सास बहू की रंगरेलियाँ -2
(Sas Bahu Ki Rangreliyan-2)
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हैलो पाठको.. अभी तक आप सभी मेरी और मेरी सासू माँ की लेस्बियन सेक्स Lesbian Sex की कहानी को पढ़ रहे थे.. कहानी का आगे रस लीजिए।
मेरी सासू माँ जी ने अब तक सिर्फ़ ब्रा उतारी थी.. अब माँ जी ने अपनी दो उँगलियाँ मेरी चूत के अन्दर डाल कर मुझे मज़े देने लगीं।
हम दोनों ने एक दूसरे की वासना की आग को बहुत देर तक ऊँगली और अपनी जीभों से खोद कर.. चूस कर चाट कर शान्त की और निढाल हो कर एक-दूसरे से चिपक कर लेट गए।
जब हम दोनों पूरे खुश हो गए तब माँ जी मेरी तरफ देखने लगीं कि मेरी क्या प्रतिक्रिया है।
लेकिन आज मुझे दुनिया का एक अलग सा मज़ा मेरी सासू माँ ने मुझे दिया था.. तो मैंने प्यार से अपनी सासू माँ जी को बड़ा सा किस किया.. और उठ कर कहा- आप फ्रेश हो जाओ.. मैं हम दोनों के लिए चाय लाती हूँ।
अब मैं रसोई में चली गई और माँ जी ने बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर सिर्फ़ पैन्टी पहन ली। उन्होंने ऊपर से लेस वाला गाउन पहन लिया और बाहर आकर टेबल के पास जाकर बैठ गईं।
मैंने उनसे पूछा- माँ जी अगर आपको इस तरह से अपनी चूत की गर्मी शान्त करवाना पसंद था.. तो मुझे पहले क्यों नहीं बताया?
तो माँ जी ने मुझसे खुली भाषा में कहा- बेटी ये सब कैसे बताती.. तुम दोनों मियाँ-बीवी रात होते ही अन्दर चुदाई में शुरू हो जाते हो और इधर मैं तेरी सिसकारियाँ सुन-सुन कर गर्म हो जाती थी। बस बेबसी में ज़ोर से चूत पर उंगली फिराने लगती थी। एक तो तेरे ससुर.. जिनको चूत चोदने की बहुत हवस थी.. वो जब मर्जी चाहे मुझे हचक कर चोदते थे। मैं भी ना नहीं कहती.. क्योंकि मुझे भी चुदाई अच्छी लगने लगी थी। उनका भी 8 इंच का हल्लबी लण्ड था.. मुझे हर तरह से उनके लौड़े से चुदने में मजा आता था। मुझे जी भर के चोदने के लिए वो हमेशा एक अलग सा टाइम निकालते थे। उन्हें हर बार एक नए ढंग से मुझे चोदने का मन करता था।
तो मैंने कहा- माँ जी आज तक पापा जी ने आपको कहाँ-कहाँ पर चोदा है?
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तो माँ जी कहने लगीं- बेटा उन्हें जहाँ मन करता.. वे उसी जगह शुरू हो जाते थे.. उन्होंने मुझे कभी रसोई में चोदा.. कभी गार्डन में पेला.. कभी इधर हॉल में ही चुदाई शुरू हो जाती थी।
‘अरे वाह.. पापाजी जी बड़े चोदू किस्म के थे..!’
‘हाँ बहू.. एक बार तो हम दोनों अपनी गाड़ी लेकर बाहर घूमने गए थे.. बाहर सुनसान रास्ता था.. तो उन्होंने चलती गाड़ी में ही मुझे चोदने की इच्छा जताई.. तो मैंने भी कोई बात ना कहते हुए.. उनका पूरा साथ दिया.. और उस दिन तो चालू सड़क पर गाड़ी के अन्दर ही खूब चुदाई हुई थी।’
‘अरे वाह मम्मी खुली सड़क पर चूत चुदवा ली..’ मैंने मम्मी के दूध मसक दिए।
मम्मी ने भी मेरे निप्पलों को उमेठ दिया- हाँ उन्होंने.. मुझे एक बार खुले आसमान में भी चोदा था.. जब हम लोग गाँव गए हुए थे.. तो वहाँ भी खेत में भी हमने चुदाई का मजा लिया था.. वो तो इतने अधिक कामपिपासु थे कि अगर ऑफिस में बोर हो रहे हों.. तो सीधे घर चले आते और बस मुझे जिस हालत में मैं होती थी उसी हालत में मुझे चोदने लगते थे।
‘सच माँ जी? मतलब पापा जी महाचोदू इंसान थे..’
‘हाँ बेटा.. तूने सच कहा है कि तेरे ससुर जी एक महाचोदू किस्म के इंसान थे.. वो खड़े होकर मुझे चोदते थे.. ये उनका सबसे पसंदीदा स्टाइल था.. इस स्टाइल में उनका पूरा लण्ड मेरी चूत में घुस जाता था।
वो क्या करते थे कि मुझे गोद में उठा लेते थे और वो मुझे ऊपर उठाते.. नीचे से मेरी चूत में उनका हलब्बी लौड़ा मेरी चूत में घुस जाता था और जब नीचे आते समय मेरी चूत में ज़ोर से उनका लण्ड अन्दर चला जाता तो मैं चीख पड़ती थी मुझे उस वक्त ऐसा लगता था कि किसी घोड़े का लण्ड मेरी चूत को चीरता हुआ चला गया है।
ये पोज़िशन ऐसी होती है कि आदमी को पूरे खड़े होना पड़ता है औरत को अपने दोनों पैर को आदमी के कमर से जाते हुई पीछे डालने पड़ते हैं और औरत अपने दोनों हाथ आदमी के कन्धों पर गर्दन से घुमाते हुए जकड़ कर लटकना पड़ता है।’
मैं हैरत से मम्मी के मुँह से उनकी रसीली भाषा में चूत चोदवाने की कला को समझ रही थी।
‘वो हर बार मुझे बहुत देर तक चोदते थे.. ज़्यादातर उन्हें बहुत खड़े होकर ही चोदा था.. उन्हें चुदाई करने के बहुत सारे तरीके आते थे.. पता नहीं किधर से सीखे थे.. लेकिन मेरी चूत को बड़ा मजा आता था। ये उनके पसंदीदा स्टाइल थे।’
अपनी सास के मुँह से ये सब सुन कर मुझे पता नहीं चल रहा था कि क्या माँ जी और पापाजी ऐसे करते थे। ये सब बताते हुए माँ जी की आँखों में आँसू झलकने लगे थे।
माँ जी के कन्धों पर रख कर मैंने उन्हें शांत रहने को कहा।
अब हम दोनों ने चाय ले ली और मैंने चाय की चुस्की लेते हुए पूछा- उस औरत के साथ आप ये सब कब से लेस्बियन चुदाई करने लगी हैं..?
तो उन्होंने कहा- अभी 2 महीनों से ही.. दरअसल उसके पति का लिंग इतना बड़ा नहीं है.. कि वो उसे खुश कर सके.. एक दिन जब मैं अपने पति से सेक्स करने के बारे में उसे बता रही थी तो वो ये सब सुनते ही वहीं पर गरम होने लगी। बस उसी दिन हम दोनों ने लेज़्बीयन स्टार्ट कर दिया था। लेकिन बाद में उसने मुझे उसके पति से चुदवाने की इच्छा प्रकट की.. तो मैंने हाँ बोलकर उससे भी चुदवाया था। बस तब से ये अपने घर पर हफ्ते में 2 बार आती है। अब वो भी प्यासी है और मैं भी प्यासी हूँ। हम दोनों ही पिछले 6 साल से एक बड़े से लण्ड के लिए बहुत ही भूखी हैं।
अब माँ जी रोने लगीं.. तो मैंने उन्हें कहा- प्लीज़ मम्मी जी आप चुप हो जाइए.. मैं हूँ न.. मैं कुछ करती हूँ।
बस मैंने ठान लिया कि कैसे भी करके इसका हल निकलना चाहिए। उस दिन से माँ जी और मैं हम दोनों हर 2 दिन बाद लेसबो करने लगते हैं।
अब धीरे-धीरे मुझे भी लेज़्बीयन की हवस चढ़ने लगी है.. क्योंकि माँ जी चूत बड़ी अच्छे से चाटती हैं।
एक दिन मैंने पति के साथ सेक्स करते समय उनसे माँ जी के बारे में राय जानने के लिए बोला- माँ जी बहुत अच्छी हैं.. मुझे अपने मायके जाने के लिए कुछ नहीं बोलती हैं और मैं यहाँ बहुत खुश हूँ।
पति ने कुछ नहीं कहा तो मैंने धीरे से बोला- जी आपकी वजह से मुझे सेक्स की इतनी हवस चढ़ गई है कि हर दो दिन बाद सेक्स किए बिना नहीं रहा जाता है। वो भी आप ही के लण्ड से चुदने में मुझे मजा आता है। मैं बहुत ही ख़ुशनसीब हूँ.. जिसे आप जैसा पति मिला और आपका ये प्यारा हल्लबी लण्ड मेरा प्यारा सा खिलौना है।
यह कहते हुए मैंने प्यार से उनके लण्ड पर चुम्मा ले लिया और फिर उन्हें किस करने लगी। जिसकी वजह से वो बहुत उत्साहित हुए और मेरी चूत में लण्ड डालने लगे।
कुछ देर तक पति के साथ मेरी हचक कर चुदाई हुई.. फिर वे ज़ोर से ‘आह’ भर कर निढाल हो कर मेरे ऊपर हो गिर पड़े।
थोड़ी देर बाद जब हमने एक-दूसरे से लिपट सोने की लिए चादर ओढ़ ली.. तो मैंने उनसे पूछा- सुनिए जी.. मुझे तो आपका इतना बड़ा लण्ड मिल गया.. जिससे मैं चुदे बिना नहीं रह सकती.. पर जिन्हें ऐसा लण्ड नहीं मिलता होगा.. उनका क्या होता होगा.? वो क्या करते होंगे?
तो वो भी सोचते हुए बोलने लगे- हाँ यार.. उनका क्या होता होगा? पर तुम जानती हो कि उन्हें अगर मैं मिल गया.. तो उन्हें दुनिया की वो खुशी दूँगा.. जो आज तक उन्हें नहीं मिली होगी.. मैं अपने लण्ड से उन्हें जी भर कर उन्हें चोद कर संतुष्ट कर सकता हूँ।
अपने पति के मुँह से मैंने इस तरह की बात सुनी तो मेरे दिमाग में योजना बनने लगी कि पहले तो मैं अपनी सास की उस सहेली की चूत को चुदवाऊँगी फिर धीरे से किसी तरह अपनी सास की चूत भी अपने पति के घोड़े जैसे लण्ड से चुदवा ही दूंगी।
दोस्तो, मैं इस सब घटनाओं के बाद अभी इस कार्यक्रम को अंजाम देने की सोच ही रही थी कि मुझे अपने पति के साथ यूएस जाना पड़ गया।
जब मैं यूएस से वापस आऊँगी तब ही अपनी सास की चूत का काम उठवा दूँगी। इस बीच यदि मेरी सास ने कोई और काण्ड कर लिया तो उसको भी आप सभी से साझा करूँगी।
दोस्तो, ये जो मैंने लिखा है न.. वो सब कुछ एक सच है।
मैंने अभी अपने पति से इस तरह की बात की है.. इसके बाद मैंने अपनी सासू माँ जी को अपने ही पति से चुदवाने की पूरी योजना बना ली है.. जिसमें दोनों भी राज़ी होकर चुदेंगे।
प्रिय साथियों मुझे आपके ईमेल का इन्तजार है।
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