मेरी चूत की प्यास दो मर्दों ने मिलकर बुझाई
(Xxx Xxx Sex With Bhabhi)
Xxx Xxx सेक्स विद भाभी का मजा मेरे साथ हमारे मकान मालिक ने लिया. मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते थे, मुझे चुदाई की आग लगी रहती थी। एक दिन हमारे मकान मालिक घर आए तो …
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, मैं शिप्रा एक बार फिर से अपनी सेक्स स्टोरी लेकर आई हूं।
यह बात तब की है जब मेरी नयी-नयी शादी हुई थी।
हम लोग इंदौर में रह रहे थे।
दोस्तो, मेरा जिस्म बहुत ही गदराया हुआ है।
मेरे सेक्सी जिस्म को देखकर सबकी आह … निकल जाती है।
मेरी हाइट 5.6 फीट है, जिस्म का साइज 38-30-36 का है।
कॉलेज में लड़के मेरे लिए मर-मिटने को तैयार रहते थे।
लेकिन शादी के बाद मुझे सेक्स की कमी महसूस होने लगी क्योंकि मेरे पति मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते थे।
मैं वासना की आग में जलती रहती थी।
मुझे पोर्न फिल्में देखने का भी बहुत शौक है।
तो Xxx Xxx सेक्स विद भाभी कहानी तब की है जब हम शहर में किराये के मकान में रह रहे थे।
मेरे पति प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे और वो काम से बाहर आते-जाते रहते थे।
मकान मालिक की बीवी इस दुनिया से जा चुकी थी।
उनका नाम सिराज था।
उनकी उम्र 40 के करीब थी।
वैसे तो वो मुंबई रहते थे लेकिन महीने में 2-3 बार इंदौर आ जाते थे।
एक दिन मैं घर पर अकेली थी और टीवी पर चलाकर पोर्न फिल्म देख रही थी।
तभी डोरबेल बजी।
मैं टीवी बंद करके दरवाजा खोलने गई तो सामने सिराज थे।
मैंने अंदर आने के लिए कहा और वो सोफे पर आ बैठे।
मैं किचन में चाय बनाने चली गई।
तभी ध्यान आया कि मैंने टीवी पर पोर्न फिल्म चला रखी थी, अगर इन्होंने टीवी ऑन करके देख लिया तो!
मैं जल्दी से बाहर भागी आई लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
वे टीवी ऑन कर चुके थे।
मुझे देखकर बोले- आपको भी इन फिल्मों का शौक है?
शर्माते हुए मैंने कहा- मेरे पति 2-3 दिन के लिए बाहर गए हैं। मैं बोर हो रही थी तो टाइम पास कर रही थी।
मैंने उनके हाथ से रिमोट लेते हुए कहा- बंद कर देती हूं!
लेकिन उन्होंने मुझे हाथ पकड़ कर अपने पास खींच लिया, बोले- बंद क्यों करनी है … साथ में देखते हैं न!
अब मैं कुछ नहीं बोल पाई और उनके पास चुपचाप बैठ गई।
वे बोले- तुम्हारा पति तुम्हारे साथ ऐसे ही ओरल सेक्स करता है क्या?
मैं शर्माती हुई बोली- ये सब क्या पूछ रहे हो आप!
वे बोले- बताओ ना, तुम्हें ओरल सेक्स पसंद है क्या?
मैं बोली- हां, मुझे तो बहुत पसंद है ओरल सेक्स करना और करवाना! लेकिन मेरे पति को नहीं आता है करना!
सिराज- मेरी बीवी को भी बहुत पसंद था यह सब करना, लेकिन उसके जाने के बाद मुझे भी कभी कोई औरत नहीं मिली जो मुझे ऐसा मजा दे सके। कभी-कभी रंडी चुदाई कर लेता हूं लेकिन उसके साथ वो मजा नहीं आता है।
मैं बोली- आप मर्द लोग अपनी प्यास बाहर जाकर बुझा लेते हैं, लेकिन हम औरतें क्या करें?
वो मेरे और करीब आकर बोले- तुम चाहो तो मैं तुम्हारी प्यास मिटा सकता हूँ और किसी को पता नहीं चलेगा।
मैं कुछ बोल पाती इससे पहले ही उन्होंने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया और मेरे मम्मों को भींचने लगे।
उन्हें मैं रोकने लगी.
लेकिन वे मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- मत रोको शिप्रा, जब से तुन्हें देखा है तुम्हारा दीवाना बन गया हूँ।
दोस्तो, वे लगातार मेरे मम्मों को दबाते जा रहे थे और मेरे होंठों में अपनी जीभ डालने की कोशिश कर रहे थे.
मैं चाहकर भी अपने मुंह को खुलने से रोक नहीं पाई और उन्होंने मुंह में जीभ दे दी।
अब मेरी चूत में हलचल पैदा होने लगी.
और जब तक मैं उन्हें रोकती मैं खुद ही गर्म हो गई।
मैंने समर्पण कर दिया और वे मेरे बदन से खेलने लगे।
वे मेरे कपड़े उतारने लगे और थोड़ी देर में ही मैं नंगी उनकी बाँहों में मचल रही थी।
वे ब्लू फिल्म देखकर मेरे साथ वो सब करने लगे जो फिल्म में हो रहा था।
उन्होंने मुझे सोफे पर ही लिटा दिया और मेरी टाँगें फैला दीं।
मेरी चिकनी चूत उनके सामने थी।
वे बोले- क्यों शिप्रा, तेरा पति कभी तेरी चूत चाटता है क्या?
मैं बोली- वो कुछ नहीं करते।
फिर उन्होंने मेरी चूत सहलाना शुरू कर दिया और मैं सिसियाने लगी- आह्ह … इस्स्स्स … मत करो … उम्म … ओह्ह!
उन्होंने अपनी दो उंगली चूत में डालीं और घिसने लगे।
मेरी तो हालत ख़राब हो गई और मैं मछली के समान सोफे पर उछलने लगी- आह्ह ओह्ह इस्स्स नहीं ईईई … अह्ह ह्ह!
उन्होंने अपनी जीभ से मेरी जांघों को चाटना शुरू कर दिया और चाटते हुए मेरी चूत तक पहुंच गए।
अब उन्होंने चूत को जीभ से चाटना शुरू किया और मैं तड़पने लगी- अह्ह अईई … मत करो ना … आऊऊऊ ओह्ह ऊईईच मम्मी!
मैंने पहली बार ये सब झेला था।
इससे पहले ये सब फिल्मों में ही देखा था।
करीब 10-15 मिनट बाद मेरा बदन ऐंठने लगा और मैं झड़ गई।
मुझे ऐसा अहसास पहली बार हुआ था।
मैं हांफती हुई बोली- आपने तो मुझे ऐसे ही झड़वा दिया जबकि मुझे आपके लंड से चुदना था।
वे खड़े होकर बोले- चिंता मत कर शिप्रा, तेरी सारी तमन्ना आज पूरी होगी।
मैं घुटनों पर बैठी और उनकी पैंट नीचे सरका दी।
अंडरवियर के उभार से मैंने अंदाजा लगा लिया कि उनका लंड काफी बड़ा होगा।
वे बोले- देर मत कर शिप्रा, अपना खिलौना देख ले!
मैंने उनका अंडरवियर नीचे किया तो उनका लंड झटके से मेरे सामने आ गया।
बाप रे … क्या लंड था! बिल्कुल ब्लू फिल्मों के हीरो के जैसा … मेरी कलाई से भी मोटा था और लगभग 8-9 इंच लम्बा तो होगा ही।
वे बोले- क्यों मेरी जान, कैसा लगा अपना खिलौना?
मैं आँखें फाड़कर बोली- बाप रे … सिराज, ये क्या है और ये मेरी नन्ही सी चूत में कैसे घुसेगा?
वे बोले- तू उसकी चिंता मत कर, आराम से घुस जायेगा, पहले तू इसका स्वाद तो चख ले डार्लिंग!
मैंने उनका लंड सहलाना शुरू कर दिया, मेरे हाथ लगते ही लंड और तन गया।
मैंने लंड को चाटना शुरू कर दिया।
मुझे बड़ा मज़ा आया।
मैं तो उसको चाटने में खो गई।
वे बोले- चूसकर देख जान …
मैं बोली- ये मुंह में अंदर कैसे जाएगा?
वे बोले- जाएगा, कोशिश तो कर।
मैंने मुंह खोला और वो लंड को मुंह में देने लगे।
बहुत मोटा लंड था।
थोड़ा सा गया था कि सिराज ने धक्का दे दिया और लंड मेरे गले में फंस गया।
मेरी सांस रुकने लगी।
फिर उन्होंने बाहर निकाला तो जान में जान आई।
वे हंसने लगे और बोले- पहली बार में मेरी बीवी की भी यही हालत हुई थी।
मैं बोली- कोई बात नहीं, मैं एक बार फिर से ट्राई करती हूं।
मैंने फिर से लंड को मुंह में लिया क्योंकि लंड चूसने की मेरी बहुत इच्छा हो रही थी।
इस बार मुझे सिराज का लौड़ा निगलने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
वो बोले- देखा, इस बार तू कितनी आसानी से लंड को निगल गई।
अब मैंने धीरे-धीरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
वे मुझे देखने लगे और बोले- चूस साली चूस … मजा आ गया मादरचोद … क्या बात है … आह्ह क्या लंड चूस रही है!
उनके मुंह से गाली सुनकर मैं और ज्यादा गर्म होने लग गई और तेजी से मुंह आगे पीछे करके लंड चूसने लगी।
उन्होंने मेरा सिर पकड़ा और तेजी से लंड मेरे मुंह में घुसाने लगे।
मुझे लगा कहीं मेरा मुंह ना फट जाए।
कुछ देर बाद मैंने उन्हें रोक दिया।
जब सिराज ने लंड बाहर निकाला तो मैं बुरी तरह से हांफ रही थी।
फिर उन्होंने मुझे उठाया और नीचे कालीन पर लिटा लिया।
वे मेरे ऊपर आ चढ़े।
फिर उन्होंने एक बार फिर मेरे मुंह में लंड फंसा दिया और मुंह को चूत समझकर चोदने लगे।
मेरी सांस रुकने लगी।
मैं आक् आक् करके उल्काई कर रही थी लेकिन वे रुक नहीं रह रहे थे।
मैं समझ गई थी कि अब ये मेरे मुंह में अपना माल गिराकर ही रुकेंगे।
असल में मैं भी उनके वीर्य का स्वाद चखना चाहती थी।
फिर उनके लंड में आखिरकार वीर्य का विस्फोट हुआ मेरे मुंह में गर्मागर्म वीर्य जाने लगा।
सारा माल मैं भीतर ही गटकने लगी।
इतना ज्यादा वीर्य निकल रहा था कि मैं लगातार पी रही थी।
इतना माल तो मेरे पति का लंड पूरे हफ्ते में भी नहीं छोड़ता था।
मैंने उनके लंड का पूरा वीर्य पी लिया।
वे उठे और सोफे पर ही बैठ गए।
मैं उनकी गोद में बेठी और बोली- आज तो खूब मजा आया, मुझे यही सब चाहिए था सिराज!
वे मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- अभी तो शुरुआत है, अभी तो आगे और मज़ा आने वाला है … पहले एक चाय पिला दे, जब तक मैं तेरे पति से बातें करता हूँ।
मैं उठी और नंगी ही चाय बनाने चली गई।
वे मोबाइल में मेरे पति से बातें करने लगे।
मैं नंगी ही चाय ट्रे में ले आई और उन्हें दी।
वे मेरे पति से बात करते हुए बोले- जी, शिप्रा ने मेरे लिए चाय बना ली है, लीजिये आप बात करिए।
मैं अपने पति से फोन पर बोली- आप जल्दी आ जाइए, अकेले मन नहीं लग रहा है।
मेरे पति बोले- 2-3 दिन में आ जाऊंगा और सुनो … सिराज कुछ दिन रुकेंगे तो उनके लिए खाना वगैरह अच्छे से देना।
मैं बोली- आप चिंता मत करिए, मैं इनका पूरा ख्याल रख रही हूँ … आप इनसे ही पूछ लो।
मैंने फोन सिराज को दे दिया।
सिराज का लंड फिर खड़ा हो गया था और मैं जाकर उसके लंड को चूसने-चाटने लगी।
तब सिराज फोन पर बोले- हाँ भाई साहब, आप चिंता मत करिए, ये मेरा पूरा ख्याल रख रही है।
मैं सिराज के लंड का स्वाद लेने लगी और सिराज मेरे पति से बातें करने लगे।
कुछ देर बाद सिराज ने फोन रख दिया और मुझे उठाकर सोफे पर लिटा दिया।
मैंने अपनी टांगें फैलाईं और बोली- आराम से डालना!
वे बोले- चिंता मत कर मेरी रानी … अब तो ये चूत मेरी है, मैं इसको प्यार से चोदूंगा।
मैं हंसने लगी।
अब सिराज लंड को मेरी चूत की फांकों पर घिसने लगे।
फिर उन्होंने लंड मेरी चूत पर टिकाया और दबाने लगे।
लंड का सुपारा मेरी चूत को फैलाकर अन्दर समाने लगा।
मुझे दर्द हुआ तो मैं कराह उठी।
अब उन्होंने जोर लगाया और पूरा सुपारा चूत में घुस गया।
मैंने थोड़ा उठकर देखा तो पाया कि मेरी चूत पूरी फ़ैल गई है और उसने सिराज के लंड को कसकर जकड़ लिया है।
सिराज मेरे मम्मों को सहलाने लगे।
मैं आंखें बंद करके लंड के घुसने का इन्तजार करने लगी।
सिराज ने मेरे मम्मों को पकड़ा और बोले- तैयार हो मेरी जान?
मैंने हामी भर दी।
उन्होंने जोर का झटका मारा और पूरा लंड एक बार में मेरे अन्दर समा गया।
मैं चीखी- आईई ईईई … अह्ह्ह ह्ह्ह मर गई … ह्ह्ह!
उन्होंने मेरे मम्मों को पकड़कर मेरी चूत को जोर से चोदना शुरू कर दिया।
कमरे में मेरी चीखें गूंजने लगी- आह्ह … ईई … अह्ह्ह … ओह्ह्हह्ह … आआआआ ऊईई!
थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम होने लगा और मुझे मज़ा आने लगा।
मैं मस्ती में सिसकारने लगी- आह्ह मजा आ रहा है … और तेज तेज करो … फाड़ दो मेरी चूत को सिराज!
सिराज जोश में आकर तेजी से मेरी चुदाई करने लगे।
कमरे में हमारे जिस्मों के टकराने की पट-पट और मेरी सिसकारियों की आवाजें गूंजने लगीं।
ब्लू फिल्म देख हुए उन्होंने मुझे सोफे पर ही कई तरीकों से चोदना शुरू कर दिया।
मैं चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी।
सिराज ने मेरे बरसों की तमन्ना को पूरा कर दिया था।
करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद सिराज बोले- शिप्रा, माल कहां निकालूँ?
मैं बोली- मेरे ऊपर निकालो मेरे राजा!
तब मैं घुटनों पर बैठी और वे मेरे चेहरे के सामने लंड फेंटने लगे।
थोड़ी देर बाद सिराज ने मेरे चेहरे और मम्मों के ऊपर अपने वीर्य की बारिश कर दी।
अब मैं बिल्कुल ब्लू फिल्म की हिरोइन लग रही थी।
मेरे चेहरे और मम्मों से वीर्य टपक रहा था और मैं अपनी उंगलियों से उसे चाटने लगी।
मैंने कहा- डार्लिंग आज तुमने मुझे पूरी औरत बना दिया।
वो बोले- अभी नहीं मादरचोद, अभी तू पूरी औरत नहीं बनी है।
मैं बोली- क्यों अभी क्या बाकी है?
सिराज ने टीवी की तरफ इशारा किया तो मैंने मुड़कर देखा।
देखा कि फिल्म में हिरोइन की गांड मारी जा रही है।
मैं बोली- ना बाबा ना, मेरी गांड को छोड़ दीजिये, आपका लंड काफी मोटा है, मेरी गांड फट गई तो मैं अपने पति को क्या कहूँगी।
वो बोले- कुछ नहीं होगा, तू चिंता मत कर, आराम से गांड मारूँगा, जा तेल ले आ!
मैं मना करती रही लेकिन मैं जानती थी कि वो मेरी गांड मारकर ही रहेंगे।
वैसे भी दूसरे की बीवी की गांड मारने का मौका कोई नहीं छोड़ता।
मैं ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आई।
उन्होंने मुझे सोफे पर ही झुका दिया और मेरी गांड के अन्दर तेल लगाने लगे।
उनकी तेल से सनी उंगली गांड के अन्दर जाते ही मुझे मजा आने लगा।
थोड़ी देर में उन्होंने मेरी गांड को तेल से सराबोर कर दिया और मेरे पीछे आ गए।
उन्होंने लंड को गांड के मुहाने पर घिसना शुरू किया तो मैं सिहर कर बोली- प्लीज़ सिराज, आराम से डालना!
वे अपना लंड गांड के मुहाने पर टिकाकार बोले- तू चिंता मत कर मादरचोद .. कुछ नहीं होगा।
उन्होंने जोर लगाना शुरू कर दिया।
मैं होंठ भींचकर लंड के घुसने का इंतजार करने लगी।
सिराज ने ताकत लगाई और सुपारा मेरे छेद के अंदर समा गया।
मैं कराहती हुई बोली- बहुत दर्द हो रहा है सिराज, निकल लो बाहर!
वे बोले- चुपकर बहनचोद, कितने दिनों बाद तो कुंवारी गांड मिली है!
उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और एक झटके में आधा लंड मेरी गांड में घुस गया।
मैं जोर से चिल्लाई- आईईईई मम्मी उईई … मर गईई मैं तो … हाय … बचाओ!
सिराज ने एक झटका और मारा और पूरा लंड मेरे अन्दर समा गया।
मेरी आँखों के आगे अंधेरा छा गया और मुझे चक्कर आ गए।
थोड़ी देर बाद जब मैं होश में आई तो सिराज तेजी से मेरी गांड मार रहे थे।
मैं चीखने लगी- उईई मर गई … आऊऊ आह्ह ओह्ह … धीरे करो अह्ह्ह्ह आऊऊ!
थोड़ी देर बाद मेरी गांड फ़ैल गई और मेरा दर्द छू-मंतर हो गया।
मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था।
मैं मस्ती में आ गई और अपनी कमर हिलाकर बोली- और तेज मारो सिराज … मजा आ गया। आज तो मैं पूरी औरत बन गई।
वो मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- हाँ मादरचोद … अब तू पूरी औरत बन गई है।
करीब 15 मिनट तक वो मुझे कुतिया बनाकर मेरी गांड रौंदते रहे।
फिर उन्होंने लंड खींचा और सोफे पर बैठ गए।
मैं उनके लंड को चाटने लगी और चूसने लगी।
वे बोले- क्यों रांड … अपनी गांड के रस का स्वाद कैसा लगा?
मैं उनका लंड चाट कर बोली- मजा आ गया जानेमन!
कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मैंने उनका लंड अपनी गांड के अन्दर डाल लिया और उछलने लगी।
वो मेरे मम्मों को दबाते हुए बोले- और तेज उछल मादरचोद!
मैं बिल्कुल ब्लू फिल्म की हीरोइन बन कर उनके लंड पर उछलने लगी और सिसयाने लगी- आह्ह्ह … अह्ह्ह … ओह्ह्ह … अह्ह्ह मज़ा आया रहा है. ओह्ह फक मी!
सिराज मुझे गोदी में लेकर खड़े हो गए और मेरे पुट्ठों को पकड़कर मुझे तेज-तेज उछालना शुरू कर दिया।
मैंने उनकी कमर पर अपनी टांगें फंसा लीं और उनका साथ देने लगी।
कुछ देर बाद सिराज ने मुझे उतार दिया।
मैं खड़े खड़े ही झुक गई और उन्होंने मेरी चूत में लंड पेल दिया।
सिराज पूरे जोश से मेरी चूत का बाजा बजा रहे थे और मैं चुदाई का मजा ले रही थी।
वे मस्ती के मूड में आ गए और वो बारी बारी से मेरी चूत और गांड मारने लगे।
मुझे भी अपने दोनों छेदों का भुर्ता बनवाने में मजा आ रहा था।
थोड़ी देर बाद सिराज ने लंड गांड में डाला और तेज तेज झटके मारने लगे।
फिर दो मिनट बाद ही वो मेरी गांड के अंदर वीर्य भरने लगे।
मैं अपनी गांड में उनका गर्मागर्म वीर्य महसूस कर रही थी।
मुझे पूर्ण संतुष्टि हो गई थी।
सिराज ने आज मुझे वो मजा दिया जो मेरे पति नहीं दे पाए थे।
थोड़ी देर सुस्ताने के बाद हम दोनों बाथरूम में गए.
जहां मैंने अपने मम्मों से सिराज का पूरा बदन रगड़कर धोया और उन्होंने भी मुझे जी भरकर नहलाया।
बाथरूम में भी हमने शावर के नीचे चुदाई का मज़ा लिया।
शाम होते होते सिराज ने मुझे 5-6 बार निपटाया, Xxx Xxx सेक्स विद भाभी का मजा लिया और फिर रात में आने का वादा करके चले गए।
रात करीब 8 बजे सिराज आये और बोले- एक नई ब्लू फिल्म लाया हूँ, चल अन्दर चल!
हम अंदर ड्राइंगरूम में आ गए।
उन्होंने अपना मोबाइल टीवी से कनेक्ट किया और फिल्म लगा दी।
उसमें दो मर्द एक औरत को चोद रहे थे।
हिरोइन अपने दोनों हाथों में लंड लेकर चूस रही थी।
मुझे तो मजा ही आ गया और मुझे इच्छा होने लगी कि काश मुझे भी 2 मर्द चोदते।
सिराज ने शायद मेरा मन पढ़ लिया और बोले- क्यों शिप्रा … 2 लंड से चुदना है?
मैंने मना कर दिया- ना बाबा, ये मुझे नहीं करना।
सिराज बोले- चल मादरचोद साली नौटंकी कर रही है. तेरे चेहरे पर साफ़ लिखा है कि तू भी 2 लंड का मज़ा लेना चाह रही है।
वे उठे और बाहर चले गए।
कुछ देर में वो एक आदमी को लेकर आये और बोले- ये मेरा दोस्त अकरम है और आज हम दोनों रात भर तुझे चोदने वाले हैं।
मैं कुछ बोलती … इससे पहले दोनों मुझ पर टूट पड़े।
दोनों ने मेरा एक-एक स्तन पकड़ा और दबाने लगे।
सिराज मेरे होंठों को चूसने लगे और अकरम मेरी चूत सहलाने लगा।
मेरा तो मन हो ही रहा था 2 मर्दों से चुदने का तो मैंने ज्यादा विरोध नहीं किया।
उन्हें लगा कि मैं भी तैयार हूँ तो वो मेरे कपड़े उतारने लगे।
कुछ देर बाद मैं नंगी उनके बीच में बैठी हुई थी।
वे भी कपड़े उतारकर नंगे हो गए।
मेरे सामने अब 2 बड़े बड़े लंड आ गए।
टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही थी।
मैंने भी दोनों लंड अपने हाथों में पकड़े और बारी बारी से दोनों को चूसने चाटने लगी।
अकरम बोला- यार सिराज, क्या मस्त छिनाल है साली, क्या लंड चूसती है … मजा ही आ गया।
सिराज बोले- इस कुतिया का पति इसकी जवानी ठंडी नहीं कर पाता है तभी ये मादरचोद हमसे चुदवा रही है।
थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद अकरम बोले- यार, अब इस कुतिया को चोदने का मन है।
सिराज सोफे पर बैठ गए और बोले- चल शिप्रा मेरा लंड चूस!
मैं कुतिया बनकर सिराज का लंड चाटने लगी और अकरम पीछे से मेरी चूत मारने लगा।
मुझे मजा आने लगा क्योंकि मुझे 2 लंड का सुख मिल रहा था।
मैं बोली- आह्ह अकरम … आह्ह्ह … धीरे धीरे … आह फक मी … फक मी।
सिराज बोले- क्यों साली रंडी … मजा आया ना!
मैंने हामी भर दी।
अकरम ने करीब 15-20 मिनट तक जी भर कर मेरी चूत मारी।
फिर उसने मेरी गांड मारनी शुरू कर दी।
मैं कराहने लगी।
वह मेरी गांड चोदता रहा और फिर 20 मिनट के बाद मेरी गांड में ही झड़ गया।
सिराज ने मेरे मुंह में तेज तेज लंड पेलना शुरू किया और कुछ देर बाद वह भी मेरे मुंह के अन्दर झड़ गया।
मैं पस्त होकर जमीन पर ही गिर गई और हांफने लगी- आह्ह बस्स … अब छोड़ दो … दर्द हो रहा है।
वे दोनों भी सुस्ताने लगे।
कुछ देर बाद दोनों के लंड फिर से खड़े हो गए।
सिराज ने मुझे गोदी में उठाकर मेरी चूत में लंड डाल दिया और अकरम ने मेरी गांड में!
मैं दोनों तरफ से चुदने लगी और Xxx Xxx सेक्स का मजा लेने लगी।
दोनों मुझे पेलने लगे और मैं मस्ती में सिसकारने लगी- आह्ह और तेज तेज चोदो … मेरी गांड और चूत को फाड़ डालो … आह्ह फक … फक मी।
उन्होंने आधे घंटे तक ब्लू फिल्म देख कर मुझे जोरदार तरीके से पेला।
और फिर मेरी चूत गांड के अन्दर ही झड़ गए।
मेरी चूत से सिराज का वीर्य बाहर रहा था तो गांड से अकरम का वीर्य निकल रहा था।
उन दोनों ने 2 दिन तक दिन-रात मेरी कई-कई बार चुदाई की, मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया और गांड का फालूदा कर दिया।
अब उन दोनों ने मुझे अपनी रखैल बना लिया है।
जब भी मेरे पति बाहर जाते हैं, ये दोनों आकर मेरी जबरदस्त चुदाई करते हैं।
दोस्तो, मुझे अब 2 मर्द मिल गए हैं जो मेरी वासना को बुझाते हैं।
आपको मेरी चुदाई की कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।
Xxx Xxx सेक्स विद भाभी कहानी पर मैं आपके कमेंट्स का इंतजार करूंगी।
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मेरी पिछली कहानी थी: मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी चूत की सील जंगल में तोड़ी
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