डिलीवरी बॉय से रात भर चुदवाया

(Xxx Porn Bhabhi Story)

रेहाना खान 2024-11-19 Comments

Xxx पोर्न भाभी स्टोरी में मुझे चुदाई की लत लग गयी थी. शादी के बाद भी मैंने कई यार पाल रखे थे. एक बार मैं अकेली थी पर कोई यार मुझे चोदने नहीं आया. तो मैं किससे चुदी?

यह कहानी सुनें.

मैं आपको सच बता रही हूँ दोस्तो कि मैंने अपनी जवानी चढ़ते चढ़ते ही सेक्स करना शुरू कर दिया था.
कारण यह था कि कॉलेज में अधिकतर लड़कियां गन्दी गन्दी बातें, चोदा चोदी की बातें और लण्ड, चूत, भोसड़ा की बातें खूब करती थीं जिससे मेरी चूत में आग लग जाती थी।

सबसे ज्यादा बातें लण्ड की होती थीं.
लण्ड पकड़ने, लण्ड चूमने, चाटने और चूसने की बातें होती थीं.

फिर चुदाई की बातें अपने आप होने लगतीं थीं.

मैं बोलती कम थी सुनती ज्यादा थी.
जिससे मेरे मन में लण्ड पकड़ने की और उससे चुदवाने की इच्छा पैदा हो गयी थी.

मैंने एक दिन अपनी एक पक्की सहेली रोली से बात की।

उससे अपनी लण्ड पकड़ने की इच्छा बता दी।
वह बोली- ठीक है यार … मैं तुमको अपने भाई का लण्ड दिलवा सकती हूँ।
मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गई.

एक दिन उसने मुझे बुलाकर अपने भाई का लण्ड दिखा भी दिया।
वह मेरी ज़िन्दगी का पहला लण्ड था.

फिर रोली ने एक दिन अपने भाई का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया।
उस दिन मुझे मालूम हुआ कि चुदवाने में कितना मज़ा आता है.

फिर मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा, बस आगे ही बढ़ती गयी और लण्ड पे लण्ड लेती गयी।

नतीजा यह हुआ कि मैं शादी के पहले कई लड़कों से चुद चुकी थी।

मेरा नाम मिसेज रेहाना है।
मैं 28 साल की एक मदमस्त, खूबसूरत, सेक्सी और हॉट बीवी हूँ।
यह Xxx पोर्न भाभी स्टोरी मेरी ही चुदाई की है.

मेरा शौहर अपने बिज़नेस के काम से अक्सर बाहर जाता रहता है। उसे विदेश में भी जाना पड़ता है।

मैं बहनचोद एक बदचलन बीवी होने के नाते उसके बाहर जाने का पूरा पूरा फायदा उठाती हूँ और आये दिन पराये मर्दों से चुदवाती रहती हूँ.
कभी अपने घर में मर्दों को बुलाकर, कभी उनके घर जाकर, कभी किसी होटल में और कभी किसी सेक्स पार्टी में!

अब तो पराये मर्दों के लण्ड लेने की आदत हो गयी है मेरी.

24 घंटे मेरे दिमाग में लण्ड ही घूमा करता है।
मैं लण्ड पकड़ने के नए नए तरीके ढूंढा करती हूँ।

एक दिन ऐसे ही शाम को 8 बजे मेरा शौहर सिंगापुर के लिए निकल पड़ा।
एक हफ्ते का टूर था।
मैंने भी उसे ख़ुशी ख़ुशी विदा किया।

उसके जाने के बाद मैं लण्ड के जुगाड़ में लग गयी।

मैंने अपने एक यार को फोन किया तो वह बोला- मैं दिल्ली में हूँ भाभी!
दूसरे को फोन किया तो वह बोला- मैं बिजी हूँ, मेरी बहन की शादी है.
तीसरा बोला- भाभी जी, मुझे बुखार है, मैं नहीं आ सकता।

यह सब सुनकर मेरी झांटें सुलग गयीं.
मैं थोड़ा परेशान होने लगी.

उधर मेरी चूत साली गर्म होती जा रही थी।
चूत और गांड दोनों बुरचोदी आग उगलने लगी थीं।

मैंने फिर अपने सारे कपड़े उतार दिये और नंगी नंगी बैठ कर टी वी पर पोर्न देखने लगी.
खाना बनाने का मन नहीं हुआ तो खाने का आर्डर दे दिया।

मैं चूत में उंगली कर रही थी और पोर्न में ग्रुप सेक्स की मूवी देख रही थी।

करीब एक घंटे के बाद किसी ने दरवाजा खटखटाया।
मैं उठी और एक डीप नेक का ट्रांसपेरेंट मैक्सी पहन ली जिससे मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ और चूत की झांटें भी दिखाई पड़ रहीं थीं।

मैंने दरवाजा खोला तो सामने एक मस्त जवान हैंडसम लड़का खड़ा था।
उसे देखते ही मेरा दिल उस पर आ गया।
वह एकदम गोरा चिट्टा और स्मार्ट लग रहा था।

मुझे देख कर वह बोला- मैडम ये आपका खाना।
मैंने उसके हाथ से खाना ले लिया।

अचानक वह बोला- मैडम, एक गिलास पानी मिलेगा?
मैंने बड़े प्यार से कहा- हां हां बिल्कुल मिलेगा। आओ अंदर बैठो।

उसे मैंने अंदर बैठा लिया और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया।

मैंने पानी का गिलास झुकते हुए टेबल पर रख दिया तो उसे मेरी चूचियाँ अंदर तक दिख गईं।

उसने पानी पिया और बोला- मैडम, आप बहुत खूबसूरत हैं.

यह सुनकर मेरी चूत गनगना उठी और मन प्रसन्न हो गया।
साथ ही साथ तन बदन में आग भी लग गई।

मैंने कहा- हैंडसम तो तुम भी हो यार! क्या नाम है तुम्हारा और क्या करते हो तुम?
वह बोला- मेरा नाम अनिल है और मैं रेस्टॉरेंट में सर्विस करता हूँ।

मैं फिर झुकी और उसे मम्मे दिखाते हुए बोली- तुम्हारी फैमिली कहाँ रहती है?
उसने कहा- अरे मैडम, मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई है। मैं तो अकेला ही रहता हूँ यहाँ से 5 किलोमीटर दूर!

मैंने कहा- इसका मतलब तेरा इंतज़ार करने वाला कोई नहीं है?

इससे पहले कि वह कोई जवाब देता … एकदम से बादलों की गड़गड़ाहट सुनाई पड़ी.
तो मैं डर के मारे उसके ऊपर गिर पड़ी.

मेरे गिरने से मेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ उसके बदन से टकरा गयीं.
तो उसने मुझे बड़ी प्यार भरी नज़रों से देखा फिर बोला- सॉरी मैडम!
मैंने कहा- नहीं, कोई बात नहीं। इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं! मैं ही डर के मारे तुम्हारे ऊपर गिर पड़ी।

जब तक मैं उठ कर संभलती, तब तक बरसात होने लगी और मौसम बड़ा रोमांटिक हो गया।

मैंने कहा- अनिल, अब तुम घर तो जा नहीं पाओगे। तो जब तक बरसात हो रही है, तब तक यहीं रुके रहो।
उसने कहा- हां मैडम, अब तो सच में मुझे यहीं रुकना पड़ेगा।
मैंने कहा- तुम बैठो मैं अभी आती हूँ।

मैं थोड़ी देर में एक ड्रिंक्स का सेट लेकर आ गई और उसके सामने बैठ गई.
तब मैं बोली- देखो अनिल, मौसम के हिसाब से चाय नहीं, ड्रिंक्स का मज़ा लो।

मैंने उसे एक पैग व्हिस्की बनाकर पकड़ा दिया और खुद एक पैग हाथ में लेकर उसके सामने बैठ गयी।

हमने गिलास लड़ाया और चियर्स कह कर दारू पीना शुरू कर दिया।

दारू पीते पीते मैं गौर से देख रही थी, अनुमान लगा रही थी कि इसका लण्ड कैसा होगा, कितना बड़ा होगा. यह चोदने के लिए तैयार भी होगा या नहीं?
मेरे हिसाब से लौड़ा इसका जबरदस्त होगा।

वह भी मुझे घूर घूर कर देख रहा था।

मैंने बात आगे बढ़ाई और पूछा- अनिल, तुमने कभी किसी लड़की को करीब से देखा है?
वह बोला- हां देखा है. पर इतने करीब से नहीं देखा जितने करीब से आपको देख रहा हूँ।

मैंने कहा- अच्छा मेरे में कोई खास बात है क्या?
वह बोला- आप में सब खास बात ही है, आम बात कुछ भी नहीं।

मैंने कहा- बड़े रोमांटिक लगते हो?
वह बोला- आप जैसी औरत को देख कर कौन रोमांटिक नहीं हो जायेगा?

मैंने पूछा- अच्छा यह बताओ अनिल, तुमने कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किया है? न किया हो तो मना कर देना पर सच बताना।
वह थोड़ी देर रुका फिर बोला- हां किया तो है मैडम!

मैं बड़ी सेक्सी अदा से आँख मटकाती हुई बोली- देखो अनिल, बार बार मुझे मैडम मत कहो। मैं मैडम नहीं हूँ. मैडम की माँ की चूत! मुझे रेहाना कहो। मैं बुरचोदी रेहाना हूँ, भोसड़ी वाली रेहाना हूँ।

मैंने उसके लण्ड में आग लगाने के लिए गालियां दीं और सच में आग लग भी गई क्योंकि उसकी पैंट के उभार से साफ़ साफ़ पता चल रहा था लण्ड पूरी तरह खड़ा हो गया है।

तब तक 2-2 पैग व्हिस्की ख़त्म हो गयी थी और नशा अपना काम करने लगा था।
मेरे कपड़े अस्त व्यस्त होने लगे और उसके भी!

कुछ देर में वह खड़ा हो गया बोला- बाथरूम जाऊंगा।
मैं उसे बाथरूम ले गयी।

वह अपनी पैंट खोलने लगा.
लेकिन किसी कारण उससे जिप खुल नहीं रही थी।
फिर मैं आगे बढ़ी और उसकी जिप खोल कर उसका लण्ड बाहर खींच कर बोली- लो अब तुम ठीक से मूत लो।

वह वाकयी मूतने लगा और मैं उसका लण्ड बड़े चाव से देखने लगी।

मूतने के बाद वह जिप बंद करने लगा तो मैं बोली- इसको यहीं उतार दो, यह गीली हो गयी है।

मैंने उसकी पैंट वहीँ खुलवा दी और कमीज भी उतरवा दी।

उसे मैं नंगा ही बेड पर ले गयी और उसे चित लिटा दिया।
मैं बहुत खुश थी।

मैंने भी अपने कपड़े उतारे और नंगी उसकी दोनों टांगों के बीच बैठ गयी।
मैं बड़े प्यार से उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

तब लण्ड साला एक मिनट में ही पूरा खड़ा हो गया।
इतना मोटा हो गया लण्ड कि मेरी एक मुठ्ठी में भी नहीं आ रहा था।

मैं उसे दोनों हाथों से पकड़ कर आगे पीछे और ऊपर नीचे करने लगी।
लण्ड की मोटाई ने मेरे बदन में जबरदस्त आग लगा दी।

मैं उसका टोपा मुंह में भरे हुए लण्ड मस्ती से चूसने लगी, पेल्हड़ सहलाने लगी और उसके नंगे बदन पर हाथ फेरने लगी।

वह पूरी तरह ताव में आ चुका था।

फिर वह एकदम से उठा और मुझे नीचे लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठा बोला- बड़ी देर से मैं तुझे नंगी देखना चाहता था बुरचोदी रेहाना। तुझे नंगी देख कर मेरे होश उड़ गए। तू बहनचोद बड़ी खूबसूरत है। तेरी बड़ी बड़ी चूचियाँ मुझे बड़ा मज़ा दे रही है।

वह दोनों हाथ से मेरे मम्मे मसलने लगा; मेरी चूत पर अपनी उँगलियाँ फिराने लगा।

मेरी छोटी छोटी झांटें उसे बड़ी पसंद आ रही थीं।

इतने में उसने लण्ड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू किया।
मुझे भी अच्छा लगने लगा क्योंकि मैं यही तो चाहती थी।
मैं मन ही मन उसके लण्ड की दीवानी हो चुकी थी।

फिर उसने सट से एक ही बार में लण्ड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुसेड़ दिया।
मैं तो पहले से ही खूब चुदी हुई थी तो दर्द नहीं हुआ.
मगर मेरे मुंह से निकला जरू- भोसड़ी के … फाड़ डाली तूने मेरी चूत! इतना मोटा लण्ड एक ही बार में पेल दिया अंदर! बाप रे बाप … मेरी चूत का भोसड़ा बना दोगे क्या?

उसने जब घपाघप चोदना शुरू किया तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।
मैं आसमान में उड़ने लगी।
मुझे अपने आप पर गर्व होने लगा कि मैंने इसे रोक कर बहुत अच्छा किया।
नहीं रोका होता तो इतना बढ़िया लण्ड कहाँ मिलता मुझे!

मैं भी अपनी गांड हिला हिला कर मस्ती से चुदवाने लगी, इतनी मस्ती से तो कभी अपने शौहर से भी नहीं चुदवाया।

वासना में मैं बुरी तरह डूब चुकी थी।
मुझे चुदाई के अलावा कुछ और नहीं दिखाई पड़ रहा था।

मेरे मुंह से निकला- अरे साले कुत्ते … भोसड़ी के खूब चोद मुझे … अपनी बीवी समझ कर चोद मुझे … फाड़ डाल मेरी चूत … हाय रे बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा ये मादरचोद लण्ड बड़ी दूत तक चोट कर रहा है। हहह ऊऊओ हीहीइ उफ्फ क्या मस्त लौड़ा है तेरा! बड़ा मज़ा आ रहा है। यार, तुम रोज़ आया करो मुझे चोदने! आआ हां हहू!

इतने में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से ठोक दिया लण्ड!
लण्ड पूरा अंदर गया तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।

मैं अपनी कमर आगे पीछे करती हुई एक मस्त हरामजादी रण्डी की तरह चुदवाने लगी।
मुझे यकीन हो गया कि अनिल पहली बार नहीं चोद रहा है। ये तो चुदाई का जबरदस्त खिलाड़ी लगता है।

मैंने पूछा.
तो बोला- मेरी शादी नहीं हुई पर मैं आजकल 4 बीवियों को चोद रहा हूँ। अभी कल ही अपने दोस्त की बीवी चोद कर आया हूँ।

उसकी बात ने मेरे बदन की आग को और भड़का दिया।
मैं और ज्यादा मस्ती से चुदवाने लगी।

कुछ देर के बाद वह नीचे चित लेट गया और मुझे झट्ट से अपने लण्ड पर बैठा लिया।
लण्ड पर बैठते ही लण्ड पूरा मेरी चूत में घुस गया।
मैं लण्ड पर उछल उछल कूदने लगी।

मुझे इस तरह की चुदाई एक अलग तरह का मज़ा देने लगी।
वैसे भी मुझे पराये मर्दों के लण्ड से प्यार होता है।

निल का लण्ड तो सबसे ज्यादा मोटा और लम्बा था तो मुझे चुदाई का मज़ा दूना / तिगुना आ रहा था।

मैं इतनी ज्यादा एक्ससिटेड हो गयी … मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं बुरी तरह खलास हो गयी।
मैं फ़ौरन लण्ड से उतरी और लण्ड मुठ्ठी में लेकर अपना मुंह खोले हुए आगे पीछे करने लगी।

बस पल भर में लण्ड ने सारा माल मेरे मुंह में उगल दिया जिसे मैं गटक गयी और लण्ड का टोपा चाट चाट कर लाल कर दिया।

फिर हम दोनों बाथरूम गए और वहां से नहा धोकर बाहर आये।
उसके बाद हमने नंगे नंगे ही खाना खाया।

खाना खाते समय खूब गन्दी गन्दी बातें कीं जिससे लण्ड फिर तन कर खड़ा हो गया।
उधर मेरी भी चूचियाँ तन गईं और चूत कुलबुलाने लगी।

इस बार जब वह चढ़ा मुझ पर तो बोला- बुर चोदी रेहाना, अब मैं तेरी गांड में ठोकूंगा अपना लण्ड!
ऐसा बोल कर उसने मेरे चूतड़ों पर थप्पड़ मारा और गांड में उंगली घुसेड़ दी।

मैं भी गांड मरवाना चाहती थी तो मैं फिर घोड़ी बन गयी.
उसने लण्ड मेरी गांड पर फिट कर दिया और बोला- ले भोसड़ी वाली रेहाना … मेरा लण्ड अपनी गांड में!

लण्ड घुसा तो मुझे लगा कि मेरी गांड वाकई फट गयी।
मैं चिल्ला पड़ी- मादरचोद … तेरी माँ का भोसड़ा … साले कुत्ते एक ही बार में पूरा पेल दिया. तेरी बहन की बुर!

फिर उसने देर नहीं लगायी और तूफान मेल की तरह मेरी गांड मारता रहा।
मेरी अच्छी तरह गांड मारने के बाद ही उसने दम लिया।

पानी तब भी बड़ी तेजी से बरस रहा था और हम दोनों नंगे नंगे ही सो गए।

उसने सुबह उठने के पहले एक बार फिर पेल दिया लण्ड मेरी चूत में!

सबसे ज्यादा मज़ा तो सुबह चुदवाने में आता है और मैंने यह मज़ा खूब लिया।

जाते समय मैंने उसकी चुम्मी ली और कहा- अब मैं हर रोज़ खाना मंगवाया करुँगी। खाना लेकर तुम ही आना और फिर मुझे चोद कर ही वापस जाना। मैं हर दिन तेरे लण्ड का इंतज़ार करुँगी।

Xxx पोर्न भाभी स्टोरी पर आप अपने विचार मुझे मेल और कमेंट्स में लिखना.
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