मेरी जवान मम्मी ने मेरे साथ सेक्स किया
(Xxx Mom Son Chudai Kahani)
Xxx मॉम सन चुदाई कहानी मेरी अपनी है अपनी मम्मी के साथ. मेरी मॉम का भरा हुआ बदन, बड़े बड़े बूब्स और मोटी गांड किसी को भी पागल कर सकती है.
मेरा नाम रिक्की है और मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी बताने जा रहा हूं.
Xxx मॉम सन चुदाई कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने और अपनी फैमिली के बारे में बता देता हूँ.
मेरे घर में हम चार लोग हैं. मम्मी पापा, मैं और मेरी दीदी.
मेरी मम्मी का नाम नौशीन है. वो 42 साल की हैं, लेकिन दिखने में 32 साल की लगती हैं.
उनकी फिगर बड़ी मस्त है. मेरी मॉम का भरा हुआ बदन, बड़े बड़े बूब्स और मोटी गांड किसी को भी पागल कर सकती है.
वहीं दूसरी और मेरी दीदी डिक्सी, जो अभी 21 साल की है, वो भी कुछ कम नहीं है. दोनों ही एक से बढ़कर एक माल हैं.
वैसे यह कहानी मेरी मॉम की चुदाई की है तो दीदी पर ज्यादा बात नहीं करते हुए मैं सीधे सेक्स कहानी पर आता हूं.
मैं अभी 19 साल का हूँ और एक कॉलेज का स्टूडेंट हूं.
कॉलेज में दोस्तों के साथ हर तरह की बातें होती हैं लेकिन अभी तक मैंने कभी अपनी मॉम को वासना की नजर से नहीं देखा था.
घर में सारा कुछ सामान्य चल रहा था.
लेकिन कुछ समय बाद मुझे मॉम की गदरायी जवानी का अहसास गर्म करने लगा था और मैं उनकी इस मादक जवानी का दीवाना हो गया था.
अब मैं हमेशा उनकी चूचियों को घूरता रहता था. कभी-कभी उनके नाम की मुट्ठी भी मार लिया करता था.
एक दिन की बात है. उस टाइम पापा बिजनेस के सिलसिले में कहीं बाहर गए हुए थे और हम तीनों का प्रोग्राम मौसी के यहां जाने का बन गया.
सुबह 5:00 बजे की बस से हम तीनों निकल गए क्योंकि शाम तक वापस भी आना था.
लेकिन मौसी रुकने की जिद करने लगीं. मगर मॉम ने मना कर दिया और हम दोनों वापस आने की तैयारी करने लगे.
आखिरकार मौसी के बहुत कहने पर मेरी दीदी वहीं रुक गई और हम दोनों ने वापस आने के लिए बस पकड़ ली.
बस में बहुत ज्यादा भीड़ थी, हम दोनों के सीटों के बीच में खड़े हो गए.
पर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि दोनों बिल्कुल चिपके हुए खड़े थे.
मैं मॉम के पीछे था.
अचानक मेरा लंड खड़ा होने लगा और मॉम की गांड को दबाने लगा.
मुझे डर लग रहा था कि पता नहीं मॉम क्या सोचेंगी.
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं और किस तरह से अपने लंड को बैठा लूं.
तभी मॉम ने पीछे मुड़कर हल्की सी स्माइल दी तो मैंने भी रिप्लाई में स्माइल पास कर दी. इससे मेरा लंड और भी ज्यादा खड़ा होने लगा था.
तभी अचानक मुझे ऐसा लगा कि मॉम अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ रही हैं.
पहले तो मैंने सोचा कि हो सकता है, बस के झटकों की वजह से ऐसा हुआ हो.
लेकिन जो भी कारण रहा हो … मुझे बहुत मजा आने लगा था.
मेरा डर भी खत्म होने लगा था.
लगभग घंटा भर ऐसा चलता रहा.
फिर हम दोनों घर पहुंच गए.
मॉम फ्रेश होने चली गईं और मैं बस में मॉम की स्माइल का मतलब सोच रहा था कि क्या यह मॉम के तरफ से हरी झंडी थी या फिर ऐसे ही.
मैंने सोचा कि चलो कोशिश करके देखता हूं … क्योंकि कहा जाता है कि हंसी तो फंसी.
मॉम फ्रेश होकर आ गईं और मेरे साथ सोफे पर बैठ गईं.
वो हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थीं, मैंने मॉम को सॉरी बोला.
मॉम- सॉरी … पर क्यों?
मैं- वो मॉम बस में …
मॉम हंसने लगीं और बोलीं- कोई बात नहीं बेटा … ऐसा होता है. वैसे एक बात बताओ, तुम्हारा वो हाल किसके बारे में सोचकर हुआ था?
मैंने सोचा कि बात करने का यही मौका है. मैंने मॉम को देखा और कहा- वो मॉम बस में भीड़ बहुत ज्यादा होने के कारण मैं आपसे चिपका हुआ था, जिससे ऐसा हुआ.
मॉम हंसने लगीं और बोलीं- अच्छा बेटा … मतलब अपनी मॉम से चिपके होने से तुम्हारा खड़ा हो गया था?
मैं- मॉम आप हो ही इतनी सुंदर कि कोई क्या कर सकता है.
मॉम- बहुत शैतान हो गया है तू … चल जा और जाकर नहा ले.
मैं भी नहाने चला गया.
वापस आया तो देखा कि मॉम रसोई में खाना बना रही थीं.
मैं पीछे से मॉम की कमर को सहलाने लगा.
मॉम- क्या कर रहे हो बेटा?
मैं- कुछ नहीं मॉम मैं तो बस यह सोच रहा था कि आपकी कमर कितनी चिकनी है … बिल्कुल संगमरमर की तरह.
मैं मॉम की कमर को सहलाते हुए उनकी नाभि में उंगली करने लगा.
मॉम- क्या बात है, आज अपनी मॉम पर कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है.
मैं- प्यार तो हमेशा से था, पर पहले मैंने कभी जताया नहीं.
हम दोनों की इस तरह बातें चल रही थीं और मैं मॉम के बदन को इधर-उधर टच कर रहा था.
मॉम मुझे मना तो कर रही थीं लेकिन इसका विरोध नहीं कर रही थीं जिससे मुझे मालूम हो गया था कि मेरा काम बन सकता है, बस थोड़ा टाइम चाहिए.
अब मैं ब्लाउज के कटे भाग से मॉम की गर्दन और पीठ को चूमने लगा.
मैं अपना हाथ बूब्स पर रखने की वाला था कि मॉम हट गईं.
वो बोलीं- चलो अब खाना खा लो … खाना तैयार हो गया है.
हम दोनों ने खाना खाया और खाना खाने के बाद मॉम फिर से रसोई में बर्तन साफ करने चली गईं.
मैं भी उनके पीछे गया और मॉम की चूचियों को दबा दिया.
मॉम ने मुझे जोर से धक्का दिया और मेरी तरफ मुड़ गईं.
मैं डर गया और आंखें बंद कर गाल पर एक जोरदार तमाचा का इंतजार करने लगा.
तभी अचानक मेरे होंठों पर जोरदार किस का अहसास हुआ.
मेरी मॉम मेरे होंठों को जोर-जोर से चूस रही थीं.
इससे मेरा भी डर दूर हो गया और मैं भी मॉम के होंठों को चूसने लगा.
लगभग 5 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए.
दोनों की सांसें तेज चल रही थीं.
मॉम हांफती हुई बोलीं- बेटा बहुत देर से मैं तुम्हें देख रही हूं, तूने जो आग लगाई है … अब तुम ही उसे बुझाओगे.
यह बोलकर मॉम फिर से होंठों को चूमने लगीं.
मैं भी कहां पीछे हटने वाला था. हम दोनों के चुम्बन लगातार चल रहे थे.
मैं मॉम के बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद हम दोनों का किस खत्म हुआ तो मैं गर्दन को चूमते हुए उनके मम्मों पर आ गया.
मॉम की साड़ी का पल्लू अब तक नीचे गिर चुका था और मैं ब्लाउज के ऊपर से मम्मों को चूसने लगा.
मॉम का हाथ मेरे सर पर था और वह जोर-जोर से मुझे अपने मम्मों में दबा रही थीं.
वे बोल रही थीं- आंह चूसो बेटा और जोर से चूसो … आंह.
मेरी लार से मॉम का पूरा ब्लाउज गीला हो चुका था. फिर मैं पेट को चूमते हुए उनकी नाभि तक आया और नाभि को चूसने लगा, काटने लगा.
मॉम की मीठी सी चीख निकल गई और वो बोलीं- काट क्यों रहे हो बेटा … आराम से करो, मैं भागी थोड़ी ना जा रही हूं.
पर मैं कहां सुनने वाला था … मैं अपने काम में लगा रहा.
अब मैंने मॉम की साड़ी खींच दी और साथ ही पेटीकोट का नाड़ा भी खोल दिया.
वे मेरे सामने लाल रंग की चड्डी में रह गई थीं जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.
मैं चड्डी के ऊपर से ही मॉम की चुत को चूसने लगा.
मॉम की मादक सिसकारियां निकल रही थीं. वो ‘आह आह आह …’ किए जा रही थी और बोल रही थीं- आंह चूसो बेटा … और जोर से … बेटा और जोर से चूसो.
थोड़ी देर बाद मैं रुक गया तो मॉम बोलीं- क्या हुआ बेटा रुक क्यों गए?
तो मैं बोला- कुछ नहीं मॉम, चलो अब बाकी काम रूम में करेंगे.
हम दोनों बेडरूम में आ गए.
कमरे में आते ही मैंने मॉम के सारे कपड़े निकाल दिए और अपने भी.
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे.
मैंने मॉम को बेड पर लिटा दिया और उनके बूब्स ऐसे पीने लगा जैसे कोई छोटा बच्चा पीता है. कभी एक तो कभी दूसरा!
मॉम भी बड़े मजे से मेरे सर को दबा रही थीं और सिसकारियां भर रही थीं.
मैं दूध पीते पीते अपना हाथ चूत पर ले गया और चुत सहलाने लगा.
मॉम और भी उत्तेजित हो गईं.
वो बोलीं- बेटा, अब मत तड़पाओ … अपना लंड मेरी चुत में अन्दर कर दो.
मैं बोला- नहीं मॉम पहले मैं आपकी चुत चाटूंगा और आप मेरा लंड चूसोगी, फिर मैं चूत चोदूंगा.
मॉम बोलीं- फिर देर किस बात की.
हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मॉम मेरा लंड चूस रही थीं और मैं मॉम की बुर को चाट रहा था.
लगभग 10 मिनट में हम दोनों ही झड़ने वाले थे.
मैं बोला- मॉम मेरा छूटने वाला है.
तो मॉम ने जवाब दिया- बेटा मैं इसे पीना चाहती हूं … तुम मेरे मुंह में ही झड़ जाओ और मेरा भी तो पी ले. बहुत मजा आएगा.
हम दोनों ही झड़ गए और दोनों ने एक दूसरे का सारा रस पी लिया.
मॉम का तो पता नहीं … लेकिन मैंने यह पहली बार किया था, मुझे तो बहुत मजा आया. मॉम ठीक ही कह रही थीं.
थोड़ी देर के लिए हम दोनों शांत हो गए.
फिर मॉम मुझे किस करने लगीं और मेरे लौड़े को सहलाने लगीं जिससे लौड़ा थोड़ी ही देर में खड़ा हो गया और चूत फाड़ने के लिए तैयार हो गया.
मॉम बोलीं- बेटा अब मत देर करो … अपने इस मूसल को अन्दर डाल दो.
मैं भी देर ना करते हुए मॉम की दोनों टांगों के बीच आ गया, उनकी टांगों को ऊपर उठाया और लौड़े को चूत पर सैट कर दिया.
फिर एक ही धक्के में पूरा लौड़ा अन्दर उतार दिया.
मॉम की चीख निकल गई, वो चिल्लाती हुई बोलीं- आंह मर गई … आराम से करो … दर्द होता है.
मैं बोला- मॉम, तुम्हारी चूत इतनी चिकनी है कि मुझसे रुका नहीं गया.
यह कहते हुए मैं धक्के पर धक्का लगाने लगा.
मॉम को भी मजा आ रहा था.
वे भी अपनी तरफ से धक्का लगा रही थीं और सिसकारियां भर रही थीं- आह आह्ह ह्ह्ह अम्मी मर गई … आह आआह्ह ईआई … ईईई आआ ह्ह्ह ह्ह्ह और जोर से … और जोर से बेटा … और जोर से!
मैं भी धक्के पर धक्का लगा रहा था और हर धक्का के साथ बोल रहा था- यह ले रानी यह ले.
थोड़ी देर बाद मैं स्लो होने लगा तो मॉम बोलीं- लगता है मेरा राजा बेटा थक गया है … ऐसा करो तुम नीचे आ जाओ.
मैं नीचे लेट गया.
मॉम मेरे लौड़े पर बैठकर चुदवाने लगीं.
वे उछल उछल कर लौड़े को अन्दर ले रही थीं जिससे उनके दोनों बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे.
मैं उनके बूब्स को पकड़ कर दबाने लगा, साथ ही नीचे से झटका देने लगा.
अचानक मॉम मेरे ऊपर लेट गईं और जोर जोर से झटका मारने लगीं.
कुछ ही देर में मॉम का रस छूट गया और वो मेरे शरीर ऊपर लेट गईं लेकिन मेरा अभी भी नहीं निकला था.
मैं बोला- मॉम, मैं आपको डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता हूं.
मॉम बेड के एक किनारे पर घुटनों के बल लेट गई और मैं जमीन पर खड़ा होकर पोजीशन में आ गया.
मैंने अपना लौड़ा चूत में डाल दिया और कमर हिला हिला कर मॉम को चोदने लगा.
मॉम फिर से सिसकारियां लेने लगीं.
अब मैं छूटने वाला था तो मैं बोला- मॉम मेरा निकलने वाला है.
मॉम बोलीं- बेटा अन्दर ही निकाल लो, मैं इसकी गर्मी महसूस करना चाहती हूं.
थोड़ी ही देर में मैं अपना सारा पानी मॉम की चूत में छोड़ दिया और निढाल होते हुए बेड पर लेट गया.
थोड़ी देर बाद मैं बोला- मॉम, एक बार और चोदाचोदी हो जाए.
मॉम बोलीं- बेटा आज मैं बहुत थक गई हूं … अब सो जाओ. मैं कौन सी भागी जा रही हूं, कल फिर से चोद लेना.
फिर हम दोनों नंगे ही सो गए.
दोस्तो, मैं इस Xxx मॉम सन चुदाई कहानी को यहीं विराम देता हूं. आगे मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने मॉम को घर के हर कोने में चोदा.
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