मॉम की चूत के साथ चाची की चुत भी मिली
(Mom Ki Choot Ke Sath Chachi Ki Chut Bhi Mili)
मेरा नाम दिव्यांश जैन है, यह कहानी मैंने अपनी बहन टीना की आईडी से भेजी है. वो मेरी राजदार है. मेरी मॉम का नाम मालिनी जैन है. मेरी उम्र 18 साल है और उनकी 39 है. मेरे पापा का उनकी दोस्त की वाइफ के साथ चक्कर चल रहा था. ये बात जब मॉम को पता चली तो घर में बहुत लड़ाई होना शुरू हो गई थी. माँ ने पापा से बोलना बंद कर दिया था.
इसी बीच मेरा स्कूल खत्म हो गया था और मेरे कॉलेज की पढ़ाई के लिए माँ मुझे लेकर शहर के बाहर चली गईं.
मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया और कॉलेज जाने लगा. मेरी दीदी भी कॉलेज जाने लगी थी. इधर मॉम घर पर अकेली रहने लगी थीं. हम लोगों को कुछ किराए और ब्याज आदि कि आमदनी थी जिससे हमारा गुजर बसर चल रहा था.
एक दिन मैंने कॉलेज से जल्दी घर आ गया. हम तीनों के पास बाहर के गेट की चाभी रहती थी ताकि मॉम को दिक्कत न हो.
मैंने दरवाजा खोला और अन्दर आ गया. जब मुझे मॉम नहीं दिखाई दीं, तो मैंने ध्यान दिया कि बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आ रही थी. मैं चौंक गया कि मॉम तो बड़ी सुबह नहा लेती थीं, आज इस वक्त बाथरूम में कैसे.
मुझे कौतुहल हुआ तो मैंने बाथरूम के पास जाकर आहट ली. अन्दर से मॉम की मादक सिसकारियों की आवाज आ रही थीं. मैंने देखा कि दरवाजे में जरा सी झिरी थी, उसमें से देखा तो मॉम एकदम नंगी होकर फव्वारे के नीचे बैठी हुई अपनी चूत में उंगली कर रही थीं. ये देख कर मैं समझ गया कि मॉम की चूत को लंड की प्यास है. इनको कैसे लंड की खुराख दिलाऊं.
तभी मेरे मन में अपनी मॉम को चोदने का विचार बना. अब तो बस मेरे दिमाग में पुरानी यादें फिर से घूमने लगीं. मेरी मॉम का फिगर बड़ा कमाल का था.
इससे पहले मैं जब स्कूल के आखिरी साल में था, तब मॉम पापा के साथ ही सोता था. एक दिन मैंने उन दोनों की चुदाई देख ली थी. इसके बाद मैंने दादा दादी के साथ सोना शुरू कर दिया था. पर मेरे दिमाग में उस दिन के सीन अब मेरे मन में घूमने लगे थे.
जब हम शिफ्ट हो रहे थे तब कुछ महीने पहले से मॉम पापा में अनबन शुरू हो गई थी. मुझे मालूम था कि मॉम अब सेक्स के लिए प्यासी हैं.
मैंने बहुत सोचा और एकाध बार मॉम के सामने अपने लंड की झलक भी दिखा दी, जिससे उनका मन मैं अपने लंड की तरफ कर सकूँ.
फिर एक दिन वो किचन में काम कर रही थीं और मेरी बहन कोचिंग गई थी. उस दिन मैंने कॉलेज से छुट्टी ली हुई थी. पूरा प्लान बना कर मैंने अपना लंड खड़ा किया और नंगा होके किचन में मॉम को पीछे से पकड़ लिया. इस वजह से उनकी गांड में मेरा लंड घुसने लगा.
वो एकदम से पीछे घूमी तो उन्होंने मुझे नंगा देखा. वो मुझसे गुस्से से बोलीं- तू ऐसा नंगा क्यों है.. तुझे शरम नहीं आ रही है?
मैंने मॉम को कहा- मॉम, मुझे आपको चोदना है.
मॉम बोलीं- पागल है क्या.. मैं तेरी मॉम हूँ.. और तूने ये सब किधर से सीखा?
मैंने कहा- मॉम आप एक औरत हो और में एक मर्द हूँ. मुझे मालूम है कि आपकी चुत कितने टाइम से प्यासी है. मैंने आपको अपनी चुत में उंगली करते हुए कई बार देखा है मुझसे आपका दुःख देखा नहीं जाता है. एक बार मैंने आपको पापा से चुदते हुए देखा था, आपका जिस्म बहुत खूबसूरत है. तभी से मुझे आपको चोदने की इच्छा है.
शायद मेरी इस बिंदास स्वीकारोक्ति से मॉम को भी कुछ लगा था और इसी बीच मैंने नोटिस किया कि वो मेरे खड़े लंड को बार बार देख रही थीं.
उन्होंने कहा- मैं तेरे पापा को धोखा नहीं दूँगी.
मैंने कहा- उन्होंने आपको धोखा दिया वो कुछ नहीं था..!
वो एक पल के लिए चुप हुईं और बोलीं- तेरी बात में दम है.
अगले ही पल मॉम ने मेरा लंड पकड़ लिया और मेरे लंड को देख कर बोलीं- आ जा मेरे शेर.. जहां से तू निकला है, आज तुझे उधर का मजा देती हूँ.
मैं खुश हो गया कि मॉम ने मेरी बात मान ली थी.
मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया. मॉम मुझसे बिंदास लिपट गई थीं. मैंने उनके होंठों को किस किया तो उन्होंने भी मुझे खूब चूमा.
हम दोनों यूं ही एक दूसरे को चूमते रहे. फिर 15 मिनट के बाद हमने एक दूसरे को प्यार से देखा और बस अब हम दोनों में प्यासे मर्द और औरत की वासना दिख रही थी.. इधर सभी रिश्ते खत्म हो चुके थे.
मैंने थोड़ा फिर से किस किया और उनकी गर्दन, कान आदि चाटने लगा. फिर मैंने उनकी साड़ी उतारी, मॉम ब्लाउज पेटीकोट में मस्त लग रही थीं. मैंने नीचे बैठ कर उनकी नाभि चाटी.. फिर खड़े होकर मॉम की नाभि से अपना खड़ा लंड टच किया और फिर उनका ब्लाउज खोल दिया.
अगले ही पल उनके मम्मे बाहर आ गए. इस वक्त वे क्या मस्त माल लग रही थीं.. मेरे सामने सिर्फ़ पेटीकोट में खड़ी थीं. मैंने उनके तने हुए मम्मों को दबाया और निप्पल चूसने लगा.
मॉम मेरे सर को पकड़ कर अपने मम्मों पर दबाते हुए कह रही थीं- आह्ह.. पी ले.. ये वही दूध है जो तूने 18 साल पहले पिया था.
मैंने नोटिस किया कि मेरा लंड उनकी चुत पर पेटीकोट के ऊपर से ही टच हो रहा था. उनके पेटीकोट के नमी मुझे बता रही थी कि वो झड़ गई हैं.
मैंने कहा- मैंने आपकी गीली कर दी ना.
मॉम- हां मैं झड़ गई हूँ लेकिन कोई बात नहीं..
फिर मैंने पेटीकोट का नाड़ा खोला तो पेटीकोट खुद ब खुद उतर गया. मॉम सिर्फ गीली पेंटी में मेरे सामने थीं. मैंने नीचे बैठ कर उनकी पेंटी के ऊपर से ही चुत पर जीभ से चाटा तो मॉम सिहर गईं. फिर मैंने उनको अपनी तरफ खींचा और उनकी चुत को पेंटी के ऊपर से ही चाटना शुरू कर दिया. पहले तो मॉम अपनी चुत को शर्म के मारे छुपा रही थीं. मैंने उनको पूरी तरह से खोलने का सोचा और गुस्सा सा होकर बाहर जाने लगा.
तो मॉम बोलीं- आग लगा कर कहां जा रहा है.. अधूरा काम पूरा कर.. मुझे छोड़ कर मत जा.
मैंने कहा- आप शर्मा रही हो.
उन्होंने मुझे पकड़ा और अपने पैर फ़ैला कर चूत को खोल दिया. मॉम ने कहा- नाराज़ ना हो मेरे राजा.. चल आ जा ना प्लीज़..
मैंने मुस्कुरा कर कहा- ओके.. अब जरा रुको मैं अभी आया.
फिर मैं फ़्रिज़ से आइसक्रीम लाया और बेड के नीचे रख दी. मैंने मॉम की चुत चाटी और 5 मिनट बाद फ्रिज से आइसक्रीम निकाल कर लाया और मॉम की चुत पर मल कर चूत चाटने लगा. आइसक्रीम की ठंडक से मॉम की चुत को बड़ी राहत मिली और उन्होंने पूरी मस्ती से चुत को मेरे मुँह पर रगड़ा. मैंने पूरी आइसक्रीम को चाट कर खा गया. वो एक बार फिर से झड़ गईं. इस बार मैं मॉम की चूत का पूरा रस पी गया.
आह.. आइसक्रीम और चुतरस के मिक्स्चर का क्या मस्त टेस्ट था.
फ़िर मैंने उनसे लंड चूसने के लिए कह दिया, वो पहले तो मना करने लगीं. फिर मैंने कहा अपने पति का चूसा था.. तो मेरा क्यों नहीं.. मैं नहीं चोदूंगा तुम्हें.
वो हंस पड़ीं और मेरा लंड चूसने लगीं. दो मिनट में ही मैंने उनके मुँह से लंड बाहर निकाला.
मॉम ने बोला- मुझे भी आइसक्रीम खानी है.
मैंने स्माइल दी तो मॉम ने अपने हाथ से मेरे लंड पे आइसक्रीम लगाई और लंड चूसने लगीं. दस मिनट में मैं उनके मुँह में ही झड़ गया. वो सारा माल पी गईं.
अब हम 69 की पोजीशन में एक दूसरे के अंग चाट रहे थे.
मैंने उठ कर कहा- मॉम मैं पहले आपका मुँह चोदूँगा.
उन्होंने चुत में हाथ फेरते हुए कहा- जो चोदना हो चोद.. पर मेरी चुत की आग बुझा दे.
मैंने उनके मुँह में लंड घुसेड़ा और धक्का मारना शुरू कर दिया. बस 15-20 धक्कों के बाद मॉम के मुँह से लंड को बाहर निकाला और उनकी लपलपाती चुत पर लंड रगड़ने लगा.
वो चुदास से भरी हुई थीं, कहने लगीं- अब मत तड़पा.. जल्दी से चोद दे.
मैंने एक करारा धक्का चुत में मारा और मॉम की आह निकल गई. कुछ ही पलों में उनको मजा आने लगा. मैंने 25-30 धक्कों के बाद स्पीड बढ़ा दी.
कुछ देर बाद उन्होंने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ.
तो मैंने कहा- मैं भी आने वाला हूँ. अपना रस किधर निकालूँ?
उन्होंने कहा कि उनकी चुत प्यासी है उसी में झड़ जा.
मैंने कहा- इससे तो आप प्रेग्नेंट हो जाओगी.
उन्होंने कहा- वाह मेरे शेर को सब पता है.. पर बेटा मैंने तेरे पैदा होने के बाद ऑपरेशन करा लिया था, जिससे अब मैं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती.
इतना सुनते ही मैंने सारा माल उनकी चुत में छोड़ दिया. फिर दो मिनट बाद मॉम ने कहा- बेटा अब तो तू खुश है?
मैंने कहा- नहीं मॉम अभी मन नहीं भरा.
उन्होंने पूछा- क्यों?
मैं बोला- एक चीज़ तो रह ही गई.
उन्होंने कहा- क्या?
तो मैं बोला- आपकी गांड..
वो बोलीं- मैंने कभी गांड नहीं मरवाई.. और सुना है वहां बहुत दुःखता है. तू मेरी जितनी बार चाहे, चुत चोद ले.. पर गांड नहीं मार.
मैं बोला- कुछ तो मुझे भी सील पैक चाहिए.
ये सुनकर वो बोलीं- चल तूने मुझे खुश किया.. मैं भी आज तुझे खुश कर देती हूँ.. आजा मार ले अपनी मॉम की गांड.
मैंने कहा- पहले मेरा लंड तो बड़ा करो.
वो बोलीं- ला मेरे मुँह में दे दे.
मैंने लंड उनकी तरफ किया तो वो लंड चूसने लगीं. मेरा लंड एक मिनट में खड़ा हो गया. फिर वो घोड़ी बन गईं. मैंने दराज से क्रीम निकाली और उनकी गांड के छेद पर और उन्होंने मेरे लंड पर क्रीम लगा दी.
मैंने उनकी गांड के छेद पर लंड टिकाया और एक धक्का दे मारा तो मेरी मम्मी एकदम से उछल पड़ीं.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारे और अपना पूरा लंड मॉम की गांड में पेल दिया. अब वो कामुक सिसकारियां ले रही थीं और कह रही थीं- इसमें तो चुत से भी ज्यादा मजा आता है.
कुछ ही पलों में पूरा कमरा उनकी मादक सीत्कारों ‘आह आह उऊह.. मार मेरी गांड… बेटा आह अया फाड़ दे गांड..’ से गूँजने लगा था.
फिर 15 मिनट बाद मैं मॉम की गांड में ही झड़ गया.
हम दोनों थक गए थे. ऐसे ही नंगे एक दूसरे की बांहों में लिपट कर सो गए.
दो घंटे बाद उठ कर मैंने उनसे कहा- अब से अब घर में या तो पूरी नंगी रहोगी या सिर्फ पेंटी में रहोगी और जब बाहर जाओगी तो बिना पेंटी के ही जाओगी.
वो बोलीं- घर में तो आरुषि रहती है, तो ऐसे कैसे चलेगा.
मैंने कहा- मैं उसे भी पटा लूँगा.
मॉम समझ गई कि मैंने पक्का अपनी बहन को सैट कर लिया है.
ये कहानी क्या थी, वो भी लिखूंगा.
इस वक्त वो बोलीं- बाहर पेंटी नहीं पहनूंगी तो सब मेरी गांड देखेंगे.
मैंने कहा- देखने दो.. पर कहीं भी खाली जगह मिलेगी, तो वहां आपको चोदने में आसानी रहेगी.
उन्होंने मुझे चूमते हुए कहा- ठीक है.. जैसा तू चाहे.
मैंने कहा- मॉम आप एक बिकिनी भी लाना और कभी कभी घर में वो ही पहनना, पर कपड़े सिर्फ तभी पहनना, जब कोई आए.
मॉम ने ओके कह दिया.
इसी तरह हमारी चुदाई चालू हो गई थी. फिर हम कुछ दिन के लिए हमारे पुराने घर वापस आए. उस दिन सुबह जब पापा दादाजी को दुकान छोड़ने गए और दादी नीचे काम कर रही थीं. तब मैंने मॉम को नंगा करके खूब चोदा.
फिर मैं मेरे घर के पीछे पड़े ओपन स्पेस मैं खेलने चला गया. असल में खेलना तो एक बहाना था, मुझे तो पीछे वाली चाची को गाउन में पोंछा लगाते हुए देखना था. क्योंकि उनका साइज़ देख के कोई भी बार बार उन्हें देखना पसंद करेगा. उनका 36-32-36 का साइज़ बड़ा ही मस्त था. मेरी मॉम उनके लिए ही साड़ी ब्लाउज सिलवाती थीं, सो मुझे उनका साइज़ पता चल गया था.
खुले में जाकर मैं चाची की दीवार से झाँक कर देख रहा था. तभी वो बाहर पोंछा का पानी डालने के लिए झुकीं, तो मुझे उनकी क्लीवेज और ब्रा दिखी.
वो मुझे देख ना लें, इसलिए मैं झट से नीचे को हो गया. मेरे घर की दीवार पुरानी थी, इसलिए उसमें दो छेद थे. उस छेद में से मैंने देखा कि वो गेट के बाहर सीढियों पर बैठ कर बाहर को देख रही थीं. इस वक्त चाची अपने पैर चौड़े करके बैठी थीं. उन्हें पोंछा लगाने की वजह से चेहरे पर पसीना आ गया था. इसलिए उन्होंने गाउन उठा कर पसीना पोंछा, तो मुझे उनकी पेंटी के दर्शन हो गए. चाची की पेंटी में से उनकी चुत के बाल भी दिख रहे थे. ये देख कर मुझे उन्हें चोदने की इच्छा बढ़ गई.
अब मैं वहीं खड़ा देखता रहा. उनका मेन गेट जाली वाला था, पर घर गली में था इसलिए उनके घर को उस टाइम में ही देख सकता था.
तभी मैंने देखा वो बाथरूम में घुस गईं. उन्होंने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया था. मुझे याद आया कि वो घर पर अकेली हैं क्योंकि उनके दोनों बच्चे उनकी नानी के यहां गए थे और चाचा काम पे गए थे.
मुझे लगा अकेले होने के कारण वो नंगी या ब्रा पेंटी में बाहर आएंगी, क्योंकि उन्होंने अन्दर जाते वक्त सिर्फ़ तौलिया ही लिया था, गाउन नहीं लिया था.
दो मिनट बाद मैंने देखा बाथरूम का गेट खुला और चाची वाइट ब्रा और रेड पेंटी में नहा रही थीं. गर्मी के कारण शायद उन्होंने गेट खोला था.
मैं साफ़ देख सकता था. चाची भी इधर उधर देख रही थी.
मैं दीवार से कूद गया और पास जाकर नंगी चाची को देखने लगा. फिर मैं उनके घर में घुस गया. वो मुझे देख एकदम चौंक गईं. उनका तौलिया दूर पड़ा था, वो अपने आपको छुपाने की कोशिश कर रही थीं. पर उनके बड़े बड़े मम्मे छुप ही नहीं पा रहे थे.
उन्होंने मुझसे तौलिया माँगा क्योंकि वो गीली थीं.
मैंने कहा- ढकने की क्या ज़रूरत है, अभी तो ब्रा पेंटी भी निकलेगी.
उन्होंने पूछा- मतलब?
मैं दौड़ कर चाची के पास को गया और उन्हें गले से लगा कर कान में कहा- आप अब मुझसे चुदोगी.
उन्होंने मुझे धक्का दिया और कहा- यह नहीं हो सकता.
मैंने कहा- आप मेरी मॉम से पूछ लो.. मैं उनको कितना अच्छा चोदता हूँ. वो अब अपने पति को भूल गईं और मुझसे रोज चुदती हैं.
चाची मुझे देखती रह गईं.
फिर मैं उनसे चिपक गया और किस करने लगा. उन्होंने कसमसाते हुए मुझसे छूटने का ड्रामा किया और अंततः मेरा साथ देने लगीं.
अब चाची ने भी मुझे किस किया और कहा- तेरे चाचा मुझे सुख नहीं दे पाते है.. यदि तू मेरी आग बुझा दे तो आज से तू ही मेरा सब कुछ रहेगा.. बस तू जल्दी से मेरी आग बुझा दे.
मैंने चाची की ब्रा के हुक खोलकर उसे उनके शरीर से अलग कर दिया. उनके दूध एकदम से उछल कर खुली हवा में फुदकने लगे. दूध खुलते ही वो शर्मा गईं और हाथ से अपने मम्मों के निपल्स छुपाने लगीं.
मैंने उन्हें किस किया और कहा- मत छुपाओ उन्हें.. बस आज से 9 महीने बाद इनको आपका बच्चा भी देखेगा और दूध भी पियेगा.
चाची मुझे प्यार से चूमने लगीं. अब मैं चाची के मम्मों को दबा दबा कर उनके कड़क निप्पलों को बारी बारी से चूसे जा रहा था. इससे चाची की चुत में आग जल उठी और वो बोलीं- बच्चे की बात न कर.. मुझमें कोई कमी हो गई है. मैं अब प्रेग्नेंट नहीं हो सकती, तेरा चाचा रोज अपना रस मेरी चुत में डालता है, फिर भी बच्चा नहीं हो पा रहा है.
मैं बोला- आप तो अब भी मस्त माल हो.. कमी शायद चाचा के वीर्य में है.
मैंने एक झटके में चाची की पेंटी भी नीचे कर दी.. और चाची को एकदम नंगा कर दिया. इसके बाद मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और पैर फैला कर चाची की चुत चाटने लगा.
चाची कराहते हुए बोलीं- साले मुझे तो नंगा कर दिया.. अब खुद भी तो हो जा.
मैं बोला- आप ही कर दो.
उन्होंने मुझे नंगा किया और मेरे लंड को हैंडजॉब देने लगीं.
मैंने कहा- लंड चूस कर मजा ले लो चाची.
चाची ने हंसते हुए लंड को मुँह में ले लिया और मेरे अण्डकोष सहलाते हुए लंड चूसने लगीं.
इसके कुछ देर मैंने चाची को चुदाई की पोजीशन में लिटाया और उनकी चुत में लंड पेल कर उनकी मस्त चुदाई की और 20 मिनट बाद उनकी चुत में ही झड़ गया.
अब मैंने बोला- लो चाची, मुँह खोल कर तैयार हो जाओ.. अबकी बार मैं आपका मुँह चोदूँगा.
फिर मैं उनके मुँह में लंड डाल कर मुख मैथुन करने लगा. चाची बड़े मजे से मेरे टट्टे चाटते हुए रंडी की तरह मुझे मजा दे रही थीं. मैं भी उनके मम्मों को मसल कर उनके मुँह को चोदे जा रहा था.
कुछ देर बाद मैं उनके मुँह में ही झड़ गया.
कुछ देर बाद हम दोनों यूं ही बिस्तर पर लेटे हुए एक दूसरे को चूमते और प्यार करते रहे.
तीसरी बार चुदास चढ़ी तो मैंने कहा- चाची कुतिया बन जाओ.. अब गांड मारने का राउंड चलेगा.
चाची बड़ी चुदक्कड़ थीं, झट से डॉगी बन गईं. मैंने पीछे से लंड को उनकी लपलप करती लाल गांड में घुसेड़ दिया. चाची की कराह निकली लेकिन कुछ ही पलों में वो गांड हिला हिला कर मेरा लंड लीलने लगीं. मैंने चाची के चूचे पकड़ कर उनकी गांड धकापेल मारी. मैंने उनकी चुत में उंगली भी की, जिससे चाची की चुदास चरम पर आ गई. कुछ देर बाद हम दोनों फारिग हो गए और लेट कर सो गए.
अब यह हमारा रोज का काम हो गया. इसी तरह 15 दिन तक रोज चुदाई के बाद पता चला कि वो प्रेग्नेंट हो गई हैं. उन्होंने ये बात मॉम को बता दी कि मुझे माँ बनाने वाला कौन है.
अब हम तीनों मॉम, मैं और चाची मिल कर चुदाई करते हैं. मैं चाची को चुदाई करते वक्त कहता हूँ कि आपके मम्मों में जो दूध आएगा, वो आधा मेरा होगा.
चाची ने कहा- तेरा 90% है मेरे राजा.. बस कुछ बच्चे के लिए छोड़ देना.
मैं कुछ दिन बाद वापस अपने नए शहर आ गया. इस शहर में ही चाची का पीहर था, तो वो मायके जाने के बहाने जब तब आ जाती थीं और 15 दिन तक हमारे घर रह कर खूब सेक्स करती थीं.
अब एक दिन मैंने और मम्मी ने हमारे घर पर सेक्स किया, तब मैंने मम्मी को चोदते हुए कहा- मम्मी मैंने आपके अलावा किसी दूसरे को चोद लिया है मतलब चाची को भी चोदा है. अब आप भी किसी दूसरे से चुद लो.. आपको पूरी आजादी है आप भी लंड बदल कर चूत को नया टेस्ट दिला सकती हो.
मॉम बोलीं- दूसरा कौन है, जिससे मैं चुदवा सकती हूँ?
मैंने कहा- वो दूसरा और कोई नहीं.. दादा जी तो हैं.
मॉम ने बोला- हट पागल है क्या.. वो मेरे ससुर हैं.
मैं निराश हो गया और मैंने चुदाई रोक दी. मॉम गांड उचका कर बोलीं- चुदाई क्यों रोकी?
मैं बोला- आप मेरी बात तो मानती हो तो ठीक है नहीं तो मैं नहीं चोदूँगा.
मॉम बोलीं- अरे ये तो बता उनसे मैं कैसे चुदूँ?
तो मैं बोला- मेरे पास एक प्लान है.
मॉम बोलीं- क्या..?
मैंने उनके कान में दादा जी के लंड को सैट करने का मास्टर प्लान बताया तो मॉम की चुत खिल उठी.
अब वो प्लान क्या था और दीदी को मैं किस तरह से चुदाई के लिए राजी कर पाया.. ये सब आपके ईमेल मिलने के बाद ही लिखूंगा.
[email protected]
What did you think of this story??
Comments