मेरी नंगी माँ की कामुकता और पोर्न वीडियो
(Meri Nangi Maa Ki Kamukta Aur Porn Video)
हाय दोस्तो!
आप सबको मेरा यानि राजेश (बदला हुआ नाम) की तरफ़ से नमस्कार! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और अन्तर्वासना की सारी कहानियाँ पढ़ता हूँ.
अपनी कहानी शुरू करने से पहले आप सबको अपना परिचय दे दूँ, मैं राजेश 25 साल का हूँ, वाराणसी उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ, मेरे घर में मेरे मम्मी पापा और मेरी एक छोटी बहन है।
मेरे पापा का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का काम है तो वो घर से अक्सर बाहर ही रहते हैं।
ठंडी का मौसम था और रात के 11 बजे थे, मैं अपने कमरे में कर अन्तर्वासना की कहानी पढ़ रहा था. तभी कुछ आवाज़ सी हुई तो मैंने सोचा कि कौन हो सकता है इतनी रात को?
तो मैं उठ कर अपने दरवाज़े के पास गया तो लगा कि आवाज़ मेरे माँ के कमरे से आ रही है. तो मैं धीरे धीरे अपने माँ के कमरे के पास जाने लगा और वहां पहुँच कर देखा कि मेरी माँ किसी से फ़ोन से बात कर रही है.
मैं कुछ देर वही रुक गया और माँ को देखने लगा.
तभी मेरी माँ ने बात करते करते अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए.
तो मेरे मन में आया कि क्यों ना वीडियो बना लूं… तो मैं मोबाइल निकाल कर माँ की वीडियो बनाने लगा. माँ बात करते हुए बहुत गर्म होती जा रही थी.
और जब मेरी मां अपने पूरे कपड़े उतार कर पूरी नंगी हो गयी तो मैं देख कर दंग रह गया क्योंकि मैंने बस अन्तर्वासना की कहानियों में ही पढ़ा था ऐसे जिस्म के बारे में… लेकिन आज पहली बार देख रहा हूँ. वैसे माँ की हाइट 5 फ़ीट 10 इंच है लेकिन उनकी चूचियाँ 38 इंच की थी जो उनके लम्बे बदन पे चार चाँद लगा रही थी.
मेरी नंगी माँ अपने निप्पलों को बारी बारी से मसल रही थी कि तभी फ़ोन कट हो गया और कुछ देर बाद फिर फ़ोन आया तो माँ ग़ुस्सा हो गयी बोली- अब मैं बात नहीं करूँगी!
और उन्होंने फ़ोन कट कर के मोबाइल स्विच ऑफ़ कर दिया.
अब मैं वहाँ से भाग गया.
तभी मेरे पापा का फ़ोन मेरे मोबाइल पे आने लगा, मैं तो डर गया लेकिन मैंने हिम्मत करके फ़ोन उठाया तो पापा ने पहले पढ़ाई के बारे में पूछा, फिर बोले- तुम्हारी मम्मी का मोबाइल ऑफ़ है तो बात करा दे!
मैं माँ के पास गया अपना फोन लेकर परन्तु माँ ने बात करने से मना कर दिया और बोली- बोल दो कल बात करने के लिए!
तो पापा ने फ़ोन कट कर दिया और मैं भी जाकर सोने लगा.
लेकिन मेरे ख्यालों में बार बार मम्मी की नंगी चूचियाँ ही नज़र आ रही थी तो फिर मैंने मुठ मारी और सो गया. सुबह पांच बजे ही मैं जग गया और मोबाइल उठा कर रात वाली वीडियो देखने लगा.
तभी कुछ देर बाद माँ चाय लेकर आयी और मेरे को जगाने लगी.
मैं घबरा गया और जल्दी से वीडियो बंद करके उठ गया लेकिन मेरा लंड अभी उसी हाल में था.
तभी माँ ने मुझे बोला- अपना फ़ोन दो!
तो मैं डर गया लेकिन माँ की बात थी तो डरते डरते देना पड़ा.
उन्होंने मेरे फ़ोन से पापा को फ़ोन किया और बात करने लगी, तब मैं कुछ रिलैक्स हुआ और चाय पीकर बाथरूम में चला गया. और फिर स्कूल के लिए तैयार हुआ और नाश्ता करके चला गया.
स्कूल में भी सारा दिन सिर्फ़ माँ की चूचियाँ ही आँखों के सामने दिख रही थी. तभी मैंने सोचा कि एक बार स्कूल के बाथरूम में जाकर माँ वाली वीडियो देख लूं, तो याद आया कि मोबाइल घर ही छूट गया था.
मेरी हालत ख़राब होने लगी और बस मैं भगवान से यही प्रार्थना कर रहा था कि माँ रात वाली वीडियो ना देख ले.
स्कूल की छुट्टी हुई और मैं घर गया तो अपनी मोबाइल की तलाश करने लगा तो माँ ने पूछा- क्या कर रहे हो?
तो मैं बोला- अपना मोबाइल ढूँढ रहा हूँ…
तो उन्होंने बोला- वो मेरे रूम में है, ले लो!
तो मैंने मां के कमरे में जाकर मोबाइल लिया और सोचा कि वीडियो डिलीट कर दूँ लेकिन मोबाइल में वीडियो तो थी ही नहीं.
अब मैं डर गया कि अब क्या होगा और चुपचाप जाकर रूम में सो गया.
रात में लगभग दस बजे मम्मी खाना लेकर आयी तो मैं उठा.
मम्मी ने पूछा- क्या हुआ? तबियत नहीं सही है क्या?
तो मैंने बोला- नहीं, वो सपना देख रहा था तो डर गया!
माँ बोली- कोई बात नहीं, खाना खाकर मेरे पास ही सो जाना यदि डर लग रहा हो तो!
मैं बोला- नहीं माँ, अब ठीक है!
और खाना खाने लगा.
खाना खाकर मैं सोने लगा तो माँ दूध लेकर आयी तो मैं जान कर नहीं उठा तो वो चली गयी और कुछ देर बाद फिर आयी और मेरे सिर पे तेल लगा के मालिश करने लगी.
मैं तो वैसे भी डर रहा था कि माँ ने वीडियो के बारे में पूछ लिया तो क्या बोलूँगा.
और फिर कुछ देर बाद माँ बोली- आज मैं यहीं सो जाती हूँ, यदि तेरे पापा का फ़ोन आया तो बात भी कर लूँगी.
तो मैं डरते हुए बोला- ठीक है!
माँ ने दरवाज़ा लॉक किया और मेरे बग़ल में सो गयी.
मैंने सोचा कि हो सकता है माँ को सब पता हो इसलिए ये कुछ नहीं बोल रही तो मैं उनकी साइड घूम गया और अपने हाथ को उनके ऊपर इस तरह रख दिया कि उन्हें लगे कि मैं सो रहा हूँ. फिर मैं धीरे धीरे अपने हाथ को उनकी चूचियों की तरफ़ बढ़ाने लगा और चुची तक आकर अपने हाथ को रोक दिया, फिर हिम्मत करके उनकी चूचियों को सहलाने लगा.
तभी माँ उठ गयी और कमरे का लाइट ऑफ़ करके नाइट बल्ब जला दिया और मेरे पास आकर बोली- उठ कर बैठ तू!
तो मैं डर गया और कुछ नहीं बोला तो उन्होंने कस के डाँटा.
मैं उठ के बैठ गया.
फिर माँ ने बोला- तूने मेरी वीडियो क्यूँ बनायी थी?
मैंने उनसे सारी बोला और रोने लगा, बोला- प्लीज़ माफ़ कर दो माँ, ऐसी ग़लती दुबारा कभी नहीं होगी, प्लीज़ आप पापा से ना बताना!
तो उन्होंने बोला- कोई बात नहीं, तू एक बात बता तू, अपनी माँ को ही नंगी देख रहा था?
तो मैं फिर से सॉरी बोला और रोने लगा तो माँ ने मेरे को उठा कर गले से लगा लिया और बोली- कोई बात नहीं बेटा, रो मत, तू ले आज देख ले अपनी माँ को पूरी नंगी!
और यह कहते हुए माँ अपनी साड़ी निकालने लगी।
मैं घबरा गया और जब तक कुछ बोल पाता तब तक माँ ने अपने कपड़े निकाल दिए थे अब वो सिर्फ़ रेड कलर की ब्रा और रेड कलर की ही पैंटी में थी। मैं माँ के जिस्म को देख के पागल होने लगा था.
तभी माँ मेरे पास आयी और बोली- ले देख बेटा अपनी माँ को!
और यह कहते हुए उन्होंने मेरे एक हाथ को पकड़ के अपनी चूचियों के ऊपर रख दिया और बोली- बेटा बता कैसी है तेरे माँ की चूचियाँ?
मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था क्यूँकि बहुत डर लग रहा था मुझे!
तभी माँ बोली- बोल बेटा, क्या हुआ? मेरी चूचियाँ अच्छी नहीं है क्या? अच्छा रुक… मैं अपनी ब्रा भी निकाल देती हूँ!
और उन्होंने यह कहते हुए अपनी ब्रा निकाल दी और फिर से मेरे हाथों को अपने चूचियों पर रख दिया और बोली- अब बता कैसी हैं?
तो मैंने अपने डर को बाहर निकलते हुए बोला- मां, क्या मैं इन चूचियों को मुँह में ले सकता हूँ?
तो उन्होंने बिना कुछ बोले अपनी एक चुची को पकड़ते हुए मेरे मुँह के सामने कर दिया. मैंने भी सारी शरम छोड़ कर चूचियों को मुँह में ले लिया और कस कस के चूसने और काटने लगा.
मेरे माँ के मुँह से ‘आह ऊह.. ऊह… आह.. ऊह… आह..’ के अलावा कोई शब्द नहीं निकल रहे थे.
तभी माँ ने अपने हाथ को मेरे लंड के ऊपर रख दिया और सहलाने लगी. वैसे तो मेरा लंड पहले से ही टाइट था लेकिन माँ का हाथ पड़ते ही और टाइट हो गया, लग रहा था कि लंड की नसें बाहर हो जाएँगी.
मेरी माँ मेरे सारे कपड़े निकालने लगी. तभी मैंने अपने एक हाथ से माँ की पैंटी निकाल दी और उनकी चूत को सहलाने लगा, उनकी चूत से बहुत पानी आ रहा था और जैसे जैसे मैं सहलाता, पानी और ज़्यादा आने लगा.
तभी मैं तुरंत अपने मुँह को माँ की चूत के पास ले गया और चूत को चूसने लगा. मेरी माँ सिसकारियाँ लेने लगी, वो बस चिल्ला चिल्ला के यही कह रही थी- चूस ले सारा पानी अपनी माँ की चूत का… बहुत पानी देती है ये!
और वो ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊह…’ करने लगी.
तभी उन्होंने मेरे को नीचे करके अपने चूत को मेरे मुँह पे रख दी और बोली- चूस मादरचोद अपनी माँ की चूत को चूस… और चूस और… और चूस खा ले अपनी माँ की चूत को… और और और! और और आह आह और और आहाहा… ऊह… ऊह… आह… ऐसे ही चूस और काट… और काट ले… चूस ले सारा पानी… आह.. आह… और मेरा बेटा… चूस ले, निचोड़ दे अपनी माँ की चूत को!
मेरे पूरे चेहरे पे मेरी माँ की चूत का पानी लग गया था.
तभी मेरी माँ ने मेरे बालों को कस के पकड़ लिया और अपनी चूत को मेरे चेहरे पर कस के दबा दिया और उनकी सिसकारियाँ और तेज़ होने लगी.
कुछ देर ऐसे अपनी चूत चूसवाने के बाद वो झड़ गयी और अपना सारा पानी मेरे मुँह में ही निकाल दिया. फिर तुरंत आकर मेरे मुँह में अपने मुँह को डाल के किस करने लगी.
कुछ देर बाद मैं उठा और अपना लंड माँ के मुँह के सामने कर दिया तो मेरी माँ ने बिना कोई देर किए मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी.
फिर उन्होंने बोला- बेटा तू भी चूत को चूस! वैसे तेरा लंड तो तेरे बाप से भी बड़ा है. पता होता तो रोज़ तेरे बाप को छोड़ कर तेरे से ही चुदती!
और यह कहते हुए उन्होंने लंड के सुपारे को अपने दाँतों से काट दिया.
तब मैं बोला- अब तो पता चल गया ना कि आपके बेटे का लंड कितना बड़ा है, तो अब तो रोज़ चूसोगी ना?
तो उन्होंने बोला- कम से कम दिन में चार बार!
और वो लंड को दबा दबा के चूसने लगी.
फिर मैं उनकी चूत पे आ गया और मैं भी चूत को कस कस के काटने और चूसने लगा.
कुछ देर बाद माँ बोली- बेटा और मत तड़पा अपनी माँ को, अब अपना मोटा लंड डाल दे मेरी चूत में!
मैंने भी बिना देर करते हुए अपने लंड को माँ की चूत पे रख के कस के झटका दिया तो मेरा आधा लंड माँ की चूत में चला गया और उनकी सिसकारियाँ निकलने लगी, वो बोली- मार डाला रे… बहुत मोटा है तेरा! वैसे भी छह महीने से लंड नहीं लिया है… आराम से डाल मेरे बेटा!
फिर मैंने लंड को हल्का सा बाहर निकाला और एक ज़ोरदार झटका देते हुए पूरा लंड चूत में पेल दिया, उनकी आँखों से आंसू निकलने लगे और वो ‘मार डाला रे… मार डाला रे…’ कह कर चिल्लाने लगी. फिर भी मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता जा रहा था.
और कुछ देर बाद मेरी माँ को भी मजा आने लगा और उन्होंने मेरे को कस के पकड़ लिया और कहने लगी- और कस के पेल मेरा बेटा! और पेल अपनी माँ को! आह.. आह… आह आह… और पेल बेटा, फाड़ दे अपनी माँ की चूत को! और पेल… आह… आह… ऊह ऊह… आह… ऊह…
मैं भी उनकी चूचियों को पकड़ के उनके चूत में फ़च… फ़च… फ़च… लंड पेलने लगा।
कमरे में सिर्फ़ ‘आह… आह… आह… ऊह… ऊह… ऊह… आह… फ़च… फ़च… आह… ऊह… आह… ऊह… फ़च… फ़च… आह… ऊहह…’ की ही आवाज़ आ रही थी.
लगभग दस मिनट इसी तरह चोदन के बाद मैं बोला- माँ, मैं झड़ने वाला हूँ!
तो माँ बोली- मेरी चूत में ही निकाल बेटा, मेरा भी होने वाला है!
और मैं ‘फ़च… फ़च… फ़च…’ मां की चुत में धक्के मारते हुए उनकी चूत में ही झड़ गया और वो भी मेरे साथ में ही झड़ गयी।
झड़ने के बाद मैं उनको पकड़ कर ऐसे ही कुछ देर उनकी चूत में लंड डाल के सोया रहा, फिर कुछ देर बाद मैं फिर से लंड को अंदर बाहर करने लगा.
तो माँ बोली- बेटा रुक जा कुछ देर, मैं बाथरूम से आती हूँ.
माँ बाथरूम चली गयी.
और उस रात हमने तीन बार कमरे को ‘फ़च… फ़च…’ की आवाज़ से भर दिया था।
और तब से हमेशा हम माँ बेटा इसी तरह एक दूसरे के साथ चुत चुदाई का मजा लेने लगे जब तक मेरे पापा घर नहीं आ गए।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी माँ की चुदाई की यह कहानी?
आप ज़रूर बताइएगा।
जल्द ही मैं अपनी दूसरी कहानी लेकर आपके पास आऊँगा. तब तक के लिए नमस्कार।
आपका अपना राजेश।
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