बेटे और उसकी अम्मी के बीच चुदाई

(Dost Ki Mom Xxx Kahani)

इमरान खान 28 2024-11-20 Comments

दोस्त की मॅाम Xxx कहानी में मेरे घर में एक परिवार रहता था. उनका बेटा मेरा दोस्त था. एक रात मैं उनके कमरे में सो गया. कमरे में माँ बेटा बेड पर थे, मैं सोफे पर. मैंने क्या देखा?

हाय दोस्तो, आज मैं आपको दोस्त की मॅाम Xxx कहानी बताने जा रहा हूं.

पहले मैं आपको बदरू के बारे में बता देता हूँ.

बदरू एक 22 साल का लड़का है. बदरू और उसकी अम्मी हमारे यहां किराए से रहती हैं.
वैसे वे लोग यूपी के रहने वाले हैं पर बदरू के अब्बू यहां नागपुर में जॉब करते हैं.
उसके अब्बा मार्केटिंग लाइन में हैं.

हमने उनको जो कमरा किराए पर दिया हुआ है, वह मेरे कमरे के बगल में है जिसमें बदरू, अपने अब्बू और अम्मी के साथ रहता है.
बदरू अभी पढ़ाई कर रहा है.

वैसे तो बदरू मेरा दोस्त भी है लेकिन हम दोनों अलग-अलग कॉलेज में पढ़ते हैं.

बदरू की अम्मी बहुत हॉट हैं. उसकी अम्मी का नाम जिया है.
आंटी की उम्र 45 साल है, रंग गोरा है.
वे मीडियम कद काठी की हैं लेकिन उनकी चूचियां काफी बड़ी बड़ी हैं और उनकी उभरी हुई गांड का तो कहना ही क्या है.

आंटी की पेट की सिलवटें तो कयामत लगती हैं. उनका गदराया हुआ शरीर हर मर्द को आकर्षित करता है.
मेरे कमरे और आंटी के कमरे के बीच एक छोटा सा दरवाजा है, जिसे बंद कर दिया गया है.

दरवाजा लकड़ी का होने के कारण उसमें एक छोटी सी दरार है जिससे उस पार का सब कुछ दिखाई देता है.

मुझे जब भी जिया आंटी को निहारना होता है, मैं उसी दरार का सहारा लेता हूं.

यह बात कुछ महीनों पहले की है.
बदरू के अब्बा किसी मीटिंग के लिए मुंबई गए थे तो बदरू ने मुझे आज अपने साथ सोने के लिए कहा.

चूंकि हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी थे तो मैं भी मान गया और उसके कमरे में आ गया.

उधर बदरू और मैं वीडियो गेम खेलने लगे.
कुछ देर बाद जब खाने का वक्त हुआ, तो बदरू ने कहा कि तुम आज हमारे ही साथ खाना खाओगे.

पहले मैंने मना किया, लेकिन जिया आंटी ने कहा तो मैंने खाना खा लिया.
खाना खाने के बाद बदरू और मैं देर रात तक वीडियो गेम खेलते रहे.

फिर बदरू ने कहा कि चलो अब सो जाते हैं यार, रात बहुत हो गई घड़ी में 1:00 बजे का समय दिख रहा है.

मैंने कहा- ओके मैं अपने रूम में चला जाता हूं.
बदरू ने कहा- अरे यार, यहीं सोफे पर लेट जा, वैसे यह घर भी तेरा ही है.

मैं वहीं सोफे पर लेट गए और बदरू अपनी अम्मी के बगल में लेट गया.

जल्द ही मेरी आंख लग गई. मैं एक-दो घंटे के बाद जागा, तो मुझे कुछ आवाज सुनाई दी.

मैंने अपनी आंखों से थोड़ी रजाई हटाई बदरू और उसकी अम्मी जिया की बातें सुनने लगा.

बदरू- अम्मी, आज बड़ा मूड हो रहा है.
उसकी अम्मी बोली- काहे का मूड हो रहा है!

बदरू- तुम्हें चोदने का!
जिया- चुप कर, पागल है क्या … रोहित सोफे पर सोया हुआ है. वह सब देखेगा तो क्या सोचेगा. कल चोद लेना. वैसे भी तेरे अब्बू का सही से पता नहीं कि वे आने वाले हैं भी या नहीं. वैसे भी ऊपर से रोहित को तूने यहां रुकने का कह दिया है.

बदरू- अरे यार अम्मी, रोहित तो सो रहा है, उसे कुछ पता नहीं चलेगा.
इधर मैं उन दोनों की बातें गौर से सुन रहा था.

जिया- बेटा अगर उसकी आंख खुल गई तो?
बदरू- नहीं मां, नहीं खुलेगी.

बदरू ने मेरी तरफ देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा.
मैं यह सोचकर दंग रह गया कि अम्मी बेटे के बीच भी नाजायज संबंध होते हैं … क्या कलयुग है!

बदरू- देख रही हो, रोहित कितनी गहरी नींद में सोया हुआ है!
जिया- तो तू नहीं मानेगा, चल कर … तुझे जो करना है, पर रोहित को पता नहीं लगना चाहिए!

बदरू की अम्मी भी बड़ी चुदासी लग रही थीं.
उनकी बातों से साफ पता लग रहा था कि वे दोनों कई दिनों से अपने इस नाजायज संबंध को बनाए हुए हैं.

बदरू- आज तो अब्बू भी नहीं हैं और रही बात रोहित की, तो वह जागने वाला नहीं … आज आपकी बहुत जोरदार चुदाई होगी.
जिया- ज्यादा बातें ना कर, जो करना है … फटाफट कर! अब मेरा भी मन मचल गया है.

उन दोनों अम्मी बेटी की बातें सुनकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मैं खुद पर सिर्फ कंट्रोल कर रहा था.

मैंने थोड़ी सी चादर हटाई और उनकी तरफ देखने लगा.
उन दोनों का ध्यान मेरी तरफ नहीं था, उन्हें लगा कि मैं सो रहा हूं.

लेकिन मैं उनके बीच में होने वाला सारा खेल देख रहा था.

रात के करीब 3:00 बज रहे होंगे.
बदरू ने अपनी अम्मी की रजाई हटा दी.
उसकी अम्मी ने पीले रंग का सूट पहना था जिसमें आंटी क़यामत लग रही थीं.

बदरू की अम्मी बदरू की तरफ पीठ करके सोई हुई थीं. बदरू ने अपनी अम्मी को चूमना शुरू कर दिया. वह अपनी अम्मी की गर्दन और कान को चाटने लगा.
उसकी अम्मी भी काम वासना से भरी हुई सिसकारियां ले रही थीं- अह्ह अह्हह!

बदरू ने फिर धीरे-धीरे अपनी अम्मी का ब्लाउज उतार दिया.
मेरा तो यह सब देख कर बुरा हाल हो रहा था.

उसकी अम्मी ने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से उनके बड़े-बड़े चूचे बाहर निकलने को हो रहे थे.
पहले तो बदरू ने अपनी अम्मी की खूब पीठ चाटी, फिर ब्रा का हुक खोल दिया, जिससे जिया आंटी की चूचियां नंगी हो गईं.

बदरू पागलों की तरह अपनी अम्मी की चूचियां चूसने लगा.

जिया- आह और चूस बेटा और चूस!
बदरू- आह क्या मुलायम चूचियां हैं अम्मी तुम्हारी … जी करता है बस चूसता ही जाऊं.

जिया- आराम से रोहित जाग जाएगा बेटा!
बदरू- नहीं जागेगा मां, आप चिंता ना करो.

जिया- उम्म्म … क्या कर रहा है आह और जोर से चूस ले बेटा! आह उम्म्म्म!

बदरू ने अब अपनी अम्मी का पेटीकोट ढीला किया और उसे नीचे खींच कर उतार दिया.

जिया आंटी नीचे से पूरी नंगी हो गईं.
यह देख कर अब मैं भी अपना लंड सहलाने लगा.

जिया आंटी- आह मेरी चूत चाट ले बेटा, तूने बहुत दिन से नहीं चाटी!
बदरू- हां अम्मी चाट दूंगा, पहले तुम्हारा पेट चाट लूँ.

जिया- आह्ह उम्म्म!

बदरू- क्या नाभि है तेरी अम्मी … उम्म … मजेदार लज्जतदार … आह.
जिया आंटी ने अब बदरू का लोअर खोल दिया.
साले हरामी ने अन्दर चड्डी भी नहीं पहनी थी.

जिया आंटी ने जैसे ही अपने बेटे का लोवर खींचा.
बदरू का 6 इंच का मोटा लंड जिया आंटी के मुँह से जा टकराया.

जिया आंटी ने भी झट से लंड को गप से मुँह में भर लिया और खूब चाटा.
वे उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.

जिया आंटी और बदरू दोनों अम्मी बेटे पूरे नंगे थे और चुदाई का मजा ले रहे थे.
इधर मैं अपने लौड़े को सहलाता हुआ चुपचाप उनकी चुदाई देख रहा था.

जिया- बेटा आह चूत चाट मेरी!

बदरू जिया आंटी की चूत चाटने लगा.

जिया आंटी- आआह अह्ह उम्म्म … कितना अच्छा लग रहा है मेरे लख्तेजिगर आह … चूस ले अपनी अम्मी की चूत आह अन्दर तक जीभ पेल कर चाट आह मादरचोद आह!

आंटी की वासना चरम पर पहुंच गई थी और वे गाली देती हुई अपनी चूत के टपकते रस से सराबोर होने लगी थीं.

बदरू अपनी अम्मी की चुत का रस चाट चाट कर पीता जा रहा था.

कुछ ही देर में जिया आंटी ठंडी हो गईं और बदरू ने भी अपनी अम्मी की चुत को चाट कर साफ कर दिया था.

अब बदरू और जिया आंटी दोनों लेट गए.
फिर कुछ देर बाद बदरू ने जिया आंटी की एक टांग उठाई और वह अपना लंड अपनी अम्मी की चूत पर सैट करने लगा.

दोस्त की मॅाम Xxx चुदास चढ़ने लगी थी.
उन्होंने भी अपनी कमर को जुंबिश देते हुए कहा- आह … डाल दे बेटा अपनी अम्मी की चूत में अपना लंड!

बदरू ने अह अह्ह करके लंड पेल दिया और माँ की चूत के मजे लूटने लगा.

कुछ ही देर में उन दोनों की चुदाई ने रफ्तार पकड़ ली और बदरू ने अपनी माँ जिया को धकापेल चोदना शुरू कर दिया.

जिया आंटी- आआह्ह आह मर गई मय्या चुद गई आह उम्म्म.
बदरू- आह्हह … क्या मजा आ रहा है … क्या कसी हुइ चूत है तेरी अम्मी … मेरे बाप के लौड़े में तो दम ही नहीं है!

जिया आंटी- तभी तो अपने बेटे से चूत चुदवा रही हूँ … आह चोद बेटा … और कसके चोद अपनी अम्मी को … तेरे अब्बू से तो ऐसे चोदते बनता ही नहीं है, तू बहुत अच्छा चोदता है … और तेरे लंड की मुझे भी लत पड़ गई है आह्हह उम्म.
बदरू- अम्मी, तुम जन्नत की अप्सरा हो अप्सरा … आह्ह तुम्हारी चूचियों का तो रोहित भी दीवाना है … साला घूरता रहता है तुम्हें और तुम्हारी गांड को … आह अम्मी सच में तुम्हारी गांड तो कयामत है.

जिया आंटी- तेरा लंड भी किसी मूसल से कम नहीं है … साला अन्दर पेलता है तो चूत की नसें ढीली कर देता है … अह्ह मैं तो तुझसे रोज़ चुदवाना चाहती हूँ, पर तेरे अब्बू से डरती हूँ … और लोगों से भी … अगर किसी को पता चल गया तो पता नहीं क्या होगा?

बदरू- मैं ऐसे गांडू टाइप के नियम नहीं मानता अम्मी आह! हर बेटे को अपनी अम्मी को चोदने का अधिकार होना चाहिए … अम्मी की चूत जैसा मजा बाकी में कहां उम्म् अह्हह.

अब वे दोनों शायद भूल ही गए थे कि मैं वहीं सोया हुआ हूँ इसलिए वे दोनों बेखौफ चुदाई का आनन्द ले रहे थे.

दस मिनट बाद बदरू अपनी अम्मी की चूत में ही झड़ गया.

फिर वे दोनों कपड़े पहन कर सो गए.

उनके सोते ही मैं बाथरूम गया और जिया आंटी को सोच कर मुठ मार कर बाहर आ गया और मैं भी सो गया.

दोस्तो, अब मुझे बदरू की अम्मी की चूत चुदाई का मजा लेना है.
मगर उन्हें कैसे चोदूँ … यह समझ में नहीं आ रहा है.

आप प्लीज बताएं कि मैं जिया आंटी की चूत में अपना लंड किस तरह से डाल कर उन्हें चोद सकूँ!

मेरी दोस्त की मॅाम Xxx कहानी पर अपने कमेंट्स जरूर करें.
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