भोले ग्राहक की चुदासी बेटी

(Sexy Girl Hindi Chodan Story)

मनमीत सिंह 2022-01-14 Comments

सेक्सी गर्ल हिंदी चोदन स्टोरी में पढ़ें कि मुझे दुकान पर आये एक भोले भाले ग्राहक की बेटी से बात करने का मौका मिला और वो चालू निकली। मैंने उसकी चूत मारी.

दोस्तो, कैसे हैं आप सब?
मैं आपका मनमीत एक बार फिर हाज़िर हूं अपनी एक नयी और सच्ची कहानी के साथ।
मेरी पिछली कहानी
दुकान पर आयी लड़की को पटाकर चोदा
को आप लोगों ने बहुत प्यार दिया।

उस कहानी के लिए मेरे पास बहुत से मेल आये। उन सभी के लिए धन्यवाद दोस्तो!

यह नयी सेक्सी गर्ल हिंदी चोदन स्टोरी मेरे और मेरे एक कस्टमर की बेटी के बीच घटित हुई थी।

दोस्तो, जैसा कि मैंने बताया था कि मेरी मोबाइल की दुकान है। मेरी दुकान रोहतक में है और उसी से जुड़ी ये घटना है।

कुछ टाइम पहले एक अंकल मेरी दुकान पर आये।
वो सिम लेने आये थे तो मैंने उनको ऑफर दिया कि आप अपनी सिम पोर्ट करा लो।
तो वो इसके लिए मान गए।

फिर उनको मैंने एक नयी सिम दे दी जो कि उसी समय चालू हो गयी।
मगर जो पोर्ट की थी वो तीन दिन बाद चालू होनी थी।
तो मैंने उनको अपना नंबर दे दिया और बोल दिया कि कोई भी दिक्कत आती है तो मुझे कॉल कर लेना।

जब तीन दिन बाद उनकी सिम पोर्ट हो गयी तो उनको वेरिफिकेशन करवानी नहीं आयी।
उन्होंने मुझे कॉल किया।

मैंने उनको समझाया कि ऐसे करनी है मगर उनको तब भी नहीं समझ आया।

फिर उन्होंने अपनी लड़की को फ़ोन दिया और उनकी लड़की ने ही बात की।
उसके बात करने के तरीके से मैं समझ गया कि लड़की चालू है और ये सेट हो सकती है।

मैंने उसको समझाया कि कैसे सिम स्टार्ट होगी और थोड़ी देर बाद उनकी सिम चालू हो गयी।

कुछ दिन बाद मैंने उसके नंबर पर दोबारा कॉल किया।
अबकी बार फ़ोन उसकी बड़ी बहन ने उठाया तो वो उससे भी ज्यादा तेज निकली।

उसके साथ मेरी बात होने लगी।
बातों बातों में मैंने उससे उसका पर्सनल नंबर भी ले लिया।

उसने बताया कि वो शादीशुदा है और दो बच्चे भी हैं। मगर पति के साथ तलाक होने वाला है।
ऐसे ही हमारी बातें बढ़ती गयीं और बात मिलने तक पहुंच गयी।

फिर मैंने उसको बोला कि मैं आपसे मिलना चाहता हूं तो वो मिलने के लिए राजी हो गयी।

मैंने पूछा कि हमारी पहली मुलाकात में क्या लेकर आऊं आपके लिए?
तो उसने बोला- मुझे चूड़ियां बहुत पसंद हैं। मेरे लिए चूड़ियां लेकर आना बढ़िया वाली!

फिर यहाँ से बात थोड़ी दूसरी शुरू हो गई।
मैंने बोला- मैं तो आपके लिए कुछ और लेकर आना चाहता था। मगर वो चीज़ मैं लेकर नहीं आ सकता क्योंकि जरा सी दिक्कत है।

शिवानी- बताओ न क्या लेकर आना चाहते हो?
मैं- नहीं, आप शायद बुरा मान जाओगे मैंने आपको बता दिया तो।
शिवानी- आपको लगता है कि मैं आपकी किसी बात का बुरा मानूंगी? जो भी दिल में में है बोल दो। मैं किसी बात का बुरा नहीं मानूंगी।

मैं- नहीं यार डर लगता है आपको खोने से!
शिवानी- आपको मेरी कसम है, बाबू बताओ न?
मैं- मैं आपके लिए एक ब्लैक कलर की ब्रा लेकर आना चाहता हूं।

शिवानी- बस? इसमें क्या बुरा मानना था? और इसमें दिक्कत क्या है लाने में?
मैं- मुझे साइज नहीं पता ना आपका, इसलिए सोच रहा था कि कैसे पूछूं।

वो बोली- मुझे 36D की ब्रा आती है और 38 की पैंटी आती है। अब बताओ?
मैं- यार मस्त फिगर है तुम्हारा तो … काश … मैं देख सकता।

शिवानी – अच्छा जी … मिलकर देख लेना जो भी देखना चाहते हो आप। मैं अपने जानू को किसी चीज़ के लिए भी ना नहीं करुँगी चाहे कुछ भी देख लेना।
मैं- फिर कब मिलोगी यार? कहीं ऐसा न हो कि मैं आपकी याद में कुछ कर बैठूं?

वो बोली- क्या करोगे जानू जी? मुझे भी तो बता दो, शायद मैं मदद कर दूं आपकी!
मैं- यार तुम्हें तो पता है कि मैं क्या कर सकता हूं।

शिवानी- कहीं आप मेरे राजा बाबू को तो नहीं मसल रहे हो?
मैं- यार इतना सेक्सी फिगर है आपका … कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा। आप वीडियो कॉल करो न प्लीज!
शिवानी- ओके, मैं करती हूं।

फिर हमारी वीडियो कॉल से बातें होने लगीं तो शिवानी ने वीडियो में अपने बड़े बड़े चूचे दिखाए।
मैंने उसके चूचे देखकर मुठ मारी।

लंड ने इतना माल फेंक दिया कि पूरा हाथ सन गया।

इस तरह हम वीडियो सेक्स कॉल में मजे लेते रहे।

उसने मेरे लौड़े को देखा, फिर हमारा संडे को रोहतक की इंदिरा झील पर मिलने का तय हुआ।
संडे से पहले दो दिन बड़ी मुश्किल से कटे और फिर संडे आ ही गया।

सुबह सुबह हम दोनों 10 बजे इंदिरा झील पहुंच गए।
अब जो भाई रोहतक से हैं उन्हें तो पता ही होगा कि झील पर क्या क्या जुगाड़ हो सकता है।

हम वहां पहुंचकर झील के पीछे की तरफ जाकर बैठ गए।

वहां पर लोग ना के बराबर आते हैं और जो आते हैं वो भी अपने जुगाड़ के लिए ही आते हैं तो हम दोनों वहां बैठकर बातें करते रहे।

बातें करते करते मैंने उसको बोला कि मुझे किस चाहिए तो उसने शर्माकर गर्दन नीचे कर ली।

तो मैंने हाथ उसकी गर्दन में डाल लिया और उसको गर्दन से पकड़ कर उसको किस करने लगा।
उसके पतले पतले होंठों में जो मजा था उसको मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

हम एक दूसरे के होंठों से ऐसे रस खींच रहे थे जैसे उनमें शहद लगा हो।

फिर होंठों को चूमते चूमते मेरे हाथ उसके चूचों तक पहुंच गए।

क्या नर्म और बड़े बड़े चूचे थे उसके यार … आज भी सोचकर लण्ड खड़ा हो जाता है।

फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया।
उसने जल्दी से लण्ड को मुट्ठी में पकड़ कर दबा लिया और मसलने लगी।

हम दोनों की बेचैनी बढ़ती जा रही थी मगर इससे ज्यादा वहां पर कुछ और करना सेफ नहीं था।

इसलिए मैंने उसे रूम पर चलने के लिए बोला तो वो झट से तैयार हो गयी।

मैंने अपने एक दोस्त को कॉल किया और उससे रूम के बारे में पूछा तो उसने कहा- हां आ जाओ, मिल जाएगा।

हम दोनों उसी समय होटल के लिए चल दिए।
वो इतनी प्यासी थी कि रूम के अंदर जाते ही वो मुझसे पागलों की तरह लिपटने लगी और हमारी चूमा-चाटी शुरू हो गयी।

एक एक करके हमारे सारे कपड़े जमीन पर गिर गए। मैंने उसको अलग किया और गौर से उसके चेहरे और जिस्म को निहारने लगा।
ऐसा लगा जैसे सच में कोई परी आसमान से उतरकर मुझसे चुदने आ गयी हो।

मैं उसको देखने लगा तो वो बोली- जानू अब सिर्फ देखो मत … मुझे जल्दी से चोद दो वर्ना मैं कहीं मर न जाऊं!
हम फिर से एक दूसरे को चूमने चाटने लगे।
मैं उसके पीछे जाकर उसकी गर्दन पर चूमने लगा और हाथ आगे लेकर उसके मोटे मोटे चूचे दबाने लगा।

पीछे से मेरा लण्ड उसकी गांड की दरार में जाने लगा तो वो आगे को झुक गयी जिससे लण्ड उसकी चूत में जाकर लगने लगा और अब वो और भी पागल होती जा रही थी।

फिर मैंने उसको बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसके चूचे दबाने लगा।
वो मेरे लण्ड को पकड़ कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी और बोलने लगी- डाल दो न अपने इस लण्ड को मेरी चूत में … बहुत तड़प रही है… आह्ह … जल्दी से चोद दो ना प्लीज … प्लीज चोद दो जानू … अपने लंड से!

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डालना शुरू किया।

दोस्तो, बेशक वो दो बच्चों की माँ थी मगर काफी टाइट चूत थी उसकी!
लण्ड आसानी से जा ही नहीं रहा था।

मगर जब चूत ने पानी छोड़ना शुरू किया तो लण्ड अंदर जाने लगा और वो तड़पने लगी- आआ आहहह … जान धीरे डालो न … आहह … ऊऊह्ह … आराम से जानू!

जब लण्ड अंदर गया और उसकी चूत की खुजली मिटाने लगा तो उसको भी मजा आने लगा अब उसकी मस्ती भरी आवाज़ें निकलने लगी थीं- आआ अह्हह … जानू चोदो मुझे … ओह्ह … ह्ह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है … चोदो जोर से … 2 महीने बाद चुद रही हूं … बहुत मज़ा आ रहा है … चोदते रहो … आह्ह … तुम्हारा लंड बहुत मज़ा दे रहा है। तुम्हारा लण्ड मेरी चूत के अंदर तक जा रहा है … बहुत जोरदार लौड़ा है … आह्ह मेरी जान … फाड़ दो चूत आज!

मैं- आअह्ह शिवानी … बहुत ही मस्त चूत है तेरी … बहुत मजा आ रहा है चोदने में शिवानी … आआ अह्ह ह बहुत मजेदार चूत है तेरी।
दोस्तो, जो मजा शिवानी की चूत चोदने में आ रहा था ना … वो मजा कुछ अलग ही था।

उसको चुदने की जो आग लगी थी उसमें ना तो उसकी चूत चाटने का मौका मिला और ना ही लण्ड चुसवाने का।
बस उसको तो चुदने की आग थी और मैं भी बस उसको बुरी तरीके से चोद देना चाहता था।

अब चुदाई करते करते हम दोनों ही झड़ने के करीब आ गए।

फिर हम दोनों एकसाथ झड़ने लगे तो शिवानी ने मुझे कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया और दोनों झड़ने लगे।
शिवानी- आआह्ह जानू … आह्ह … ओओओ … आह्ह।
करते हुए वो ढीली पड़ती चली गई।

मेरे भी लण्ड ने अपना पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया और हम निढाल होकर लेट गए।
शिवानी ने मुझे किस करते हुए आई लव यू बोला और कहा- बहुत मज़ा दिया तुमने। मेरे पति ने मुझे आज तक सब कुछ दिया मगर ऐसा प्यार नहीं दे पाया जो आज आपने दिया है।

मैं- यार आधा मज़ा तो रह गया … मैं तो न तो तुम्हारी चूत को चूस पाया और न ही तुम मेरा लंड चूस पाई।
वो बोली- तो मैं अभी क्या कहीं पर चली गयी? यहीं तो हूं तुम्हारे पास जानू … चलो ना बाथरूम में चलते हैं नहाने के लिए!

दोस्तो, मैंने आज तक बहुत चूत मारी हैं। मगर जो प्यास शिवानी में थी वो किसी और में नहीं थी।

हम दोनों बाथरूम में जाकर नहाने लगे तो शिवानी ने मेरे लण्ड को पकड़ लिया और मसलने लगी।

कुछ ही देर में मेरा लण्ड खड़ा हो गया तो शिवानी ने गप से उसे मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

जब मुझे लगा कि अब लण्ड झड़ जाएगा तो मैंने उसे रोक दिया और वहीं फर्श पर लिटाकर मैं उसकी चूत चाटने लगा।
अब शिवानी अपना आपा खोने लगी और चिल्लाने लगी- आआआ आह्ह … आआह्ह लण्ड दो ना जानू … बहुत आग लगा दी आपने तो फिर से!

दोस्तो, मैंने उसको वहीं बाथरूम में ही घोड़ी बना लिया और पीछे से उसकी चूत में लण्ड डालने लगा।
पीछे से चोदने पर चूत और भी टाइट लग रही थी और मजा भी दोगुना हो गया था।

शिवानी चाहकर भी अपनी आवाज़ें रोक नहीं पा रही थी और चिल्ला रही थी- ऊऊऊ ह्ह्ह जानू … आआ आह्ह्ह … ऊऊ ऊह्ह … आआआह चोदो … चोदो जोर से!

इस तरह चुदाई करते करते हमें बीस मिनट बीत गए और हम झड़ने लगे।
दोनों झड़कर शांत हो गए।

शिवानी की चूत फूलकर पाव रोटी हो गई थी।

अब वो और ज्यादा सेक्सी लग रही थी, मन कर रहा था कि उसकी चूत को काट काटकर खा लूं।
काफी देर तक मैंने उसकी चूत को वहीं शावर के नीचे खड़े खड़े सहलाया।

ऊपर से ठंडा पानी गिरता रहा और मैं उसकी गर्म चूत को सहलाता रहा।
वो भी मेरे लंड को सहलाती रही।

दोनों ने बाथरूम में खूब मजे किए।
फिर हम दोबारा नहाकर बाहर आ गए और हमने खाना खाया।

उस दिन हमने शाम 5 बजे तक कई बार चुदाई की।

फिर मैं उसको उसके घर के बाहर मेन रोड पर छोड़कर आ गया।
उसके बाद हमने कई बार चुदाई की।

शिवानी ने अपनी एक सहेली के बारे में बताया कि वो भी बहुत ज्यादा चुदक्कड़ है और हमेशा लण्ड की प्यासी रहती है।
वो कहने लगी कि उसकी सहेली को भी चुदाई की बहुत जरूरत है। उसकी ऐसी ही चुदाई करना जैसे मेरी की है। मैं उसको तुमसे जरूर मिलवाऊंगी।

मेरे लिए तो ये जैसे सोने पर सुहागा हो गया था।
एक चूत मारी और दूसरी उसके साथ मुफ्त में मिल गयी थी।
उसकी सहेली की चुदाई की कहानी भी मैं आपको जल्द ही बताऊंगा।

आपको मेरी ये स्टोरी कैसी लगी, मुझे इसके बारे में अपनी राय जरूर लिख भेजना आप लोग!

आप मुझे मेरी ईमेल पर मैसेज कर सकते हैं या फिर अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।
सेक्सी गर्ल हिंदी चोदन स्टोरी पर आप सबके कमेंट्स का इंतजार रहेगा।
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