अनजान लड़की की प्यासी चूत की चुदाई
(Teacher Bhabhi Sex Kahani)
टीचर भाभी सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक दिन सड़क पर एक खूबसूरत लड़की दिखी. मैंने उससे बात करने के लिए किसी कॉलेज का एड्रेस पूछ लिया. उसने लिफ्ट मांग ली.
नमस्कार दोस्तो, अन्तर्वासना की सभी भाभियों और कुंवारी कलियों को मेरे खड़े लंड का सादर प्यार भरा प्रणाम.
मैं विजय सिंह (बदला हुआ नाम) उम्र 26 साल, जयपुर का रहने वाला हूँ.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है, अगर कोई गलती हो, तो माफ़ करना.
यह टीचर भाभी सेक्स कहानी मेरी और अंजू भाभी की है.
अंजू भाभी सिंपल सी 28 साल की मस्त भाभी हैं. उनका साइज 36-32-38 का है, जो मैंने उन्हें चोदने के बाद उनसे पूछा था.
भाभी देखने में इतनी मस्त माल हैं कि उनकी मचलती जवानी को देख कर बुड्ढों का भी लंड पानी फैंक दे!
यह घटना इसी मार्च महीने की तेईस तारीख की है.
उस दिन मैं दोपहर में अपने ऑफिस से घर आ रहा था. रास्ते में मुझे एक सेक्सी भाभी जाती हुई दिखीं तो मैंने उनके पास बाइक रोक ली और ऐसे ही किसी कॉलेज का एड्रेस पूछने लगा.
तब भाभी ने बताया कि वो थोड़ा आगे ही है.
मैं अभी उनसे कुछ और पूछता, तब तक भाभी ने कुछ सोचा और मेरी तरफ देखने लगीं.
भाभी बोलीं- आप मुझे थोड़ा आगे ड्राप कर दोगे क्या … मुझे भी उसी तरफ जाना है.
मैं- हां हां क्यों नहीं, चलिए.
मेरे तो मन की मुराद पूरी हो गई थी.
फिर वो बाइक पर गांड उचका कर बैठ गईं. मैंने बाइक आगे बढ़ा दी और हम दोनों बातें करने लगे.
मैंने भाभी से उनके बारे में पूछा, तो उन्होंने अपने बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि मेरा नाम अंजू है और मैं एक स्कूल टीचर हूँ. दरअसल आज मैं अपनी स्कूटी को सर्विस पर देकर आ रही हूँ.
फिर भाभी ने मुझसे मेरे बारे में पूछा, तो मैंने अपना नाम विजय बताते हुए कहा कि मैं कॉलेज अपने भाई से मिलने जा रहा हूँ.
अब हम दोनों के बीच कुछ इधर-उधर की बातें होने लगीं.
अंजू भाभी ने बताया कि वो यहां अपने पति के साथ रहती हैं. उनके पति जॉब करते हैं और हम लोग यहीं एक मकान में किराये पर रहते हैं.
तभी मैंने भाभी बोल दिया- मुझे भी यहां पर कोई किराये पर फ्लैट मिल जाएगा क्या?
भाभी बोलीं- मैं मोहल्ले में पूछ कर बता दूँगी.
मैंने उनसे कहा कि ठीक है, मैं अभी आपको आपके घर छोड़ देता हूँ और उधर देख भी लेता हूँ कि कैसा मोहल्ला है.
कुछ दूरी चलने के बाद भाभी प्यार से बोलीं- मेरा घर आ गया, यहीं रोक दो.
मैंने भाभी को उतारा और उनका फोन नंबर लेकर घर आ गया.
घर पहुंचते ही मैंने भाभी के नाम की मुठ मारी और सो गया.
मैं शाम को उठा, टाइम देखा तो शाम के 7 बज गए थे.
मैंने भाभी को कॉल किया मगर उन्होंने कॉल काट दिया.
फिर 25-30 मिनट बाद उनको मैंने फिर से कॉल किया.
इस बार भाभी ने कॉल उठाया.
मैंने अपना परिचय दिया तो वो बोलीं- रॉंग नंबर.
भाभी ने कॉल काट दिया.
मैं सोच में पड़ गया कि ये क्या बात हुई.
मुझे रात में नींद नहीं आ रही थी. अंजू भाभी की चुदाई के सपने आ रहे थे.
मैंने लंड को अंडरवियर से बाहर निकाला और अन्तर्वासना पर कहानी पढ़ते हुए मुठ मारनी शुरू कर दी.
तभी मेरे व्हाट्सअप पर एक मैसेज आया.
ये मैसेज उसी भाभी का ही था.
मैंने तुरंत रिप्लाई किया और हम दोनों ने बहुत सी बातें की.
बाद में भाभी बोलीं- एक बात पूछूं, सच सच बताना.
तो मैंने कहा- हां बोलिये अंजू जी.
भाभी- तुम्हारी गर्लफ्रेंड का क्या नाम है?
मैंने बताया- मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है.
भाभी बोलीं- चल झूठे … मैं मान ही नहीं सकती कि तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है.
मैंने कहा- आप विश्वास कीजिए.
भाभी- क्यों नहीं है?
मैंने भाभी को बोल दिया- पहले कभी आपके जैसी कोई मिली ही नहीं. अब आप मिली हो, तो कोशिश करूंगा.
भाभी बोलीं- मगर मैं तो शादीशुदा हूँ … और एक 3 साल के बच्चे की माँ हूँ.
मैंने बोला- तो क्या हुआ … क्या शादीशुदा लड़की प्यार नहीं कर सकती?
इसके बाद उनका कोई मैसेज नहीं आया.
मैं मुठ मारने लगा और अपना माल निकाल कर सो गया.
सुबह उठ कर फ़ोन देखा तो भाभी का मैसेज आया हुआ था.
‘हीरो जी, तुम 9 बजे मुझे वहीं मिलना, जहां कल छोड़ा था.’
मैं मंद मंद मुस्कुराने लगा और उन्हें ओके लिख कर ऑफिस के लिए तैयार होने लगा.
भाभी के बताए समय पर मैं वहीं पहुंच गया.
मेरे आते ही अंजू भाभी अपनी स्कूटी लेकर आगे चल दीं.
मैं उनके पीछे चल दिया.
कुछ आगे जाकर सुनसान जगह में अंजू भाभी ने स्कूटी रोक दी और मेरे पास आकर बोलीं- आई लव यू विजय!
मेरी तो मानो लॉटरी ही खुल गई थी.
फिर भाभी ने इधर-उधर देख कर मेरे गाल पर किस कर दिया.
मैं अपने गाल को सहलाते हुए उन्हें किस करने की सोच ही रहा था कि भाभी ने अपनी स्कूटी स्टार्ट की और बाय बोल दिया.
पर मैं कुछ न कर सका. फिर हम दोनों अपने अपने काम चले गए.
बाद में हमारी दिन में बहुत बार बात हुई और अब रोज ही बातें होने लगीं.
फिर 6-7 दिन बाद शाम को भाभी का कॉल आया.
भाभी बोलीं- आज तुम ऑफिस से सीधे मेरे घर आ जाना. आज मेरी पति काम से दिल्ली गए हैं.
मैं खुश हो गया और ओके बोल दिया.
मैं भाभी के बताए अनुसार 8:30 बजे उनके घर आ गया.
मैंने दूर से उन्हें फोन किया तो अंजू भाभी ने गेट खोला और फोन पर कह दिया कि अन्दर आ जाओ.
मैंने बाइक एक तरफ लगा कर घर में घुस गया.
अन्दर आते भाभी ने मुझे गले से लगा लिया और एक छोटा सा किस कर दिया.
मैंने दरवाजे को बंद कर दिया और उन्हें देखने लगा.
आज अंजू भाभी बड़ी कयामत लग रही थीं.
भाभी ने साड़ी पहन रखी थी और एक छोटा सा ब्लाउज, जिसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थीं.
अंजू भाभी ने मुझे हिलाते हुए कहा- कहां खो गए?
मैंने कहा- आह अंजू जी, आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं. मैं बस आपकी इसी खूबसूरत जवानी में खो गया था.
भाभी हंस दीं और बोलीं- बैठो, मैं पानी लेकर आती हूँ.
फिर भाभी अपनी गांड मटकाती हुई अन्दर गईं और पानी लेकर आईं.
दूसरे रूम में अंजू भाभी का बेटा टीवी देख रहा था.
उसके लिए मैं चॉकलेट लेकर गया था, वो मैंने उसे दे दी.
मैंने सोचा- अगर इसकी माँ अपनी चूत चुदवा रही है, तो क्यों न बेटे को तो कोई गिफ्ट दे ही दिया जाए.
फिर मैं किचन में आ गया, जहां अंजू मेरे लिए कुछ नाश्ता बना रही थी.
मैंने किचन में जाते ही अंजू भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उनको किस करने लगा.
अंजू भाभी भी मेरा साथ देने लगीं.
मैं ब्लाउज़ के ऊपर से ही भाभी की चूचियों को दबाने मसलने लगा.
भाभी धीरे धीरे गर्म होने लगीं.
मेरा भी लंड खड़ा होकर अंजू भाभी की गांड में जाने की नाकाम कोशिश करने लगा.
अपने आप भाभी के हाथ मेरी पैंट के ऊपर से लंड पर चलने लगे.
मैंने भी अंजू के साड़ी को ऊपर उठा कर उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर हाथ रख दिया.
भाभी ने एक लम्बी सी सिसकारी ली और वो मेरे होंठों को काट-काट कर चूसने लगीं.
कुछ देर बाद अंजू भाभी ने मेरे लंड को पैंट से बाहर निकाला और हाथ में लेकर सहलाने लगीं.
लंड खड़ा था और भाभी की चुत चोदने के लिए गुर्रा रहा था.
भाभी बोलीं- बड़ा कड़क है!
मैंने कहा- हां आपकी फुद्दी में जाने की जिद कर रहा है.
ये सुनकर भाभी ने गैस को बंद कर दिया और मेरे सामने घुटनों के बल बैठकर मेरे लंड को हिलाने लगीं.
मैंने कहा- चूस कर देखो.
तो भाभी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगीं.
भाभी ने लंड चूसना क्या शुरू किया, मैं तो मानो जन्नत में पहुंच गया. मेरी आंखें अपने आप बंद हो गईं.
अंजू भाभी मेरे लंड को रंडी की तरह चूस रही थीं.
दस मिनट लंड चूसने के बाद मैंने बोला कि अंजू मेरा निकलने वाला है.
अंजू भाभी बोलीं- मेरे मुँह में ही रस डाल दो. मुझे तुम्हारे लंड को निचोड़ कर रस का स्वाद लेना है.
भाभी के यह बोलते ही मेरे लंड ने फव्वारा छोड़ दिया.
अंजू भाभी ने कुछ रस तो पिया, कुछ मुँह पर लगा छोड़ दिया.
मैंने देखा कि भाभी भी लंड चूस कर खुश लग रही थीं.
फिर हम दोनों ने अपने आपको ठीक किया.
मैं भाभी के कमरे में उनके बेटे के पास आ गया.
वो अभी भी टीवी ही देख रहा था.
फिर अंजू भाभी ने रूम में खाना लाकर बेटे को दिया और बोलीं- जल्दी से खाना खाकर सो जा!
वो मुझसे इशारा करती हुई बोलीं- तुम बाहर जाओ.
मैं बाहर हॉल में बैठ गया.
अंजू भाभी का मेरे मोबाइल पर मैसेज आया.
वो बोलीं- अभी मत आना, मैं मैसेज करूं, तब आना.
मैं वहीं बैठकर टीवी देखने लगा.
बीस मिनट बाद उसके बेटे ने खाना खा लिया और बेड पर लेट गया.
थोड़ी देर में उसको नींद आ गई.
भाभी का कमरा यहीं से दिख रहा था. मैंने उनके बेटे को सोता देखा, तो उनके रूम में आने लगा.
तभी अन्दर से अंजू भाभी इशारे से बोलीं- अभी रुको, मैं 5 मिनट में आती हूँ.
मैं फिर टीवी देखने लगा.
कोई 10 मिनट बाद अंजू भाभी का मैसेज आया- टीवी को बंद करके अन्दर दूसरे कमरे में आ जाओ.
मैं अन्दर गया तो रूम की लाइट बंद थी. मैंने सोचा कि शायद बेटे की वजह से इन्होने अंधेरा किया है, तो मैं बिस्तर की तरफ आने लगा.
तभी अंजू भाभी सेक्सी आवाज में बोलीं- लाइट तो जला लो.
मैंने लाइट ऑन कर दी.
रोशनी होते ही मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
अंजू भाभी लाल रंग की जालीदार नाइटी में थीं … जो उनके घुटनों तक थी.
भाभी बेड पर बैठी थीं और नाइटी में से उनकी लाल रंग की ब्रा पैंटी साफ दिख रही थी.
अंजू भाभी इठलाती हुई उठकर मेरे पास आईं और मादक अंदाज में बोलीं- क्या हुआ माय लव.
मैं कुछ नहीं बोला, बस भाभी को किस करने लगा.
अंजू भाभी भी पागलों की तरह किस करने लगीं.
भाभी के शरीर से बहुत मादक खुशबू आ रही थी. उनका पूरा शरीर गीला हो रहा था क्योंकि वो अभी नहा कर आई थीं.
किस करते हुए मैं नाइटी के ऊपर से ही भाभी की चूचियों को दबाने लगा.
वो मेरे साथ लिपटी हुई बेहद मचल रही थीं.
मैंने भाभी को गोद में उठाया और बेड पर लेटा दिया. भाभी किस करते हुए हुए मेरा साथ दे रही थीं.
अब भाभी ने मेरी शर्ट निकाल दी. मैंने भी भाभी की नाइटी निकाल दी.
हम फिर से किस करने लगे. भाभी मादक सिसकारियां ले रही थीं.
मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और उनकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही चूसने लगा.
भाभी ने मेरी पैंट निकाल दी. अब मेरे शरीर पर सिर्फ चड्डी बची थी और भाभी ब्रा पैंटी में थीं.
मैंने भाभी की चूचियों को चूसते हुए उनकी ब्रा को फाड़ कर मम्मों से अलग कर दी.
उनके दोनों मम्मे उछल कर खुली हवा में फुदकने लगे.
मम्मों के ऊपर गजब के निप्पल थे, मैंने दोनों निप्पलों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
अब मैं भाभी को चूसते चूसते नीचे आ गया और उनकी नाभि को किस किया.
फिर उनकी पैंटी के ऊपर से ही चूत की सुगंध ली.
आह … क्या कामुक नशा था उसमें!
मैंने भाभी की पैंटी के ऊपर से ही कचौड़ी सी फूली हुई चूत पर हाथ रख दिया.
इससे भाभी मचल उठीं और वासना भरी सिसकारियां लेने लगीं.
भाभी ने अब मेरी चड्डी निकाल दी.
मेरा लंड तो पूरा तैयार हो गया था.
भाभी की आंखों में चमक आ गई और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
वे पागलों की तरह ऐसे लंड चूसने लगीं जैसे उन्हें पहली बार लंड मिला हो.
फिर मैं भी पैंटी के ऊपर से भाभी की चूत चाटने लगा.
जल्द ही हम दोनों 69 पोजिशन में आ गए.
अब मैंने भाभी की पैंटी को भी निकाल दिया और उनकी चिकनी चूत को अच्छे से चाटने लगा और चूत में उंगली भी डालने लगा.
अंजू भाभी गर्म सिसकारियां ले रही थीं- आह … आह!
उनकी चुत धीरे धीरे कामरस छोड़ रही थी, जिसका स्वाद मैं आपको बता ही नहीं सकता.
अब अंजू भाभी बहुत गर्म हो चुकी थीं और उनकी चुदास भरी सिसकारियां और तेज हो गई थीं- आह … मांआ … आह!
अंजू भाभी का शरीर अकड़ने लगा और चुत ने पानी छोड़ दिया, जिसे मैं पूरा का पूरा चाट गया.
भाभी बहुत खुश लग रही थीं.
फिर हम दोनों बेड पर लेट गए.
कुछ देर बाद भाभी उठीं और बाजू वाले कमरे में अपने बेटे को देख कर वापस आ गईं.
कमरे में आते ही भाभी मेरे लंड पर टूट पड़ीं और चूसने लगीं.
कुछ देर लंड चूसकर भाभी बोलीं- अब रहा नहीं जा रहा विजय … जल्दी से अपना लंड अन्दर डाल दो.
अंजू भाभी चुत पसार कर लेट गईं.
मैं उनकी चूत के दाने को रगड़ने लगा.
इससे भाभी और मचल उठीं, वे सिसकारियां लेती हुई बोलीं- क्यों तड़पा रहे हो यार … अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डालकर इसकी प्यास बुझा दो.
मैंने भाभी की गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया, जिससे भाभी की चूत थोड़ी ऊपर उठ गई.
फिर मैं लंड भाभी की चूत पर रगड़ कर उन्हें और तड़पाने लगा.
भाभी सिसकारियां लेने लगीं- जल्दी से चूत में लंड डाल दो.
मैं उन्हें अभी और तड़पाना चाहता था मगर भाभी गांड उठाकर लंड चूत में लंड लेने की नाकाम कोशिश करने लगीं.
फिर भाभी बोलीं- क्यों तड़पा रहे हो … जल्दी डाल दो ना लंड.
तभी मैंने एक तेज झटका मारा, भाभी ने गर्म सिसकारियां लेते हुए चीख निकाल दी और बोलीं- आह मर गई … धीरे डालो न … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.
मैं भाभी को किस करने लग गया और चुचों को मसलने लगा.
मैंने लंड को थोड़ा बाहर करके, एक और तेज झटका मारा.
इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर घुस गया था.
‘आह फट गई … मेरी चुत के चिथड़े उड़ गए .. आह हरामी साले धीरे चोद न … आह …’
भाभी के दांत मेरे होंठों में गड़ गए.
फिर भाभी ने एक लम्बी सिसकारी ली और बोलीं- आज मारने का पूरा प्लान है क्या तुम्हारा?
मैं- नहीं अंजू.
कुछ देर यूँ ही चूमने चाटने के बाद भाभी अपनी गांड हिलाने लगीं तो मैं समझ गया और भाभी की चुदाई करने लगा.
हम दोनों की तेज तेज सांसें चल रही थीं और आवाजें भी गूँज रही थीं.
तभी भाभी ने मुझे टाइट पकड़ लिया और तेज तेज सिसकारियां लेते हुए झड़ गईं.
मैंने अपनी ओर से चुदाई चालू रखी.
एक मिनट बाद भाभी फिर से मेरा पूरा साथ देने लगीं.
अब मैंने भाभी को घोड़ी बनाकर उनकी चुत में पीछे से लौड़ा पेला और चूत चुदाई में जुट गया.
मेरे पैरों में बहुत दर्द होने लगा तो मैंने भाभी से कहा- अब आप लंड के ऊपर आ जाओ.
भाभी ऊपर आकर अपनी चूत में लंड लेकर कूदने लगीं. भाभी की चूचियां ऐसे उछल रही थीं मानो क्रिकेट में हर बॉल पर सिक्स लग रहा हो.
इस पोजीशन में भाभियों को चुदने में बहुत ज्यादा मजा आता है.
कुछ देर की चुदाई के बाद मुझे लगा कि मेरा टाइम पास में आ गया है, तो मैंने भाभी को बेड पर लेटा दिया और तेज चुदाई करने लगा.
दो मिनट बाद मेरा निकलने को हुआ, तो मैंने कहा- अंजू डार्लिंग, मेरा रस निकलने वाला है, कहां डालूं?
भाभी बोलीं- मेरी चूत में भर दो. मैं टेबलेट खा लूंगी.
ये सुनकर मैं बिंदास हो गया और तेज तेज शॉट मारने लगा.
फिर मैं और भाभी दोनों साथ में झड़ गए.
मैं निढाल होकर भाभी के ऊपर ही सो गया.
दोस्तो, मैं आपको बता नहीं सकता कि भाभी की चुत चुदाई में कितना ज्यादा मजा आया.
कोई एक घंटे बाद भाभी उठीं और एक बोटल व्हिस्की और दो ग्लास लेकर आईं.
भाभी ने हम दोनों के लिए पैग बनाए और हम दोनों शुरू हो गए.
कुछ देर में चार चार पैग हलक के नीचे हो गए, हम दोनों को नशा होने लगा.
फिर हम दोनों खाना खाने लगे. अंजू भाभी मेरी गोद में बैठकर मुझे खाना खिला रही थीं और मैं अंजू भाभी को.
खाना खाकर हम फिर से बेड पर आ गए.
इस बार मैंने भाभी की भाभी की 30 मिनट तक जमकर चुदाई की … फिर मैं और भाभी एक साथ में झड़ गए.
हम दोनों एक दूसरे की ओर देखकर हंसने लगे और बेड पर लेट गए.
उस रात भाभी की एक बार और चुदाई की और हम सो गए.
मैं सुबह उठा तो भाभी ने मुझे फिर से अपनी बांहों में लेकर प्यार किया और हम दोनों एक साथ नंगे नहाये और उधर बाथरूम में भाभी की आखिरी चुदाई करके मैं घर आ गया.
फिर दस दिन बाद हम दोनों को फिर से मौका मिला.
भाभी का रात में फिर कॉल आया कि उनके पति मुम्बई गए थे और अभी लॉकडाउन लग गया तो वो अभी नहीं आ पाएंगे.
ये सुनकर मेरी तो मानो लाटरी ही लग गई.
मैंने अपनी बाइक ली और 20 मिनट में भाभी के घर आ गया.
उनका बेटा सो गया था.
मेरे जाते ही चुदाई का खेल शुरू हो गया.
उस रात मैंने भाभी की दो बार चुदाई की.
फिर पूरे 21 दिन के लॉकडाउन में मैं भाभी के घर पर ही रहा और दिन रात भाभी की जमकर चुदाई की.
फिर उनके पति आ गए और भाभी को गांव ले गए.
अब उनके पति का मुम्बई ट्रांसफर हो गया.
भाभी के जाने के बाद मेरा लंड चूत के लिए बहुत मचल रहा है. कोई नई चूत मिलते ही आपके पास फिर से हाजिर होऊंगा.
मुझे पूरा यकीन है कि टीचर भाभी सेक्स कहानी पढ़ते हुए ही सभी चूतों ने पानी छोड़ दिया होगा.
दोस्तो, आप मुझे मेल पर जरूर बताना कि कैसी लगी मेरी सच्ची सेक्स कहानी … भाभियो आप खास कर बताना.
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