सेक्स की प्यासी आंटी और दोस्त की बहन की साजिश-4

(Sex Ki Pyasi Aunty Aur Dost Ki Bahan Ki Sajish- Part 4)

दीप पाटिल 2017-07-06 Comments

This story is part of a series:

अब तक आपने इस सेक्स स्टोरी में पढ़ा कि मैं नम्रता आंटी को नंगी नहाते हुए देख रहा था, आंटी सेक्स की प्यास बुझाने के लिए अपनी उंगलियों से अपने दोनों छेदों में मजा ले रही थीं।
यह देख कर मैंने भी अपना लंड हिलाना शुरू कर दिया था।
अब आगे..

अब मेरा लंड भी इतना खड़ा हो गया था कि जैसे भूखे को खाना दिख रहा हो। इतने में आंटी की चुत दिखाई दी और वो देखकर मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया। मेरे लंड का सारा माल उधर ही गिर गया। उतने में आंटी ने नल बंद किया और मैं जल्दी से वहाँ से निकल कर हॉल में आकर बैठ गया।

थोड़ी देर बाद आंटी हॉल में आईं और कहने लगीं- क्या हुआ, इतना पसीना क्यों आ रहा है?
मैंने कहा- वो किचन में था ना.. उस वजह से पसीना आया है।
वो हंस कर बोलीं- ठीक है जा अब नहा ले।
तो मैं घर जाने के लिए निकला, तभी आंटी बोलीं- अरे कहाँ अब घर जाता है.. यहीं नहा ले.. फिर खाना साथ में ही खाते हैं।

मैं भी सीधे उनके बाथरूम में चला गया। जल्दबाजी में मैं बेडरूम और बाथरूम का डोर लॉक करना भूल गया क्योंकि मुझे आंटी की पेंटी स्मेल करनी थी। उस चक्कर में मैं लॉक करना भूल गया।

मैं जल्दी से अपने कपड़े बेडरूम में निकाल कर बाथरूम में आ गया था।

थोड़ी देर में मैं नहा लिया और टॉवेल ढूँढने लगा, पर मुझे याद आया कि मैं जल्दी के चक्कर में तौलिया बाहर ही भूल आया था।
तो मैंने भी आंटी को आवाज दी और बुलाया तो आंटी डोर के पास ही खड़ी थीं। ये मुझे उनकी जबावी आवाज से पता चल गया।
फिर मैंने उनसे कहा- टॉवेल दीजिये ना..

उन्होंने टॉवेल के साथ मेरा हाथ पकड़ा और खींचने लगीं.. तो मैं भी चिल्लाया कि आंटी क्यों शरारत कर रही हो.. मैंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना है।
तो वो जोर से हंसने लगीं और मैंने भी कहा- आंटी, देखो नहीं तो मैं भी ऐसे ही बाहर आ जाऊंगा।
तो उन्होंने कहा- हाँ आ जाओ।
मैंने कहा- प्लीज़ आंटी..
पर वो मानी ही नहीं।
फिर मैं भी वैसे ही नंगधडंग बाहर आ गया।

आंटी मेरे आधे खड़े से केलेनुमा लंड को देख कर बोलीं- अरे मुझे लगा तुम नहीं आओगे..
उन्होंने टॉवेल मेरी तरफ फेंका और मुड़ कर खड़ी हो गईं। मैंने आज उनको चोदने का ही तय किया था।
मैंने भी जानबूझ कर आंटी को कहा- क्या हुआ आंटी?
तो वो बोलीं- तुम इतने बेशर्म हो.. ये पता नहीं था।

इतना कहकर आंटी किचन में चली गईं। फिर मैं भी कपड़े पहन कर किचन में आ गया। हम दोनों हंसने लगे और बिरयानी खाने बैठ गए।

आंटी ने जैसे ही बिरयानी चखी वैसे ही बोल उठीं- अरे दीप, क्या मस्त टेस्ट है.. सेम होटल वाला टेस्ट है, तुम कैसे सीखे हो?
तो मैंने कहा- मेरा खुद का पुणे में होटल है.. पर फैमिली बिजनेस के वजह से होटल रेंट पर दे दिया, पर कभी-कभी ऐसे ही होटल में टेस्ट करके कुछ नया डिश बनाता हूँ। मुझे यह पसंद है.. इट्स माय हॉबी।

आंटी हंसने लगीं.. फिर खाना खाते वक्त आंटी शरारत करने लगीं। वे अपने पैर से मेरे पैर को हिलाती थीं और मुस्कुरा देती थीं।

थोड़ी देर बाद आंटी अपने चूचे हल्के से मेरे सामने हिलाने लगीं.. ताकि मेरा ध्यान उधर जाए, पर मैं भी जानबूझ के अनदेखा करने लगा। मुझे भी आंटी को गर्म करने मजा आ रहा था।

थोड़ी देर में खाना खाकर मैंने कहा- आंटी बहुत नींद आ रही है.. मैं सोने जाऊँ?

अब आंटी ने ‘हाँ’ कहा, पर मुझे समझ में नहीं आया कि आंटी ने इतने जल्दी ‘हाँ’ क्यों कहा। जबकि मैंने सोचा था कि वो कहेंगी कि तुम यहीं सो जाओ, पर ऐसा नहीं हुआ।

इससे मैं भी थोड़ा अपसैट हुआ, मुझे लगा सोने का बहाने से आंटी करीब सोने को मिलेगा पर सारा प्लान चौपट हो गया, मैं अपने घर जाने लगा।
तभी आंटी ने आवाज दी और मैंने खुशी से मुड़ कर कहा- हाँ आंटी, बोलो?
मुझे लगा आंटी शायद यहीं सोने के लिए कह रही हैं।

पर आंटी ने पूछा- अब कितने बजे उठेगा तू?
तो मैंने वापिस अपसैट होकर बताया- पता नहीं.. क्योंकि बहुत थका हूँ और पीठ भी दर्द कर रही है तो बता नहीं सकता, पर क्यों?
तो उन्होंने कहा- ऐसे ही पूछा और तुम्हारी पीठ दर्द कर रही है तो पहले क्यों नहीं बताया?
तो मैंने कहा- अभी दर्द होने लगी है.. उसकी टेंशन मत लो.. वो तो मालिश करके थोड़ी देर तक सो जाऊंगा तो ठीक हो जाएगी।
आंटी ने पूछा- और तुम पीठ पे मालिश कैसे करोगे?
तो मैंने कहा- कर लूँगा।

तो कहने लगीं- ज्यादा होशियार मत बन.. आ मैं मालिश कर देती हूँ।
मैंने कहा- आंटी आप मालिश करके देंगे तो यहीं सो जाऊंगा और वो भी ऐसे.. जैसे कोई बेवड़ा पीके सोया है.. इतनी तेज नींद आ रही है।
आंटी हंसने लगीं और बोलीं- तू भी न पागल है.. आ जा मालिश कर देती हूँ।

फिर क्या था, मैं जल्दी ही भाग कर बेड पर लेट गया।
ये देख कर आंटी फिर हंसने लगीं और कहा- अरे पागल टी-शर्ट तो निकाल.. मालिश कैसे करूँगी?

तो मैंने झट से टी-शर्ट निकाल कर पेट के बल लेट गया।

आंटी ने तेल लेकर आईं और मेरे साइड में बैठ कर तेल मेरी पीठ पर डालकर अपने कोमल हाथ से मालिश करने लगीं। आंटी के हाथों का स्पर्श पाकर मैं जन्नत में पहुँच गया। मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मैं कब सो गया, मुझे ही पता नहीं चला।

फिर थोड़ी देर बाद मुझे बदन में अजीब सा होने लगा और मैंने बहुत मुश्किल से थोड़ी आँख खोली, तो देखा कि आंटी मेरा लंड मुँह में लेकर सक कर रही थीं। वो भी बच्चों की तरह लॉलीपॉप को चूसते हुए आनन्द ले रही थीं।

मैं थोड़ा जग गया और मेरी नींद भी पूरी हो गई थी लेकिन मैं जानबूझ कर सोने का नाटक करने लगा और अभी लंड भी इतना बड़ा हो गया था कि मुझे भी मजा आ रहा था।

आंटी सेक्स के कारण गर्म हो चुकी थी, उन्होंने अपनी नाईट सूट की लेस खोल दी और ब्रा निकाल कर अपने मम्मों को दबाने लगीं और ‘ओफ्फ्फ..’ करने लगीं।
उनकी ये मादक आवाज मुझे पागल कर रही थी।

फिर आंटी ने मेरी तरफ देखा और मेरे मुँह के नजदीक अपने मम्मे को ला कर मेरे मुँह में निप्पल घुसेड़ने लगीं।

मैंने भी थोड़ा जोर से निप्पल मुँह में लेते हुए उसे काटा तो वो जोर से चिल्लाईं और मुझे हल्के से थप्पड़ लगा दिया, आंटी ने कहा- तो तू सोने का ढोंग कर रहा था।
फिर आंटी ने प्यार से मुझे किस किया तो मैं मोम की तरह पिघले जा रहा था। मैं भी प्यार से उनके मम्मों को दबाने लगा, तो वो भी गर्म होने लगीं। आंटी कहने लगीं- ओह बेबी प्लीज़ जोर से सक करो.. और जोर से..

तो मैंने भी प्यासा भेड़िया बनकर उनको नीचे किया और मैं उनके ऊपर चढ़ गया। फिर जोर से उनके मम्मों के बीच में अपना मुँह घुसेड़ दिया और जोर से अपने दांतों से उनके होंठों को दबाने लगा।

आंटी एकदम से जोश में आ गईं और अपना हाथ मेरे पीठ पर रगड़ने लगीं। उनके नाखून मुझे लग रहे थे.. इसकी वजह से मुझे भी थोड़ा सा दर्द हो रहा था।
मैंने भी अपने हाथों से उनके मम्मों को जोर से पकड़ा और भंभोड़ दिया।
तो वो चिल्ला उठीं और कहा- तुम बहुत जालिम हो..

उनका दर्द देख कर मुझे भी अच्छा नहीं लगा क्योंकि उनकी आँखों से पानी आने लगा था।
मैंने अपना हाथ हटाया और उनकी आँखें से निकला पानी चाट लिया और सॉरी कहा। फिर बहुत प्यार से उनके होंठों को किस किया तो वो भी मुझे प्यार से देखने लगीं।

आंटी ने कहा- आई लव यू..
तो मैंने भी कहा- आई लव यू टू…

अब मैं उनके ऊपर से उठ गया तो उन्होंने मुझे वापिस खींचा तो मैं उनके ऊपर गिर गया।
उन्होंने प्यार से कहा- कहाँ जा रहा अब?
मैंने कहा- पैंट निकाल रहा हूँ जान.. और टॉयलेट भी जाना है, अभी आता हूँ।

मैंने वापिस खड़ा होकर पैंट को निकाल फेंक दिया और अंडरवियर को भी निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया।

आंटी ने झट से अंडरवियर उठाया और खुद अपने मुँह के सामने रखकर सूँघने लगीं। आंटी ने लम्बी सांस लेते हुए कहा- उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या मस्त खुशबू है।
फिर मेरा लंड पकड़ के उन्होंने अपने मुँह में ले लिया।

मैंने उनको कहा- प्लीज़ वेट करो ना, मुझे जोर से प्रेशर भी आने लगा है।

इतना कहकर मैंने उनके मुँह से मेरा लंड निकाला और बाथरूम में चला गया और कमोड पर बैठ गया। जल्दी में मैंने डोर लॉक नहीं किया था तो आंटी डायरेक्ट अन्दर आ गईं।

मैं भी जल्दी से निपट कर खड़ा हुआ.. तो आंटी ने मुझे वापिस बिठाया और कहा- क्या बार-बार मुझसे दूर भाग रहे हो..?

यह कह कर वो नीचे घुटनों के बल बैठ गईं और मेरे लंड को वापिस मुँह में ले कर चूसने लगीं। साथ ही वे अपनी दो उंगलियां चूत में डालने लगीं और दूसरे हाथ से एक उंगली खुद की गांड में डाल कर गंदी बातें करने लगीं।

मेरा ये सब फर्स्ट टाइम था तो मुझे ये सब अजीब सा लग रहा था, पर बहुत अच्छा फील भी कर रहा था, बहुत मजा आ रहा था।
यह हिंदी आंटी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

आंटी खुद को ही गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थीं और मुझसे कहने लगीं- दीप मुझे डर्टी सेक्स पसन्द है, तुम बिल्कुल भी शर्माना नहीं.. तू कुछ भी कर ले, मुझे कुछ भी बोल.. मुझे बुरा नहीं लगेगा।
तो मैंने भी खड़ा होकर कहा- आप मुझे कुछ भी करने ही नहीं दे रही हैं.. सब आप ही करती जा रही हैं।
मैंने ये बच्चों वाले अंदाज में कहा, तो आंटी हंसके खड़ी हुईं और मुझे गले लगा कर बोलीं- सच में तुम भी ना.. कभी-कभी बच्चों की तरह बात करते हो, पर मुझे ये तुम्हारी आदत पसंद है।

ये कहकर वे मुझे किस करने लगीं.. तो मैंने भी उनको किस करते करते उनको दीवार की तरफ लेकर गया और शॉवर चालू कर दिया।

तो आंटी एकदम से पानी गिरने की वजह से डर के मुझे जोर से गले लकर दबाने लगीं और उनके कुछ भी कहने से पहले ही मैंने उनके मुँह में अपना मुँह घुसेड़ दिया। अब मैं अपने हाथों से उनके एक पैर को उठाकर अपनी कमर पर रख लिया। इस वजह से उनकी चूत का मुँह खुला गया था.. मैंने जल्दी से उधर अपनी दो उंगलियां डाल दीं।

तो आंटी सेक्स की मस्ती में कराह का थोड़ी सी हिलने लगीं और मेरे हाथ को धकेलने लगीं, तो मैंने और जोर से उंगली को अन्दर कर दिया।
फिर थोड़ी देर बाद आंटी अपनी गांड हिलाने लगीं.. आगे-पीछे करने लगीं।

ऐसा लगा कि आंटी को ऐसा करने से सेक्स का मजा आ रहा था।

मुझे उम्मीद है दोस्तो कि आपको मेरी इस सेक्स स्टोरी में मजा आ रहा होगा। आपने ऐसा मुझे लिखा भी है।
जो भी पूछना चाहते हो जरूर लिखिएगा, मुझे अच्छा लगेगा।
[email protected]
आंटी सेक्स स्टोरी जारी है।

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top