घर की लाड़ली-16
(Ghar Ki Ladli- Part 16)
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शीतल ने अपने दोनों बेटों का लंड चूस लिया था। पर इस उसके लिए सब कुछ नहीं था. आज तो वो दोनों का लंड अपनी चूत में लिए बिना मानने वाली नहीं थी.
विक्रम अपनी माँ को पहली बार बाथरूम में नहीं चोदना चाहता था. वो बोला- माँ…
शीतल- हाँ?
विक्रम- आप नहा लो… बाकी का काम यहाँ नहीं.
शीतल- तो कहाँ?
विक्रम- कमरे में चलते हैं… वह आराम से करेंगे… मैं चाहता हूँ कि जब मैं माँ की चूत की चुदाई करूँ तो मेरे पास पूरी जगह हो.
शीतल- तो फिर अभी चलते हैं… मुझे अभी नहीं नहाना… बाद में नहा लूंगी.
विक्रम- पर आपके बदन पर साबुन लगा हुआ है.
शीतल- तो क्या हुआ… आज ऐसे ही चुदाई होगी मेरी! मैं अपने बेटे से पहली बार चुदने जा रही हूँ, कुछ तो अलग होना ही चाहिए.
विक्रम- जैसी आपकी मर्जी माँ…
और विक्रम ने अपनी माँ को अपने दोनों हाथों से अपनी गोद में उठा लिया जो इस समय नग्न है, भीगी हुई है और उसके पूरे शरीर पर साबुन लगा है.
वो बाथरूम से बाहर निकला, विक्रम भी नीचे से बिल्कुल नंगा था क्योंकि थोड़ी देर पहले ही उसकी अपनी माँ ने उसके लंड को चूसने के लिए उसकी शॉर्ट्स को खोल दिया था.
विक्रम जब बाथरूम से बाहर निकला तो हॉल में बैठे रजत की नजर उन दोनों पर पड़ी- क्या बात है भाई… बड़ी जल्दी पटा लिया माँ को?
विक्रम गर्व से- और नहीं तो क्या… अब कमरे में चल… आज तेरी माँ चोद दूंगा… और तू भी बनेगा मादरचोद!
रजत हँसते हुए- हाँ बिल्कुल मादरचोद!
दोनों भाई एक दूसरे को अपनी माँ के सामने ही मादरचोद नाम की गलियां दे रहे थे पर उनकी माँ को जरा भी बुरा नहीं लग रहा था, उल्टा उसको बड़ा मजा आ रहा था.
तीनों लोग शीतल के कमरे में पहुंचे जहाँ पिछली रात को मयूरी ने अपने बाप से खूब चुदवाया था. और यही बिस्तर आज इस घर में माँ-बेटों की चुदाई का भी प्रत्यक्ष गवाह बनने वाला था.
विक्रम ने अपनी माँ को बिस्तर पर प्यार से लेटा दिया. रजत अपनी माँ से बिना पूछे ही उसकी भीगी चूचियों की मसलने लगा जो साबुन से भीगी हुई थी और इसी कारण वहां बहुत ज्यादा फिसलन भी थी. रजत को बड़ा मजा आ रहा था.
विक्रम अपनी माँ की चूत चाटने लगा तो शीतल बोली- आ… हह… आह… मेरे बेटो!
रजत- माँ… आज तो हम दोनों भाई तुझे खूब चोदेंगे.
शीतल- मैं भी यही चाहती हूँ मेरे बेटो… कि तुम दोनों मुझे खूब चोदो… तुम्हारा हक़ मेरे पर!
थोड़ी देर बाद विक्रम और रजत ने अपने कपड़े उतार फेंके और घर में अब तीनों लोग बिल्कुल नंगे हो गए.
फिर रजत ने अपनी माँ से पूछा- माँ… क्या हम दोनों तुम्हारी चुदाई करना शुरू करें?
शीतल- हाँ मेरे लाडलों… चोद दो अपनी माँ को… एक साथ!
रजत- माँ… पहले मैं तुम्हारी गांड मारूंगा. तुम्हें कई बार देखा है पापा से गांड मरवाते… आज मेरा तुम्हारी गांड मारने का सपना पूरा होगा.
शीतल- हाँ बेटे… देर ना कर… मैं भी तुम्हारा यह मोटा लंड अपने गांड में लेने के लिए मरी जा रही हूँ. तुम्हारा लंड तुम्हारे पापा से थोड़ा ज्यादा मोटा है. आज बहुत मजा आएगा.
रजत उठा और अपना लंड अपनी माँ की गांड पर सेट करने लगा. विक्रम अपनी माँ की चूत को चाटना छोड़ कर उस पर अपना लंड सेट करने लगा और दोनों भाइयों ने एक साथ अपनी माँ की गांड और चूत में एक एक जोरदार झटका दिया.
शीतल को अपनी गांड और चूत दोनों में एक साथ दर्द हुआ, वो चीख पड़ी- आह… मर गई… तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है कुत्तो… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
विक्रम- साली कुतिया… नाटक करती है? इतने साल से पापा से चुद रही है और मेरा लंड लेने में नाटक कर रही है?
और उसने अपने लंड का एक और जोरदार झटका माँ की चूत में दिया. विक्रम का लंड जैसे तैसे शीतल की चूत में पूरा घुस गया.
शीतल दर्द से कराहते हुए- आ… ह… आह… अरे मादरचोदों, तुम्हारे बाप का लंड इतना मोटा नहीं है… आह… आ…ए… इसलिए मुझे तुम्हारा ये गधों जैसा लंड अपनी चूत में लेने में दर्द हो रहा है… आ… ह… पर तुम अपना काम जारी रखो… थोड़ी देर में ये चूत और गांड तुम्हारे लंड के मोटाई के हिसाब से खुल जायेगा और फिर दर्द नहीं होगा… सिर्फ मजा आएगा… आह…
विक्रम ने अब माँ की चुदाई करनी शुरू की. शीतल की चूत ने बहुत सारा पानी छोड़ दिया था जिससे चिकनाहट हो गयी थी और उसकी चूत अपने बड़े बेटे का लंड आराम से अंदर लेने लगी.
पर उसका छोटा बेटा रजत, उसको अपनी माँ की गांड मारने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी. वो उठा और रसोई से जाकर तेल ले आया और अपने लंड और अपनी माँ की गांड पर बहुत सारा तेल लगा दिया और एक जोरदार झटका मारा. इससे उसका लंड आधा अपनी माँ की गांड के अंदर चला गया.
शीतल फिर चीखने लगी- हाय माँ… मर गई… मेरी गांड फाड़ देगा क्या मादरचोद.
रजत अपनी माँ के मुँह से गालियां सुन के और उत्तेजित हो उठा और वो भी गालियां देने लगा- हाँ साली… तेरी गांड में आज अपना ये लंड पेल के इसको फाड़ दूंगा… रंडी कहीं की… आज से तू मेरी माँ नहीं, रंडी है रंडी… और अब आज के बाद तू रोज़ मुझसे अपनी गांड मरवायेगी… समझी?
इतना कहते हुए रजत एक और जोरदार झटका दिया जिससे उसका लंड शीतल के गांड में लगभग पूरा ही चला गया. लंड और उसकी माँ की गांड में बहुत तेल होने के कारण यहाँ भी बहुत चिकनाई हो गयी थी. तो अब रजत ने भी जोरदार झटके देने शुरू कर दिए.
अब शीतल के दोनों बेटे एक साथ अपनी माँ की गांड और चूत की बहुत ही जोरदार चुदाई कर रहे थे.
शीतल के लिए यह एकदम नया अनुभव था. उसने अभी तक अपनी गांड और चूत तो बहुत बार चुदवाई थी पर एक साथ दोनों और वो भी दोनों नए लंड से … यह अनुभव उसे बहुत ही नया और निराला लग रहा था. शीतल का दर्द अब लगभग ख़त्म हो गया था क्योंकि अब उसकी चूत और गांड दोनों चौड़ी हो गयी थी अपने बेटों के लंड के अनुसार.
कमरे में ठप-ठप और फच-फच की आवाज़ें आ रही थी. शीतल की आहें और दोनों जवान बेटों की घमासान चुदाई के कारन पलंग की हिलने की भी आवाज़ें आ रही थी. पूरे कमरे में कई तरह की आवाज़ों का मिला-जुला शोर हो रहा था जो माहौल को और भी ज्यादा चुदाईनुमा बना रहा था.
घर में दोनों बेटे अपनी माँ को खूब चोद रहे थे और तीनों सदस्य एक दूसरे को खूब सारी गन्दी-गन्दी गालियां भी दे रहे थे पर इन सब चीज़ों से उनको बहुत ही ज्यादा आनन्द और उत्तेजना हो रही थी.
करीब पंद्रह मिनट की घमासान चुदाई के बाद तीनों लोग एक साथ झड़ गए. शीतल के दोनों बेटे एक साथ माँ की गांड और चूत में झड़ गए.
फिर थोड़ा सा आराम करने के बाद दोनों लड़कों का लंड फिर से खड़ा हो गया और दोनों बेटे एक साथ अपना लंड अपनी माँ के मुँह के पास लेजाकर उससे चुसवाने लगे. शीतल कभी अपने बड़े बेटे का लंड चूसती तो कभी अपने छोटे बेटे का … क्योंकि दोनों का लंड बहुत मोटा था और एक साथ उसके मुँह जा नहीं सकता था.
जब वो एक लंड चूसती तो दूसरे का लंड अपने दूसरे हाथ से आगे-पीछे करके हिलाती. शीतल सच में अपने दोनों बेटों के सामने रंडियों जैसे व्यव्हार कर रही थी और उनसे वैसे ही चुदवा भी रही थी.
रजत ने थोड़ी देर बाद अपना लंड शीतल की चूत पर सेट किया और विक्रम ने उसकी गांड का रुख किया. दोनों बेटों ने फिर से अपनी माँ को एक साथ चोदा और फिर नंगे ही बिस्तर पर गिर गए और आराम करने लगे!
शीतल दोनों बेटों के बीच में लेटी हुई थी और अपने दोनों हाथों से उनका लंड धीरे-धीरे सहला रही थी. उसके दोनों बेटे भी उसकी चूचियों से धीरे-धीरे खेल रहे थे और उसकी जांघों को सहला रहे थे. फिर तीनों में बातचीत शुरू हुई:
रजत- माँ…
शीतल- हाँ बेटे?
रजत- क्या अब तुम रोज़ हमसे ऐसे ही चुदवाओगी?
शीतल- हाँ मेरे लाल…
रजत ख़ुशी से- कितना मजा आएगा… अब हम रोज़ तुम्हें अलग अलग जगह पर चोदेगे… इस घर का हर कोना हम माँ-बेटों की चुदाई का गवाह बनेगा.
शीतल- हाँ मेरे लाल… अब हम खूब चुदाई करेंगे.
विक्रम- सही कहा छोटे… माँ, तुमको हमसे चुदना अच्छा लगा?
शीतल- हाँ मेरे बेटे… आज मुझे चुदाई को जो अनुभव हुआ है वो पहले कभी नहीं हुआ… तुम्हारे पापा भी मुझे खूब चोदते हैं… लगभग रोज़ और वो भी अलग-अलग तरीके से… पर तुम दोनों से एक साथ चुदने में जो मजा आया… वो एकदम अलग है.
विक्रम- हमें भी बहुत अच्छा लगा माँ… हम तो पहले से ही तुम्हें चोदना चाहते थे… पर कभी बता नहीं पाए.
रजत- वैसे माँ… एक बात पूछूँ?
शीतल- हाँ मेरे बेटे… पूछो.
रजत- क्या तुमने पापा के सिवा किसी और मर्द से कभी नहीं चुदवाया?
शीतल- नहीं मेरे बेटे, अभी तक मैं एकदम पतिव्रता औरत थी पर अब पुत्रव्रता भी हो गयी… अब मैं तुम दोनों की भी पत्नी हूँ आज से… तुम दोनों जब चाहो मुझे आकर चोद सकते हो.
रजत- जब भी हमारा मन करे?
शीतल- हाँ मेरे बेटे… जब भी तुम्हारा मन करे!
रजत- और पापा को पता चल गया तो?
शीतल मुस्कुराती हुई- तुम उसकी चिंता मत करो… उसका इंतज़ाम भी कर लिया है मैंने.
रजत हैरानी से- मतलब?
शीतल- वो तुम्हें बाद में बताऊँगी.
रजत जिद करते हुए- अभी बताओं ना माँ… प्लीज!
विक्रम- हाँ माँ… बताओ ना… मुझे भी जिज्ञासा हो रही है. आपने पहले ही पापा को अपने बता दिया है या पापा ने खुद ही आपको हमसे चुदवाने के लिए कहा है?
रजत- वाओ… अगर ऐसा है तो क्या हम पापा के सामने भी आपकी चुदाई कर सकते हैं और पापा भी हमारे साथ आपकी चुदाई करेंगे?
शीतल हँसती हुई- अरे नहीं… ना पापा को मैंने अभी तक बताया है और ना ही उन्होंने मुझे तुमसे चुदने के लिए भेजा है… कैसी बात करते हो? कोई पति अपनी बीवी को अपने बेटों से चुदने के लिए कहेगा क्या?
विक्रम- फिर अपने क्या इंतजाम किया है?
शीतल- बाद में बताऊँगी.
विक्रम- बताओ ना माँ… मुझे बहुत एक्साइटमेंट हो रही है.
शीतल- देखो… मैंने कुछ ऐसा इंतजाम किया है कि अगर तुम्हारे पापा को हमारे चुदाई के बारे में पता चल भी गया या हम लोगों को आपस में सेक्स करते हुए देख भी लिया तो वो कुछ बोल नहीं पाएंगे.
विक्रम- क्यूँ माँ?
शीतल- वो बाद में बताऊँगी.
रजत- अच्छा चलो ठीक है… कोई बात नहीं… पर हम खुश हैं कि हमें पापा से पकडे जाने को कोई डर नहीं है.
शीतल- अब अगर मुझे इजाजत हो तो मैं अपना स्नान पूरा कर लूँ?
रजत- हाँ बिल्कुल… पर उसके पहले तुम्हें मेरा लंड चूसना पड़ेगा.
शीतल- ठीक है… पर तुम्हें मुझे नहलाना पड़ेगा.
विक्रम- फिर चलो… सीधा बाथरूम में चलते हैं.
शीतल- ठीक है.
कहानी जारी रहेगी.
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