ट्रेन में भाभी की चूची चूसीं और चुदाई
(Train Me Bhabhi Ki Chuchi Chusi Aur Chudai)
दोस्तो, मेरा नाम मीत है और मैं मुंबई में रहता हूँ. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ. मेरे लंड का साइज़ काफी बड़ा है, ये 7 इंच लंबा और 2 इंच पाइप के जितना मोटा है. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और रंग थोड़ा सांवला है. मैंने बहुत चुदाई की है. ज़्यादा उम्र की औरतों को चोदने में मुझे अच्छा लगता है और मज़ा भी बहुत आता है.
यह बात 5 महीने पहले की है. मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ तो एक दिन मेरे बॉस ने कहा कि तुम्हें कल ही कोलकाता के लिए निकलना पड़ेगा.
मुझे ट्रेन से जाना था तो थर्ड एसी का वेटिंग का टिकट ले लिया, लेकिन वो कन्फर्म नहीं हुआ. मेरा जाना ज़रूरी था, तो मैंने एक रेलवे एजेंट से बात कि तो उसने मुझे फर्स्ट क्लास में टिकट ऑफर किया तो मैंने हाँ कह दी.
ट्रेन प्लटफार्म पर लगी और मैं अपनी सीट वाले कम्पार्टमेंट में चला गया. उस फर्स्ट क्लास कम्पार्टमेंट में दो सीट ही थीं, एक ऊपर और एक नीचे.. मेरी सीट नीचे वाली थी. मैंने अपना सामान अड्जस्ट किया और बैठ गया. थोड़ी देर बात एक बूढ़ा और एक औरत जिसके साथ नवजात बच्चा था, वहाँ आए.
वो बूढ़ा मुझसे रिक्वेस्ट करते हुए बोला कि उनकी ऊपर की सीट है, तो आप प्लीज़ ऊपर शिफ्ट हो जाइए. मेरी बहू को ऊपर चढ़ने में थोड़ी दिक्कत होगी.
मैंने भी हां कहा क्योंकि उस औरत को जाना था. उस बूढ़े ने मुझसे कहा कि यह भी कोलकाता तक जाएगी, तो प्लीज़ आप इसका ध्यान रखना, साथ में छोटा बेबी भी है.
थोड़ी देर में ट्रेन चल पड़ी. शाम का समय था. लगभग 8 बजे मैंने खाना खाया और ऊपर की सीट पर सोने चला गया.
वो औरत लगभग 27 साल की होगी. भरा हुआ शरीर था, उसके बड़े बड़े दूध, हाइट 5 फुट 2 इंच की रही होगी. उसकी गांड भरी हुई थी और नीली साड़ी में बड़ी मस्त माल लग रही थी. लेकिन देखने से शर्मीली लग रही थी. क्योंकि उसने मेरी तरफ एक बार भी नहीं देखा था. उसके बेबी को देखकर लग रहा था कि वो कुछ महीनों का ही होगा. मेरे मन में ऐसी कोई भावना अब तक नहीं आई थी कि इसको चोदना है.
रात को मेरी नींद खुली तो 12:15 टाइम हो रहा है. मैं बाथरूम जाने के लिए उठा और नीचे उतरा तो देखो वो औरत बेबी को लेकर बैठी थी. मैं जब बाथरूम से वापिस आया. मैंने देखा वो कुछ परेशान सी लग रही है.
मैंने पूछा- क्या कुछ परेशानी है या बेबी तबीयत खराब तो नहीं है?
उसने कहा- कोई परेशानी नहीं है.
फिर मैं ऊपर सो गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा तो औरत बेबी को छोड़ बाथरूम गयी, फिर कुछ 10 मिनट बाद आई लेकिन परेशान थी. मैं सोने का नाटक करता रहा. फिर अगले 2 घंटे में मैंने देखा कि वो औरत 6-7 बार बाथरूम गयी. मैं समझ नहीं पा रहा था कि बात क्या है. फिर मैं दोबारा उठा और मैंने बाथरूम जाने का नाटक किया. दस मिनट बाहर खड़ा रहकर आया और उससे फिर से पूछा कि आपको कोई तकलीफ़ है, तो बताइए.
लेकिन वो बनावटी रूप से हंसते हुए बोली- कोई प्राब्लम नहीं है.. आप सो जाइए.
मैंने फिर पूछा और कहा- देखिए ट्रेन परसों सुबह कोलकाता पहुँचेगी, आप मुझे बेहिचक बताइए, क्या बात है?
मेरे 2-3 बार कहने पर झिझकते हुए उसने कहा कि उसका बेटा 4 महीने का है. ये जन्म से ही मेरा दूध नहीं पीता है और उसे बॉटल का दूध की पिलाना पड़ता है.
मैंने पूछा- तो समस्या क्या है, अगर बेबी के लिए दूध नहीं है तो मैं कुछ करता हूँ.
उसने बोला कि बेबी के लिए तो दूध है पर, बेबी के मेरा दूध ना पीने की वजह से मेरी छाती भारी हो गई हैं.. इसलिये मैं परेशान हूँ.
उसकी समस्या जान कर मुझे भी थोड़ी शर्म आई और मेरे पास इसका कोई जवाब भी नहीं था.
मैंने थोड़ी देर सोचा और फिर कहा- मैं आपकी परेशानी समझ सकता हूँ.. शायद इसीलिए आप बार बार बाथरूम जा रही हैं.
यह सुनकर उसने सर नीचे कर लिया. थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत करके उससे कहा- अगर आप बुरा आ मानो तो क्यों ना आप अपना दूध यहीं बॉटल में निकाल लो ताकि आपको बार बार जाने ना पड़े.
मैंने देखा उसके स्तन इतने बड़े हो गए थे कि उसका ब्लाउज भीगने लगा था.
मेरी बात सुनके उसने कुछ नहीं कहा. फिर मैं बोला कि मैं ऊपर बैठ जाता हूँ आप दूध को बॉटल में निकाल लो. मेरे ऊपर जाने के बाद उसने मुझसे कहा कि उसके पास कोई दूसरी बॉटल नहीं है.
मैंने अपनी खाली पानी की बॉटल उसको दे दी. उसने लाइट बंद कर दी.
थोड़ी देर बाद उसने कहा- क्या आप यह बॉटल बाथरूम में जाकर खाली कर देंगे.
मैंने उसकी बात मानी और बाथरूम में गया. क़सम से दोस्तो … उसका दूध बिल्कुल गर्म था. मैंने रास्ते में थोड़ा सा पिया तो मज़ा आ गया. मैं आधी बॉटल पी गया. यह 2 बार होने के बाद में उसने मुझसे कहा कि अब मुझसे नहीं होगा क्योंकि उसका हाथ दुखने लगा है.
मैंने कुछ नहीं बोला और सोचा कि अब मैं भी क्या करूँ. लेकिन कुछ 15 मिनट के बाद फिर से उसके स्तन बड़े बड़े दिखने लगे. मैं भी यह देखकर हैरान था.
उसने मुझे देखा और बोली- सॉरी, मेरी वजह से आपको परेशानी हो रही है.
मैंने थोड़ा आराम से बोला कि यह तो नॉर्मल सी बात है, आप चिंता मत करो इसमें आपकी कोई ग़लती नहीं है.
मेरे यह कहते कहते दूध की बूंदें उसके ब्लाउज से बाहर टपकने लगीं. मैंने भी उसकी चुचियों की तरफ देखा.
वो बोली- ये हाल रहा तो मेरा कोलकाता तक मेरा क्या होगा.
फिर मैंने हिम्मत करते हुए कहा कि प्लीज़ बुरा मत मानिए और मुझे ग़लत मत समझिए, क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ?
वो सवालिया निगाहों से मेरी तरफ देखते हुए बोली- वो कैसे?
मैंने कहा- आपकी हालत मुझसे नहीं देखी जा रही है, क्या मैं अपने हाथों से आपके स्तन से बॉटल में दूध निकाल दूँ.
यह सुनकर वो चौंक गयी और कहने लगी- नहीं आप सो जाओ, मुझे आपकी मदद नहीं चाहिए.
मैं डर गया और बाहर आ गया. फिर मैं वॉशरूम गया और सोचा अब मैं भी छोड़ दूँगा.
जैसे ही वॉशरूम से बाहर आया तो देखा कि वो भी वॉशरूम आ रही थी. मैंने सर नीचे कर लिया, तभी वो बोली कि मैं आपकी बात मान लूँगी, लेकिन आप लाइट बंद कर देना.
मैं मन ही मन खुश हो गया और मैंने कहा- ठीक है.
फिर वो मेरे साथ केबिन में आई और हम दोनों बैठ गए. मैंने हाथ में बॉटल ली और केबिन की लाइट बंद कर दी. अन्दर बिल्कुल अंधेरा हो गया था. ट्रेन की स्पीड से भागने की आवाज़ आ रही थी.
तभी उसने कहा कि आप अपना हाथ दीजिए.
मैंने अंधेरे में हाथ आगे किया तो उसकी जांघ पर चला गया. फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने एक स्तन पर रख दिया. आह.. क्या मुलायम चूचा था. उसके मम्मे को पकड़ते ही मेरे लंड में करेंट आ गया. मैंने अपने आपको कंट्रोल किया और दूसरे हाथ से बॉटल को निप्पल के पास लाकर धीरे धीरे उसकी चुची दबाने लगा.
मैं बता नहीं सकता कि क्या मस्त मज़ा आ रहा था. वो भी कोई हरकत नहीं कर रही थी.
कुछ देर बाद मुझे लगा कि बॉटल भर गयी है.. तो मैंने कहा बोतल भर गई है.
उसने ऐसे हम्म कहा- जैसे वो सो गई हो.
अब मैं उठा और लाइट जला दी तो देखा की उसको आराम मिलने की वजह से वो आखें बंद करके सोई सी लेटी थी. कुछ देर मैं उसके खुले चूचे को देखता रहा. मेरा लंड तो यारों लोवर में तंबू बन गया था. मैं बाहर गया.
जब वापिस आया तो वो जाग गयी थी.अब वो मुझसे बोली कि तुम मेरे बेबी को ऊपर वाली सीट पे सुला दो.
उस वक्त मेरे दिमाग़ में आया कि आज ट्रेन के अंधेरे में इसकी चुदाई का मौका बन सकता है. कुछ ही देर में एक बॉटल दूध और निकालने के बाद मैंने देखा कि उसको आराम मिल रहा है और उसके चेहरे पर हल्की हल्की सुकून की मुस्कान लग रही थी.
अब तो मैं भी खुल चुका था.
तभी वो बोली- आपने मेरी बहुत हेल्प की है, आपका बहुत बहुत धन्यवाद.
उससे मेरी बात होने लगी. उसने बताया कि उसका यह बच्चा टेस्ट ट्यूब बेबी से हुआ है. उसके पति इंग्लेंड में जॉब करते हैं. उसको बहुत सालों के बाद यह बच्चा हुआ है.
थोड़ी देर बात करने के बात उसके स्तन फिर से भर गए. यह देख मैं भी हैरान था.
तभी मैंने चान्स लिया और कहा- मैडम मेरे भी हाथ थक गए हैं, अगर आप बुरा आ मानो तो क्या मैं आपका दूध पी लूँ.
पहले तो उसने मुझे बड़े अजीब से देखा, लेकिन कुछ नहीं बोली. कुछ देर बाद उसने कहा- केबिन की लाइट बंद कर दो.
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा, मैंने झट से लाइट बंद कर दी और उसका एक स्तन अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. क्या टेस्टी दूध था उसका. अब तो मैं पूरी जान लगाकर उसका दूध पी रहा था और साथ साथ मेरा एक हाथ उसकी जाँघों पर और दूसरा पेट पर था.
थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि वो धीरे धीरे मादक सिसकारियां ले रही है. मैं समझ गया कि वो गर्म हो गयी है.
मैंने दूसरे हाथ से उसका दूसरा स्तन सहलाना शुरू किया. फिर अगले 15 मिनट तक मैंने उसके दोनों स्तनों को चूस चूस के खाली कर दिया. उतनी देर में मैंने शायद उसका काफी दूध पी लिया होगा.
वो भी मजे में मस्त हो गई थी.
फिर मैंने उसकी ब्रा और ब्लाउज पूरा निकाल दिया और उसके ऊपर चढ़ गया. उसके होंठ पे होंठ रख कर उसके होंठों का रसपान करने लगा. मेरा लंड लोवर में सलामी दे रहा था.
मेरा एक हाथ उसके मम्मों को सहला रहा था, दूसरा हाथ उसकी मोटी गांड पर घूम रहा था. वो भी मेरी कमर में हाथ डाले हुयी थी. दस मिनट के लंबे चुम्बन और अधर रसपान के बाद मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी और लोवर भी निकाल दिया.
मेरा 7 इंच का लंड किसी चोट खाए सांप की तरह फुँफकार मार रहा था. उसने भी मेरा तनतनाता हुए लंड पकड़ लिया और जोर जोर से सहलाने लगी. वो मेरा लंड ऐसे हिला रही थी, जैसे उसने ज़िंदगी में पहली बार लंड पकड़ा हो.
मैंने भी उसकी साड़ी खोल दी और पेटीकोट भी निकाल दिया. उसकी पेंटी के ऊपर चूत की जगह अपना मुँह रखकर मैंने अपने दांत गड़ा दिए.
थोड़ी देर में उस माल की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसकी पेंटी गीली हो गयी. मैंने पेंटी उतार दी और अपना मुँह उसकी गर्म चूत में लगा दिया. उसकी चूत पर थोड़े थोड़े बाल थे और मादक मदन रस टपक रहा था, जिसे मैंने चाट चाट के साफ कर दिया.
चुत चुसाई के बाद वो बोली- मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.
मैं भी देर ना करते हुए अपना लंड उसके होंठों के पास ले आया. उसने झट से मेरा 7 इंच लंबा लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया.. और सप सप करके चूसने लगी.
क्या नज़ारा था, ट्रेन तेज जा रही थी और वो कांटा माल मेरा लंड भूखी कुतिया की तरह चूस रही थी. वो कभी मेरे लंड तो 5 इंच तक मुँह में लेकर जाती, तो कभी मेरे अंडकोष को मुँह में ले लेती. मैं तो समझो जन्नत में था.
तभी मैंने उससे कहा- मेरा निकालने वाला है.
वो कुछ नहीं बोली और लंड चूसती रही. मैंने उसके मुँह में लंड की पिचकारी छोड़ दी. उसने भी मेरा सारा वीर्य पी लिया और लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया.
अब मैं नीचे बैठ गया और उसकी चुत को अपने मुँह में ले कर बुरी तरीके से चाटने लगा. वो तो चुदास से पागल हुई जा रही थी.
फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला करके घुमाते हुए उसकी चूत में डाला तो वो सिहर उठी और ‘इसस्सह इसस्स स्स आहौ ऊउउफफफ्फ़.. कम ऑन.. प्लीज़ प्लीज़ सक मी..’ की आवाजें निकाल रही थी. कुछ देर में वो झड़ गयी. फिर मैंने उसकी गुदा पे जीभ फिराई, तो वो पागल हो गयी और गुदा चाटने के कारण वो मस्ती से गांड ऊपर नीचे करने लगी.
मुझे भी जोश आ गया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. अब मैं उसकी दोनों टांगों बीच में आया और लंड का सिरा उनकी चूत पे रगड़ने लगा.
वो पागल होने लगी और बोलीं- अब डाल भी दो यार.. अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है, मैं मर जाऊंगी.
मुझे उसकी चूत बड़ी टाइट लगी, मैंने जैसे तैसे दो इंच लंड उसकी चूत के अन्दर किया. तो वो दर्द से छटपटाने लगी. मैंने जोर से झटका दिया और पूरा लंड उसकी चूत में पार्क कर दिया. वो दर्द के मारे रोने लगी और मुझसे लंड बाहर निकालने के लिए कहने लगी. मैंने उसकी चिल्लपों पर ध्यान नहीं दिया और उसके होंठों को चूसने लगा.. स्तन दबाने लगा.
कुछ ही देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी. मैं 2-3 मिनट तक धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करता रहा, जब मैंने देखा कि उसको मज़ा आने लगा है तो मैंने धक्के तेज कर दिए.
बस फिर क्या था, पूरे माहौल में चुदाई की ‘फचक फ़चाक फॅट फाट..’ की आवाजें आने लगीं. उसने मादक होकर पागल की हालत में मेरी पीठ में नाख़ून गड़ा दिए और ‘आआआहह.. हहउ.. उफफ्फ़.. ओ माय गॉड.. चोद दो.. मुझे प्लीज़ प्लीज़ और तेज करो.. आह..’
दस मिनट की लगातार चुदाई के दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. जबकि मेरा तो अभी भी होना बाकी था.
मैंने अपनी स्पीड और तेज कर दी.
जब मैं नहीं झड़ा तो वो कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है.
मैंने लंड बाहर खींच लिया और उसको घोड़ी बना कर उसके पीछे से लंड डालकर चूत में लंड के धक्के देने लगा.
इस बार पांच मिनट के बाद मेरा निकलने को हुआ तो मैंने उसको बोला.
वो बोली- मेरे मुँह में डाल दो.
मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया और अपना रस छोड़ दिया. उसने मेरा पूरा वीर्य पी लिया.
हम दोनों बुरी तरह हांफने लगे थे और एसी में भी हमें पसीना आ गया था.
कुछ देर बाद वो रोने लगी और बोली- मेरा नाम श्रेया है, मेरे पति का लंड केवल 3 इंच का है.. और वो थोड़ी देर में शांत होकर सो जाता है. आज तुम्हारी वजह से पहली बार मुझे असली चुदाई पता चली है. मैं तुम्हें हमेशा याद रखूँगी.
उसने मुझे गले लगा लिया.
उसके बाद कोलकाता आने तक मैंने उसे 5 बार और चोदा, एक बार उसकी गांड भी मारी.
स्टेशन पर उसके घर वाले उसको लेने आए थे. उसने मेरा नंबर ले लिया था.
अब मैं जब भी कोलकाता जाता हूँ, तो उसको होटल में बुलाकर जबरदस्त तरीके से चोदता हूँ. दोस्तो, क्या रंगीन सफ़र था, आज भी सोचता हूँ.. तो लगता है कि मैंने ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था.
मेरी कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज़ बताए ताकि मैं, आपका मीत, जल्द ही अपने दूसरे अनुभव आपको भी बता सकूं. अपनी राय लिखें.
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