गया कि यह दर्द से चिल्लाएगी तो इसे संभल कर अकेले में चोदना पड़ेगा.

दोस्तो, हॉट मेड Xxx स्टोरी के अगले भाग में आपको इससे आगे की दास्तान सुनाऊंगा. आप मेरी इस चुदाई की कहानी पर अपने विचार जरूर भेजें.
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हॉट मेड Xxx स्टोरी का अगला भाग: जवान लड़के के घर की सम्भोग लीला- 4

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