सहेली की शादी में हम बहनों की चूत चुदाई
(Saheli Ki Shadi Me Hum Bahano ki Choot Chudai)
दोस्तो, मैं फेहमिना आप सबके सामने एक नई कहानी लेकर उपस्थित हूँ। लेकिन यह कहानी सच्ची नहीं है, यह सिर्फ एक सपना था जो मैंने एक रात आएशा के साथ लेस्बियन सेक्स करने के बाद देखा था।
उस सपने को मैंने कहानी का रूप दिया है।
तो लड़के अपने लंड और लड़कियाँ अपनी चूत के साथ मज़े लेते रहें।
जैसा आप सबने मेरी पिछली कहानी में पढ़ा कि मैंने और साहिल ने रिया और आकाश के साथ सामूहिक सम्भोग किया था। उसके बाद हम लोग हर वीकेंड पर सेक्स करते थे।
कुछ दिन तक ये सब चलता रहा। फिर आएशा मेरी छोटी बहन अपने हॉस्टल से वापस आ गई। मैं उसको लेने रेलवे स्टेशन पर गई। वहाँ उससे मिलते ही मैं उसके गले लग गई, हम दोनों बहनों में इतना प्यार था कि हम दोनों एक दूसरे से इतने दिनों बाद मिल कर लगभग रोने ही लगी थी।
हम बहनें घर आ गई, बहुत सारी बातें हुई। मैंने उसे विक्रम और रिया, आकाश के बारे में बताया। तो वो बहुत खुश हुई।
मैंने उससे पूछा तो उसने बताया कि वहाँ जाकर कुछ नहीं हुआ।
खैर फिर हम लोगों की वही पुरानी मस्ती शुरू हो गई।
उसने मुझे पकड़ लिया और चूमने लगी, मैंने उसे रोका तो बोली- यार करने दे ना… मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ। वरना तेरे साथ जोर जबरदस्ती कर दूंगी। हमने थोड़ी मस्ती की, फिर वो फ्रेश होने चली गई।
कुछ दिनों बाद मेरी ऑफिस के एक सहेली नेहा ने बताया कि उसकी शादी है, उसने मुझे भी शादी में आने को कहा और कहा कि आएशा को भी साथ लेकर आना।
आएशा और नेहा एक दूसरे को जानती थी।
मैंने भी उससे हाँ बोल दिया।
घर आकर जब मैंने आएशा को शादी वाली बात बताई तो उसने जाने से मना कर दिया।
मैंने उसे कहा- चल ना यार… वरना मैं अकेली बोर हो जाऊँगी।
तो वो बोली- साहिल को साथ लेकर चली जा!
मैंने उसे कहा- यार, वो एक फैमिली फंक्शन है। वहाँ मैं साहिल के साथ नहीं जा सकती क्यूंकि सबको यही पता है कि साहिल मेरा बॉयफ्रेंड है।
थोड़ी देर मनाने के बाद आएशा मान गई।
दो दिन बाद शादी वाले दिन हम दोनों पहले पार्लर गई, फिर घर आकर तैयार होने लगी, हमने शादी में साड़ी पहनने का फैसला किया। मैंने नीले रंग की और आएशा ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी।
हम दोनों ने साड़ी नाभि से बहुत नीचे बांधी हुई थी। साफ़ शब्दों में कहूँ तो अगर हम दोनों ने अपनी झांटें साफ़ ना की हुई होती तो हमारा झांट प्रदेश सबको साफ़ साफ़ दिख जाता।
और हमारा ब्लाउज तो ब्रा जैसा ही था, पीछे से बेकलेस था और आगे से भी बस चूचियाँ ही ढक पा रहा था। कुल मिलाकर हम दोनों माल लग रही थी। अगर उसे वक़्त कोई भी हमें देखता तो वो भी हमें चोदना चाहता।
फिर हम दोनों बहनें अपनी कार से शादी की जगह तक पहुँच गई।
शादी में मेरे ऑफिस के सभी साथी आये हुए थे, उनमें से कुछ लड़कियाँ गजब लग रही थी और लड़के भी हेंडसम लग रहे थे।
वहाँ लगभग सभी लड़को की नजर हम दोनों बहनों की चूची पर ही थी। मेरी ऑफिस की एक सहेली प्राची ने मेरे कान में कहा- आज क्या किसी को पटाने का प्रोग्राम है?
तो मैंने उसकी बात हंसकर टाल दी।
फिर सब लोग एन्जॉय करने लगे।
तभी आएशा ने मुझे कहा- यार उधर देख, वो लड़के बहुत देर से हम लोगों को घूर रहे हैं।
मैंने देखा तो वो तीन लड़के थे, मैंने आएशा को बोला- तू उधर मत देख!
और बात खत्म हो गई।
फिर फ़ोटो की बारी आई तो सब लोग फ़ोटो के लिए स्टेज पर जाने लगे। मैंने देखा वो तीनों लड़के वही थे और जैसे ही मेरी नजर उन लड़कों पर पड़ी वो स्माइल करने लगे।
मैंने बिना कोई जवाब दिए नजर फेर ली।
थोड़ी देर बाद धीरे धीरे सब लोग जाने लगे। तो मैं नेहा के पास गई, उसको बोली- यार, हम लोग भी चलती हैं।
तो वो बोली- यारम थोड़ी देर रुक जा!
उसके बहुत कहने के बाद हम दोनों रुक गई।
वैसे भी शादी हमारे घर से बहुत दूर थी तो इतनी रात को अकेले जाते हुए डर भी लग रहा था तो हमने रुकने का फैसला किया।
फिर आएशा और मैं एक जगह बैठ गई और शादी देखने लगी। क्यूंकि हम लोग दूसरे मजहब से हैं तो ये सब हमारे लिए नया था इसलिए हम लोग शादी को बहुत एन्जॉय कर रहे थे।
थोड़ी देर बाद आएशा बोली- मुझे टॉयलेट जाना है।
कहकर वो चली गई मैं वहीं बैठी रही।
आएशा को आने में बहुत देर लग गई, मैंने सोचा कि कहीं कोई परेशानी तो नहीं हो गई। इसलिए मैं उसे ढूंढने निकली तो आएशा मेरे पास ही आ रही थी।
मैंने उससे कुछ पूछती, उससे पहले ही वो मेरा हाथ पकड़कर मुझे किसी शांत जगह ले गई।
मैंने देखा कि उसकी आँखों में आंसू आ रहे थे।
मैं अपनी बहन की आँख में आंसू नहीं देख सकती थी इसलिए मुझे गुस्सा आ गया, मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
तो उसने जो बताया वो मैं उसी के शब्दों में लिख रही हूँ।
मैं बाथरूम गई तो वहाँ पर वही तीनों लड़के आ गए और मुझे बोले- आपका नाम क्या है?
मैंने अपना नाम बता दिया।
फिर वो बोले- हमसे दोस्ती करोगी?
तो मैंने मना कर दिया।
फिर उनमें से एक लड़का बोला- अच्छा चल दोस्ती रहने दे… ये बता एक रात का क्या लेगी?
मैंने उससे कहा- तमीज से बात करो… तुमने मुझे क्या ऐसी वैसी लड़की समझा हुआ है?
तभी उनमें से एक लड़के ने मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए और बाकी दोनों ने मेरे हाथ पकड़ लिए।
फिर वो दोनों मेरे चूचे दबाने लगे। वो कमीने इतनी जोर से चूचे दबा रहे थे कि दर्द की वजह से मेरे आंसू निकल आये।
तभी वहाँ किसी के आने की आहट हुए तो वो मुझे छोड़ कर भाग गए।
उसकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आने लगा, मैंने आएशा से पूछा- तू चाहती क्या है? क्या मैं उन लड़कों से लड़ाई करूँ या बात को खत्म करना चाहती है?
वो बोली- यार अब यहाँ से चलते हैं। वरना मुझे अकेला देखकर वो लोग मेरे साथ जबरदस्ती भी कर सकते हैं और मैं ऐसे किसी के साथ सेक्स नहीं करना चाहती।
तो मैंने उसे कहा- देख, रात बहुत हो चुकी है, हम इतनी रात को अकेले नहीं जा सकती, अब तो सुबह ही जा पाएंगी।
तो वो मान गई मगर वो थोडा डरी हुई थी।
मैंने उसे अपने पास बैठा लिया।
मगर मैंने मन ही मन उन लड़कों को सबक सिखाने का मन बना लिया।
वो लड़के हमसे थोड़ी ही दूर पर बैठे थे और लगातार घूर कर हंस रहे थे तो अब मेरा गुस्सा बढ़ता जा रहा था।
थोड़ी देर तक बर्दाश्त करने के बाद मैंने आएशा को बोला- तू यहीं बैठ, मैं जरा बाथरूम जा रही हूँ।
तो उसने हाँ में गर्दन हिला कर जवाब दिया।
मैं जाने लगी, मैंने देखा कि वो तीनों लड़के अब मेरे पीछे आने लगे हैं।
मैं बाथरूम में घुस गई, थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि बाथरूम के दरवाजे के पास किसी के आपस में बात करने की आवाज आ रही है।
मैंने समझ गई कि ये वही लड़के होंगे।
थोड़ी देर बाद मैं जैसे ही बाथरूम से बाहर निकली, उन लड़कों ने मेरा रास्ता रोक लिया।
मैंने उनसे कहा- यह क्या बदतमीज़ी है?
तो उनमें से एक लड़का बोला- मैडम, आप इतनी खूबसूरत हैं, आपसे बात करने का मन कर रहा है।
मैंने कहा- बात करने का यह कौन सा तरीका है?
तो वो बोला- हमारा तो यही तरीका है। थोड़ी देर पहले आपकी बहन से बात करने की कोशिश की थी तो वो भाग गई थी।
फिर मैंने कहा- तुम तीनो में से किसने मेरी बहन के साथ बदतमीज़ी की थी?
तो वो कमीने हँसने लगे, उनमें से एक बोला- वो बदतमीज़ी नहीं थी, हम तो बस थोड़ा सा प्यार कर रहे थे।
फिर उसने कहा- वैसे उसके चूचे तो आपसे भी बड़े थे, दबाने में मज़ा आ गया। और वो साली भी गर्म हो गई थी।
यह सुन कर मैं गुस्से में लाल हो गई और मैंने उस लड़के के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया।
यह देख कर वो तीनों गुस्से में आ गए और मुझे पकड़कर एक कमरे में ले गए।
मैंने उनसे कहा- देखो प्लीज मुझे छोड़ दो वरना मैं शोर मचा दूंगी।
तो उनमें से एक बोला- साली, तू शोर मचाएगी?
उसने मुझे कंधे से पकड़ लिया और बिस्तर पर गिराने लगे।
मैं समझ गई कि अब शायद मेरा देह शोषण होने वाला है, मैंने उससे कहा- मैं इस थप्पड़ के लिए माफ़ी मांगती हूँ।
तो वो तीनों यह सुनकर हँसने लगे, फिर वो बोले- हम तुझे एक शर्त पर छोड़ देंगे।
मैंने उनकी तरफ प्रश्नवाचक नजर से देखा तो वो बोले- अपनी बहन को यहाँ बुला ले, हम बस उससे थोड़ी बात करना चाहते हैं।
मैं समझ गई कि ये तीनों उसे चोदना चाहते हैं। मतलब आज फिर से हम दोनों बहनें एक साथ चुदने वाली थी।
मैंने उनसे कहा- देखो, उसको कुछ मत करो, वो अभी छोटी है।
तो वो हँसने लगे और बोले- अगर वो यहाँ नहीं आई तो साली तेरे साथ जोर आजमाइश करके तुझे नंगी ही छोड़ कर तेरे सारे कपड़े ले जायेंगे फिर यहाँ से नंगी ही जाना।
अब मैं सच में डर गई थी, मैंने बहुत देर तक सोचा तो उन तीनों ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे चूचे दबाने लगे और मुझे यहाँ वहाँ किस करने लगे।
फिर उन्होंने मुझे फिर से वही धमकी दी तो मैंने आएशा को फ़ोन करके वहाँ बुला लिया।
जैसे ही आएशा कमरे में आई, वहाँ का माहौल देखकर वो सब समझ गई और आकर मेरे पास बैठ गई।
उन्होंने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और बोले- देखो, हम आपस में एक दूसरे को नहीं जानते इसलिए आज की रात मज़े करते हैं कल तुम अपने रास्ते और हम अपने रास्ते!
मैंने भी सोचा कि हम दोनों ने विरोध किया तो ये हमारा दैहिक शोषण कर देंगे, फिर हमने आपस में बात की और चुदने को राजी हो गई क्यूंकि हमारे पास और कोई रास्ता नहीं था।
वो तीनों हम पर जानवरों की तरह टूट पड़े मेरे ऊपर तो एक ही लड़का आया मगर आएशा के ऊपर 2 लड़के चढ़ गए।
मैंने उनसे कहा- आएशा को 2 लड़के एक साथ मत करो।
तो उनमें से एक लड़का मेरे ऊपर चढ़ गया।
वो तीनों हम दोनों बहनों के बदन को ऐसे रौंद रहे थे जैसे सालों को पहली और आखिरी बार चूत मिल रही थी।
उन्होंने हमारे कपड़े उतार कर हम दोनों को नंगी कर दिया और फिर तीनों अपने कपड़े उतार कर खुद भी नंगे हो गए।
वो तीनों 22, 24 साल के बीच के लड़के थे। जैसे ही हमने उनके लंड देखे तो आएशा की हंसी छूट गई, उनके लंड 5-6 इंच के बीच में थे।
अब आएशा अपने असली रूप में आ चुकी थी, वो बोली- बहन के लौड़ो… इन बच्चे वाली नुन्नी से हमारी चूत चोदोगे?
उसकी बात सुनकर मुझे भी हंसी आ गई।
वो बोले- साली रंडी, अभी तो तेरी गांड फट रही थी अब तेरा रंडीपन जाग गया?
वे तीनों जानवर बन गए और उनमें से एक ने मुझे पकड़कर अपने होंठ मेरे होंठ से मिला दिए और मुझे चूसने लगा। वो बहुत गन्दी तरीके से चूस रहा था।
उधर एक लड़के ने अपना लंड आएशा के मुंह में डाल दिया और उसके मुंह चोदने लगा।
तीसरे लड़के ने आएशा की चूत चाटनी शुरू कर दी।
जो लड़का मुझे किस कर रहा था, अब वो एक हाथ से मेरे चूचे दबा रहा था और एक साथ से मेरी चूत सहला रहा था।
फिर उसने मुझे बिस्तर पर गिरा दिया, मुझे पेट के बल लिटा दिया और मेरी गांड फैला कर मेरी गांड का छेद चाटने लगा।
उधर जो लड़का आएशा की चूत चाट रहा था, उसने एक झटके में आएशा के चूत में लंड डाल दिया।
वो एकदम से चीख पड़ी क्यूंकि वो बहुत दिनों बाद चुद रही थी।
मैं आएशा के पास गई और उसे किस करने लगी।
फिर एक लड़के ने मेरी चूत में लंड डालकर मुझे चोदना शुरू कर दिया।
कुछ देर बाद उन दोनों ने हमें घोड़ी बना दिया और एक साथ चोदना शुरू कर दिया।
अब हम दोनों भी गर्म हो चुकी थी तो अपनी अपनी गांड हिलाकर उनका साथ दे रही थी।
वो दोनों बहुत जल्दी झड़ गए और हमारे ऊपर से हट गए, अब तीसरे लड़के ने मोर्चा संभाला, वो एक एक करके हम दोनों को चोद रहा था।
क्यूंकि आएशा बहुत दिनों बाद किसी मर्द से चुद रही थी तो वो झड़ गई।
फिर उस लड़के ने मेरी चूत ठोकनी शुरू कर दी, मैंने भी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और जोर से जानू… तेज चोद… और तेज धक्का मार आआह्हह एआइईई उफ्फ़ चोद डाल मुझे!
बोल कर उसका जोश बढ़ा रही थी, वो भी जोश में मुझे चोद रहा था।
मगर थोड़ी देर बाद वो झड़ गया मगर मैं अभी तक नहीं झड़ी थी तो मैंने गुस्से में उन तीनों को गाली देना शुरू कर दिया।
मैंने कहा- बहन के लौड़ो, जब लंड में जान नहीं है तो यहाँ क्या माँ चुदाने लाये थे।
वो तीनों बस शर्मिंदा होकर सब सुन रहे थे।
यह देखकर आएशा ने मेरी चूत में अपनी उंगली डाल कर मुझे चोदना शुरू कर दिया अब मैंने और आएशा ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया।
आएशा मुझे बहुत जोर जोर से चोद रही थी और वो तीनों हमें ये सब करते हुए देख रहे थे।
थोड़ी देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
फिर आएशा ने वहाँ पड़ी चादर से मेरी चूत को साफ़ किया फिर हम दोनों ने बाथरूम जाकर खुद को साफ़ किया और वापस रूम में आई तो वो तीनों अभी भी वहीं थे, वो बोले- यह हमारा पहली बार का सेक्स था तो इसलिए हम आपको ज्यादा नहीं चोद सके।
अब मेरा गुस्सा भी ठंडा हो चुका था तो मैंने उनसे कुछ नहीं कहा और हम दोनों ने अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए।
जैसे ही मैं पैंटी पहनने को हुई तो उनमें से एक लड़का मेरे पास आया और बोला- मैं तुम्हें एक बार और चोदना चाहता हूँ।
मैंने उसकी और गुस्से से देखा तो वो हट गया, मैं पैंटी पहनने लगी तो एक लड़के ने पीछे से मेरी पैंटी उतार दी और बोला- ये पैंटी अब मैं अपने पास रखूँगा, हमारी पहली चुदाई का तोहफा समझ कर!
मैंने हंसकर वो पैंटी उसे दे दी।
आएशा ने भी अपनी पैंटी उतार कर उन्हें दे दी।
फिर वो बोले- तुम दोनों के साथ बहुत मज़ा आया।
और हमारी दी हुई पैंटी अपनी जेब में डालकर वो लोग चले गए।
अब सुबह के चार बज चुके थे तो हमने भी अपने कपड़े पहने और घर जाने के लिए तैयार हो गई। हम शादी के मंडप में पहुंचे तो वहाँ विदाई की तैयारी हो रही थी।
हम नेहा के पास गए, वो बोली- तुम दोनों कहाँ थी?
मैंने कहा- आएशा को नींद आ रही थी, इसे सोना था तो मैंने भी उसके साथ सोने चली गई थी।
हमने नेहा से कहा- अब हम चलती हैं।
रास्ते भर उस चुदाई की बात करते रही, तभी आएशा ने मेरी साड़ी ऊपर कर दी, मैंने उसकी ओर देखा तो वो स्माइल करने लगी।
मैं कार चला रही थी तो मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी।
उसने मेरी साड़ी मेरी कमर तक कर दी और अपनी उंगली से मेरी चूत को फिर से चोदने लगी। मैंने उसे मना किया मगर वो फिर भी नहीं मानी और मेरी चूत में उंगली करती रही।
तभी मैं झड़ गई मेरी चूत का पानी सीट पर फ़ैल गया, आएशा ने एक रुमाल से वो सब साफ़ किया और मेरी साड़ी को ठीक कर दिया फिर अचानक उसने मेरी चूचियों को जोर से दबा दिया मेरी चीख निकल गई।
मगर वो हँसने लगी फिर उसे पता नहीं क्या हुआ उसने अपना ब्लाउज उतार दिया अब वो ऊपर से बिल्कुल नंगी थी।
वो तो अच्छा था कि उस वक़्त थोड़ा अँधेरा था तो कोई उसे नंगी नहीं देख सकता था।
मगर मैंने उससे कहा- पागल लड़की, इसे पहन ले, कोई देख लेगा!
मगर उस पर तो कोई असर नहीं था, वो पूरा रास्ते ऐसे ही नंगी बैठी रही, जब घर आने वाला था तब उसने अपना ब्लाउज पहना।
और हम ऐसे ही मस्ती करते हुए घर पहुँच गए, घर में जाकर कपड़े उतार कर नंगी ही सो गई।
तभी थोड़ी देर बाद मेरा सपना टूटा और अगली सुबह मैंने आएशा को अपने सपने के बारे में बताया तो वो मुझे सीधा बाथरूम में ले गई और उसकी मस्ती वहाँ शुरू हो गई।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी पहली चुदाई कथा।
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