जोधपुर की भाभी संग पहला लेस्बीयन सैक्स
(Jodhpur Ki Bhabhi Sang Pahla Lesbian Sex )
पाठक कृपया ध्यान दें कि यह लेस्बियन सेक्स स्टोरी काल्पनिक है। इसका किसी यथार्य या किसी से कोई सम्बन्ध नहीं है, अगर कोई सम्बन्ध होता है तो वो एक संयोग मात्र होगा।
दोस्तो, मेरा नाम पायल जैन है और मेरी उम्र 20 साल है, मैं जोधपुर की रहने वाली हूँ। यह मेरे जीवन में सेक्स की पहली घटना है, मेरा पहला लेस्बियन सैक्स अनुभव है।
यह तब की बात है जब मैं पढ़ती थी और हमारे पड़ोस में एक बहुत ही अच्छी भाभी रहती थी, उनका नाम पूजा था, उनकी उम्र उस समय करीब 30 साल की थी। वो बहुत ही सुन्दर थी एवम् उनका शरीर भी एकदम फिट एवम् आकर्षक था। शायद इसी लिए हमारी कॉलोनी के पास वालों की नजर उस पर बहुत गंदी थी।
दोस्तो, उनके अंदर बहुत सारी अच्छाइयों के साथ साथ उनका व्यवहार भी सभी के लिए बहुत अच्छा था और उस वजह से वो मुझसे बहुत हंस कर अपनी सभी तरह की बातें खुल कर कहा करती थी और इस वजह से मेरी उनसे मेरी बहुत ही कम समय में बहुत अच्छी दोस्ती हो गई थी और हम दोनों का हर कभी एक दूसरे के घर पर आना जाना लगा रहता था।
उनके पति एक सरकारी विभाग में बहुत बड़े अधिकारी थे इसलिए वो दिन के समय और कभी कभी तो कई दिनों तक बिल्कुल अकेली रहती थी इसलिए मैं स्कूल से आने के बाद अक्सर दोपहर के समय में उनके पास चली जाती थी और उसके बाद अक्सर दोपहर के समय में उनके पास चली जाती थी फिर हम दोनों के बीच बहुत सारी हंसी मजाक और गपशप चला करती थी।
एक दिन मैं दोपहर के समय उनके घर चली गई तो मैंने देखा कि वो उस समय एक गाउन पहने हुए थी और उस गाउन में से उनकी ब्रा पेंटी और शरीर का बहुत सारा हिस्सा साफ साफ नजर आ रहाँ था. मैंने उनसे पूछा- क्या बात है भाभी, आज आप अभी तक नहाई नहीं हो?
तो उन्होंने कहा- आज मैं ब्यूटी पार्लर जाने की सोच रही हूँ.
मैंने उनसे पूछा- क्यों?
तो उस समय मुझे अपनी बाजू दिखाते हुए वो मुझसे कहने लगी- मुझे वैक्सिंग करानी है, देखो मेरे बाल बहुत ज्यादा बड़े हो गये हैं।
मैंने उनको कहा- क्या मैं आपकी कुछ मदद कर दूँ?
वो पूछने लगी- तुम क्या मदद करोगी?
मैंने कहा- आप जो भी कहोगी मैं आपकी उस काम में मदद कर सकती हूँ.
उन्होंने कहा- हां!
और उन्होंने मुझे उनकी वेक्सिंग में मदद के लिए बोला.
उसके बाद सबसे पहले मैंने उनकी दोनों बाजू पर वेक्स लगा कर बाल साफ़ किये तो भाभी देख कर वो बहुत खुश हुई, वो मुझसे बोली- चलो, अब तुम मेरी दोनों टांगों की भी लगे हाथ सफाई कर दो.
तो मैंने तुंरत उनको हां कर दी.
अब वो मेरे सामने अपनी टांगों को पूरा खोल कर मतलब अपने गाउन को ऊपर करके मेरे सामने बैठ गई. तब मैंने देखा कि उनके पैर बहुत गोरे और सुंदर थे. मुझे उनको इस हालत में देखकर बहुत अजीब लग रहा था।
उस समय मेरी नजर उनकी चूत की तरफ चली गई, तब मुझे पता चला कि उन्होंने गुलाबी रंग की पेंटी पहनी हुई है जो बहुत ही पतले कपड़े की सैक्सी पेंटी थी जिसमें से उनकी चूत हल्की सी नजर आ रही थी और तब मैं पहली बार किसी को इस तरह से अपने सामने नंगी देखकर अपने आपको बहुत ही उत्तेजित महसूस कर रही थी।
फिर मैंने उनकी नंगी टांगों पर वेक्स लगाना शुरू किया, तब मेरी बहुत इच्छा हो रही थी कि मैं उनसे सेक्स के बारे में कुछ बात करूं और चुदाई के बारे में कुछ बातें पूछ लूं लेकिन मैं उतनी हिम्म्त नहीं कर पा रही थी. मैं बार बार उनकी पेंटी से बाहर झांकती और उनकी साफ चूत को देखकर सोच रही थी कि इसमें हर रात को भाई साहब का लंड जाता होगा और मैं जिन जाँघों को छू रही हूँ उन्हें किसी मर्द ने भी मुझसे पहले बहुत बार छुआ व चूमा चाटा होगा।
मैं ये सभी बातें सोच कर गर्म हो रही थी, तभी पूजा भाभी मुझसे कहने लगी- तुम भी वैक्सिंग करवा लो!
लेकिन मैंने उनको मना कर दिया.
फिर अचानक भाभी मुझसे पूछने लगी- क्या तुम अंदर के बाल साफ करती हो?
तो भाभी के मुख से यह बात सुन कर शरमाने लग गई।
मैंने पूजा भाभी को बताया कि मैं कभी कभी कैंची से अपने बालों को काटती हूँ.
अब वो मुझसे पूछने लगी- क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
मैंने वो बात सुन कर हसं कर भाभी को मना कर दिया और फिर भाभी मुझसे बोली- तुम कैंची से बाल मत काटा करो वरना वो कड़क हो जाएंगे.
मैंने कहा- मेरे बहुत कम बाल है और वो मुलायम भी बहुत हैं।
मैं अपने मन ही मन में सोच रही थी कि काश पूजा भाभी एक बार मेरी चूत का देखे और उसको वो अपने हाथ से सहलाए और मैं उसकी पेंटी के अंदर अपने हाथ को डालकर मजा लूं.
पर मैं यह बात सोचकर डर गई कि उनके पास तो एक जवान पति है वो मेरे साथ ऐसा क्यों करेंगी.
फिर मैंने उनकी वैक्सिंग का काम पूरा करके उससे पूछा कि वो अंदर के बाल कैसे साफ करती हैं?
तो भाभी ने मुझसे कहा कि उसके पास एक क्रीम है जिससे उनकी चूत बिल्कुल मुलायम रहती है। ऐसा करने से मजा भी बहुत आता है.
अब मैंने उन से पूछा कि अंदर के वो बाल साफ करने के लिए क्या भाई साहब आपकी मदद करते हैं?
तब वो हंसते हुए बोली- हाँ लेकिन वो ऐसा कभी कभी करते हैं। हमेशा तो मुझे पूरी मेहनत करनी पड़ती है.
और अब मैं पूजा भाभी से थोड़ी सी हिम्मत करके बोली- हां, भाई साहब को आपके बाल चुभते होंगे इसलिए वो भी आपकी चूत को साफ करने में आपकी मदद करते हैं. और वैसे तो मुझे तो अभी इसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।
पूजा भाभी बोली- मैं तो शुरू से ही यह काम करती चली आ रही हूँ. मैं उस क्रीम से अपनी चूत के बाल साफ करती हूँ.
मैंने उन से कहा- हाँ शायद जैसा आप कह रही हो, वैसे ही आपकी चूत के बाल मुलायम होंगे इसलिए आप इतना जोर देकर बता रही हो.
मेरी इस बात पर पूजा भाभी बोली- हाँ ऐसा ही है. अगर तुम्हें मेरी बात पर विश्वास नहीं होता तो क्या तुम एक बार मेरे बालों को देखना चाहोगी? तुम कहो तो मैं दिखा दूँ?
मैंने उनके मुख से यह बात सुनकर तुरन्त हाँ कह दी.
और मेरे बस कहने की देर थी, उसी समय पूजा भाभी ने अपने गाउन को पूरा ऊपर करके अपनी पेंटी को नीचे उतार दिया, उसके बाद वो मुझसे कहने लगी- पायल, देखने से पता नही चलेगा, अपना हाथ मेरे बालों पर एक बार फेर कर देख!
मैंने मन ही मन खुश होकर अपना हाथ भाभी की चूत पर फेर दिया, तब मुझे पता चला कि उनकी चूत बहुत चिकनी थी और वो बड़ी मस्त मुलायम भी थी जिसको छूकर मुझे बड़ा बड़ा मस्त मजा, आनन्द आया और मैं बोली- आप एक दिन मुझे भी आपका यह क्रीम बाल साफ करने का देना, मैं भी इसको इस्तेमाल करके देखूँगी.
इसके बाद पूजा भाभी ने मुझसे कहा- चल पायल, तू अभी इस समय चल बाथरूम में… मैं तेरी भी मदद कर देती हूँ.
लेकिन मैंने उन से साफ मना करके कहा- नहीं, मैं पहले से ही नहा चुकी हूँ और अब मेरी ब्रा पैन्टी घर से लाना भी ठीक नहीं होगा.
तो वो कहने लगी- उसकी कोई भी समस्या नहीं है, तुम मेरे पहन कर अपने बाल साफ़ करा लो और फिर घर पर जाते वापस अपनी ब्रा पैंटी पहन लेना या फिर बाथरूम में जाकर पूरी नंगी होकर बाल साफ करा लो और फिर हाथ मुंह धोकर वापस अपने कपड़े पहन कर बाहर आ जाना.
दोस्तो, भाभी के मुख से वो जोश भरी बातें सुन कर मैं बहुत गर्म हो गई थी और तभी उन्होंने मुझसे बोला कि मैं एक बार उन्हें अपनी चूत दिखाऊँ.
मैं थोड़ा सा शरमा रही थी लेकिन उसी समय उन्होंने मेरी सलवार का नाड़ा खींच दिया और एक ही झटके में मेरी सलवार को नीचे उतार दिया, अब मेरे नीले रंग की पेंटी को भी उतारने लगी, मैंने उनको मना किया, मैं बोली- भाभी, आप रहने दो, मुझे बहुत शर्म आ रही है.
भाभी बोली- मैं जब तुम्हारे सामने नंगी हो सकती हूँ तो तुम्हें क्यों मेरे सामने नंगी होने में शर्म आ रही है?
मैंने कहा- हां ठीक है, लेकिन आप दूर से ही देखना!
इतना कह कर मैंने धीरे से अपनी पेंटी को नीचे सरका दिया. फिर पूजा भाभी ने झट से मेरी पेंटी को खींच कर बहुत नीच मेरे घुटनों तक तक कर दिया और मैं अपना कुर्ता हाथ से पकड़ कर उसको ऊपर करके खड़ी हुई थी इसलिए अब उनको मेरी मस्त कुंवारी चूत साफ नजर आने लगी थी और उस समय मेरी चूत पर छोटे छोटे भूरे रंग के बाल थे.
तभी भाभी ने अपना एक हाथ मेरी चूत पर फेरना शुरू कर दिया, वो मुझसे बोली- वाह… यह तो बहुत ही सुदंर चूत है.
वो मेरी चूत के छेद पर अपनी अंगुली को रखकर चूत के दोनों होंठों को हल्का सा सहलाकर बोली- इसमें जब पहली बार तुम्हारे पति का वो जायेगा तब उसको और तुमको बहुत मजा आयेगा.
अब मैं वो बातें सुन कर बहुत उत्तेजित हो रही थी, मेरे शरीर में मेरी चूत पर हाथ लगाने से एक अजीब सा मजा एवम् गीलेपन के साथ जोश आ रहा था।
फिर पूजा भाभी मुझसे बोली- पायल, अब अपने सभी कपड़े उतार कर बाथरूम चली जाओ क्योंकि आज मैं तुम्हारी इस प्यारी सुंदर चूत के बालों को साफ करके नहा लूंगी.
मैंने भाभी से हां बोल दिया और उसके बाद में बाथरूम में जाकर पूरी नंगी हो गई और वो अपने गाउन को उतार कर उस समय अपनी पेंटी ब्रा में ही बाथरूम में मेरे पीछे आ गई और मेरी चूत पर क्रीम लगार एक कपड़े से साफ करने लगी.
मैं भाभी के सामने अपने दोनों पैरों को पूरा फैलाकर खड़ी हुई थी और वो अब नीचे बैठकर मेरी चूत के बाल बहुत प्यार से कपड़े से साफ कर रही थी।
इस बीच उन्होंने मुझे खुलकर लंड और चूत की चुदाई की मजेदार बातें बताई, जिनको सुनकर मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी और फिर मैंने उनसे भी पूरा नंगी होने के लिए बोला तो उन्होंने भी तुंरत खड़ी होकर अपनी पेंटी और ब्रा को उतार दिया.
फिर मुझसे रहा नहीं गया और मैं उसी समय उनसे चिपक गई और हम दोनों एकदम पूरी नंगी होकर पूरी तरह से जोश में आकर अब एक दूसरे के होठों को चूसने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे के बूब को भी दबाने व मसलने लगी थी जिसकी वजह से मुझे उस समय क्या और कैसा महसूस हो रहा था, उसको शब्दों में ढाल पाना अंसभव है।
शायद ठीक वैसा ही हाल मेरा हो रहा था जैसा अभी आपका हो रहा होगा क्योंकि अब हम दोनों गर्म होकर सिसकारियाँ लेने लगी थी।
फिर उन्होंने मेरी चूत के दाने को अपनी उंगली से धीरे धीरे घिसना शुरू कर दिया जिसकी वजह से मेरी चूत गीली होने लगी और मैं बिल्कुल पागल जैसी हो गई, मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा. भाभी अपने एक हाथ से मेरी चूत और दूसरे से मेरे बूब के निप्पल को दबाने व सहलाने लगी थी.
कुछ देर ऐसा करने के बाद अब मेरी चूत ने अपना रस बाहर निकालना शुरू कर दिया था जिसकी वजह से मेरा जोश अब धीरे धीरे ठंडा होता चला गया और उस दिन के बाद करीब दो साल तक लगतार हम दोनों ने ऐसे बहुत बार लेस्बियन सैक्स किया और बहुत मजे लिये जिसके कारण मेरा शरीर निखरने लग गया.
मेरे साथ सैक्स करने के साथ साथ पूजा भाभी मुझे अपने पति और बॉयफ्रेंड के साथ हुई अपनी चुदाई के बारे में हमेशा मुझे बताया करती थी जिसको सुनकर मैं बहुत जोश में आ जाती थी और मुझे उनके साथ सैक्स करने में बहुत आनन्द आता था। मुझे वैसा आनन्द मेरी शादी हो जाने के बाद मेरे पति के साथ भी कभी नहीं आया।
पूजा भाभी कई बार अपने पति की जींस और टीशर्ट पहन कर मेरे सामने लड़का बन जाती फिर वो अपनी पेन्टी में बैंगन या केला रख लेती थी जिसको देखकर मुझे पेंटी के अंदर किसी लंड का अहसास होता मैं उनकी जींस को नीचे करके पेंटी में रखे बैंगन पर अपने हाथ का फेरकर या कभी कभी अपनी जीभ से चाटकर और होठों से किस कर के अंदर लंड होने का अहसास करती थी।
मैं उनकी जींस को नीचे करके पेंटी में रखे बैंगन पर को अपने हाथ को फेर कर ऐसा महसूस करती जैसे किसी लंड का अहसास हो, मैं किसी लंड को सहला रही हू और फिर नीचे बैठकर उनकी चूत के पास बहुत चूमती थी जिसकी वजह से उनकी चूत कुछ देर बाद गीली होने लगती थी।
फिर वो मेरी पेंटी में उस बैंगन को डालकर उसको कोई लंड समझ कर उससे बहुत खेलती उसको बहुत चूसती और उसके बाद पूजा भाभी उस बैंगन को पहले मेरी चूत के अंदर डालकर मुझे शांत करती, उसके बाद मैं उनकी चूत में उस बैंगन को डालकर उनको चुदाई के मजे देती, जिसकी वजह से हम दोनों पूरी तरह से संतुष्ट होकर शांत हो जाती थी।
और उस बैंगन को हम फिर बिना धोये उसकी सब्जी या भुर्ता बना कर खा लेती थी।
दोस्तो, फिर कुछ दिनों के बाद उनका कहीं दूसरी जगह तबादला हो गया है और अब पूजा भाभी यहाँ से चली गई हैं। लेकिन वो आज भी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं क्योंकि उन्होंने ही मुझे सैक्स का सही मतलब उसका पूरा मजा कैसे लेना है, चुदाई करते समय किन किन बातों का ध्यान रखना होता है, ऐसी बहुत सारी आवश्यक बातें मुझे बताई और वो मजे भी उस समय मुझे दिये जिस समय मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था।
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