पत्नी ने सहेली संग लेस्बियन सेक्स किया
(Wet Panty hot Kahani)
वेट पैंटी हॉट कहानी में मेरी बीवी सेक्स के लिए हरदम तैयार रहती थी. एक बार मैंने उसे लेस्बियन सेक्स के बारे में पूछा. वो लेस्बियन करना चाहती थी.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मेरा नाम पवन है.
मेरी शादी को करीब दो साल हो चुके हैं और मेरी पत्नी रुचि (24) इतनी आकर्षक है कि उसे देखते ही दिल बेकाबू हो जाता है.
उसका रंग गोरा, भरा हुआ बदन, उभरे हुए बूब्स और गोल-मटोल कूल्हे (hips) एकदम सही नाप के हैं.
ऐसा लगता है जैसे वह किसी सपने से निकल कर आई हो.
उसके साथ सेक्स करने का कोई भी मौका मैं कभी नहीं छोड़ता और वह भी हमेशा उत्तेजित और तैयार रहती है.
पीरियड्स के दिनों में जब मेरी इच्छा जोर मारती है, वह मेरे लंड को अपने नर्म होंठों से धीरे-धीरे चूसती है और इतने प्यार से चूसती है कि मेरा वीर्य उसके मुँह में आ जाता है.
फिर वह उसे बड़े चाव से पी जाती है. यह देखकर मेरे जिस्म में एक अजीब सी गर्मी और खुशी दौड़ जाती है.
पहले रुचि मेरा वीर्य मुँह में लेकर थूक देती थी, लेकिन धीरे-धीरे उसने इसे पीना शुरू कर दिया और अब तो ये हमारी आदत का हिस्सा बन गया है.
मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि यह वेट पैंटी हॉट कहानी कोई बनावटी कहानी नहीं है, बल्कि जो कुछ वास्तव में हुआ, उसे मैं शब्दों में ढाल रहा हूँ.
हम दोनों सेक्स से पहले अडल्ट मूवी देखना पसंद करते हैं. स्क्रीन पर चलते हुए हॉट सीन को देखते वक्त मैं उसे छूता हूँ, उसके बूब्स को सहलाता हूँ, चूसता हूँ और उसकी चूत को चाटने में मुझे गजब का मजा आता है.
रुचि को भी अपनी चूत चुसवाने में बेहद आनन्द मिलता है.
उस वक्त तो वह तड़प उठती है और उसकी सिसकारियां मेरे कानों में मधुर संगीत की तरह गूँजती हैं.
रुचि जानती है कि मुझे मूवी में लेस्बियन और थ्रीसम सीन बहुत उत्तेजित करते हैं.
एक दिन जब किसी मूवी में लेस्बियन सीन चल रहा था, मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कभी किसी लड़की को ऐसे छुआ है?
उसने नजाकत से कहा- नहीं, लेकिन ये सीन देखकर मेरे जिस्म में एक अजीब सी गुदगुदी और उत्तेजना होने लगती है.
फिर मैंने उसकी आंखों में देखते हुए पूछा- अगर तुम्हें लेस्बियन सेक्स करना हो, तो किसके साथ करना चाहोगी?
उसने थोड़ा शर्माते हुए मेरे कलीग रवि की पत्नी वर्षा (23) का नाम लिया.
ये सुनकर मेरे दिल में एक रोमांच सा जाग उठा.
मैंने उसे उकसाया- क्यों न तुम एक बार उसके साथ कोशिश करो?
पहले तो वह हिचकिचाई, लेकिन मेरे बार-बार कहने पर उसने हामी भर दी.
उस रात मैंने उसे इतने जोश से चोदा कि हम दोनों पसीने से तरबतर हो गए.
वर्षा और रवि हमारी ही बिल्डिंग में दूसरे फ्लैट में रहते थे.
रवि मेरा कॉलेज का दोस्त था और हम एक ही ऑफिस में काम करते हैं.
वर्षा भी कम खूबसूरत नहीं थी. रुचि की तरह ही उसका भरा हुआ बदन, गोरा रंग और मदमस्त फिगर मुझे हमेशा लुभाता था.
उनकी शादी को करीब डेढ़ साल हुआ था और हम दोनों परिवारों की आपस में खूब बनती थी.
मुझे वर्षा हमेशा से पसंद थी और अब रुचि का उसका नाम लेना मेरे लिए एक सपने जैसा था.
दो दिन बाद मैं ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था, तभी वर्षा का फोन रुचि के पास आया.
उसने रुचि को अपने साथ मार्केट चलने के लिए कहा और रुचि ने हां कर दी.
ऑफिस जाते वक्त मैंने रुचि को एक गहरी किस की और कान में फुसफुसाया- आज मौका है, इसका फायदा उठाओ.
उसने शरारती मुस्कान के साथ कहा- देखती हूँ, अब तुम ऑफिस जाओ.
शाम को जब मैं ऑफिस से लौटा तो रुचि तैयार थी और मुझे देखते ही उसके चेहरे पर एक रहस्यमयी मुस्कान खिल उठी.
हम दोनों ने चाय-नाश्ता किया और पास में ही टहलने चले गए.
फिर रात में बिस्तर पर लेटते ही मैंने रुचि से पूछा- आज कुछ हुआ?
उसने मुझे एक गर्म चुम्बन दिया और कहा- हां, आज मैं और वर्षा ने थोड़ी देर तक एक-दूसरे को प्यार किया.
मेरी उत्सुकता बढ़ गई और मैंने पूछा- प्यार में क्या-क्या किया?
रुचि ने मेरे कान में धीरे से फुसफुसाया- हमने एक-दूसरे को छुआ, किस किया और बदन को चाटा भी.
ये सुनकर मेरे होश उड़ गए और मैं बेसब्री से सारी बातें विस्तार से सुनने को बेताब हो उठा.
मैंने रुचि से कहा- प्लीज, अच्छे से बताओ ना, सब डिटेल में!
रुचि ने मेरा हाथ अपनी पैंटी में डालते हुए एक गहरी सांस ली और बताना शुरू किया.
इधर मैं वही लिख रहा हूँ, जैसा मेरी वाइफ रुचि ने बताया.
दोपहर के बाद हम दोनों शॉपिंग से लौटकर यहां आ गए थे.
मैंने अपनी सलवार सूट उतारी और टाइट शॉर्ट्स और हल्की टी-शर्ट पहन ली, जो मेरे जिस्म को और निखार रही थी.
हम दोनों बेडरूम में गए, पानी पीने के बाद बेड पर कुशन की टेक लेकर बैठ गए और बातें करने लगे.
बात करते-करते मैंने अपने नंगे पैरों से वर्षा के पैरों को धीरे-धीरे छूना शुरू किया और हम दोनों एक-दूसरे के हाथों को सहलाने लगे.
उसकी उंगलियां मेरी त्वचा पर ऐसी फिसल रही थीं मानो बिजली सी दौड़ रही हो.
बातों-बातों में मैंने उससे पूछा- क्या तुम पोर्न वीडियो देखती हो?
उसने शरारती मुस्कान के साथ कहा- हां, अक्सर रवि के साथ देखती हूँ, लेकिन जब रूम पर अकेली होती हूँ तो भी चुपके से देख लेती हूँ … और तुम?
मैंने भी हां में सिर हिलाया और मेरी आंखों में एक चमक सी आ गई.
मैंने पूछा- कौन सी वीडियो तुम्हें सबसे ज्यादा पसंद है?
उसने बिंदास होकर कहा- मुझे वह वाली खूब अच्छी लगती है, जिसमें दो लड़के और एक लड़की होती है, जहां लड़की के साथ करने के बाद लड़के आपस में करते हैं. मतलब बाईसेक्सुअल और लेस्बियन सीन तो अकेले देखने में गजब का मजा आता है.
उसकी बात सुनकर मेरे जिस्म में एक सिहरन सी दौड़ गई.
फिर उसने मुझसे पूछा- तेरे पास कोई मूवी है?
मैंने कहा- हां है!
मैं लैपटॉप ले आई.
वर्षा ने उत्सुकता से पूछा- क्लिप्स हैं या पूरी मूवी?
मैंने कहा- मूवी हैं, इन्होंने डाउनलोड की हैं, मैंने अभी देखी भी नहीं!
वर्षा बोली- एक काम कर, इसे पेन ड्राइव में कॉपी कर दे, मैं घर पर देख लूँगी.
मैंने कहा- क्यों न थोड़ी अभी देख लें? बाकी तुम घर ले जाना, वैसे भी अभी ये लोग आए नहीं हैं.
वर्षा ने सहमति में सिर हिलाया और हम दोनों पेट के बल लेट गए. लैपटॉप सामने रखकर हमने मूवी प्ले की.
उस फिल्म का नाम था Sex Games (Dorcels).
मूवी में जैसे-जैसे सीन आ रहे थे, हम देखते हुए उनके बारे में बातें करने लगे.
उनके मोटे लंड, तीन लोग एक साथ चुदाई में लगे थे.
लड़की के उभरे हुए बूब्स, मुँह में लेना, बूब्स पर वीर्य (cum) निकालना, ये सब हमें अन्दर तक गर्म कर रहा था.
पहला सीन खत्म होते ही मैं उठकर वॉशरूम गई.
जब वापस आई, तो मेरी नजर वर्षा के कूल्हों (hips) पर पड़ी.
उसने टाइट जीन्स और शर्ट पहनी थी और उसके कसे हुए हिप्स ऐसे उभरे थे कि नजर हटाना मुश्किल था.
शर्ट के अन्दर उसकी ब्रा की स्ट्रिप्स झलक रही थीं, जो मेरे दिल की धड़कन को और तेज कर रही थी.
मैं वापस आकर उसके और करीब लेट गई, उसकी बॉडी से आती खुशबू को महसूस करने लगी और अपने पैरों से उसके पैरों को धीरे-धीरे सहलाने लगी.
स्क्रीन पर जो सीन चल रहा था, उसमें एक कपल जोर-जोर से लंड को चुत में अन्दर बाहर कर रहा था.
चुदाई देख कर मेरी सांसें तेज होने लगीं, मेरी चूत गीली हो रही थी और वर्षा की बातों से लग रहा था कि उसका जिस्म भी उत्तेजना से तप रहा था.
वह सीन खत्म होते ही वर्षा उठी.
जब वह उठ रही थी, तो उसकी शर्ट के अन्दर से उसके टाइट बूब्स साफ दिख रहे थे.
उसकी ब्रा इतनी फिट थी कि उसके निप्पल्स का उभार भी नजर आ रहा था.
वह बोली- बस यार, मैं जा रही हूँ.
मैंने कहा- थोड़ी देर और रुक जाओ, एक सीन और देख लेते हैं, फिर चली जाना.
वह मान गई.
मैंने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस लिटा लिया और अब हम दोनों एकदम सटकर लेटे थे.
उसकी गर्मी मेरे जिस्म में उतर रही थी.
अगला सीन लेस्बियन सेक्स का था.
फिर क्या था, हम दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए.
मैंने शरारत से कहा- वर्षा, देख तेरा वाला सीन आ गया.
वह हल्के से शर्माई और मुस्कुराती हुई देखने लगी.
सीन में जैसे ही दोनों लड़कियां एक-दूसरे को किस करके ब्रा उतार रही थीं और बूब्स चूस रही थीं, हमारी धड़कनें तेज हो गईं.
वर्षा बोली- देखो, कितने प्यार से एक-दूसरे के होंठ चूस रही हैं.
जब सीन में लड़कियां ब्रा उतारती हैं तो मैंने कहा- वर्षा, इनके बूब्स कितने खूबसूरत हैं और निप्पल्स कितने टाइट हैं.
तभी वर्षा ने हँसते हुए कहा- ये बूब्स सामने होते तो चूस लेती.
उसकी बात सुनकर हम दोनों हँस पड़े.
लेकिन मेरे अन्दर एक आग सी भड़क उठी.
उसकी बूब्स चूसने वाली बात ने मुझे इतना उत्तेजित कर दिया कि मैंने सोचा, क्यों न इसे अभी किस कर लूँ.
बस मैंने वैसा ही किया.
मैं आगे बढ़ कर उसके गालों पर, फिर गले पर धीरे-धीरे किस करने लगी.
पहले तो वह चौंक गई और तेज धड़कनों के साथ बोली- यार, क्या कर रही हो?
मेरी सांसें भी तेज हो गई थीं.
मैंने कहा- कुछ नहीं, बस मन कर गया.
वर्षा बोली- अब मुझे जाने दे.
मैंने उसका हाथ पकड़ रखा था.
तभी हमारी नजर फिर स्क्रीन पर गई.
वहां चूत चूसने का सीन चल रहा था.
पाँच सेकंड देखने के बाद मैंने लैपटॉप की स्क्रीन बंद की, उसे साइड में रखा और हम दोनों बेड पर घुटनों के बल बैठ गए.
मैंने अपने दोनों हाथ उसके गालों पर रखे, उसे अपनी ओर खींचा और उसके रसीले होंठों को चूसना शुरू कर दिया.
वर्षा भी पूरा साथ दे रही थी मानो वह भी मेरे साथ ये सब करने को बेताब थी.
उसने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाली और मैं उसकी जीभ को चूसने लगी.
हम दोनों के दिलों की धड़कनें इतनी तेज थीं कि लग रहा था जैसे कमरे में सिर्फ हमारी सांसों की आवाज गूँज रही हो.
बेडरूम में एक अजीब सी गर्म शांति छा गई थी और हम दोनों उस पल में पूरी तरह खो गए थे.
जो लेस्बियन सीन हमने देखा था, वह अब धीरे-धीरे हकीकत में बदलने लगा.
हम दोनों एक-दूसरे को धीरे-धीरे छूने लगे, आंखें बंद करके एक-दूसरे के रसीले होंठों को चूस रहे थे, बूब्स को दबा रहे थे.
ऐसा लग रहा था जैसे हम एक-दूसरे में समा जाना चाहते हों.
वर्षा के नर्म हाथ मेरी शॉर्ट्स के अन्दर घुस गए और मेरे कूल्हों को सहलाने लगे, जबकि मैं उसकी शर्ट उतार रही थी.
शर्ट उतरते ही जो नजारा सामने आया, उफ्फ … उसका गोरा बदन चमक रहा था.
टाइट बूब्स महरून रंग की हाफ-कवर ब्रा में कैद थे, जो उन्हें और उत्तेजक बना रहे थे.
उसने मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरे बूब्स देखकर उसके मुँह से निकला- वाह, कितने खूबसूरत हैं!
मैं झुक गई और उसके बूब्स के ऊपरी हिस्से को चूमने लगी, मेरे होंठ उसकी नर्म त्वचा पर फिसल रहे थे.
वह मेरी पीठ को सहला रही थी और फिर उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया.
मैंने भी उसकी ब्रा खोल दी और हम दोनों ने अपनी ब्रा उतार फेंकी.
अब हमारे टाइट बूब्स एक-दूसरे के सामने थे, नंगे और उत्तेजित.
वर्षा ने मुझे गले लगाया, फिर मेरे होंठों को चूसने लगी.
हमारे बूब्स आपस में रगड़ रहे थे, दब रहे थे और इस रगड़ से हमारे निप्पल्स पत्थर जैसे सख्त हो गए.
वर्षा के बूब्स को देखकर मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने उसका बायां बूब अपने मुँह में लिया और चूसने लगी.
आह … वह अहसास मैं बयान ही नहीं कर सकती. ऐसा लग रहा था जैसे मैं किसी और दुनिया में हूँ.
दूसरे बूब को मैं दबाती हुई सहला रही थी.
वर्षा मेरे सिर को प्यार से सहला रही थी.
फिर मैंने उसके दोनों बूब्स को जी भरकर चूसा, मेरे होंठों से उसकी त्वचा पर गर्मी फैल रही थी.
वह हँसती हुई बोली- सारा दूध आज ही पी लेगी क्या?
फिर उसने मुझे नीचे लिटाया और मेरे बूब्स के साथ खेलने लगी.
उसने मेरे दोनों बूब्स को इतने प्यार से चूसा कि मेरे जिस्म में आग सी लग गई.
अंत में वह बोली- बस, आज के लिए इतना ही!
मेरी चूत रस से भर गई थी, मेरी पैंटी इस कदर गीली हो चुकी थी कि वह मेरी जाँघों तक चिपक रही थी.
मैंने वर्षा से पूछा- क्या तेरी पैंटी भी गीली हुई है?
वह ब्रा पहनती हुई बोली- एक मिनट, मैं वॉशरूम से आती हूँ.
तब तक मैंने अपने कपड़े पहन लिए.
वर्षा वॉशरूम से लौटी, बेड ठीक किया और बोली- मैं जा रही हूँ, इन लोगों के आने का टाइम हो गया है.
मैंने उसे एक गहरी किस दी और दरवाजे तक छोड़ आई.
जैसे ही मैं अन्दर लौटी, तभी वर्षा का फोन आया.
मैंने पूछा- हां वर्षा, क्या हुआ?
वह बोली- बेडरूम में तकिए के नीचे तेरे उस सवाल का जवाब है, जाकर देख ले … मैं होल्ड करती हूँ.
मैं दौड़कर गई और तकिए के नीचे देखा कि वर्षा ने अपनी हॉट पैंटी छोड़ रखी थी, जो पूरी तरह गीली पैंटी थी.
पता नहीं क्यों, मैंने उसे उठाया, उसकी महक को सूँघा और उसकी चूत के रस को हल्के से चाटकर स्वाद लिया.
एक अजीब सी मादकता थी उसमें.
तभी फोन पर वर्षा ने पूछा- मिल गया जवाब? चलो, अब रखती हूँ. बाकी का प्यार फिर कभी!
मेरे पूरे बदन में एक मीठी सी सिहरन दौड़ गई.
दोस्तो, मेरी बीवी ने अपनी गाथा खत्म की और मेरे लौड़े को दबा दिया.
अब रुचि मेरा लंड सहला रही थी और मैं उसकी चूत को, जो पूरी तरह तर हो चुकी थी.
उसकी बातें सुनते हुए मैं आंखें बंद करके सब कुछ कर रहा था.
इतनी उत्तेजक बातें सुनकर मैं पागल सा हो गया था, मेरा वीर्य निकलने को बेताब था.
तभी मैंने रुचि से पूछा- वर्षा की पैंटी कहां है?
उसने तकिए के नीचे से निकाल कर दिखाई.
मैंने देखा कि Vero Moda की Hipster Lace पैंटी, महरून रंग की, जिसका चूत वाला हिस्सा ग्लिसरीन जैसे गीले रस से चमक रहा था.
वह गीली पैंटी इतनी हॉट लग रही थी कि मेरे जिस्म में आग लग गई.
रुचि ने पैंटी मुझसे छीनते हुए कहा- तुम इस पैंटी का क्या करोगे?
मैंने कहा- कुछ नहीं.
वह बोली- आंखें बंद करो.
मैंने कर लीं.
फिर उसने कहा- मुँह खोलो.
मैंने खोल दिया, कुछ समझ नहीं आ रहा था.
तभी रुचि ने वर्षा की वेट पैंटी का गीला हिस्सा मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे उसकी चूत की महक सूँघने को कहा.
वाह, क्या मादक खुशबू थी उसकी चूत की … और हल्का नमकीन स्वाद मेरी जीभ पर फैल गया.
उसी वक्त रुचि मेरा लंड चूसने लगी और चूसते-चूसते मेरा सारा वीर्य अपने मुँह में ले लिया.
मैं वर्षा की पैंटी को सूँघते हुए उत्तेजना में चिल्लाया- मुझे भी पीना है!
रुचि का मुँह अभी मेरे वीर्य से भरा था.
उसने मुझे बिठाया, वेट पैंटी हटाई और मेरे होंठों को चूसते हुए आधा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया.
बाकी वह खुद पी गई.
फिर उसने वर्षा की हॉट पैंटी से मेरा मुँह साफ किया और बोली- जब दो लड़कियां आपस में सेक्स करती हैं, तो उसका मजा कुछ और होता है और तुम्हारे साथ करने का मजा कुछ और!
इस वास्तविक घटना को पढ़ने के बाद उम्मीद है आपको अच्छा लगा होगा.
इस वर्णन में बहुत सी बातें अभी छूट गई हैं जो लिखना बाकी है.
उपरोक्त घटना में आप खुद को, अपनी वाइफ को और उसकी दोस्त को रखकर देखें, मजा दोगुना हो जाएगा.
दोस्तो, आगे क्या-क्या होता है, वह अगली कहानी में बताऊंगा.
वेट पैंटी हॉट कहानी आपको कैसी लगी?
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