बस स्टैंड पर मिली भाभी को चोदा

(Punjabi Chut Chudai Story)

पंजाबी चूत चुदाई का मजा मुझे बस स्टैंड पर मिली एक भाभी ने दिया। बस में सामान रखने में मैंने उसकी मदद की और उसके साथ ही बैठकर मैंने उसकी जांघ सहला दी। उसने मेरा लंड पकड़ लिया।

दोस्तो, मेरा नाम सुधीर है। मैं 26 साल का हूं।
मैं उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला हूं।
मैंने यूपी से कॉलेज पूरा करके आगे एमएससी में पढ़ाई के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी घुड्डा में दाखिला ले लिया था।

मैं भठिंडा से रोजाना करीब 25 किलोमीटर यात्रा करता था।
मुझे ज्यादा समय नहीं मिल पाता था इसलिए कॉलेज में किसी लड़की के करीब भी नहीं जा पाया था।

एक दिन मैं रोज की तरह बस स्टैंड पर यूनिवर्सिटी की बस पकड़ने के लिए खड़ा था।
एक महिला वहां पर अकेली खड़ी थी और उसके हाथ में तीन बैग थे।

उसने फिर अपना सारा सामान नीचे जमीन पर रख दिया.
वh देखने में थकी हुई सी लग रही थी।

फिर मैं उसकी मदद करने उसके पास पहुंचा।
मैंने एक बैग उठा लिया।

मैंने पूछा- कित्थे जाणा जी तुसी?
वो बोली- लम्बी पिंड साइड जाणा सी।

मैंने कहा- ओके जी, मैंनु वी ओदर ही जाणा अ।
वो बोली- ओके जी।

फिर हम बैग लेकर बस के पास पहुंचे और बैग रैक पर रखकर सीट पर बैठ गए।

फिर वो पूछने लगी- कि स्टडी करदे तुसी?
मैंने कहा- जी एमएससी।

बात करते हुए अब मेरा ध्यान उसकी फिगर भी जा रहा था।

वह देखने में 30-32 साल की लग रही थी।
थोड़ी भरे हुए शरीर की थी लेकिन उसे मोटापा था, ऐसा नहीं कहा जा सकता था।
उसने सूट-सलवार पहना हुआ था।

उसकी गांड मेरे कूल्हे के साइड से टच हो रही थी जिससे मुझे गर्मी सी मिल रही थी।
इसी कारण मेरा लंड भी खड़ा होने लगा था।

तभी बस चलने लगी।

अब मेरे अंदर वासना हावी हो चुकी थी और मैंने सोचा कि इस लेडी पर ट्राई करके देखना चाहिए, अगर बात बन गई तो चूत का स्वाद मिल जाएगा।
वैसे भी कितने टाइम से चूत मारने का मजा नहीं मिला था मुझे!

मैं अब मौका देखने लगा। मैं सीट पर सिर रखकर सोने की एक्टिंग करने लगा लेकिन सीधा हाथ मैंने नीचे ही रखा।

जब भी बस में जोर से ब्रेक लगते तो मैं जानबूझकर अपना हाथ उसकी गांड पर दबा देता।

फिर थोड़े टाइम बाद मैं अपने हाथ को आगे पीछे करने लगा, उसकी जांघ सहलाने लगा।
वह भी शायद गर्म होने लगी थी। वह कोई विरोध नहीं कर रही थी।

फिर कुछ देर बाद उसने अपनी चुन्नी से मेरे हाथ को ढक दिया ताकि किसी को पता न चले कि यहां कुछ हो रहा है।

उसके कुछ देर बाद उसने मेरा हाथ पकड़ा और कमीज उठाकर चूत के पास रखवा दिया और पल्लू से उसे ढक दिया।

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई! मुझे पंजाबी चूत चुदाई का मजा मिलने की आस बांध गई.
मुझे हाथ पर भाभी की चूत की गर्मी महसूस हुई।
मैंने धीरे-धीरे चूत पर हाथ फिराना शुरू कर दिया।

भाभी ने अपनी चुन्नी मेरे लन्ड पर रख दी और नीचे ही नीचे मेरे लंड पर हाथ रखकर उसको सहलाने लगी।

फिर मुझसे रहा नहीं गया।
मैंने आंखें खोल दीं और भाभी की तरफ देखा।

उसकी आंखों में चुदाई की प्यास साफ दिख रही थी।

जल्दी से भाभी ने अपना मोबाइल फोन निकाला और मुझसे नम्बर पूछा।
उसने मेरा नम्बर फोन में सेव कर लिया।

अब व्हाट्सऐप पर हमारी यूं बात हुई:
भाभी- सब गिल्ला कर दित्ता तुसी, अग लगा दी मेरी फुद्दी विच। हुण एहन्नु बुझाणा वी तुहानु ही पउगा।
मैं- ऑफ कोर्स भाभी, तुसी जदो कहो आ जूगा।

भाभी- ठीक अ, मैं दस्सांगी।
मैं- भाभी घुड्डा (मेरी यूनिवर्सिटी) औन आला अ, तुसी लम्बी चे राम नाम उतर जइयो।
भाभी- ठीक अ, मैं मैसेज कर दऊं घर पहोंच जू जादो।

मैं- ओके भाभी, इक गल दस्सो! मेरा लन किवें दा लग्गिया?
भाभी- वड्डा अ, बाकी जदो वेखू, फिर दस्सु।
मैं- ओके भाभी।

फिर मेरी यूनिवर्सिटी आ गई और मैं स्टैंड पर उतर गया।
भाभी ने अपनी आंखों से मुझे बाय बोला।

उसके बाद भाभी ने घर पहुंच कर मैसेज करके बताया कि वो घर पहुंच गई।

रात में फिर भाभी से चैट हुई.

भाभी- तुआडे टच ने मेरी फुद्दी दा बुरा हाल कर दिता अ!
मैं- मेरे भी लन दा वी एही हाल अ भाभी!

मैं- भाभी तुहड्डे हसबैंड कित्थे ने?
भाभी- ओ दिल्ली च जॉब करदे हा। लम्बी च मेरा मैके अ।
मैंने फिर भाभी का नाम भी पूछा तो उन्होंने जसमीत बताया।

मैं- हुण अग्गे दा कि प्लान अ?
भाभी- कल ता एत्थे ही (घर) रहना पाऊं, परसो वेखांगे।
मैं- ओके भाभी। ते अज फिर हथ नाल करे?

भाभी- हम्म… मैनु वी करणा ही पैंना क्यूंकि फुद्दी ते प्यास लग्गी अ।
फिर हमने उस नाइट वीडियो कॉल सेक्स किया।

वीडियो कॉल पर मैंने अपने लंड को और भाभी ने अपनी चूत को शांत किया।

अगले दिन हमारी नॉर्मल बातें हुईं और हमने एक दूसरे के घर-परिवार के बारे में पूछा।
भाभी ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं जिसमें एक लड़का है और एक लड़की।

वीडियो कॉल में मैंने भाभी को नंगी करवा कर सब कुछ आराम से देखा।

उसकी चूत पर छोटे छोटे बाल थे।

वह बोली कि वह बाल साफ कर लेगी वरना चुदाई में दिक्कत करेंगे।
भाभी की चूचियां बहुत बड़ी बड़ी थीं।

फिर उसने बताया कि वो शॉपिंग के बहाने 3 बजे के करीब भठिंडा आएगी।

हमने ओयो में रूम बुक करने का प्लान किया।
मैंने पहले ही रूम बुक करवा लिया और भाभी के मैसेज का इंतजार करने लगा।

थोड़े समय बाद जब भाभी ने लम्बी से भठिंडा वाली बस पकड़ी तो मैसेज किया और मुझे बता दिया।

मैं तुरंत तैयार होकर गुड्डा बस स्टॉप पर पहुंच गया।

लम्बी से भठिंडा लगभग 45 किलोमीटर पड़ता है। मेरा कॉलेज एकदम मध्य में पड़ता है.
फिर बस आ गई।
मैं भाभी के पास बैठा।

40 मिनट में हम भठिंडा पहुंच गए।
फिर हम होटल गये।

फिर चुदाई का खेल शुरू हो गया क्योंकि हम दोनों ही बहुत प्यासे थे।

रूम में जाते ही मैंने भाभी को बेड पर गिरा लिया और ऊपर आकर किस करने लगा।
हम दोनों के होंठ एक दूसरे को चूसने लगे।

जल्दी ही भाभी की सांसें तेज होने लगीं।

मैंने आग में घी डालने के लिए उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया।
कुछ ही देर में उसकी आहें निकलने लगीं- आह्ह … आह्ह।

फिर वह बोली- कपड़े उतार लेते हैं।
मैं बोला- मैं ही उतार दूंगा।

मैंने भाभी का कमीज उतार दिया, फिर उसकी ब्रा उतारी।
उसके गोरे बड़े बड़े दूध देखकर मैं हैरान हो गया।

इतने मोटे बूब्स थे कि हाथों में भी नहीं आ रहे थे।
मैंने उसकी चूचियों को एकदम से पीना शुरू कर दिया।
मुझसे रुका नहीं जा रहा था और मुंह में ढेर सारा पानी आ रहा था।

भाभी की सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह … इस्स … आह्ह … अम्मम … आह्ह।

चूचियों को अच्छी तरह पीने के बाद मैं नीचे की ओर चलने लगा।
मैंने पेट पर किस करते हुए फिर नाभि पर किस किया।

उसने मेरे सिर पर हाथ रख दिया और आंखें बंद करके मजा लेने लगी।

मैंने भाभी की चूत पर हाथ रख दिया।
मैं चूत को सहलाने लगा तो पता चला वो गीली हो चुकी है।

मैंने जल्दी से फिर उसकी सलवार निकाल दी और उसके बाद पैंटी भी खींच दी।

पैंटी निकाल कर मैंने उसकी टांगों को फैला दिया जिससे भाभी की चूत की पंखुड़ी खुल गईं।

मुझे भाभी की चूत का छेद दिख गया।
भाभी ने चूत को क्लीन शेव किया हुआ था।

मैंने भाभी की चूत पर होंठों को लगा दिया और किस करने लगा।
फिर मैं चूत को जीभ से चाटने लगा और भाभी मस्त होकर मेरे बालों में हाथ फिराते हुए चूत को चटवाने लगी।

भाभी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और किस करने लगी,और मेरे कपड़े उतारने लगी।
अब भाभी ने मुझे अंडरवियर में कर दिया और मेरे खड़े लन्ड पर हाथ रखकर उसे महसूस किया।

फिर उसने मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लन्ड को देख कर हैरान होने लगी।

मैंने पूछा- कि होया भाभी?
भाभी- किन्ना बड्डा अ तुहड्डा लन, ते मोटा वी बहोत अ।
मैं- जेमें वी आ, तुहड्डे सामने अ।

फिर भाभी ने लंड को सहलाया और ऊपर-नीचे किया।

अब उसने लंड के टोपे को खोलकर उस पर प्यार से किस कर दिया।
आह्ह … क्या बताऊं, कितना मजा आया मुझे।

भाभी ने अब लंड को एकदम से मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
मैं भी मजे में पागल सा होने लगा।

वह मस्त होकर लंड चूस रही थी और मैं आंखें बंद करके मजा ले रहा था।

फिर भाभी ने लंड को मुंह से निकाल दिया।

अब मेरा लन्ड चूत में जाने को तैयार था और भाभी की चूत भी लंड लेने को बेताब थी।
मैंने भाभी को बेड पर लिटा दिया और उनके पैरों को फैला दिया।

मैं अब भाभी की टांगों के बीच में आ गया।
भाभी ने लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखवा लिया।

वह बोली- हौली-हौली करना।
मैंने कहा- तुसी डरो ना भाभी, आराम नाल इ करूंगा।

धीरे धीरे मैंने लंड को चूत में अंदर धकेलना शुरू किया।
लंड अंदर जाते ही भाभी के मुंह से आह्ह … निकला।

कुछ ही देर में धीरे धीरे करके मैंने पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर उतार दिया।
भाभी अपने हाथ मेरी पीठ पर रख कर पकड़े हुऐ थी और नाखून चुभा कर अपने दर्द को मुझे बता रही थी।

तब भाभी ने बताया कि बहुत टाइम बाद चुद रही है वो!

फिर मैं लन्ड को चूत में अंदर बाहर करने लगा।
भाभी आह … आह … आह … ओह … आई … करने लगी।

मैं अब जोश में आ चुका था; मैं तेजी से चोदता रहा।
कुछ देर बाद भाभी को भी पूरा मजा आने लगा और वह आह्ह … आह्ह करते हुए अपनी चूत को मेरे लंड की ओर धकेलने लगी।

दस मिनट की चुदाई के बाद भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
वह हांफने लगी- थोड़ा रुक जाओ!

मैं लन्ड को चूत से बाहर करके भाभी के दूध दबाने और पीने लगा और भाभी मेरे लन्ड को हिलाती रही।

फिर दो मिनट बाद भाभी ने फिर चुदाई शुरू करने के लिए कहा।

मैंने भाभी की चूत में लन्ड डाला और चोदना शुरू किया।
वह फिर से आह्ह आह्ह करने लगी।

मैंने फिर भाभी को बगल में लिटा लिया और खुद भी उसके बगल में उसके मुंह की ओर मुंह कर लिया।
लंड ठीक भाभी की चूत के सामने था।

मैंने भाभी की एक टांग उठा ली और लंड को चूत पर लगाते हुए अंदर धकेल दिया।

तब मैंने चोदना शुरू किया और हम दोनों ने एक दूसरे को कस कर पकड़ लिया।
दोनों एक दूसरे के बदन को सहला भी रहे थे।

कुछ ही देर बाद भाभी का बदन फिर से अकड़ने लगा।
उसकी चूत ने फिर से गर्म पानी छोड़ दिया जो मुझे लंड पर महसूस हुआ।

इस बार भाभी ने लन्ड बाहर निकालने के लिए नहीं कहा और वैसे ही चुदती रही।

फिर 10 मिनट बाद मैं भी डिस्चार्ज होने को हुआ तो मैंने भाभी से पूछा- लंड का पानी कहां निकालना है?
भाभी- मेरी फुद्दी च पा दओ … आह्ह।

फिर मैं आह आह … करते हुए झड़ने लगा और सारा पानी भाभी की चूत में भर दिया।
मैं लगातार भाभी को किस करता रहा।

थोड़े समय बाद मैंने लन्ड चूत से बाहर निकाला तो चूत-रस और लन्ड-रस का मिश्रण भाभी की चूत से रिस रहा था।
भाभी ने उसे साफ कर दिया।

फिर भाभी ने मेरे लंड को भी साफ किया।
उसके बाद उसने मेरे लंड पर एक प्यारा सा किस भी किया।

मैंने भाभी के बूब्स पर किस किया।
तब मैंने देखा कि भाभी की चूत अब पहले ज्यादा खुल गई थी। पंजाबी चूत चुदाई से लाल हो गई थी चुद-चुदकर।

अब हम दोनों ने अपने कपड़े पहने और बाहर निकले।

फिर भाभी की थोड़ी शॉपिंग करवाई और फिर बस स्टैंड आ गए हम!

हमने बस ली और मैं यूनिवर्सिटी के पास उतर गया।
भाभी आगे लम्बी गाँव चली गई।
भाभी ने बताया कि वह 15 दिन अभी यहीं रहेगी।

मैं भी यह सुनकर खुश हो गया क्योंकि आगे भी पंजाबन भाभी की चुदाई का मजा मिलने वाला था।
भाभी भी खुश थी।

उसके बाद मैं अगली चुदाई का इंतजार करने लगा।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पंजाबी चूत चुदाई स्टोरी।
आपको पंजाबन भाभी की चुदाई की स्टोरी कैसी लगी, मुझे जरूर बताना।
मुझे मैसेज करें और कहानी पर कमेंट करना भी न भूलें।
[email protected]

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