मेरी मम्मी की कामुकता

(Meri Mammi Ki Kamukta)

नमस्कार दोस्तो, आज मैं आपको मेरी मम्मी की कामुकता और चुदाई के बारे में बताने जा रहा हूँ.

सेक्स कहानी को प्रारम्भ करने से पहले कुछ जानकारी देना चाहता हूँ. मेरा नाम पंकज है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ. मेरी मम्मी का नाम सुनीता है, उनकी उम्र 42 साल है. वो अभी भी एकदम आइटम से कम नहीं लगती हैं.

मेरी मम्मी भारी चुदक्कड़ हैं. इस उम्र में भी वो दो लंड से एक साथ चुदवा सकती हैं.

मम्मी की कमर में दर्द रहता है, उनको डॉक्टर ने मसाज बता रखी है. इसलिए घर पर एक मालिश करने वाली लड़की रख ली गई है. वो दोपहर के समय आती थी. वो हफ्ते में तीन दिन आती और मम्मी की मसाज करके चली जाती.

मम्मी की कोशिश ये होती थी कि वो घर पर अकेली रहें, तो अच्छे से मसाज करवा लें. इसीलिए उस लड़की को मम्मी ने दोपहर में एक बजे का समय दिया था. उस समय कोई नहीं होता था.

मैंने मम्मी को कभी भी ग़लत नज़र से नहीं देखा था. एक दिन मैंने जो देखा, उसके बाद से मेरी सोच ही बदल गयी.

उस दिन मैं दोपहर को बिना बोले घर आया. मेरे पास दूसरी चाबी थी, उससे मैं घर के अन्दर आ गया था. मम्मी का रूम बंद था, वो मसाज करवा रही थीं.

मुझे कुछ बात होती सुनाई दी, तो मैं उनके कमरे की जंगले के पास गया.

मैंने देखा कि वो लड़की मम्मी की चुत के बाल साफ़ कर रही थी. उस समय मम्मी पूरी नंगी थीं. मम्मी चुत में उंगली से अन्दर बाहर कर रही थीं.

मसाज वाली ने मम्मी से पूछा- आप चुदाई से मन नहीं भरता क्या?
मम्मी ने बोला- मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते हैं, वे बहुत पहले झड़ जाते हैं. मेरी कामुकता को शांत करना उनके बस की बात नहीं है.

मम्मी पापा से संतुष्ट नहीं हैं, ये मैंने पहले भी मम्मी को किसी को फ़ोन पे बोलते हुए सुना था.

तभी मसाज वाली ने मम्मी को बोला- आप बोलो तो मैं नक़ली लंड से आपकी प्यास मिटा सकती हूँ.
मम्मी बोलीं- ये ठीक रहेगा, कल ही करते हैं, शुभ काम में देरी क्यों.

मसाज वाली ने कहा- मैं इस काम के एक हज़ार अलग से लूँगी.
मम्मी ने हाँ कर दी.

अब मुझे कल का इंतज़ार था.
सारी रात मम्मी को नंगा देखा, उनका लेस्बो सोच कर मैं बार बार मुठ मार रहा था. चार बार लंड हिलाने के बाद मैं सो गया.

हमेशा के जैसे मैं सुबह ऑफिस निकल गया. कल वाले उसी समय मैं वापस घर आ गया. वे दोनों रूम में थीं. मम्मी कपड़े निकाल रही थीं और वो अपनी कमर में लंड लगा रही थी.

मम्मी ने कपड़े उतार दिए. वे केवल ब्रा पेंटी में थीं, एकदम रूप की परी लग रही थीं.

मम्मी बोलीं- जल्दी करो इंतज़ार नहीं हो रहा … आज तक नक़ली लंड से इंग्लिश मूवी में सेक्स करते देखा है, आज ख़ुद चुदने जा रही हूँ, बहुत मज़ा आएगा.

इतने में मसाज वाली ने बैग में से एक लंड और निकाला.
मम्मी ने पूछा- दो लंड क्यों लेकर आयी हो?
उसने बोला- एक गांड मारने के लिए, एक चुत के लिए.

फिर उसने मम्मी को पूरी नंगी कर दिया. उसने पहले थोड़ी मम्मी को गर्म करने के लिए मसाज की और चूत में उंगली की.
कुछ देर बाद दोनों ने चुदाई शुरू कर दी.

उस लड़की ने मेरी मम्मी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया.
मम्मी मस्त आवाज़ें निकाल रही थीं. नकली लंड की लम्बाई 12 इंच के करीब थी.

मम्मी बोलीं- आज तो जन्नत ही मिल गयी.

एक घंटे तक दोनों की चुदाई चली, अलग अलग आसनों में लंड लेकर मम्मी को बहुत मज़ा आ रहा था.
मुझे भी मम्मी का लेस्बियन सेक्स देखने में मजा आ रहा था.

कुछ समय के बाद मम्मी दोनों लंड से एक साथ अपना काम करवा रही थीं. मम्मी बोलीं- आज मेरी चूत फ़ाड़ दे … सारी प्यास मिट जाए.

मसाज वाली ने बोला- अगर आप बोलो, तो किसी आदमी से आपकी प्यास मिटवा दूँ … वो और भी अच्छे से आपकी चुदाई कर सकता है.
मम्मी बोलीं- मुझे आदमी नहीं, जवान लड़का चाहिए. एक बार मेरे बेटे के दोस्त रोहित ने मुझे चोदा था, मुझे मजा आ गया था.

मुझे ये सुनकर आज ही पता चला कि मेरे भाई जैसे दोस्त ने मेरी मम्मी को चोदा था.

मसाज वाली बोली- तो उसको ही दुबारा बुला लो न.
मम्मी बोलीं- यदि वो इधर होता तो कब का बुला लेती, वो अब जयपुर से चला गया है.

मसाज वाली बोली- मेरी नज़र में एक लड़का है, मैं उससे बात करती हूँ.
मम्मी बोलीं- अभी फोन कर.

उसने फ़ोन करके एक लड़के से मम्मी की बात करवा दी.

मुझे लड़के की बात तो सुनाई नहीं दी, बस इतना सुना कि कल दो बजे का समय फिक्स कर लिया गया था.

उस लड़के से चुदाई के लिए 5000 में बात हुई थी. चुदाई घर पर न होकर लड़के के पास जाना था. वो रूम भी लड़के का ही था.

रूम का पता मम्मी के फ़ोन पर आ गया था. जोकि मैंने शाम को मम्मी के फोन से मेरे फ़ोन में ले लिया था.

अब आगे क्या होता है, वो आपको इस सेक्स कहानी में सुनाता हूँ. लेकिन इतना तय था कि अब तो मम्मी को चोदने का मेरा भी मन करने लग गया था. मैं मौका मिलने का इन्तजार करने लगा था.

दूसरे दिन मम्मी ने सुबह बोला- मैं आज मौसी के घर जाऊंगी.
मैंने बोला- मम्मी आप समय बता दो, कोई छोड़ कर आ जाएगा.
मम्मी बोलीं- नहीं मैं ख़ुद चली जाऊंगी.

मम्मी आज एकदम ख़ुश दिख रही थीं, जैसे आज उनको कोई बहुत कुछ मिलने वाला हो.

उस दिन मैं घर पर ही रुक गया क्योंकि मुझे पीछा करना था. मम्मी ने नयी साड़ी पहनी, अच्छे से तैयार होकर मुझसे बोलीं- मैं जा रही हूँ.

मैं- मम्मी आप इससे पहले तो मौसी के घर इतना तैयार होकर कभी नहीं गई?
मम्मी बोलीं- आज मौसी के घर कोई आए हुए हैं, तो अच्छा नहीं लगता.

मैंने सोचा कि चुदने में इतना क्या तैयार होना … जाकर कपड़े तो उतारना ही है.

मम्मी ने साथ में हाथ बैग लिया. तैयार होने के बाद मम्मी कुछ काम करने में लग गईं.

मैंने बैग खोल कर देखा, तो उसमें नाइट वियर और मेकअप का सामान था.

दस मिनट बाद मम्मी ऑटो करके घर से निकल गईं. मैं मम्मी के पीछे मोटर साइकिल लेकर चल दिया.

मेरे घर से दस किलोमीटर की दूरी पर उस लड़के का पता था, जोकि एक होटल था. ये मुझे मम्मी के फोन से ही पता चल चुका था, इसलिए मैं सुबह ही उस होटल में जाकर एक कमरा बुक कर आया था.

मम्मी के पहुंचने के पहले ही मैं होटल पहुंच गया. मैंने उस रूम का मालूम कर लिया था. जिस रूम में चुदाई का समारोह होना था.
मुझे रिशेप्शन से ही उस लड़के के कमरे की जानकारी मिल गई थी, जिसका नाम मम्मी के फोन में मैसेज के साथ मिला था.

मैंने कमरे को देखा. उस कमरे के एसी के पास एक छेद था. मैं उसके सामने खड़ा हो गया.
रूम के अन्दर पहले से दो लड़के थे. मैं सोच में पड़ गया कि दो का क्या काम था.

कुछ समय के बाद मम्मी रूम में आ गईं. उन दोनों से बात हुए मम्मी ने दोनों को गले लगा कर किस किया.
मुझे ऐसा लगा कि ये दोनों लौंडे मिलकर मेरी मम्मी की चुदाई करने वाले हैं. दोनों की उम्र 25 साल से ऊपर की नहीं थीं.

खेल शुरू हो गया. मम्मी ने साड़ी उतार दी. एक लड़का मम्मी का पेटीकोट उठा कर उनकी पेंटी से ही चूत रगड़ने में लग गया था.

उसने मम्मी को बोला- जल्दी से कपड़े बदल कर आ जाओ.

मम्मी टॉयलेट में जाकर कपड़े बदल कर आ गईं.

इस वक्त मम्मी एकदम रंडी लग रही थीं. उनके सामने बीस साल की लड़की भी कुछ नहीं लग रही थी. काले रंग की नाइटी में उनका गोरा बदन देख कर मुझे मेरी मम्मी झकास माल लग रही थीं.

मम्मी को देख कर दोनों एकदम से गर्म हो गए. उन दोनों ने मम्मी को पकड़ लिया और किस करने लगे. ऐसा लगा कि दोनों ही चुदाई के भूखे हैं.

एक लड़के ने जल्दी से अपना लंड निकाल कर मम्मी के मुँह में दे दिया. मम्मी लंड चूसने लगीं. वे ऐसे लंड चूस रही थीं, जैसे उन्हें कोई जन्नत मिल गई हो.

अब मम्मी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए. वे एकदम नंगी हो गईं. उनकी चुत में एक भी बाल नहीं था. चूत चमक रही थी, बोबे उभार मार रहे थे.

दूसरे वाला मम्मी की पेंटी उतार कर चूत चाटने में लग गया. मम्मी के मुँह से आवाज़ आना शुरू हो गयी. मम्मी लंड चूसने का आनन्द ले रही थीं.

दूसरे वाले ने मम्मी को चित किया और उनकी चुत में लंड पेल दिया. मम्मी एकदम से लंड घुसने से चिल्ला पड़ीं.

वो लड़का मेरी मम्मी को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. कुछ समय बाद दोनों ने मम्मी के आगे पीछे एक साथ लंड डाल दिए. वे दोनों ऊपर नीचे होने लगे.

मम्मी दोनों के बीच में सैंडविच बन कर अपनी चुदाई करवा रही थीं. मम्मी दोनों का लंड एक साथ लेकर मस्ती से चुदवा रही थीं.

साले रंडी के जैसे मेरी माँ चोद रहे थे. वे दोनों मम्मी को रंडी बोल कर चोद रहे थे.

दस मिनट की चुदाई के बाद एक लड़का झड़ने को हो गया था. उसने लंड निकाल लिया और मम्मी के मुँह में घुसेड़ दिया. मम्मी ने उसका रस अपने मुँह में ले लिया और खा गईं.

दूसरे वाले ने अपना स्खलन होने का कहा, तो मम्मी ने उसके लंड का पूरा माल अपनी चुत में नहीं जाने दिया. बल्कि पेट पर ले लिया.

उसके बाद दूसरी बार की चुदाई में मम्मी ने दोनों का पूरा वीर्य मुँह में खा लिया.

मेरी मम्मी की दो घंटे में तीन बार चुदाई हुई. तीसरी बार वे दोनों नहीं माने और उन्होंने अपना माल मम्मी की चूत और गांड में ही छोड़ा.

इसके बाद मम्मी ने उन दोनों को पैसे दिये और घर के लिए निकल गईं.

यह थी मेरी मम्मी की कामुकता और चुदाई की कहानी, जिसमें मेरी मम्मी की हवस का इलाज कैसे हुआ मैंने आप सभी को लिखा है. आपको यदि लगता है कि मुझे मेल करना चाहिए, तो आपका स्वागत है.
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