सौतेली मम्मी ने मेरे लंड से चुदाई का सुख लिया

(Porn Maa Chudai Kahani)

सनी लवर 2025-01-07 Comments

पोर्न माँ चुदाई कहानी में मैंने अपनी विधवा मम्मी को दादा और चाचा से चुदती देखा तो उनकी सेक्स वीडियो बना कर सौतेली मम्मी को दिखाई. तब मम्मी मेरे साथ सेक्स के लिए तैयार हो गयी.

फ्रेंड्स, मैं सनी … आपको अपनी मम्मी की चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
मेरी विधवा माँ अपने ससुर और देवर से चुदती है
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मम्मी को चाचा जी और दादा जी बेनागा चोद रहे थे और मम्मी भी उन दोनों से बिंदास चुदवा कर मजा ले रही थीं.
मैंने उनकी चुदाई का वीडियो बना लिया था और अब मैं सही मौके के इंतजार में था.

अब आगे पोर्न माँ चुदाई कहानी:

कुछ दिन बीत गए और मैंने मम्मी के सामने ऐसे जताया मानो मुझे कुछ नहीं मालूम है. सब कुछ सामान्य है.
मैं मम्मी की चुदाई के चक्कर में था लेकिन साथ ही मैं मम्मी के साथ अपनी निजी ख्वाहिशें भी पूरी करना चाहता था.

मैंने ठान भी लिया था कि जल्दी ही अपनी दबी हुई इच्छाओं को पूरा किया जाए.

तब मैंने एक प्लान बनाया.

उसी रात खाना खाने के बाद मम्मी हॉल में आईं.
दादाजी और चाचाजी मम्मी को जी भर कर चोद चुके थे.
जिस वजह से मम्मी का फिगर अब कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रहा था.

मम्मी ने सोफे पर बैठते हुए कहा- सनी, टीवी चला दो. कोई मूवी देखते हैं.

मैंने भी टीवी शुरू किया.

तब मैंने हिम्मत करके चैनल चेंज किया और मम्मी की चुदाई का वीडियो चला दिया.

अपनी चुदाई की वीडियो देखते ही मम्मी चौंक गईं और गुस्से से चिल्लाईं- क्या तुमने ये रिकॉर्डिंग की है?
मैंने बिंदास हां कहा.

मेरे इस दो टूक जवाब से मम्मी शर्मिंदा होती हुई रोने लगीं.
वे रोती हुई मुझसे कहने लगीं- मुझे माफ़ कर दो बेटा. जो हुआ उसके लिए मैं माफ़ी मांगती हूँ.

मैंने कहा- मैं नहीं जानता कि इसका मैं क्या जवाब दूँ!

‘तुम्हारे पापा ने मेरी सेक्स लाइफ का बहुत ख्याल रखा था. उनके जाने के बाद कई साल तक मैंने अपनी इस इच्छा को दबाए रखा. मैं दबी हुई इच्छा को और नहीं रोक पायी. मुझे इसका हल निकालना ही था. तुम मुझे रण्डी समझ रहे होगे. लेकिन चुदाई से आदमी या औरत दोनों दूर नहीं रह सकते हैं. मुझे माफ़ कर दो. इस बात को हम दोनों के बीच ही रहने दो. तुम जो चाहोगे वह मैं करूंगी.’

मेरा काम हो चुका था, जो मैं चाहता था … वह होने में अब देर नहीं कर सकता था.
फिर मैंने जवाब दिया- ठीक है मम्मी. ये बात हम दोनों के बीच ही रहेगी. लेकिन जो मैं चाहता हूँ, वह करने के लिए आप तैयार हो जाओ.

मम्मी ने रोना बंद करते हुए मुझे शक की निगाहों से देखा.
उनकी आंखों में असमंजस साफ़ देखा जा सकता था.
वे शायद जानती थीं कि मैं क्या कहने वाला हूँ.

मैंने हिम्मत करते हुए कहा- मैं आपके साथ सुहागरात मनाना चाहता हूँ.
यह कहते हुए मैंने मम्मी को एक पैकेट दिया. इस पैकेट में जालीदार लाल रंग की सेक्सी ब्रा और पैंटी थी.

मम्मी पैकेट को देख कर चौंक गईं.
मैंने कहा- पंद्रह मिनट में आप मेरे कमरे में आ जाओ. आपको मेरी रण्डी दुल्हन बनकर आना है.

मम्मी के पास अब कोई रास्ता नहीं था.
उन्होंने कहा- ठीक है. जैसी तुम्हारी इच्छा. तुम्हारी रण्डी दुल्हन पंद्रह मिनट में तुम्हारे कमरे में आ जाएगी.

मैं मेरे कमरे में नंगा बैठा हुआ था.

ठीक पंद्रह मिनट में पोर्न माँ चुदाई के लिए कमरे में आईं.
मम्मी ने रण्डियों जैसी गहरी लाल रंग की लिपस्टिक लगायी थी और मेरी दी हुई ब्रा और पैंटी भी पहनी थी.
इस ब्रा और पैंटी की खास बात ये थी कि ये जालीदार थी.

मम्मी की चूचियां और चूत इस जालीदार ब्रा पैंटी में से हल्की हल्की दिखाई दे रही थी.

मम्मी ने शादी का घूँघट ओढ़ा हुआ था.
मैंने हवस भरी निगाहों से मम्मी को देखा और खड़े लंड को हाथ में लेकर कहा- वाह … क्या बात हैं. अब दरवाज़ा बंद करो और मेरे पास बैठो.

मम्मी जब पलटीं तो उनकी गांड पूरी दिखाई दे रही थी.
मेरा लंड और भी तन गया था और सलामी दे रहा था.

मम्मी भी अब रण्डियों की तरह चुदवाने के लिए तैयार दिख रही थीं.
उनकी शर्म जा चुकी थी.

मैंने मम्मी की चूत पर से हाथ फेरते हुए उनकी चूचियों को बारी बारी से दबाया, फिर दोनों हाथ उनकी गांड पर रख दिए.
मम्मी पूरा साथ देते हुए सेक्सी सिसकारियां भर रही थीं.

मैंने गांड को हौले से दबाते हुए कहा- मम्मी, इस रात का मैंने बहुत इंतज़ार किया है. हर रात को सपने में आपको इस अवतार में देखा है. लेकिन सपने से ज्यादा सेक्सी हो. जब से मैंने आपको पापा से चुदवाते हुए देखा है, तब से मैं आपको चोदना चाहता था.

मैंने मम्मी का घूँघट उठाया और निकाल कर लापरवाही से फेंक दिया, फिर उठ कर मम्मी के पीछे गया.

उन्हें अपनी बांहों में भरते हुए मैंने मेरा खड़ा लंड मम्मी की गांड की दरार के ऊपर लगा दिया.

मैंने अपने दोनों हाथों से चूचियां पकड़ कर मम्मी के कान में कहा- मैं चाहता हूँ कि आज आप वैसे ही मजे लो, जैसे पापा, दादा जी या चाचा जी से चुदवाती हुई लेती हो.

मम्मी ने दोनों हाथ मेरे हाथों पर रखे और मेरे हाथों को दबाया. फिर गर्दन पीछे मेरी तरफ घुमाई और मुझे होंठों पर किस किया.

थोड़ी देर तक चूमने के बाद मम्मी ने कहा- अगले एक हफ्ते तक शहर में न तेरे दादा जी हैं और न चाचा जी होंगे. अब तेरा लंड ही मेरी प्यास बुझाएगा.

इतना सुनते ही मेरा लंड और जोर से सलामी देने की कोशिश करने लगा.
मम्मी की इतनी चुदाई देखने के बाद मुझे ये तो पता चल गया था कि मम्मी को चूत पर चांटे बहुत पसंद हैं.

जैसे ही मैंने यह सुना कि अगला पूरा हफ्ता मैं ही मम्मी को चोदूंगा, मैंने उनकी चूत पर एक कसके चाँटा जड़ दिया.

मम्मी चीख उठीं- आ अह्ह्ह्ह!
उनको अंदाज़ा नहीं था कि मैं ऐसा कुछ करूँगा.

उन्होंने मेरे हाथ को अपने हाथ से अपनी चूत पर मसलते हुए कहा- हाय मेरी जान … क्या मजा दिया है. कहां से सीखा?’

मैं कहा- आप भूल रही हो; मैंने आपको रोज चुदवाते हुए देखा है.
मम्मी ने फिर से मुझे चूमा और कहा- हाय रे मेरा बेटा, तू जानता है कि अपनी मां को कैसे खुश करना है. अब तो मैं भी बिंदास होकर मजा लूँगी.

मैंने मम्मी के बाल पकड़े और सामने वाली टेबल की तरफ झुका दिया.
मम्मी ने दोनों हाथ अब टेबल पर रख दिए थे.

मैं घुटनों के बल बैठ गया और सामने दिख रही मम्मी की गांड को सहलाने लगा और निहारता रहा.

मुझसे रहा न गया और मैं पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत को चाटने लगा.
मम्मी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी. उनकी टांगें कांपने लगी थीं.

मैंने उनको कहते हुए सुना- ओह्ह्ह्ह … हां … ऊह्ह्ह … तुम्हारे पापा भी पैंटी के ऊपर से चूत चाटते थे … अम्मम्म … आह … ह … ह….. बस जानेमन अब मैं और टिक नहीं पाऊंगी.

तब मैंने चाटना बंद किया और मम्मी के सामने आते हुए कहा- मज़ा आ गया मम्मी … मैं शुरू से ही आपकी चूत चाटना चाहता था.

अब मम्मी बिस्तर पर बैठ गईं और अपनी दोनों टांगें फैलाते हुए बोलीं- आज रात तेरी इच्छा तो पूरी हो गयी ना … चल मेरी चूत फिर से चाट. अपने पापा जैसे मजे दे मुझे!

मैंने भी जवाब में कहा- जैसा तुम चाहो. इस चूत को पापा से भी बेहतर तरीके से चाटूंगा.

कुछ देर चूत चटवाने के बाद मम्मी ने कहा- ओह्ह्ह सनी, मैं जानती हूँ कि हमारा ये रिश्ता … ऊह्ह्ह … नाजायज है. लेकिन आह हह … तू मुझे बहुत मजे दे रहा है. मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी है.

वे फिर से चूत चटवाने लगीं.

कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा- जानेमन, मुझे भी तेरा लंड चूसना है!

मैं उठ कर खड़ा हो गया और मम्मी घुटनों के बल बैठ गईं.
लंड को अपने हाथ में पकड़ा और पूरा लंड मुँह में ले लिया और फिर शुरू किया.

‘अम्मम्म … अम्मम्म’ की आवाज़ करते हुए लंड चूसती हुई मम्मी ने कहा- आह … तेरा लंड तेरे पापा की याद दिलाता है.
वे फिर से लंड चूसने लगीं.

जब तक मम्मी लंड चूसती रहीं, मैं उनकी चूचियों के साथ खेलता रहा.

कुछ देर चूसने के बाद मम्मी ने कहा- मेरी जान, तेरा लंड तैयार है. अब चूत को लंड का स्वाद भी चखा दे!

फिर से मैंने चूत पर चाँटा मारा और कहा- हां मम्मी, लंड तैयार हैं. चलो लेट जाओ.

मैंने मम्मी को बिस्तर पर लेटाया और मम्मी ने मुझसे कहा- चोदते हुए चूत पर कोई रहम मत करना. जैसा चाहे वैसे चोद लेना मुझे.

बस फिर क्या था, मैंने लंड को चूत पर टिकाया और एक जोरदार झटका दे दिया.
मम्मी की जोरदार चीख निकल गयी.

मैंने मम्मी से पूछा- दर्द तो नहीं हुआ?
मम्मी ने कहा- नहीं रे ज़ालिम. बिल्कुल अपने बाप पर गया है तेरा ये लंड! चल अब चोद दे अपनी मां को और बन जा मादरचोद!

मैंने मम्मी को बेरहमी से चोदना शुरू कर दिया.
जब तक चुदवाती रहीं, मम्मी कुछ बोल ही नहीं पाईं.

कमरे में सिर्फ मादक सिसकारियां और चीखें ही सुनाई दे रही थीं.
मम्मी किसी पोर्नस्टार की तरह ही चुदवा रही थीं.

कुछ देर चोदने के बाद मैं रुका.
मम्मी समझ गईं कि मैं क्या करने वाला हूँ.

मैंने मम्मी को देखा तो उन्होंने निचले होंठ को दांतों में दबाते हुए सर ऊपर नीचे हिलाया.
उनका इशारा पाते ही मैंने मम्मी की चूत पर जोरदार चाँटा मारा.

प्रतिक्रिया में मम्मी ने जो चेहरे पर सेक्सी भावनाएं दिखाई थीं, वह मैं बयान नहीं कर सकता.

अब मम्मी ने मुझे गले से लगाया और कहा- चल अब तुझे वह दिखाती हूँ, जो तूने देखा नहीं होगा.

इतना कह कर मम्मी मुझे बाथरूम में ले गईं. उन्होंने शॉवर शुरू किया और चिपक कर चूमना चालू कर दिया.
काफी देर तक चूमने के बाद मम्मी ने कहा- चल अब पीछे से लंड चूत में एक ही बार में घुसा … और फिर चोदते हुए ही चूत के दाने को उंगलियों से रगड़ते रहना!

मैंने आज्ञाकारी बेटे की तरह मम्मी को दीवार की तरफ घुमाया और चूत में लंड घुसा दिया.
मम्मी ने फिर से उसी सेक्सी अंदाज़ में बोलना शुरू किया- बढ़िया … मेरे बेरहम बलमा … जोर जोर से चोद अपनी मां को … बना दे चूत का भोसड़ा … फाड़ दे मेरी चुत!

कुछ देर चुदवाने के बाद मम्मी ने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ मेरी जान … चोदते रहो … रुकना नहीं … चोदते रहो … ओह्ह्ह … आह्ह!
मैंने भी चूत चुदाई के साथ साथ दाने को रगड़ना भी तेज़ कर दिया.

कुछ ही देर में मम्मी ने झड़ गईं.
मैं भी लगभग झड़ने ही वाला था.

मैंने कहा- मम्मी मैं भी झड़ने वाला हूँ.
तभी मम्मी ने कहा- कहां झड़ना चाहोगे? चूत में या चूचियों पर?

मैंने कहा- मम्मी, मैं आपकी चूत में झड़ना चाहता हूँ.
मम्मी ने भी उत्तेजित होकर कहा- भर दो मेरी चूत को अपने लंड के दूध से … आह.
ये सुनते ही मैंने लंड का दूध छोड़ना शुरू कर दिया.

आखिरकार मेरा मम्मी को चोदने का सपना पूरा हुआ.
मैं खुश था कि मम्मी की चुदाई की प्यास मैंने बुझा दी थी.

पोर्न माँ चुदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे को साफ़ करके मेरे बिस्तर पर नंगे ही लेट गए.
दोनों सोने की तैयारी में थे कि मम्मी ने शैतानी मुस्कराहट के साथ कहा- क्यूँ ना वह मूवी देखी जाए, जिसमें मैं मेरे ससुर और देवर की सेवा कर रही हूँ?

बस फिर क्या था … हम दोनों ने टीवी पर मम्मी का बनाया हुआ पारिवारिक माहौल देखा और फिर से चुदाई शुरू कर दी. हमारी चुदाई के चार दौर सुबह के लगभग चार बजे तक चले.
थकान से चूर होकर हम दोनों एक दूसरे की बांहों में ही सो गए.

अगला पूरा हफ्ता हम दोनों मां बेटे चुदाई करते रहे.
जब दादाजी और चाचाजी वापस आ गए, तो मम्मी ने ऐसा प्लान बनाया कि वे दोनों दिन में मम्मी की चुदाई करेंगे और मैं रात में.

तब से लेकर आज तक ये सिलसिला जारी है.

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