रोहतक रोड पर मिली एक लड़की की चूत चुदाई
(Rohtak Road Pr Mili Ek Ladki Ki Choot Chudai)
दोस्तो, मैं सन्नी आहूजा एक बार फिर से आपके सामने एक सेक्स कहानी लेकर आया हूँ। एक सच्ची घटना जो मेरे साथ हुई है, उसको सेक्स स्टोरी के रूप में आप सभी के सामने लिख रहा हूँ।
पहले तो मैंने सोचा था कि मैं अपनी इस चुदाई की कहानी ना लिखूँ.. मगर आप सबके इतने मेल्स आए.. आप सबसे इतना प्यार मिला मुझे.. कि दोबारा फिर से अपनी ज़िंदगी की एक और कहानी लिख रहा हूँ।
वो अभी पिछले महीने ही मैंने झज्जर में एक मैनेजर की हैसियत से जॉब स्टार्ट की है, यह रोहतक से 30 किलोमीटर की दूर है।
मैं अपनी कार से रोज रोहतक से झज्जर जाता हूँ। मैं अक्सर दिल्ली बाइपास से जाता था, तो वहाँ देखता था कि बहुत सी लड़कियाँ कॉलेज में जाने के लिए होती थीं। मेरा मन तो करता था, इन्हें पकड़ कर चोद दूँ। मगर अब नौकरी शुरू की थी.. तो डर भी था कि कहीं कुछ ग़लत ना हो जाए।
कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा।
एक दिन किसी की बर्थ-डे पार्टी थी, तो हम सभी लेट हो गए और मैं वहाँ से 9 बजे निकला। झज्जर से निकला तो रोहतक रोड पर मुझे एक लड़की एक अंकल के साथ दिखी, जिन्होंने मुझसे लिफ्ट माँगी।
लड़की शहर की नहीं थी.. मगर बला की खूबसूरत थी। उन्हें रोहतक ही जाना था। मुझे भी रोहतक के ही एक गांव पगी तक जाना था, तो मैंने उन्हें गाड़ी में बिठा लिया। अंकल को छाती में दर्द हो रहा था.. तो वो पीछे लेट गए, वो लड़की आगे मेरे साथ बैठी थी।
मैं उसे बार-बार देख रहा था।
उस लड़की ने अपना नाम वाणी (बदला हुआ नाम) बताया, उसका फिगर 36-32-34 का होगा, उसे देख कर तो मेरा मन कर रहा था कि अंकल को रास्ते में उतार कर इसे यहीं चोद दूँ।
मगर मन की हर बार नहीं माननी चाहिए।
मैं उन्हें पगी तक लेकर गया.. एमर्जेन्सी में उन्हें भर्ती कराया, वहाँ मेरा फ्रेंड है.. तो ज्यादा दिक्कत नहीं हुई।
मुझे इन सब कामों के बाद मैंने उस लड़की को अपना नम्बर दिया और कहा- अगर ज़रूरत हो तो मुझे कॉल करना!
यह बात अगस्त की है।
इसके बाद मैं वहाँ से निकल आया।
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए.. उस लड़की का मेरे पास कोई फोन नहीं आया। मैं उलझन में था कि इतनी प्यारी लड़की को मैंने खो दिया।
मगर 10 सितम्बर को एक अनजान नम्बर से मेरे पास फोन आया, लड़की बोल रही थी, उसकी आवाज़ बहुत मीठी थी.. पता नहीं क्यों मगर मैं समझ गया कि ये वही है।
मैंने उससे कहा- वाणी, काफ़ी दिनों बाद फोन किया।
उसने बताया- पापा अब ठीक हैं।
बातचीत में मालूम हुआ कि काफ़ी दिन से वो उनकी तीमारदारी में ही बिज़ी थी।
मैंने उसे बताया- मैंने तुम्हें बहुत मिस किया.. जब से तुम्हें देखा है.. तुम्हारे बारे में ही सोचता हूँ।
इसके बाद कुछ दिन तक हमारी फोन पर बातें हुईं।
फिर एक दिन मैंने उसे ‘आई लव यू’ बोला तो उसने मुझे ‘आई लव यू टू’ बोल दिया।
मैंने उससे कहा- मुझे तुमसे मिलना है.. कब मिल सकती हो?
तो उसने मुझे बताया- मुझे पापा की दवा के लिए रोहतक आना है.. तो कुछ देर के लिए मिल लूँगी।
फिर 18 सितम्बर को वो दिल्ली बाइपास पर आई.. मैंने उसे पिक किया और हम दोनों एक लम्बी ड्राइव के लिए निकल पड़े। रास्ते में मैंने उसके गालों पर हाथ लगाया.. उसके गालों पे किस किया तो वो शरमाने लगी, कहने लगी- ये क्यों कर रहे हो?
मैंने उससे कहा- प्यार ही तो कर रहा हूँ।
फिर हमने सागर विला में लंच किया और मैंने वहीं रूम बुक करा दिया। मैंने उसे बताया तो पहले वो मना करने लगी, मगर फिर वो मान गई।
दोस्तो, मैं उसे रूम में लेकर गया.. वो वास्तव में बहुत सुंदर थी। कमरे में जाते ही मैंने उसके होंठों पर किस किया और देर तक चूमता रहा। वो शायद इसके लिए तैयार थी.. क्योंकि उसने कोई विरोध नहीं किया।
स्मूच करते ही वो बहुत गर्म हो गई थी। मैंने उसकी कमीज़ और उसकी पजामी का नाड़ा खोल दिया। सच में वो किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी।
मैंने अपनी टीशर्ट उतार दी और उसे मेरी पैन्ट खोलने को कहा, तो वो शर्मा गई मगर आँख बंद करके उसने पैन्ट को खोल दिया। मैंने उसके गालों.. उसकी गर्दन पर किस करना स्टार्ट किया.. तो वो मचलने लगी।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसे हर जगह चूमा। अब उसकी शर्म खत्म हो गई थी, वो भी मुझे हर जगह चूम रही थी।
मैंने उसकी ब्रा उतार दी, उसके चूचे कम से कम 36 साइज़ के होंगे, ब्रा खुलते ही दोनों चूचे एकदम से उछल कर बाहर आ गए।
मैंने उसके चूचुकों को चूसना और हल्का-हल्का काटना स्टार्ट किया.. तो वो पागलों की तरह मचलने लगी, वो ‘सन्नी बस करो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं मर जाऊँगी..’ कहने लगी।
उसके 36 साइज़ के इतने टाइट चूचे मैंने आज तक नहीं देखे थे।
दोस्तो, मजा तो इससे आगे आने वाला था, वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी छाती पर चूमने और काटने लगी। जैसे मैं उसे प्यार कर रहा था.. वैसे ही उसने मुझे इस तरह चूमा.. तो मैं भी पागल सा होने लगा।
मेरा यह पहली बार नहीं था, मगर मुझे ऐसा लगा कि मैं पहली बार कर रहा हूँ।
आधा घंटे से ज्यादा हमने फ़ोरप्ले किया, इस दौरान वो भी झड़ गई और मैं भी झड़ गया।
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मैंने अपना अंडरवियर और उसकी पेंटी उतार दी और उसे लंड को चूसने के लिए कहा। उसने मना नहीं किया और वो हल्का हल्का टोपे पर किस करने लगी।
मुझे बहुत मजा आ रहा था… कोई और ही दुनिया होती है जब लड़की लंड चूसती है।
धीरे धीरे वो लंड को मुँह में अन्दर-बाहर करने लग गई, मेरा लंड उसकी चूत को सलामी देने लगा।
मैंने देर ना करते हुए उसे अपने नीचे लिया और उसकी चूत को चाटने लगा। क्या मस्त गुलाबी चूत थी उसकी.. हल्के-हल्के सुनहरे रेशमी बाल, उसका निकलता कामरस.. आह्ह.. मैं सारा रस पी गया।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सैट किया और उसे अपने ऊपर ले लिया। वो लंड के ऊपर कूदने लगी और मेरी और उसकी सिसकारियाँ कमरे में चुदाई का मस्त माहौल बनाने लगी थीं।
क्या मजा आ रहा था दोस्तो.. आप समझ सकते हो। जब कुछ देर में मुझे लगा कि मैं झड़ जाऊँगा.. तो मैं उसके ऊपर आ गया।
मैंने पोज़िशन चेंज कर ली और अब मैंने उसको ऊपर से धक्के लगाने शुरू कर दिए, उसका गर्म लावा कुछ देर में बाहर आने लगा।
मैंने भी धक्के तेज स्टार्ट कर दिए और अपना लावा उसमें गिरा दिया। हम दोनों इतना गर्म हो गए थे कि जैसे आग लगी हो। हम कुछ देर चिपक कर लेटे रहे।
मैंने एक और राउंड लगाया और 4 बजे वहाँ से निकले, फिर मेडिकल स्टोर से मेडिसन लेकर मैंने उसके गाँव के बाहर तक उसको ड्रॉप किया।
दोस्तो, यह थी मेरी सेक्स कहानी.. जो मैंने आपके सामने रखी है, कुछ खामियां रही होंगी.. उन्हें नज़रअंदाज़ कर देना दोस्तो! मुझे आपकी मेल्स का इंतज़ार रहेगा।
कैसे मैंने उसे उसके घर जाकर चोदा, यह चुदाई की कहानी बाद में लिखूँगा.. तो मेरी सेक्स स्टोरी का मजा लें और चुदाई करते रहें।
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