फेसबुक से प्यार और चुदाई तक का सफर
(X Indian Ladki Xxx Kahani)
X इंडियन लड़की Xxx कहानी में फेसबुक से एक लड़की से दोस्ती हुई, फिर हम एक दूसरे को पसंद करने लगे. उसने मुझे जन्मदिन पर बुलाया तो मैं उससे मिलने गया और फिर क्या हुआ!
दोस्तो!
मेरा नाम राज है।
मैं राजस्थान के जालोर जिले से हूँ।
मेरी लंबाई 5 फीट 6 इंच है और मैं एक साधारण लड़का हूँ।
मैं अन्तर्वासना की सारी कहानी पढ़ता हूँ।
यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है।
यह X इंडियन लड़की Xxx कहानी तब की है जब मैंने बारहवीं पास आउट की थी और जयपुर के एक कॉलेज में पौलटेकनिक में प्रवेश लिया था।
अब मैं बी.टेक इंजीनियरिंग कर रहा हूँ और साथ में नौकरी भी करता हूँ।
मेरा लंड सामान्य आकार का है।
मैं औरों की तरह अपने लंड की झूठी तारीफ नहीं करता।
मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है और मैं एक महिला को कैसे संतुष्ट करें, अच्छे से जानता हूँ।
मुझे लड़कियों से ज्यादा भाभियां और आंटियां अच्छी लगती है।
क्योंकि उनके साथ खुल कर सेक्स होता है और उनकी बदन भी मस्त होती है।
उनको अकसर देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
अब मैं आप सब को इस कहानी की नायिका पायल के बारे में मैं बता दूँ।
वह तब कॉलेज की पढ़ाई करती थी। वह मिडल क्लास परिवार से है।
उसकी उम्र 20 साल थी।
वह गोरी है और आँखें दिखने में उसकी बहुत प्यारी है।
अब आप सब का ज्यादा समय न लेते हुए कहानी पर आता हूँ।
मैंने अभी–अभी कॉलेज शुरू किया था।
मुझे उस समय फेसबुक चलाने का बहुत शौक था।
दिन भर उसी में लगा रहता था।
मुझ पर जवानी का नशा चढ़ रहा था।
कॉलेज में दोस्तो ने अपनी–अपनी गर्लफ्रेंड बना रखी थी।
मुझे भी उन सभी की गर्लफ्रेंड को देख कर अक्सर मेरा लंड खड़ा हो जाता था।
ऐसे ही कॉलेज की पढ़ाई में दिन निकल रहे थे।
मैंने फेसबुक पर एक ग्रुप बनाया हुआ था।
वहां बहुत सारे लोग पोस्ट करते थे।
मैं उस ग्रुप का एडमिन था।
एक दिन एक लड़की की उस ग्रुप में रिक्वेस्ट आई।
मैंने उसको ग्रुप में जोड़ दिया।
वह अक्सर जब भी मैं कोई पोस्ट करता था तो कॉमेंट किया करती थी।
धीरे–धीरे हम लोगों की इनबॉक्स में बात होने लगी।
उसने अपना नाम पायल शर्मा (बदला हुआ नाम) बताया था।
धीरे–धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए।
वह भोपाल में रहती थी।
कॉलेज की पढ़ाई के साथ–साथ नौकरी भी करती थी।
हम दोनों में बातें इतनी होने लगी कि हमने अपना फोन नम्बर एक–दूसरे को दे दिया।
वैसे तो मैंने फेसबुक पर बहुत लड़कियों से बातें की पर उससे बातें करते हुए न जाने क्यों उसके करीब होता गया।
उसके साथ फोन पर बातें करते हुए 2–3 महीने कब निकल गए पता ही नहीं चला।
एक दिन बातों–बातों में उसने मुझे बताया– मैं आपसे प्यार करने लगी हूँ!
मैं भी उसके अलावा किसी और लड़की के बारे में सोचता तक नहीं था।
मन ही मन मैं भी उसको चाहता था पर दोस्ती टूट न जाए इस वजह से कभी बोला नहीं।
वह कहते हैं ना दिल की बातें दिल ही समझता है।
मेरे जीवन की वह पहली गर्लफ्रेंड थी।
मैं भी उसके लिए दिल में अरमान लगाए बैठा रहता था।
एक भी दिन ऐसा नहीं गया होगा जिस दिन मैंने उससे बात नहीं की हो।
हम दिन–रात बातें करते थे।
ऐसा कई बार हुआ कि हम रात को बातें करते हुए सो जाते थे और फोन चालू रहता था।
फिर फोन अपने आप कट जाता था।
धीरे–धीरे हम दोनों बहुत करीब आ गए।
फोन पर सेक्सी बातें और चैट होने लगी।
कभी–कभी हम वीडियो कॉल से भी बातें करते।
एक दिन हम दोनों ने मिलने का प्लान बनाया।
तब उसने बताया– आप मेरे बर्थडे पर मिलने आ जाना!
समय बीतता गया और उसका जन्मदिन आने वाला था।
मैं पैसे का इंतजाम करने लगा और उसके जन्मदिन से एक दिन पहले निकलने की योजना बनाई।
मैं जयपुर में रहता था तो मैं उससे मिलने के लिए चेन्नई एक्सप्रेस में अपना टिकट करा लिया।
मेरी ट्रेन शाम को 6 बजे थी तो मैं समय से रेलवे स्टेशन पहुँच गया।
मैंने जयपुर से भोपाल के लिए ट्रेन में टिकट कराई थी।
जब मैं रेलवे स्टेशन पहुँचा तो ट्रेन पटरी पर आ गई थी।
मैं अपनी टिकट चेक करके सीट पर समय से ट्रेन में बैठ गया।
पूरी रात मुझे 600 किलोमीटर का सफर करके जाना था।
मैं एक अनजान शहर में जा रहा था।
अंदर एक अजीब सी अरमान थी अपने प्यार से मिलने की।
मैंने बहुत कुछ सोचते हुए सफर का मजा लेने लगा।
वैसे तो मैंने बहुत सफर किया था।
परंतु यह सफर मेरी जिंदगी का ऐसा सफर था जिसको मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा।
ट्रेन समय के अनुसार सुबह में भोपाल पहुँच गया।
मैंने वहां पहुँच कर उसको कॉल किया।
उसने मुझे बताया– मैं रास्ते में हूँ, थोड़े समय में पहुँच जाऊंगी।
थोड़े समय में पायल बताई हुई जगह पर पहुँच गई।
जब मैंने उसको देखा तो देखता ही रह गया।
जींस टॉप में कयामत लग रही थी; किसी हिरोइन से कम नहीं लग रही थी।
गोल–गोल गाल, आँख पर चश्मे और 5 फीट 4 इंच करीब उसकी कद होगी।
उसने बोला– ऐसे मत देखो, मुझे शर्म आ रही है!
फिर उसने मुझे गले लगा लिया।
मैंने भी उसको जोर दबा दिया।
वे इतने हसीन पल थे मेरी जीवन के कि मैं चाह कर भी उसको बयां नहीं कर पाऊंगा।
थोड़े देर बाद उसने मुझे नाश्ते के लिए पास में ही एक रेस्टोरेंट था, वहां ले गई।
वहां हमने नाश्ता किया और फिर हम वहां से निकल गए।
फ़िर उसने मुझे अपने दोस्तों से मिलाया।
उनसे मिलने के बाद हमने न्यू मार्केट से सामान लिया।
मैंने उसके लिए एक अंगूठी ली।
हम सब वहां से एक कैफे में चले गए।
उसके लिए उसके दोस्त लोग पहले से ही केक ले आए थे।
मैंने उसको जन्मदिन के उपहार तौर पर उसको अंगूठी पहना दी।
फ़िर हम केक काट करके वहां से होटल में खाना खाने चले गए।
खाना कर वहां से निकले तब तक शाम के 5 बज गए थे।
तब मैंने उससे वापस जाने का बोला तो उसने मुझे एक दिन में वापस जाने के लिए मना करने लगी, बोली– आज ही आए हो, आज ही चले जाओगे? मैं आपको दोस्तों की वजह से समय नहीं दे पाई और उदास हो गई!
मुझसे उसका उदास चेहरा देखा नहीं गया और मैं रुक गया क्योंकि मैं भी रुकना तो चाहता था पर उसके कहने पर!
उसको रात के 8 बजे तक घर जाना था क्योंकि उसको रोज़ नौकरी से भी 8 बजे ही छुट्टी मिलती थी।
मैं वहां बहुत सारी होटल में गया पर कोई रास नहीं आ रहा था।
बहुत देर बाद में मुझे एक अच्छी और सस्ती होटल मिल गई।
फ़िर रिसेप्शनिस्ट को पैसे देकर मेरे नाम एक कमरा बुक कर दिया।
होटल के दिनचर्या के अनुसार सारा काम निपटा कर हम कमरे में जाने लगा।
वेटर पानी की बोतल और रूम की चाबी दे कर चला गया।
उसके जाते ही मैंने कमरा बंद किया और पायल को देखने लगा।
मैं जितना उसको देखता, उतनी ही प्यारी वह लगती।
मुझे जीवन में इतना अच्छा कभी महसूस नहीं हुआ था।
मैं उसकी आँखों में खो गया और मैंने उसको जोर से हग कर लिया।
उसने भी मुझे जोर से हग कर लिया और मैंने उसके प्यार से माथे पर चुम्मा दिया।
बदले में उसने भी मेरे गालों पर बहुत सारे चुम्मे दी।
फ़िर वह बोलने लगी– जान, मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ! आप मेरी जान, सब कुछ हो! मैं आपसे मिलने के लिए कब से बेचैन थी, लव यू सो मच जानू!
फिर वह मेरे दोनों गालों को अपने हाथ से पकड़ कर मेरे आँखों में देखने लगी।
मैं भी उसकी आँखों में खो गया।
हम दोनों के आपस में होंठ कब मिल गए, पता ही नहीं चला।
मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।
मेरी जिंदगी का वह पहला चुंबन था।
10–15 मिनट तक हम एक–दूसरे को चूमते ही रहे।
एक–दूसरे के मुंह में हम जीभ डाल–डाल कर चूम रहे थे।
कभी वह मेरे मुंह में जीभ डालती तो कभी मैं!
मैं उसे चूमते हुए उसकी चूचियों को एक–एक करके दबा रहा था।
मुझे उसकी चूचियां बहुत अच्छी लगी।
हम दोनों चूमते हुए इतने गर्म हो गए कि मेरा लंड खड़ा हो गया।
फिर मैं उसकी चूत को छूने लगा।
मैंने उसकी जींस को निकाल दिया और टॉप को खोल दिया।
मैं उसको चूमते हुए धीरे–धीरे मैंने उसकी कमर पर, फिर पूरे बदन पर हाथ घुमाते हुए उसकी चूत पर हाथ घुमाने लगा।
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था, लगता है उसने कल ही शेव की थी।
मैंने उसकी पैंटी भी नीचे उतार दी और नंगी चूत देखी तो बहुत ही गोरी और चिकनी थी।
फिर उसकी चूत पर हाथ घुमाते हुए उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी।
उसके मुंह से ‘आह बेबी … आई लव यू जान’ की आवाज आने लगी।
फिर उसने भी मेरे सारे कपड़े एक–एक करके खोल दिए।
मैंने रास्ते में एक चॉकलेट ली थी।
गर्मी की वजह से थोड़ी पिघल गई थी तो मैंने उसकी चूत पर लगा दी और होंठों से चाटते हुए कमर पर आ गया।
उसकी नाभि को चूमते हुए मैं फिर से उसकी चूत पर आ गया।
जब उसकी चूत पर मैंने अपनी जीभ लगाई और चूत को चाटने लगा, तब मुझे बहुत मजा आ रहा था।
चूत चटवाते हुए वह अपनी चूतड़ को उठाने लगी और ‘आह … आह, बड़ा मजा आ रहा’ कहने लगी।
न जाने क्या–क्या बोलती हुई अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ कर चूत पर दबाने लगी।
उसने भी मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर घुमाते हुए मुट्ठी से ऊपर नीचे करने लगी।
मैंने उसको अपना लंड मुंह लेने के लिए बोला तो उसने मना कर दिया और बोली– जान, मैंने कभी ऐसा नहीं किया है।
फिर मैंने दुबारा बोला तो पता नहीं उसको क्या हुआ, उसने पहले लंड पर हल्की सी जीभ घुमाई और फिर अपने मुंह में अंदर ले लिया।
जब उसने मेरा लंड मुंह में लिया तो मुझे अलग ही मजा आ रहा था।
वह लंड को मुंह में अंदर बाहर करने लगी।
थोड़े समय में मेरा निकलने वाला था तो मैंने मुंह से लंड बाहर निकल कर उसकी चूचियां पर और थोड़ा बहुत उसके होंठों पर वीर्य गिरा दिया।
उसने अपने हाथों को चाट लिया और उसने मेरे लंड को मुंह में ले कर फिर से खड़ा कर दिया।
अब मैंने उसकी चूत चाट कर उसको गर्म कर दिया।
उससे रहा नहीं जा रहा था, वह बोलने लगी– जानू, अब मत सताओ अपनी जान को! मेरी चूत में डाल दो आपका लंड और चूत को फाड़ दो!
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर छोटे से दाने पर रगड़ा और उसकी चूत पर घुमाने लगा।
वह पागल हुई जा रही और बोल रही थी– जान, उउ … आह … जान, अब डाल भी दो!
फिर मैंने बहुत सारा थूक उसकी चूत और लंड पर लगा कर उसकी चूत पर हाथ से लंड सेट करके हल्के से अंदर की ओर दबाया।
उसकी चूत पहले से बहुत चिकनी हो गई थी और अपनी वह आँखें बंद किए हुए बोल रही थी– आह … धीरे–धीरे दर्द हो रहा है!
मैं लंड थोड़ा अंदर डाल कर उसे चूमने लगा।
थोड़े समय बाद उसको मजा आने लगा तब मैंने एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसे चूमने लगा।
हालंकि उसकी हालत खराब हो रही थी फिर भी वह मेरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर में जब वह सामान्य हुई तो गांड उठा–उठा कर मेरा साथ देने लगी और जोर–जोर से ‘चोदो जानू’ बोलते हुए मुझसे चिपक गई।
मेरा अभी हुआ भी नहीं था पर वह बोलने लगी– जान बहुत थक गई हूँ बस करो!
मैंने उसे अनसुना करते हुए 10 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करते हुए उसकी चूत में झड़ गया और उसके ऊपर लेट गया।
उसने मुझे माथे पर चूमा और फोन में समय देखा तो 7:35 हो गये थे।
फिर वह उठ कर बाथरूम में जा कर खुद को साफ करके कपड़े पहने लगी।
मैंने भी कपड़े पहने और उसको चूमा, हग किया।
मैं उसके साथ नीचे उसको छोड़ने आ गया।
हम गले मिले, उसने कहा– कल आऊंगी!
फिर मैं उसे बस में बिठा कर वापस आ गया।
15 मिनट बाद उसका कॉल आ गया।
उसने बताया– मैं समय से घर पहुँच गई हूँ। कल सुबह मैं समय से आ जाऊंगी! और फिर फोन काट दिया।
मैं रात को खाना खा कर सो गया।
सुबह सो रहा था तो उसका कॉल आया– जानू, गुड मॉर्निंग! चाय नाश्ता किया? अगर नहीं किया हो तो हम साथ करेंगे, मैं घर से निकल गई हूँ। 10 से 15 मिनट में पहुँच जाऊंगी।
मैं भी बिस्तर से उठ कर, फ्रेश होकर स्नान करने चला गया।
थोड़े समय बाद जब मैं तौलिये में बाहर निकल ही रहा था कि रूम की घंटी बजी।
मैंने तौलिये में ही दरवाज़ा खोला तो सामने पायल खड़ी थी।
मैंने उसको अंदर आने को कहा।
वह मुझे गले लगा कर चूमने लगी।
मेरा मूड बनने लगा तो उसने रोक दिया और बोली– पहले नाश्ता कर लो!
फिर हम दोनों ने मिल कर नाश्ता किया।
मैंने उसको चूमना शुरू कर दिया।
अंदर मैंने अंडरवियर नहीं पहना था तो चूमते हुए तौलिये में उभार आने लगा।
तब उसने तौलिया को खींच कर निकल दिया।
मेरे लंड को देख कर उसकी आँखों में खुशी आ गई।
फिर लंड को मुंह में ले कर अच्छे से चूसा जैसे आइसक्रीम चाट रही हो।
थोड़ी देर में मैं झड़ गया।
उसने सारा वीर्य पी लिया और बोलने लगी– बाबू, बहुत नमकीन है!
फ़िर मैं उसके सारे कपड़े खोल कर चूत चाटने लगा।
मुझे उसकी चूत चाटते हुए एक भी मिनट नहीं हुई होगी कि वह झड़ गई।
मैंने चूत चाट कर साफ कर दी।
तब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
उसने अपने हाथों से मेरा लंड चूत पर सेट किया।
मैंने एक झटका दिया और X इंडियन लड़की की Xxx चूत को चीरता हुआ लंड अंदर चला गया।
अंदर गर्म भट्टी जैसा लग रहा था।
मुझे उसकी सेक्सी आवाज से और भी जोश आ गया।
मैं 20 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत में झड़ गया।
उस दिन मैंने 4 बार उसको चोदा।
फिर शाम की ट्रेन से मुझे जाना था तो वह मुझे रेलवे स्टेशन छोड़ने आई।
उसकी आँखों में आँसू थे।
गले लग कर वह बस रोए जा रही थी।
मेरा मन भी उदास हो गया।
जाने का मन तो नहीं कर रहा था परंतु कॉलेज था तो फिर निकालना पड़ा।
मुझे ट्रेन में बिठा कर स्टेशन से मुझे देखती रही जब तक ट्रेन स्टेशन से बाहर नहीं निकली।
मैं भी उसको खिड़की से देखता रहा।
ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और मैं वापस आ गया।
उसके बाद उससे 4 बार मिला और हर बार जम कर चुदाई हुई।
हमारा रिश्ता 1½ साल चला।
फिर न जाने क्या हुआ हुआ उसने बात करना बंद कर दिया और हम दोनों की बातें और रिश्ता भी खत्म हो गया।
दुआ करता हूँ वह जहां भी हो खुश रहे और अपनी जीवन में मस्त रहे।
दोस्तो कैसी लगी मेरी यह सच्ची X इंडियन लड़की Xxx कहानी?
मुझे जरूर बताएं!
[email protected]
What did you think of this story??
Comments