अब्बू और भाईजान से एक साथ चूत गांड चुदाई

(Abbu Aur Bhaijaan Se Ek Sath Chut Gand Chudai)

दोस्तो, मैं आपकी प्यारी सेक्सी कामुकता से भरपूर बिलकीस बानू… उम्मीद करती हूँ कि आप लोग मुझे भूले नहीं होंगे। आपको तो याद ही होऊँगी.
पिछली कई सेक्स कहानियों में मैंने अपनी चुत चुदाई के बारे में बताया है कि कैसे मेरी माँ ने कुछ रुपयों के लिए हमारे ही एक कारीगर फरीद को बेच दिया और फरीद ने मेरी नथ उतारी थी

फिर उसके बाद मैं एक नंबर की रंडी बन गयी, चुदाई के बिना मेरा जी नहीं लगता था, फिर मैंने मेरे अब्बू को फंसाया और उनको मजबूर कर दिया कि अपना लंबा विशाल लंड अब्बू अपनी बेटी की चूत में डाल कर मेरी चूत की गर्मी को शांत करें।

फिर तो रोज का सिलसिला ही हो गया और मैं अब्बू के साथ मैं चुदवाने लगी, कुछ दिन मेरी जिंदगी बहुत ही रंगीन और आराम से कट रही थी, अब्बू से चुदवा कर मैं बड़े आराम से अपनी काम इच्छा को को पूरा कर रही थी, कभी अब्बू तो कभी फरीद से चुद कर मैं अपनी लाइफ के पूरे मज़े ले रही थी।

फिर एक दिन दोपहर में मेरे भाईजान ने मुझे अब्बू से चुदते हुए देख लिया और मेरी मस्त जवानी और मेरी रसभरी चूत, बड़े बड़े मम्मे देख कर मेरे भाई की नीयत भी डोल गयी और वो अपनी बहन की चूत को चोदने के लिये बेचैन हो गए जिसे वो कभी देखने की सोच भी नहीं सकते थे।
फिर एक रात मौका पाकर भाई जान ने मुझे जम कर चोद दिया

और उस रात के बाद कुछ ऐसा हो गया कि दिन में मैं अब्बू का लंड लेती थी और रात को आरजू भाई का। मेरे दिन बड़े रंगीन थे। अब तो मेरे आसपास तीन तीन लंड थे।

एक दिन मैंने अन्तर्वासना पर एक ग्रुप चुदाई की कहानी पढ़ी। उसमें एक लड़की की दो लोग मिल कर चुदाई कर रहे थे।
उस कहानी को पढ़ कर मैं पागल सी हो गयी, मैं सोचने लगी कि कितना मज़ा आये अगर एक साथ एक लंड मेरी चूत को फाड़ रहा हो और उसी समय दूसरा मेरे मुंह हो।

अब्बू भी धीरे धीरे इस बात को जान गए थे कि मैं आरजू भाई से भी चुदती हूँ। पहले तो उन्होंने गुस्सा किया लेकिन बाद में सब शांत हो गया।

एक दिन मैंने भाई को बोला कि मुझे एक साथ एक ही बेड पे दोनों से चुदना है लेकिन भाईजान ने मना कर दिया।
उस रात गुस्से में मैंने भाई को अपनी चुत चुदाई करने नहीं दी।

उसके बाद अगली दो तीन रात ऐसे ही गुजर गए। भाई अब एकदम बेचैन हो गया तो आकर बोला- साली रंडी, जा अब्बू से बात कर… अगर वो मादरचोद तैयार हो गया तो उसके सामने तो मैं अब तुझे व और तेरी अम्मी को भी चोद दूंगा।

फिर मैंने अब्बू को भी ब्लैकमेल करके भाई के साथ मिल कर सेक्स के लिए मना लिया। और फिर शुरु हुई हमारी जबरदस्त चुदाई।
मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी जब मेरी चूत में अब्बू का 10 इंच का गधे वाला लंड और उसी समय भाई का 8 इंच का लंड मेरे मुंह में था। मेरी तो पूछो मत मैं सीधे जन्नत पहुँच गयी।

फिर भाई ने नीचे लेट कर मुझे उसके ऊपर लेटा लिया और ऊपर से अब्बू ने मेरी गांड में अपना विशाल लंड डाल दिया. मैं तो दर्द से रोने लगी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…
मेरी गांड और चूत दोनों फट गई। मैंने बहुत विनती करी अब्बू से भी और भाई से भी… लेकिन दोनों लगे रहे… मुझे रंडी कुतिया और न जाने दुनिया की कौन कौन सी गालियाँ दी और मेरी जम कर गांड और चूत की चुदाई करी।

सच बोलूं तो बाद में मुझे भी बहुत मज़ा आया था। खैर इन सब बातों का मतलब यह था कि अब मेरे घर में सब चुदक्कड़ हो गए थे, सब के सामने सब लोग चुदाई के मामले में खुल गए थे, बस बाकी था तो भाई का माँ के सामने नंगा होना!

जल्द ही वो मौका भी आ गया.

जैसा कि मैंने बताया था कि मुझे मेरी अम्मी ने फरीद को एक दिन के लिए बेच दिया था, तो मेरी अम्मी भी मुझे मेरे शरीर के बारीकियों के बारे में बताने के लिए मौका देख रही थी कि कब वो मुझे एक औरत की खासियत के बारे बता सकें!
उसके लिए घर का खाली होना जरूरी था, पर ऐसा मौका नहीं मिल पा रहा थ, क्योंकि घर में हमेशा कर्मचारी रहते और रात में अब्बू और भाई दोनों होते तो अब्बू अम्मी को और भाई मुझे चोदते रहते थे तो वो खास मौका नहीं मिल पा रहा था.

एक दिन हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ से शादी का बुलावा आया, वैसे जाना तो हम सब को ही था पर यही मौका देखते हुए अम्मी ने जाने से मना कर दिया और मुझे भी रोक लिया। बड़ी मान मनुव्वल के बाद अब्बू और भाई जाने के लिए तैयार हुए। उनको दूर शहर जाना था, सब जल्दी जल्दी में हुआ था तो रिजर्वेशन भी नहीं मिला था, अब्बू और भाई जाने के लिए रात में नौ बजे घर से निकल गए.

वैसे तो स्टेशन घर से 40 मिनट की दूरी पर है, परन्तु शाम के समय ट्रैफिक ज्यादा होता है तो अब्बू और भाई जल्दी निकल गए जिससे स्टेशन समय पर पहुँच सकें.

यहाँ मेरी और अम्मी के पेट की भूख मिटने के बाद अब बारी थी जिस्म की जानकारी लेने की, अम्मी ने मुझे अपने रूम में ले जा कर बैठा दिया और बताने लगी कि कैसे आदमियों को कहाँ छूने से वो पागल हो जाते हैं और मर्द औरतों को कैसे छूते हैं, कहाँ छूते हैं तो औरतें जल्दी गर्म होती हैं.

अम्मी ने सबसे पहले मेरे होंठो में होंठ रख दिए और बड़े प्यार से चूसने लगी. यह मेरे साथ पहली बार था, बड़ा अजीब सा लग रहा था. मेरे गालों को सहलाते हुए मेरे बाल खोल दिए और मेरे बालों को अपने हाथ में जकड़ कर मुझे बड़ी जोर से चूमने लगी, कभी मेरे होंठों को चूसती, कभी मेरे गालों में, कभी मेरी ठुड्डी को चूसती और लगातार मेरे बालो को पकड़ के कभी खींचती और कभी प्यार से सहलाती!

मैं न चाहते हुए भी गर्म हो रही थी, समझ नहीं आ रहा था कि कैसे खुद को रोकूं, अब्बू और भाई भी नहीं हैं… तो कौन मेरी चुदाई करेगा? और कौन मेरी चूत में अपना लंड डाल कर मेरा पानी निकलेगा?
पर मैं सब सोचना छोड़ कर अम्मी का साथ देने लगी, और जैसे वो मुझे चूम रही थी मैं भी अम्मी के ऊपर चढ़ कर अम्मी को चूमने लगी.

तभी अम्मी मेरी कुर्ती उतार के ब्रा ऊपर से मेरे दूध दबाने लगी और मेरे पीछे बैठ के पीछे से मेरे गले में मेरे कान के पीछे किश करने लगी. अम्मी के इस तरह से करने में मेरी हालत तो जल बिन मछली जैसे हो गयी, ऐसा लगने लगा कि आज तक इतना मज़ा तो अब्बू ने भी नहीं दिया… और अभी तो अम्मी सिर्फ किस कर रही हैं तो ये हाल है कि मेरी चड्डी चूत के पानी से पूरी भीग गयी थी, बिना चूत को छुए इतनी बेचैन चूत पहले कभी नहीं हुई थी. ऐसा लग रहा था अभी कोई मेरी चूत में अपना लौड़ा घुसेड़ दे.

अम्मी धीरे धीरे मेरी ब्रा खोल के उतार दी और मेरे दोनों दूध के निप्पल को पकड़ के दबाने लगी. फिर अम्मी ने अपने कपड़े भी उतार दिए और नंगी मुझसे चिपक कर मेरे निप्पल को दबाने लगी, फिर उन्होंने मुझे अपनी और घुमा कर दोनों हाथ से मेरे निप्पल को ऊपर नीचे कर के उन्हें चूसने लगी.

ये सारी चीज़ें मेरी बर्दाश्त से बाहर थी और मैं अपनी चूत में उंगली लगाने लगी तो अम्मी ने मुझे आँख दिखते हुए मेरे हाथ को चूत से हटा कर किनारे कर दिया.
मैं छटपटाने लगी और अम्मी की पकड़ से छूटने की कोशिश करने लगी.

अम्मी ने एक झटके में मेरा लोअर उतार दिया और अपनी भी सलवार उतार कर पैंटी नीचे सरका के मुझे अपनी चूत दिखा के बोली- देख यहाँ अभी तक सूखा पड़ा है, तुझे बड़ी जल्दी है आंसू बहाने की?
फिर अम्मी ने मेरी पैंटी के ऊपर से मेरी चूत में अपनी जीभ लगा के चूत चाटना शुरू कर दिया. उस समय मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी ने गर्म तवे में बर्फ रख दी हो, ऐसा फील हुआ कि अभी कोई मेरी चूत में 2-2 लन्ड घुसेड़ दे, पर मजबूर थी क्योंकि आज मैं अम्मी के चंगुल में फसी हुई थी, अम्मी लगातार मेरी चूत चाटने में लगी हुई थी.

फिर अम्मी ने मेरी पैंटी उतार कर मेरी चूत का पूरा रस चाट चाट कर साफ कर दिया और मुझे 69 पोजीशन में लेटा कर बोली- मेरी चूत चाट!
मुझे बड़ा अजीब सा लगा, लन्ड तो कई बार चूसे थे पर चूत चाटना बड़ा गंदा लग रहा था.

अम्मी ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, यहां मेरी हालत खराब होने लगी और अम्मी मुझे तड़पाने में लगी थी और मैं अम्मी की चूत चूसने में लड़खड़ा रही थी। अम्मी ने चिल्लाते हुए कहा- चूसेगी रंडी की औलाद? छिनार साली बाप का लन्ड तो आइसक्रीम जैसे चूसती है, चूस मादरचोद!

मैंने डर के अम्मी के चूत में मुँह लगा दिया, जैसे ही मुँह लगाया मुझे टेस्ट गजब का लगा, अब मैं और अम्मी दोनों एक दूसरे की चूत चाट रही थी और उंगली कर रही थी.
मैं तो पहले ही सेक्स की आग में जल रही थी. अब अम्मी की भी सिसकारियां निकलने लगी थी, जैसे जैसे वो आवाज़ निकलती और आहें भरती, उतनी ही जोर से मेरी चूत में उंगली अंदर बाहर करती, और जोर से मेरी चूत को काटती!

इधर मैं भी जोश में आकर अम्मी की चूत में उंगली करने लगी थी, और हम दोनों लेस्बियन चुदाई में लगी हुई थी। ये सब करते करते लगभग 12:30 बज़ चुके थे।

तभी अम्मी ने मुझे उठा कर अपनी गोद में बिठा दिया और रबर का लन्ड अपनी चूत में घुसा के मुझे भी अपने ऊपर बिठा कर आधा लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया, अब मैं अम्मी के ऊपर गोद में बैठी अपनी चूत की खुजली मिटा रही थी।

थोड़ी देर में मुझे कुछ आहट सी सुनाई दी, अम्मी ने ध्यान नहीं दिया, वो मेरी चूत को उंगली से चोदने में लगी रही और मैं भी अम्मी की चूत चुदाई में लगी थी.

10 मिनट बाद मुझे फिर से आहट सुनाई दी, तो मेरी नज़र अब्बू और भाई पर पड़ी, मैंने देखा कि अब्बू अपना लौड़ा निकाल के हिला रहे थे और भाई पैन्ट के ऊपर से लन्ड मसल रहा था, तो मैंने चौंक के अम्मी को आवाज़ लगाई, अम्मी ने भी देखा तो आश्चर्य से पूछने लगी- तुम लोग गए नहीं? वापस क्यों आ गए?
तो अब्बू ने कहा- ट्रैफिक के कारण लेट हो गए तो ट्रेन छूट गयी इसलिए वापस आ गए! तुम लोग ये क्या कर रही हो?

अम्मी बोली- मैं बिलकिस को चुदाई के गुर सिखा रही हूं.

अब्बू बोले- तो फिर मैं तुम दोनों की चुदाई करूँगा!
तभी भाई भी बोल दिया- तो क्या मैं यहाँ खड़ा होकर लन्ड हिलाऊंगा, मैं भी इन दोनों रंडियों को चोदूंगा।

तो अब्बू ने उसके गाल पे चांटा मरते हुए बोले- भोसड़ी के, तू अपनी अम्मी को चोदेगा मादरचोद?
तो भाई ने कहा- जब आप रोज अपनी बेटी की चुदाई करते हो तो मैं भी दोनों को आज चोदूंगा।

तभी अम्मी ने कहा- चल आ मादरचोद… देखूं तेरे लन्ड में कितना दम है?

सभी लोग नंगे हो कर बिस्तर में आ गए और शुरू हो गया सेक्स का नंगा नाच।

भाई ने मुझे दबोचा और अब्बू ने अम्मी को दबोच लिया, भाई मेरे बूब्स को अपने हाथों में पकड़ कर दबाने लगा और मेरे होंठ में किस करने लगा. उधर अब्बू का लन्ड अम्मी के मुंह में था और वो लपलप कर के लन्ड को चूसे जा रही थी. भाई का लन्ड अब्बू के लन्ड से छोटा था तो मुझे अब्बू के लन्ड से चुदने की इच्छा ज्यादा थी, पर अब्बू के लन्ड पर आज अम्मी मुँह मार के बैठी थी।

भाई लगातार मेरे बूब्स दबा रहा था. फिर वो धीरे से अपने हाथ को चूत में डाल कर मेरे दूध को जोर जोर से चूसने और काटने लगा, जिससे मुझे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था.

उधर अम्मी अब्बू के लन्ड को चूस चूस के लाल करने में लगी थी और मेरा भाई मेरी चूत के उंगली कर कर के मुझे गर्म करने में लगा था।

मैं भाई को 69 पोजीशन में आने के लिए बोली और उसको चूत चाटने के लिए बोल कर मैं उसका लन्ड चाटने लगी, हम लोग की देखा देखी अम्मी अब्बू भी 69 पोजीशन में आ गए और अम्मी अब्बू भी एक दूसरे का लन्ड और चूत चूसने लगे।

15 मिनट तक चूसने चुसाने का कार्यक्रम चलता रहा और सारे लोग एक एक बार झड़ कर थक चुके थे, सभी लोग ऐसे ही नंगे लेट गए, मेरे बगल में अब्बू थे, उनके बगल में भाई, फिर अम्मी!
थोड़ी देर बाद अम्मी ने भाई के लन्ड को पकड़ के हिलाना शुरू किया और अब्बू ने मेरी चूत चाटने लगे। आज उन्होंने मेरी गांड मारने की बात कही तो मैंने बोला- अब्बू आप चूत में डाल दो, भाई को गांड में डालने दो, मैं दोनों के लन्ड का मज़ा एक साथ लेना चाहती हूं।

अब्बू ने भाई को नीचे लिटा के मेरे को उसके ऊपर लेटा कर भाई को मेरी गांड में लन्ड डालने बोल दिया, और जब वो मेरी गांड में लन्ड डाल दिया तो अब्बू ने मेरी चूत में पूरी तरह से अपना लन्ड डाल के चुदाई शुरू कर दी.

उस टाइम तो ऐसा लग रहा था किसी ने मेरे शरीर में 2-2 तलवारें घुसा दी, मज़े के चक्कर में दो दो लन्ड लेना मेरे लिए जान की आफत बन गया, पर अब कर क्या सकते थे, दोनों लोग मेरी चूत और गांड की अच्छी तरह से बैंड बजा रहे थे।

तभी अम्मी भी मेरी मुँह में अपनी चूत दबा के बैठ गयी और मुझे चुसाने लगी, साथ ही साथ मेरे दोनों बूब्स दबा रही थी, आज तो मानो मैं एक ब्लू फिल्म की रंडी बन गयी थी और मेरे साथ थ्रीसम चुदाई हो रही थी।

फिर अब्बू ने अपना लन्ड निकाल के दूसरी तरफ मुँह कर के फिर से लन्ड घुसेड़ के चुदाई स्टार्ट कर दी। इधर अम्मी ने रबर के लन्ड को अपने चूत में डाल के उसको मेरे मुंह में डाल के मज़ा लेने लगी, भाई नीचे से हाथ निकाल के मेरे बूब्स दबाने लगा.

ये सब करते करते लगभग 15 मिनट हो चुके थे, भाई 1 बार मेरी गांड में अपना वीर्य भर चुका था, 2 बार मेरी चूत पानी बहा चुकी थी, अब्बू अभी तक टिके हुए थे, अम्मी की चूत का पानी पूरा मेरे मुंह में और गले में भर रहा था।

मैंने अम्मी को किनारे किया और भाई मेरे नीचे से निकल कर अम्मी की चूत में अपना लन्ड डाल दिया और अब्बू ने मेरे तीसरी बार झड़ते ही अम्मी की गांड में घुसेड़ दिया, और दोनों ने एक साथ अम्मी की चुदाई शुरू कर दी.

भाई चोदते हुए खुद को गाली देने लगा था, जिसमें वो खुद को मादरचोद कह कर हँस रहा था और अम्मी को जोर जोर से चोद रहा था, अब्बू भी अब थकने लगे थे। मैं अम्मी के दूध दबाने में लगी थी और उनके पेट में हाथ फिरा रही थी।

5 मिनट में भाई ने अम्मी चूत में अपना पूरा माल छोड़ दिया, जैसे ही वो हटा, अब्बू ने अपना लन्ड निकाला और अम्मी की चूत में डाल दिया, और भाई के वीर्य की चिकनाई में ही लन्ड अंदर बाहर करते हुए अपना भी वीर्य अम्मी की चूत में डाल कर लेट गए.

इधर मैं और भाई भी थकान के कारण जहां जगह मिली, सो गए।

लगभग सब की चुदाई होते होते 3 बज़ गए थे। दूसरे दिन रविवार था, कर्मचारियों को आना नहीं था, तो सब नंगे ही सो रहे थे.

पर 10 बजे दरवाज़े के खुलने की आवाज़ आयी, शायद रात में भाई ने दरवाजा बंद करना भूल गया और मौके का फायदा उठा कर कोई अंदर आ गया और उसने हम सब को ऐसे नंगे हालात में देख लिया।

कौन था वो? किसने हम माँ बेटा, बाप बेटी, भाई बहन को नंगी हालत में देख लिया? और आगे क्या हुआ?
ये सब मैं अपनी अगली चुदाई स्टोरी में लिखूंगी.
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