मेरी बदचलन मां की चुदाई लीला- 2

(Porn Mom Sex Kahani)

पोर्न मॅाम सेक्स कहानी में मैं अपनी सगी माँ की चुदाई की घटना बता रहा था कि कैसे मैंने अपनी माँ को उनके प्रिंसीपल के साथ खेतों में जाकर चुदाई करते देखा था.

दोस्तो, मैं प्रकाश आपको अपनी बदचलन मां की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी चरित्रहीन मॅाम की करतूत
में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरी मां अपने स्कूल के प्रिंसिपल संजय सर से सैट थीं और उनके साथ ही एक सुनसान खेत में सेक्स का मजा ले रही थीं.

अब आगे पोर्न मॅाम सेक्स कहानी:

संजय सर- अब चूसो लंड को … और फिर से उसे चूत के लिए तैयार करो.

मां लंड के पास बैठ कर उसे हिलाने लगीं, फिर मुँह में लेकर चूसने लगीं.

तब मां बोली- अब जल्दी पानी नहीं छोड़ेगा ये.
सर- हां पहली बार में जल्दी छोड़ देता है. अब बहुत टाइम लगेगा.

मां- देखो, फिर से खड़ा हो रहा है.
फिर वे लंड को किस करती हुई सर को देखने लगीं.

मां- इसका (लंड) मुँह होता तो कान के नीचे बजाती, देखो साला कितना टाइट हो गया है.
सर- ये कट जाए तो?
मां- मैं तो मर ही जाऊंगी इसके बिना. आओ ना, अब करो … खड़ा हो गया.

सर- बैठ जा ना इसी के ऊपर!

फिर मां ने लंड को चूत पर रख लिया और बैठने लगीं.
कुछ ही देर बाद नीचे से संजय सर ने धक्का दिया और पूरा लंड चूत में पेल दिया.

मां की चीख निकली- आई मां, धीरे से करो न जान!

फिर मां धीरे धीरे लौड़े के ऊपर नीचे होने लगीं.
संजय सर मां के झूलते हुए बूब्स दबाने लगे और चूसने लगे.

संजय सर- तुम्हें पता है न कि कल मुझे तुम वाशरूम जाती दिखीं थी, तब मेरा मन कर रहा था कि अन्दर आ जाऊं.
मां उछलती हुई बोलीं- फिर आए क्यों नहीं?

संजय सर- तेरी बदनामी ना हो इसलिए डर रहा था मेरी जान. ठीक से कर ना … सिर्फ़ कमर हिला.
मां कमर हिला कर मज़े लेने लगीं.

संजय सर- तेरे साथ इतना मजा आता है … जितना बीवी के साथ नहीं आता.
मां- बीवी के साथ मजा आता, तो हम यहां नहीं होते. मुझे तो आपने खुद ही बोला है कि पति के साथ सेक्स ना करने को … पर आप अपनी बीवी के साथ कर रहे हो.

संजय सर- मेरी बात अलग है, मैं मर्द हूँ. दोनों बीवियों को खुश करना पड़ता है.
मां- आई आह आ … अब मेरा होने वाला है. अब आप मेरे ऊपर चढ़ जाओ.

फिर मां नीचे लेट गईं और सर ने दोनों पैर फैलाकर चूत में लंड पेल दिया.
वे मां के ऊपर आकर बूब्स दबाते हुए उन्हें चोदने लगे.

सर बहुत जोर से चोद रहे थे, मां की सिसकारियां भी निकल रही थीं- आहा आहा आहा आऊं आई आहा आहा धीरे जान आहा मर गई आहा आहा

तभी मां ने सर को कस कर पकड़ा और झड़ने लगीं.
संजय सर के लंड को लग कर पानी बाहर निकल रहा था.

मां ढीली पड़ गई थीं पर संजय सर अभी भी जोर जोर से मेरी मां चोद रहे थे.

मां- आहा आहा आहा … थोड़ा रुकिए ना बाहर निकालिए … आह आ!
संजय सर ने लंड बाहर निकाला तो मां की चूत का पानी निकलने लगा.

उनके लंड पर भी बहुत पानी लगा था.
पोर्न मॅाम सेक्स का मजा लेकर बोली- आह आह … मजा आ गया.

इतना बोल कर उन्होंने सर को गले से लगा लिया.
संजय सर- अभी मेरा हुआ नहीं है, लंड चूस जल्दी से … गीला हो गया.

फिर मां ने लंड को चाट कर साफ किया और सर ने मां के पैर फैलाए और चूत चाटने लगे.
मां फिर से सिसकारियां लेने लगीं.

सर ने मां की चूत को चाट कर पूरा साफ कर दिया और लंड अन्दर डाल कर पुनः चोदने लगे.

कुछ देर बाद सर ने लंड बाहर निकाला और मां के पास पानी की बॉटल रखी थी, वे उसे उठा कर पानी पीने लगे.

मां- थक गए क्या?
संजय सर- इतनी जल्दी थोड़ी थकूंगा … चल घोड़ी बन जा.

फिर मां घुटनों के बल घोड़ी बन गईं और संजय सर पीछे से मेरी मां चोदने लगे.

मां- आह आह रुको.
संजय सर- क्या हुआ बेबी?

मां- घुटनों में कंकड़ चुभ रहा है.
संजय सर ने कहा- अपने पेटीकोट को फोल्ड करके घुटनों के नीचे रख लो.

मेरी मां ने वैसे ही किया और चुदाई आरम्भ हो गई.
मां- आह आह जान … मेरे पति को मुझ पर शक हो गया है.

संजय सर- होने दो साले को … क्या कर लेगा भैन का लौड़ा!
मां- आह आह उह … करेगा तो कुछ नहीं … उसे भी पता है आह आह वह भी तो मेरे भरोसे पर जी रहा है आह. फिर भी कभी डायरेक्ट पूछेगा तो?

संजय सर- तू ज्यादा मत सोचा कर!
मां- आह धीरे करो न संजू आह. मैं रोज आपके लिए सजती हूँ, तो तिरछी नजरों से देखता है. पिछली बार जब आपने पीछे से किया था, तो दर्द हो रहा था. उसने पूछा कि ऐसे क्यों चल रही हो … क्या हुआ? ऐसा लगा था जैसे शक कर रहा है.

संजय सर- बोल क्यों नहीं दिया कि जिससे प्यार करती हूँ, उससे गांड मरवाई है.
मां- छी: कितना बुरा लगेगा यह कहते हुए मुझे! जल्दी करो न और कितनी देर तक बजाओगे राजा!

संजय सर- यार, मेरा पानी निकल नहीं रहा … पीछे वाले छेद में करता हूँ.

मां- नहीं, उसमें दर्द होता है.
संजय सर- अब ज्यादा नहीं होगा. अब तो वह छेद भी चालू हो गया है जान.

मां- प्लीज जान, पीछे से नहीं.
संजय सर- तुम्हें बोला ना, कुछ नहीं होगा. नाटक मत करो, चल औंधी लेट जा.

मां औंधी लेट गईं और सर मां के कूल्हे को मसल कर फैलाने लगे.
संजय सर- बेबी, तुम्हारी गांड ज्यादा बड़ी नहीं है. कुछ दिनों बाद तुम्हारी गांड भी मोटी कर दूंगा.

मां- आपको जो बड़ा करना है, करो. पर अभी एक मिनट रुको.

यह बोलकर मां उठीं और साईड में बैठ कर पेशाब करने लगीं.
संजय- तेरी चूत पूरी खुल गई है.

फिर मां उठ कर सर के पास बैठ गईं और किस करने लगीं.
सर लेट कर फिर से मां को चूमने लगे.

मां के हाथ पकड़ कर सर ने ऊपर किए और उनकी बगलों के बीच उगे हुए बालों के गुच्छे को चाटने लगे.

संजय सर- चल पलट जा!
मां उल्टा लेट गईं.

संजय सर- गांड फैला हाथों से!
मां ने हाथ पीछे किए और गांड फैलाई.

सर ने मां की गांड के छेद पर बहुत सारा थूका और उंगली अन्दर डालकर अन्दर बाहर करने लगे.

मां- आई उह … धीरे डालो ना!
संजय सर- अभी तो उंगली ही डाली है … डर क्यों रही हो!

मां- दर्द होता है.
संजय सर- पहले भी एक बार मार चुका हूँ … अब ज्यादा दर्द नहीं होगा.

धीरे धीरे उंगली अन्दर बाहर करने के बाद संजय सर झुक कर छेद में थूकने लगे और कूल्हों को चूमते हुए उंगली अन्दर डाल कर अब थोड़ा जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगे.

मम्मी आंखें बंद करके सिसकारियां ले रही थीं.
उनके चेहरे से लग रहा था कि उन्हें गांड में जलन हो रही है.

संजय सर- सुनंदा आई लव यू बेबी!
मां- मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूँ.

संजय सर- मैं अब अन्दर डाल रहा हूँ.
मां- धीरे से डालना, नहीं तो मर जाऊंगी.

संजय सर- धीरे डालूंगा, तुम फैलाओ गांड को!

तभी मां ने हाथों से और फैलाया और सर ने लंड गांड के छेद पर रखा और अन्दर दबाने लगे.
फिर लंड पर थूक लगाया और अन्दर धक्का दिया.

तो मेरी पोर्न मॅाम एकदम से मचलने लगीं और वे ऊपर सरकती हुई चिल्लाने लगीं- आंह निकालो जल्दी … आई मर गई अह निकालो.
संजय सर- कुछ नहीं होगा, चुप रह!

मां- प्लीज निकालिए ना.
संजय सर- मेरे लिए इतना दर्द नहीं सह सकती तुम!

मां रोती हुई- दर्द हो रहा है.
संजय सर- इसके बाद तुझे भी मजा आएगा.

कुछ देर संजय सर मां के ऊपर चढ़े रहे पर लंड अन्दर नहीं डाला.
वे मां की पीठ चाटने लगे.

संजय सर- उम्हा कितनी मीठी है तू मेरी जान … थोड़ी देर दर्द सह ले बस!

कुछ देर बाद संजय सर धीरे धीरे लंड अन्दर ढकेलने लगे और मां के मुँह से भी चीख निकलने लगी.
पर मां रोती हुई कंट्रोल करने लगीं.

ऐसा करते हुए सर ने अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया और मां के ऊपर लेट गए.
संजय सर- बस हो गया, पूरा अन्दर चला गया. अब बस कुछ देर दर्द कम हो जाए तो धक्के देता हूँ.

मां के बाल साईड में करके गर्दन को चूमने लगे और नीचे हाथ डालकर बूब्स दबाने लगे.

संजय सर मां को पागलों की तरह चूमने के बाद बोले- दर्द कम हुआ!
मां- हां, धीरे से करना.

फिर संजय सर कमर हिलाकर गांड मारने लगे.
मम्मी दर्द भरी सिसकारिया ले रही थीं.

दस मिनट बाद सर ने स्पीड बढ़ा दी.
मम्मी की गांड पर सर की जांघ टकरा रही थी और पच पच की आवाजें आ रही थीं.

मम्मी भी अब मजे से गांड मरवाने लगीं.
संजय सर- हां आहा आ बेबी, मजा आ रहा है?

मां- बहुत … आह थोड़ी जलन हो रही है … आह आह पर आप करते रहिए … आह मैं सिर्फ़ आप की हूँ … जो करना है करो.
संजय सर- मेरा पानी निकलने वाला है.

मां- फिर थोड़ा रुकिए!
संजय सर रूक गए, उन्होंने थोड़ा ऊपर उठ कर देखा तो उनका लंड टट्टी से भरा हुआ था.

मां का छेद भी टट्टी से भर गया था.

सर ने मां की कमर को पकड़ कर उठाया और घोड़ी बनाकर गांड में और दो तीन धक्के मारे.
मां- रुकिए ना, आपका पानी निकल जाएगा. मुझे थोड़ा और करना है.

संजय सर- मेरी रानी को मजा आ रहा है आह.
मां शर्माती हुई पीछे देखने लगीं.

मां- मेरी कमर को क्या लगाया आपने?
संजय सर- अरे ये अभी तुम्हारी कमर पकड़ी ना, मेरी उंगली की टट्टी लगी होगी.

मां- फिर तो आपका लंड तो पूरा टट्टी से खराब हो गया होगा!
संजय सर- टट्टी निकल रही गांड से. इससे पहले मेरा लंड सो जाए, मैं स्टार्ट करता हूँ.

वे फिर से धक्के देने लगे.
उनके हर धक्के के साथ मां के मुँह से सिसकारी निकल रही थी.

करीब 20 मिनट के बाद अपना लंड गांड में पूरा पेल कर वे रूक गए और उन्होंने अपने लंड का पूरा माल मां की गांड में छोड़ दिया.
जब लंड बाहर निकाला, तो पूरा लंड पीला हो गया था.

मां भी उठीं और झाड़ के पत्ते से गांड पौंछने लगीं.
अब मां की गांड का छेद पूरा खुला दिख रहा था.

मां नीचे बैठी थीं और सर जी अपने लंड को पानी से धोने लगे.

सर- यह लो पानी से धो लो.
मां- हां, पहले अन्दर जो पानी आपने छोड़ा है, उसे निकल जाने दो. फिर धोती हूँ.

कुछ देर बाद मां संजय सर की बांहों में बैठ गईं और वे दोनों किस करने लगे.

संजय सर- कुछ दिन तेरी जम कर गांड मारूंगा तो बढ़िया दिखेगी. मजा आया न!
मां- बहुत … और आपको?
संजय सर- मुझे भी. ऐसा लग रहा है कि तुझे कहीं जाने ही ना दूँ.

मां- अच्छा जी, एक बात सच सच बताना. मुझमें ज्यादा मजा है या आपकी बीवी में?
संजय सर- मेरी दूसरी बीवी में.

वे दोनों फिर से किस करने लगे और कपड़े पहन कर चादर की तह की और वहां से निकलने लगे.
उनके जाने के बाद मैं भी वहां से निकला.

दोस्तो, मैं जब वहां से निकला तो मुझे अपनी मां पर बहुत शर्म आ रही थी.
मैं थोड़ी देर रोया और स्कूटी लेकर निकल गया.

जब घर पहुंचा तो पापा मुझे देख कर बोले- क्या हुआ बेटा! तू नाराज सा क्यों है?
मैं- कुछ नहीं पापा.

कुछ देर बाद मम्मी भी आ गईं.
वे काफी खुश दिख रही थीं.
उन्होंने आते ही प्यार से मेरे गालों की पप्पी ली.

मैंने उन्हें दूर हटाया और बाहर आने लगा.
फिर से अन्दर गया और मां से बोला- मुझे ऐसे छूना मत, घिन आती है तुमसे!

मां- तमीज से बात करो, क्या बोल रहा है तू?
मैंने रोते हुए कहा- कहां गई थीं आप?

मां- क्यों … काम था मुझे!
मैं- आप तो स्कूल में पढ़ाती हो कि खेतों में काम करने गई थीं?

मां डर कर बोलीं- क्या बकवास कर रहा है तू?
मैं- मैं बकवास कर रहा हूँ?

पापा- क्या हुआ बेटा?
मैं- इनसे ही पूछो कि खेत में क्या कर रही थीं और किसके साथ थीं?

पापा- किसके साथ थी तू?
मां- तुमसे मतलब, तुम अपना काम करो और तुम तमाशा मत बनाओ.

मैं पापा की तरफ़ देख कर रोने लगा.
मैं- पापा, मां प्रिंसिपल के साथ थीं.

पापा भी रोते हुए मुझे चुप कराने लगे. कुछ देर हम दोनों शांत बैठे रहे.

पापा- ये सब तुझे बंद करना होगा सुनंदा … अब बेटा बड़ा हो गया. किसी को पता चला, तो मुँह नहीं दिखा पाएगा ये!
मां- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, पर मैं उन्हें नहीं छोड़ सकती.

पापा- पागल हो गई हो. बेटे के सामने क्या बक रही हो?
मां- क्यों आपको बुरा लगा क्या? मैं उन्हें नहीं छोड़ सकती बस. नहीं छोड़ूँगी.

पापा- फिर यहां तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है. उसी के पास ही जाओ.
कुछ देर बाद मां अपने कपड़े बैग में भरने लगीं और किसी को कॉल करके बुलाया.

एक घंटे बाद प्रिंसिपल बाहर आया तो मां उसके साथ चली गईं.

एक हफ्ते तक तो मुझे पता ही नहीं था कि मां कहां गईं.

फिर मुझे मालूम पड़ा कि किसी दूसरी जगह प्रिंसिपल ने उनके रहने का इंतजाम किया था.

कुछ दिनों बाद सबको मेरी पोर्न मॅाम सेक्स के बारे में पता चला.
उन दिनों मैंने बहुत मुश्किल से खुद को संभाला.
मैंने और पापा ने शहर छोड़ने का मन बना लिया.

जैसे ही मेरी परीक्षाएं खत्म हुईं, हम दोनों घर बेच कर नागपुर में रहने आ गए.
नागपुर के पास एक गांव में घर ले लिया और यहां रह कर ही मैंने अपनी इंजीनियर पूरी की.

फिर मुझे एक कंपनी में जॉब भी मिल गई.

करीब तीन महीने पहले मेरी फेसबुक पर किसी से बात हुई.
उस आदमी ने मुझसे किसी बहाने से नंबर मांगा तो मैंने भी दे दिया.

इसके कुछ ही देर बाद मेरी मां का कॉल आया.
वे शायद रो रही थीं तो मैंने उनसे हाल-चाल पूछा.

वे मुझे मिलने को बुला रही थीं. पर मैंने उनसे मिलने से मना कर दिया.
क्योंकि मेरे हिसाब से कोई लड़की ऐसा करे, तो वह गलत हो सकती है. पर अगर मां ही ऐसा करे, तो वह गलती नहीं गुनाह है.

अब हम दोनों बाप बेटे अपने जीवन में खुशी से आगे बढ़ गए हैं.
यहां यह सच्ची पोर्न मॅाम सेक्स कहानी मैंने अपनी भड़ास निकालने के लिए लिखी है.
[email protected]

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