सेक्स की प्यासी आंटी और दोस्त की बहन की साजिश-2
(Sex Ki Pyasi Aunty Aur Dost Ki Bahan Ki Sajish- Part 2)
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अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि मेरी नजरें आंटी के सफ़ेद झीने ब्लाउज में से झांकते बिना ब्रा के मम्मों पर टिक गई थी और आंटी मेरी इस नियत को भांप कर मुझसे मजाक करने लगी थीं।
अब आगे..
घर पर आकर आंटी के मम्मों को और उठी हुई गांड की तस्वीरें मेरे सामने बार-बार आ रही थीं। मैं पागल हुआ जा रहा था, एक दिन में दो खूबसूरत माल देखे थे, एक अंजलि और दूसरी नम्रता आंटी!
रात को यही सब सोचते-सोचते सो गया, सुबह उठा और जल्दी फ्रेश होकर बैठ गया क्योंकि आज मुझे आंटी के साथ मार्केट जाना था।
तभी बेल बजी और मैंने दरवाजा खोला.. सामने अंजलि थी, वो सीधी घर के अन्दर आई और बोली- आज क्या कर रहे हो तुम?
अब मैं उसे क्या बताऊँ कि आंटी के साथ जा रहा हूँ… थोड़ी देर तक मैंने कुछ नहीं कहा.. फिर पूछा- क्यों पूछ रही हो?
उसने कहा- प्लीज़, आज मेरे साथ शाम को पार्टी में चलो ना?
अब मैं मुश्किल में पड़ गया, आज तो आंटी के साथ टाइम गुजारना था और अब इसको ‘ना’ कहूँ तो ये भी बुरा मानेगी और उधर आंटी भी! तो मैंने उससे कहा- आज आंटी को रेसिपी सिखानी है, मैंने उनको प्रॉमिस किया है।
मेरे इस जवाब से वो थोड़ी हर्ट हुई और उसने ‘इट्स ओके..’ कहा, पर मुझे उसका ऐसा कहना अच्छा नहीं लगा।
मैंने उससे कहा- पार्टी में कितने बजे जाना है?
तो उसने खुश होकर कहा- 6.30 बजे।
मैंने उससे कहा- ओके, तब तक मैं फ्री होने की कोशिश करता हूँ।
तो उसने फिर गुस्से से कहा- कोशिश..?
मैंने कहा- अरे बाबा ठीक है.. उससे पहले ही फ्री हो जाता हूँ।
अंजलि ने खुश हो कर थैंक्स कहा और चली गई। यहाँ मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ।
मैं जल्दी से तैयार होकर आंटी के घर पे गया और उनसे कहा- आंटी, आज हम जल्दी खाना बनाते हैं.. क्योंकि मुझे अंजलि के साथ बाहर जाना है।
तो आंटी ने कहा- अरे तो इतना खाना मैं अकेली थोड़े ही खा सकती हूँ।
मैंने उन्हें कहा- मैंने उसे बर्थडे को गिफ्ट नहीं दिया तो कम से कम उसके साथ बाहर तो चला जाता हूँ.. नहीं तो वो बुरा मान जाएगी।
आंटी ने कहा- अरे इट्स ओके.. मुझे इतना जल्दी कुछ नहीं है, आज नहीं तो कल बनाते हैं।
फिर आंटी ने भी ये सब हंस कर कहा, तो मैंने उनको ‘थैंक्स’ कहा।
आंटी बोलीं- पर आज मैंने भी कुछ प्लान किया था.. तो आज मैं भी बोर हो जाऊँगी।
मैंने कहा- अरे आंटी मैं तो शाम को जा रहा हूँ.. तो चलो अभी कहीं घूम कर आते हैं.. आते टाइम मार्केट से भी हो आते हैं।
आंटी हंसने लगीं और उन्होंने कहा- ओके ठीक है.. मैं अभी रेडी होकर आती हूँ।
मैंने कहा- हाँ, मैं भी थोड़ी देर में आता हूँ।
क्योंकि मैंने भी सुबह से सिगरेट नहीं पी थी तो कुछ तलब हो रही थी।
आंटी ने कहा- अब तुम कहाँ जा रहे हो?
मैंने कहा- बस आंटी 10 मिनट में घर से आता हूँ।
उनको भी शायद अंदाज हुआ.. और उन्होंने कहा- हाँ तुझे सिगरेट पीनी होगी।
मैं चुपचाप बैठ गया और वो हंसकर बोलीं- तो यहीं पी ले ना.. जब तक मैं रेडी होकर आती हूँ।
मैंने कहा- नहीं ऐसी कोई बात नहीं है।
उन्होंने हंस कर कहा- कोई बात नहीं.. मत शर्मा, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मैं भी कॉलेज टाइम में कभी-कभी सहेली के साथ पी लेती थी।
वो ये कह कर अन्दर चली गईं।
मुझे बहुत प्यास लगी थी तो मैंने आंटी को आवाज दी और कहा- पानी पी लूँ क्या?
तो अन्दर से आवाज आई- हाँ इसमें क्या पूछता है.. ले ले ना फ्रिज से!
मैं किचन की तरफ जाने लगा। आंटी के बेडरूम का डोर खुला हुआ था और आंटी अपनी ड्रेस चेंज कर रही थीं। मैंने देखा कि आंटी सिर्फ ब्रा और नीचे लोअर में थीं। उन्हें इस तरह देख कर मैं आंटी को घूर-घूर कर देखता रहा। आंटी की पीठ मेरी तरफ थी। क्या गोरी गोरी पीठ थी.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… वो देख कर मेरे बदन में अजीब सी गर्मी चढ़ने लगी और मेरा लंड भी खड़ा होने लगा।
आप सभी को बताना चाहता हूँ कि मेरा लंड थोड़ा केले की तरह टेढ़ा है इसलिए मुझे चुस्त पैंट की वजह से थोड़ा दर्द होने लगा। फिर मैंने थोड़ा कण्ट्रोल किया और किचन से पानी पिया। वापस आते टाइम में बाथरूम में गया और जोर से टॉयलेट करने लगा। फिर लंड को थोड़ा ढीला किया और हॉल में आकर बैठ गया।
तभी आंटी आईं.. सामने खड़ी रह कर बोलीं- कैसी लग रही हूँ?
मेरे मुँह से जल्दी से निकला- एकदम पटाखा।
तो आंटी हंसने लगीं और उन्होंने कहा- अरे पागल, मेरी साड़ी कैसी है ये पूछा.. मैं कैसी हूँ.. ये नहीं पूछा।
मैं थोड़ा डर सा गया और कहा- सॉरी आंटी।
तो आंटी बोलीं- अरे इसमें क्या सॉरी तुम्हें जो लगा वो तुमने कहा, इट्स ओके यार।
इस पर मैं भी थोड़ा रिलेक्स हुआ और मैंने कहा- चलो फिर निकलते हैं।
हम दोनों घर से निकले, बाहर आते ही मैंने पूछा- पर कहाँ जाना है.. पहले वो तो बताओ?
उन्होंने सोच कर कहा- चलो पहले मॉल चलते हैं.. बारिश का मौसम हो रहा है कभी भी बारिश हो सकती है।
मैंने भी कहा- ओके चलो।
हम एक मॉल में गए और आंटी उधर साड़ी देखने लगीं। उन्होंने मुझे पूछा तो मैंने बताया कि मुझे इसके बारे कुछ भी नहीं पता। फिर मैंने उनको मिक्स स्काई ब्लू और व्हाइट वाली साड़ी लेने को कहा। ये हल्की सी प्रिंटेड भी थी पर ज्यादातर प्लेन ही थी।
इसके बाद आंटी नाईट गाउन देख रही थीं, उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हें कौन सी नाइटी अच्छी लगी?
तो मैंने शरमाते कहा- कोई सी भी ले लो।
उन्होंने कहा- हाँ पर तुम कलर तो बताओ?
मैंने ‘लाइट-ब्लू’ और ‘लाइट-पिंक..’ कहा तो उन्होंने कहा- क्या बात है तुम्हारे कलर की तो बड़ी अच्छी चॉइस है।
मैंने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा- वैसी कोई खास बात नहीं है.. पर ये दो कलर अच्छे लगेंगे।
आंटी ने मुस्कराते हुए कहा- हम्म..
उधर हम दोनों के बाजू में एक लड़की जो वो वहीं की सेल्सगर्ल थी, वो हंसने लगी। मैं थोड़ा शरमाया और वहाँ से थोड़ा आगे आ गया।
आंटी भी पीछे से आई और कहा- क्या बात है आजकल तुम पर हर कोई फिदा हो रहा है?
मैंने भी पूछा- कौन है मुझ पे फिदा?
तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा- वो लड़की जो सेल्सगर्ल।
मैंने कहा- मैं अभी आता हूँ।
तो आंटी ने पूछा- कहा जा रहे हो?
मैंने कहा- उस लड़की को नाम पूछने।
आंटी बोलीं- क्यों तुम्हें भी वो पसन्द आ गई क्या?
मैंने कहा- मुझे तो सब लड़कियां पसन्द हैं।
आंटी ने हँसते हुए जोर से पीठ पर धौल जमाई और मेरा कान पकड़ कर कहा- चल तुझे बाद में देखती हूँ।
फिर आंटी ने मुझसे कहा- अंजलि के लिए भी कुछ लेना है, मैंने भी उसे कुछ भी नहीं दिया।
मैं चुप रहा तो आंटी और मैं यूं ही घूमते हुए सेकेण्ड फ्लोर पे आ गए और उसके लिए एक टॉप ले लिया। वो व्हाइट कलर का था इसलिए एक ब्लैक जीन्स भी ले ली।
आंटी ने कहा- रुको तो, और भी लेना है मुझे?
आंटी ने टॉप के अन्दर पहनने के लिए एक सफ़ेद रंग का शर्ट जैसा कुछ लिया। मुझे पता नहीं उसे क्या कहते हैं।
मैंने पूछा- ये क्यों?
तो आंटी ने कहा- टी-शर्ट पूरी व्हाइट है तो इसे पहनने से ब्रा नहीं दिखती।
मैं हल्के से हँस दिया तो आंटी ने कहा- तुम भी कुछ ले लो ना!
तो मैंने भी टी-शर्ट और जीन्स ले ली और पेमेंट करने जाने लगा।
तभी आंटी ने कहा- अरे मैं पे कर दूंगी।
मैंने कहा- मेरा बर्थडे थोड़े ही था।
आंटी ने कहा- हाँ पता है.. तू बहुत बड़े अमीर घर से है, तो एक काम कर.. मेरा भी बिल पे कर दे।
तो मैंने कहा- हाँ कर दूंगा, इसमें क्या बड़ी बात है?
आंटी गुस्से से मुझे देख रही थीं।
मैंने भी थोड़ा मस्ती में कहा- अभी तो आपने कहा ना कि बड़े अमीर घर का हूँ।
उन्होंने फिर से मेरा कान पकड़ा और कहा- हाँ पता है मुझे!
फिर क्या आंटी ने जल्दी से पूरा पेमेंट कर दिया। फिर एक टैक्सी को बुलाया और सब्जी मार्केट से सब्जी ली.. थोड़ा चाट वगैरह भी खा ली और थोड़ा मस्ती करते-करते घर पर आ गए।
आंटी ने कहा- थोड़ा वेट करो.. मैं कुछ ठंडा बनाती हूँ.. तब तक तुम फ्रेश हो जाओ।
मैं बाथरूम में गया.. मुँह धोया और बाहर आ गया।
आंटी ने तब तक निम्बू शरबत बना लिया था।
तभी आंटी ने कहा- तुम बहुत स्वीट हो।
मेरे मन में अजीब गंदी सी बातें आने लगीं।
आंटी ने कहा- तुम अपनी टी-शर्ट और जीन्स पहन कर दिखाओ ना।
यह कह कर आंटी बेडरूम में गईं और मैं हॉल में ही ड्रेस चेंज करने लगा। तभी आंटी अपना एक बैग हॉल में भूल गई थीं.. वो लेने आईं। उस वक्त मैं सिर्फ अंडरवियर और बनियान में था।
आंटी को देखते ही मैं थोड़ा शरमाया और जल्दी से जीन्स पहनने लगा। इस जल्दबाजी में मेरा बैलेंस बिगड़ गया और मैं आंटी के ऊपर गिरने ही वाला था कि उतने में मैंने सोफे को पकड़ लिया।
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आंटी जोर-जोर से हंसने लगीं और बोलीं- क्या दीप.. सच्ची में तुम भी एक कार्टून हो।
फिर वो बैग लेकर बेडरूम में चली गईं और इधर मेरी हालत खराब होनी लगी। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ।
फिर मैंने जल्दी से कपड़े पहने और सोफे पर जाकर बैठ गया। तभी आंटी साड़ी पहन कर सामने आईं।
मैंने उनको देखा तो मेरा मुँह खुला ही रह गया।
आंटी पास में आकर खड़ी रहीं और कहा- तुम कुछ मत बताओ.. मुझे तेरे खुले मुँह ने ही सब बता दिया है।
आंटी हंसने लगीं और फिर मैं भी हंसने लगा।
कुछ देर बाद मैं वहाँ से निकलने लगा।
मैंने आंटी से कहा- मुझे शाम को अंजलि के साथ जाना है तो अभी जाता हूँ.. बहुत लेट हो रहा है।
आंटी ने कहा- हाँ जा ना.. और रात को जल्दी आना, उसके घर वालों को रात को ज्यादा देर तक घूमना पसन्द नहीं है। मुझे ये पता है अंजलि इसलिए तो तुझे लेकर जा रही है.. तेरा नाम लेकर इमोशनल करके जा रही है। तुम्हें कोई भी ना नहीं कहेगा.. इसलिए तो वो तुझे लेकर जा रही है।
मुझे थोड़ा गुस्सा सा आया।
दोस्तो, मुझे लगा कि अंजू से मेरी समीपता से आंटी को कुछ जलन सी होने लगी थी.. खैर.. देखते हैं कि इस चुदाई की कहानी में मेरे लंड की पहली शिकार कौन बनती है.. अंजू या नम्रता आंटी।
कुछ कहना हो लिखिएगा।
मेरी चुदाई की कहानी कहानी जारी है।
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