विधवा की चूत की अगन मेरे लंड से बुझी- 1

(Sexy Lady Hot Story)

समीर 751 2024-04-13 Comments

सेक्सी लेडी हॉट स्टोरी में मेरे पास एक भाभी आई. उसका पति अस्पताल में था. मैंने उसकी मदद की तो उससे मेरी दोस्ती हो गयी. उसके पति की मृत्यु के बाद वह मुझे मिली.

अंतर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार.
दोस्तो, मेरा नाम समीर है और मैं भोपाल मध्यप्रदेश का रहने वाला हूं.

मैं अंतर्वासना का नियमित पाठक हूं. शायद ही कोई सेक्स कहानी मुझसे छूटी हो.

आप सब लोगों की कहानियां पढ़ कर मैंने भी सोचा कि क्यों ना मैं भी अपनी पहली चुदाई की सच्ची सेक्सी लेडी हॉट स्टोरी आप सबको सुनाऊं.

मैं आगे बढ़ने से पहले आपको अपने बारे में बता दूं कि मैं 34 साल का मस्त जवान लौंडा हूँ.
मेरी हाइट 6 फीट है और रंग गोरा है.
मेरा जिस्म औसत है, जिससे मेरी उम्र का अंदाजा हर कोई आसानी से नहीं लगा पाता है.

चूंकि कद ज्यादा है और आकर्षक भी हूँ.
जब भी मैं अपनी बाइक पर चलता हूं, तो लड़कियां एक बार पलट कर जरूर देखती हैं.

मैं एक हॉस्पिटल में मैनेजर की पोस्ट पर काम करता था.
उधर बहुत मरीज आते थे और उनके परिजनों से मेरी मुलाकात होती रहती थी.

कुछ लोगों की मदद करके उनसे मेरे घर जैसे सम्बंध हो गए थे.

ऐसे ही एक दिन सुबह जब मैं अपने काम पर पहुंचा तो एक अप्सरा सी दिखने वाली महिला मेरे केबिन के बाहर मेरा इंतजार कर रही थी.

मेरी नजर जब उस पर पड़ी तो मैं नजर हटा ही नहीं पाया.
जैसे ही मैं अन्दर घुसा, वह लेडी भी मेरे पीछे मेरे केबिन में आ गई.

उसने बताया कि उसके शौहर मेरे हॉस्पिटल में एडमिट हैं. उनकी हालत काफी सीरियस है. वह उन्हें कहीं और ले जाना चाहती थी व जाने से पहले बिल के पैसे कम करवाने मेरे पास आई थी.

मैं अप्सरा के बारे में बता दूँ कि वह 36 37 साल की महिला थी.
उसका फिगर देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.

मैं तो वैसे भी एक नंबर का चोदू था तो मेरा हथियार कैसे खड़ा ना होता!
उसकी बात मैं सुन कम रहा था और उसको देख ज्यादा रहा था.
उस महिला की आंखें बड़ी बड़ी थीं, जिन्हें देख कर ही नशा सा होने लगा था.

मैं उसकी आंखों को देखते देखते नीचे सुराही जैसी लंबी गर्दन को देखने लगा.
उसके बाद मेरी नजर उसके स्तनों पर अटक गई.
उसका 36-32-38 का फिगर देख कर मेरी तो नियत खराब होने लगी.

मगर मैं अपनी जॉब पर था तो कुछ भी करने या बोलने के पहले सोचना पड़ता था.

उसने उस दिन पीले रंग की साड़ी और बड़े गले का ब्लाउज पहना हुआ था जिससे उसकी पीठ खुली हुई थी.
सामने से उसकी गोल व बड़ी सी नाभि साफ दिख रही थी.
पूरे पेट के साफ दर्शन हो रहे थे.

इतना कसा हुआ बदन भगवान किसी किसी को ही देता है.

उसकी क़मर में साड़ी की वजह से एक सुराख टाइप दिख रहा था, जो नीचे की तरफ जा रहा था.
मेरा दिल किया कि उसकी नाभि में जीभ डाल कर किस कर लूं मगर उस समय मैं अपनी ड्यूटी पर था तो मैंने अपने आपको कंट्रोल किया.

मैंने बात की तो पता चला कि वह और उसके शौहर नईम भोपाल में अकेले रहते थे. उसके शौहर दारू पीने की वजह से बीमार रहते थे और उनका लीवर खराब हो चुका था.
खैर … मैंने मदद का वादा किया और अपना विजिटिंग कार्ड देकर उसको विदा किया.

फिर मैं अपने काम में लग गया. मगर मेरे दिमाग में सिर्फ उस अप्सरा के बूब्स और गांड ही घूम रही थी.
मैं बता नहीं सकता कि उसके 36 इंच के कसे हुए गोल गोल दूध देखकर और उसके उभरे हुए नितम्ब देख कर मैं अपना लौड़ा सहलाने पर मजबूर हो गया था.

जब वह उठकर वापस जा रही थी तो पीछे से मैं उसके नितम्ब को निहार रहा था.
मेरा मन कर रहा था कि पीछे से जाकर पकड़ लूं और पटक कर अभी चोद दूं मगर ऑफिस में मजबूर था.

दूसरे दिन हॉस्पिटल पहुंच कर मैं उसको वेटिंग लॉबी में ढूंढ रहा था कि कहीं दिख जाए, वह मगर वह नहीं दिखी.

मैं अपने काम में लग गया.

फिर उसके शौहर की फाइल मेरे सामने आई तो पता चला कल रात ही उसके शौहर का इंतकाल हो गया था और वे लोग रात में ही चले गए थे.
तो मैं उदास मन से अपने काम में लग गया.

इसी तरह तीन सप्ताह के बाद मेरे पास एक कॉल आया.
दूसरी तरफ से बहुत दुखी पर मीठी आवाज आई- आप समीर बोल रहे हैं क्या?
तो मैंने कहा- जी बोलिए … क्या काम है आपको … और आप कौन बोल रही हैं?

उसने मुझे उस दिन वाली मुलाकात का हवाला देकर याद दिलाया.
तो मेरी बांछें खिल गईं.

मैंने कहा- जी कहिए शबाना जी, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं?
उसने कहा- मुझे आपसे कुछ डॉक्यूमेंट्स चहिए, जो इंश्योरेंस पॉलिसी में लगाना है.
मैंने कहा- ठीक है, मैं आपके डॉक्यूमेंट्स बना देता हूं. आप परसों आकर ले जाना.

उसके बाद जब वह नियत दिन पर आई तो उसकी आंखों में उदासी थी.
पता नहीं क्यों, मैं उसकी झील सी आंखों में देख कर खो सा गया.

मेरा ध्यान हटाती हुई वह बोली- कहां खो गए आप?
मैं खुद को संभालता हुआ बोला- जी कुछ नहीं!

मेरे ऐसे देखने से वह शायद समझ गई थी कि मैं उसको प्यार की नजरों से देख रहा हूं.
मैंने उसके कागज आदि उसे दिए और उसने मेरा धन्यवाद किया.

वह उस दिन वहां से चली गई.
कुछ समय और बीत जाने के बाद एक दिन मेरे पास उसका कॉल आया.

उसने मुझको थैंक्यू बोलने के लिए फोन लगाया था.
उसने कहा- आपकी मदद की वजह से मुझे मेरी इंश्योरेंस पॉलिसी का क्लेम मिल गया. इसलिए मैं आपका शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ.

धन्यवाद देने के बाद उसने मुझको डिनर पर आमंत्रित किया.
मैंने उसका निमंत्रण स्वीकार करके फोन काट दिया.

तय समय पर मैं तैयार होकर उसके घर पहुंच गया.
जैसे ही उसने दरवाजा खोला, वह मुझे एकटक देखने लगी, फिर हैलो बोलकर उसने अन्दर आने को कहा.

आज उसने ब्लू कलर की साड़ी और ब्लैक कलर का ब्लाउज पहन रखा था.
बड़े ही करीने से अपने बालों को सजा रखा था.

मैं पीछे से उसकी खूबसूरती को निहारते हुए उसके ड्राइंग रूम तक पहुंच गया.
मेरा मन कर रहा था कि पीछे से उसको पकड़ कर किस कर लूं मगर अभी अपने आपको कंट्रोल में रखा था.

थोड़ी देर औपचारिक बातें होने के बाद उसने कहा- आइए समीर जी, खाना खाते हैं.

मैं तो सिर्फ उसको निहार रहा था.
मेरा तो उसको देखकर पेट ही नहीं भर रहा था.
उसकी खूबसूरती देखकर मेरा लंड फुंफकार मार रहा था.

उसने खाना खाते हुए मेरी नजरों को देख लिया था कि मैं कहां देख रहा हूं.
तो उसने मुस्कुरा कर कहा- समीर जी, ऐसे क्या देख रहे हैं?

मैंने कहा- कुछ नहीं.
बस यह कह कर मैं चुप हो गया.

मैंने खाना खाया और हम लोग उठकर ड्राइंग रूम में आकर बैठ गए.
उसने कहा- समीर जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मेरी मदद की. आपकी वजह से ही मेरे सारे काम आसानी से हो गए.

वह फिर मेरे बारे में पूछने लगी कि मेरे घर में कौन-कौन है?
तो मैंने उसको बताया कि मैं अकेला रहता हूं.

उसने पूछा कि आपकी शादी नहीं हुई क्या?
मैंने कहा- नहीं अभी तक तो सिंगल हूं … आप जैसी मुझे कोई मिली ही नहीं.

इस पर वह बोली- मुझमें ऐसा क्या है?
मैंने कहा- आपके जैसा किसी और को आज तक मैंने देखा नहीं. भगवान ने आपको बहुत फुर्सत से बनाया है.

वह बोली- अच्छा, पर यह तो बताएं कि मुझमें ऐसा क्या खास लगा है आपको?
मैंने कहा- जो आप में है, वह किसी में नहीं है.
यह कहते-कहते मैंने अपनी नजरें नीचे कर लीं.

वह मेरे मजे लेने लगी कि नहीं बताइए ना … ऐसा क्या है मुझमें?
मैंने कहा कि आपकी आंखें झील जैसी गहरी हैं, इनमें बहुत नशा है … आपके गुलाबी गुलाबी होंठ, शहद की तरह रसीले हैं … आपके गोरे गोरे गाल … आपकी सुराही जैसी गर्दन. यह सब चीज मुझे बहुत अच्छी लगती हैं.

तब वह बोली- बस इतना ही अच्छा लगता है आपको?
मैंने कहा- नहीं और भी बहुत सारी चीजें हैं, पर मुझे बताने में शर्म आ रही है.

उसने कहा- आप शर्माओ नहीं, खुल कर बोलो कि आपको मेरे अन्दर और क्या-क्या अच्छा लगता है!
मैंने कहा- मुझे आपके रसभरे होंठ व आपकी आंखें बहुत पसंद हैं.

फिर मैं उसकी दोनों चूचियों की तरफ देख रहा था और उसकी गांड को निहार रहा था तो मेरी चोरी पकड़ी गई.
उसने मुझे घूरते हुए देख लिया था.

अब वह भी आंखों ही आंखों में कुछ बोलना चाह रही थी.
मुझे लगा कि वह मुझसे कुछ कहना चाहती है, पर कह नहीं पा रही है.

मैंने कहा- आपकी जिंदगी तो बहुत मुश्किल हो गई है, अब आपके शौहर के इंतकाल के बाद अब आप कैसे रहेंगी?
वह थोड़ा उदास होकर बोली- हां, उनसे वैसे कोई सुख तो था नहीं … हमेशा दारू पीते रहते थे. मगर यह कि कोई तो था … अब वह भी नहीं है.

मैंने कहा- आप चिंता मत करना … जब कभी भी आपको मेरी जरूरत हो, तो आप मुझे याद कर लेना. मैं आपके किसी काम आ सकूंगा तो मुझे खुशी होगी.
वह उदास हो गई थी.

उसको उदास देखकर मैंने थोड़ी हिम्मत जुटा कर उसके हाथ पर हाथ रख कर वापस से कहा- मैं कभी आपके किसी काम आ सकूं, तो आप मुझे याद कर लेना.

इतना कहते ही वह मेरे कंधे पर सर रखकर रोने लगी.
उसकी आंखों में जब आंसू देखे, तो मैं पिघल गया और उसका स्पर्श पाकर मैं गर्म भी हो गया.

जैसे ही उसने मेरे शरीर को छुआ, मेरा लंड फुंफकार मारने लगा.
मेरा दिल किया कि उसको मैं किस कर लूं.

मगर अभी भी मैं कुछ भी करने की कंडीशन में नहीं था.
हो सकता था कि वह मेरे ऐसा करने से बुरा मान जाए या मुझे कुछ बोल दे … या घर से ही निकाल दे.

मैंने धीरे से उसके गालों पर हाथ रख कर कहा- ऐसे रोते नहीं हैं. ऐसे उदास नहीं होते हैं, जिंदगी बहुत बड़ी है.
जैसे ही मैंने उससे यह बात बोली तो उसने मुझसे कहा- क्या आप मुझे जोर से गले से लगा सकते हैं?

एक पल के लिए तो मुझे समझ में नहीं आया कि मैं क्या करूं, पर मैंने बाद में मैंने अपनी दोनों बांहें खोल दीं और उसे गले से लगा लिया.
दोस्तो, यकीन मानो इतना सुकून था … उसको गले लगाकर इतना अच्छा लगा कि मेरा रोम रोम सिहर उठा.

काफी देर तक उसको गले से लगाए रखने के बाद मैंने उसको अपने से अलग किया तो देखा कि अभी भी उसकी आंखें बंद थीं.
मैंने उसको धीरे से आंखों पर किस कर लिया.
उसके बाद मैं आंखों को किस करते करते उसके होंठों को चूम लिया.

उसके विरोध ना करने की वजह से मेरे हौसले थोड़े बुलंद हो गए थे मगर मैं जल्दबाजी में कोई भी गलती नहीं करना चाहता था.
जैसे ही मैंने उसके रसभरे होंठों को छुआ, वह भी सिहर उठी.

मैं थोड़ी देर के लिए उससे अलग हुआ और उससे बोला- अब मुझे चलना चाहिए.
वह बोली- थोड़ी देर और रुक जाओ, मुझे आपका साथ अच्छा लग रहा है.

बहुत दिनों के बाद किसी मर्द का स्पर्श पाकर शायद वह गर्म हो गई थी.
मैंने फिर से कहा- नहीं, बाद में मिलते हैं.

मैं यह कह कर वहां से निकल गया.
मेरे वहां से आने के बाद देर रात तक हमारी चैट चलती रही.

बातों ही बातों में उसने मुझे बताया कि उसका पति उसको खुश नहीं कर पाता था. दारू पीकर रात भर सोया रहता था और बीमार रहता था. काफी टाइम से उसके पति ने उसके साथ सेक्स नहीं किया था तो वह सेक्सी लेडी काफी दिनों से बहुत प्यासी थी. इसलिए उस दिन मेरा साथ पाकर गर्म हो गई थी.

बातों ही बातों में मैंने कहा- आपका फिगर बहुत कमाल का है. आपके ऊपर को उठे हुए चूतड़, आपके बड़े बड़े बूब्स, आपका सपाट पेट, आपकी पतली सी कमर मुझे बहुत पसंद है … क्या मैं आपको प्यार कर सकता हूं?

उसने कुछ जवाब नहीं दिया.
मैंने उसकी खामोशी को हां समझा.

एक दिन उस हॉट लेडी का मैसेज आया कि क्या आज रात आप मेरे घर पर आ सकते हो!
मैंने बिना ना-नुकर के हां कर दी.

दोस्तो, उस कमाल की रूपवती हूर को चोदने का लोभ मैं कैसे छोड़ सकता था.
अगले भाग में बताता हूँ कि वह किस तरह से मेरे लौड़े से चुदी और तृप्त हुई.
सेक्सी लेडी हॉट स्टोरी पर आपके कमेंट्स पाने का मुझे इंतजार रहेगा.
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सेक्सी लेडी हॉट स्टोरी का अगला भाग: विधवा की चूत की अगन मेरे लंड से बुझी- 2

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