आखिर मेरे बेटे का बाप कौन है- 2
(Patient Doctor Sex Kahani)
पेशेंट डॉक्टर सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं डॉक्टर के पास अपनी जांच करवाने गयी तो डॉक्टर मुझे, मेरी जवानी को घूरने लगा. मुझे भी वो अच्छा लगा तो …
हैलो मेरे प्यार दोस्तो और मुँहबोले पतियो, मैं आपकी मतवाली जोरू मधु जैसवाल अपनी पेशेंट डॉक्टर सेक्स कहानी को आगे बढ़ाने आ गई हूँ.
पहले भाग
माँ बनने से पहले मैंने क्या किया
में अब तक आपने पढ़ा था कि डॉक्टर मुझे चोदने के लिए कोशिश करने लगा था.
यहाँ कहानी सुन कर मजा लें.
अब आगे पेशेंट डॉक्टर सेक्स कहानी:
डॉक्टर बोला- मधु जी, मुझे एक बात समझ में नहीं आई.
मैं बोली- क्या डाक साब?
उसने मुस्कुराते हुए पूछा- आप इतनी हॉट हो … अभी तो आपके खेलने खाने के दिन हैं, एन्जॉय करने का टाइम है. फिर अभी से ये बच्चा क्यों करने की सोच रही हो आप?
मैं थोड़ी नाराजगी दिखाती हुई बोली- मेरे पति को बच्चा चाहिए.
डॉक्टर बोला- पर आप अपने पति से खुश तो हैं न?
मैं बोली- हां जी बिल्कुल डॉक्टर.
डॉक्टर बोला- मधु, मैं उस खुशी की बात नहीं कर रहा हूँ.
मैं बोली- जी डॉक्टर, मैं समझी नहीं कि आप कुआ कहना चाह रहे हैं!
तो डॉक्टर बड़े बेशर्मी के साथ बोला- मैं जानना चाहता हूँ कि आपके पति आपकी चूत की आग बुझा भी पाते हैं? मतलब वे आपको पूरा मजा दे पाते हैं सेक्स का या नहीं?
डॉक्टर की यह बात सुनकर मैं चौंक गयी और बोली- डॉक्टर साब, ये आप कैसी बातें कर रहे हैं?
वो बोला- मधु यार … मैं सीधे मुद्दे पर आता हूं. जब से मैंने तुमको देखा है ना, मैं तुम पर फिदा हो गया हूं. मैं बस तुम्हें एक बार चोदना चाहता हूँ. तेरी गर्म चूत का मजा चखना चाहता हूँ.
मुझे तो ये बात पता ही थी कि डॉक्टर मुझे छोड़ेगा … लेकिन ये इतनी जल्दी बोल देगा, ये नहीं मालूम थी.
फिर मैं थोड़ा गुस्से का नाटक करती हुई बोली- कैसी बातें कर रहे हैं आप. मैं एक पतिव्रता नारी हूँ.
इतने में डॉक्टर बोला- अच्छा जी … पर आपकी रिपोर्ट तो कुछ और ही कह रही हैं.
मैं बोली- क्या मतलब!
तो डॉक्टर बोला- रिपोर्ट के अनुसार तुम्हारे शरीर में मतलब तुम्हारी चूत में एक से ज्यादा लोगों का स्पर्म पाया गया है … मतलब बहुत ज्यादा लोगों ने मेहनत की है. उन सभी में से एक किस्म का स्पर्म तो तुम्हारे पति से भी ज्यादा पाया गया है.
ये सुनकर मैं सोचने लगी कि ये ज्यादा वाला वीर्य पक्का मेरे भाई सनी का ही होगा.
मैं थोड़ी सहम गई थी.
डॉक्टर मेरे पास आया और मेरे गाल पर एक उंगली फिराते हुए बोला- देखो मधु … तुम्हारी जैसी जवानी मैंने आज तक नहीं देखी है. ऐसी गदराई जवानी देखकर मैं कल से ही तुम्हारा कायल हो गया हूं. अगर तुम साथ दो, तो मैं तुम्हें प्यार से चोदना चाहता हूँ. अगर तुम्हें चुदने का मन नहीं है, तो तुम मना कर सकती हो.
मैंने मन ही मन सोचा कि मैं भी तो चुदने ही आयी हूँ. फिर मैं थोड़ी इठलाते हुए बोली- अब आप इतनी मिन्नत कर रहे हो … तो मैं मना कैसे कर सकती हूँ. लेकिन मेरी एक शर्त है.
डॉक्टर बोला- क्या!
मैं बोली- तुम्हें अपना स्पर्म मेरी चूत में ही डालना होगा.
डॉक्टर ने बोला- ऐसा क्यों?
मैं बोली- मैं मिक्स स्पर्म से बच्चा चाहती हूँ.
डॉक्टर बोला- अरे वाह, ये तो शर्त नहीं है बल्कि ये तो ऑफर है.
मैं इतराते हुए बोली- यही समझ लो और लूट लो ऑफर को.
इतना सुनते ही वो मेरे गले लग गया और मुझे चूमने लगा.
मैं भी उसका साथ देने लगी.
तभी मैंने उससे एक बात पूछी- एक बात बताओ … तुमने मुझे चोदने के लिए ही जांच का बहाना बनाया था ना?
तो डॉक्टर बोला- हां मेरी रानी.
वो मुझे बेतहाशा चूमने लगा. मेरे होंठों पर लम्बा स्मूच करने लगा. उसके हाथ मेरे चूचों पर फिरने लगे थे.
मुझे भी सनसनी होने लगी थी.
मगर मुझे इस बात का डर भी था कि मेरे पति अमित बीस मिनट में अपना काम खत्म करके वापस आ जाने वाले हैं और वो बाहर बैठ कर मेरा इंतजार कर रहे होंगे.
मैं डॉक्टर से बोली- यार तुमको जो भी करना है … जल्दी कर लो. हमारे पास मात्र 20 मिनट बचे हैं.
वो बेशर्मी से मेरे दूध मसलते हुए बोला- अरे यार मुझे मालूम है कि तेरा पति बाहर है. मगर लंड तो खड़ा होने दे.
मैंने कहा- तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है अब क्या उसे लोहे का सरिया बनाना है.
वो बोला- मेरा मतलब है कि एक बार लंड चूस दो, तो मजा आ जाएगा.
मैं किसी का लंड नहीं चूसती हूँ. शायद ही कभी किसी का लंड अच्छा लगे तो लंड चूसने का मूड बन जाता है.
इधर तो मेरी गांड भी फट रही थी कि बाहर अमित हैं और ये साला नाटक कर रहा है.
मैंने कहा- मुझे लंड चूसना पसंद नहीं है. अब जल्दी से चुत में डालो और काम खत्म करो. आगे कभी तसल्ली से चुदाई का लुत्फ़ ले लेना.
वो बोला- ठीक है मेरी रानी.
वो मुझे अन्दर ले गया और उसने दरवाजा अच्छे से लॉक कर दिया. मुझे पेशेंट वाले बेड लिटा दिया. वहां एक ही बेड था … वो भी सिंगल.
मैं एक्टिंग करते हुए बोली- नहीं डॉक्टर साहब छोड़ दो मुझे … मुझ गरीब अबला के साथ ऐसा मत करो. मैं बर्बाद हो जाऊंगी. मैं किसी को मुँह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी. छोड़ दो मुझे.
अब डॉक्टर हंसते हुए बोला- अगर तुझे नहीं चोद पाया … तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा.
उसने मुझे खड़ा करके मेरी फ्रॉक नीचे से पकड़ते हुए ऊपर की ओर से निकाल दी. अब मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में थी.
मुझे इस रूप में देखकर वो बिल्कुल निशब्द होकर देखने लगा.
ये मेरे साथ हमेशा ही होता है.
मैं बोली- क्या घूर रहे हो?
वो बोला- मैंने जितना सोचा था. उससे भी कमाल का हुस्न है तुम्हारा. तुम्हारे मम्मे कितने बड़े हैं यार.
मैं आप लोगों को बता दूँ कि मेरी चूचियां 36B साइज़ की हैं … और अभी भी बड़ी कसी हुई ही हैं. अगर मैं आपको अंदाजा करने के लिए बताऊं … तो आप लोगों ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबिता की चूचियां देखी होंगी, बस वैसी ही चूचियां और फिगर मेरी भी है.
मैं सेक्सी अंदाज़ में डॉक्टर से बोली- तो सिर्फ देखना ही है … या कुछ करना भी है.
वो मेरे पास आने लगा.
मैं बोली- अपना हथियार भी तो दिखाओ.
तो वो बोला- हां हां क्यों नहीं.
वो झट से नंगा हो गया. उसका लंड तकरीबन 6 इंच का होगा … लेकिन मोटा ज्यादा था. जितनों का मैंने अभी तक अपनी चुत में लिया था, उन सबसे ज्यादा मोटा लंड था.
मैं उसके लंड को पकड़ते हुए बोली- काफी मोटा कर लिए हो डॉक्टर साहब.
उसने मुझे उसी बेड पर लिटा दिया और मेरे ऊपर सवार हो गया, मेरे चेहरे पर चुम्बनों की बरसात कर दी.
वो अपने एक हाथ से मेरी चूचियों को मसलने लगा. मैं भी आंखें बंद करके मज़े ले रही थी.
लेकिन समय कम था तो मैं बोली- डॉक्टर साहब आज जल्दी कर लो. मेरे पति आते ही होंगे. आप उनकी पत्नी के साथ नंगे पड़े हो.
वो मेरी चूचियों पर आ गया और मेरी ब्रा को झट से खोल कर मेरी चुचियों पर ऐसे टूट पड़ा … जैसे कोई जंगली भेड़िया अपने शिकार पर टूटता है.
वो बुरी तरह मेरी चूचियों को मसलने और चूसने लगा था. इससे मैं भी बिल्कुल आपा खो चुकी थी.
बीच बीच में वो मेरे मम्मों पर अपने दांत भी चुभो देता था, जिससे मेरी चीख निकल जाती थी.
वो चूसना तो और भी ज्यादा चाह रहा था, लेकिन समय की कमी के कारण उसे छोड़ना पड़ा.
अब वो मेरी चूत पर आ गया और मेरी सुगन्धित चूत को सूंघने में मस्त हो गया; मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत चाटने लगा.
मैं तो मस्ती के समंदर में गोते लगा रही थी.
फिर उसने मेरी पैंटी को निकालते हुए मेरी चूत पर धावा बोल दिया.
उसने दोनों हाथों से मेरी चूत की पंखुड़ियों को फैला दीं और अपनी नाक घुसा कर सूंघने लगा.
अब मैं बिल्कुल मचल गयी. मेरी चूत पूरी गर्म हो चुकी थी. वो अब लंड की खोज कर रही थी.
लेकिन वो साला मेरी चूत को चूसने लगा. मैं तो बिल्कुल आपा खो चुकी थी.
वो मेरी चुत की जीभ से चुदाई करने लगा. जिसके कारण मैं गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकी और मेरी चूत ने अपना अमृत निकाल दिया, जिसे उसने पूरा पी लिया.
फिर वो बोला- आज समय कम है … चलो चुदाई शुरू करते हैं.
वो खड़ा हुआ और मुझे भी कमर से खींच कर आगे को कर लिया.
चूंकि बेड सिंगल था, तो अच्छे से लेटकर चुदाई हो नहीं सकती थी. उसने मेरी चूत पर एक बिल्कुल पानी के जैसी जैली लगा दी.
मैं बोली- ये क्या है?
वो बोला- यह ग्लिसरीन है. इससे लंड बड़े आराम से अन्दर चला जाएगा.
उसने अपने लंड को मेरी चूत पर सैट किया और मेरी कमर को पकड़ लिया.
मैंने भी अपने पैरों से कैंची बनाकर उसकी कमर को पकड़ लिया.
उसने लंड मेरी चूत पर रखकर एक झटका मारा, जिससे लंड आधा के करीब मेरी चूत में समाहित हो गया.
वो सही था … मुझे जरा भी दर्द नहीं हुआ.
तभी उसने एक और झटका मारा और पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया.
इस बार मुझे थोड़ी सी पीड़ा हुई जो कि मैंने बर्दाश्त कर ली.
आज पहली बार मुझे दर्द ना के बराबर हुआ था जिससे मैं डॉक्टर के पहले झटके से ही चुदाई को एन्जॉय कर रही थी और फुल जोश में उसका साथ दे रही थी.
वो तो बस झटके पे झटके मारे जा रहा था.
पूरे कमरे में हमदोनों की आवाजें गूंज रही थीं.
फिर उसने मेरी चूत में लंड डाले ही मुझे अपनी गोद में उठा लिया और मेरे होंठों को चूमने लगा.
उसके इस अंदाज से मैं भी बहुत खुश हो गई और अपनी खुशी का इजहार अपनी कमर हिला हिला कर दे रही थी.
इससे उसका जोश भी बढ़ रहा था. उसने मेरे पूरे चेहरे को चूम चूमकर गीला कर दिया और मेरे होंठों का तो बुरा हाल कर दिया था.
करीब दस मिनट ऐसे ही चुदाई चलती रही. मेरी चूत की गर्मी निकलने वाली थी, जिससे मेरी मुँह से आवाजें निकलने लगीं.
मैंने बहुत कंट्रोल किया कि मेरी आवाज ना निकले … लेकिन मदहोशी के कारण थोड़ी सी आवाज निकल ही गयी.
मैं अपने आपको आवाज निकलने से रोक ही नहीं पायी- उह हहह … आहह उओहह हह … फाड़ दो मेरी चूत को … और तेज और तेज!
यही बोलते बोलते मेरे शरीर में अकड़न हुई और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
डॉक्टर ने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. उसने मुझे बेड पर बिठा दिया और अपनी धकापेल की गति बहुत ज्यादा बढ़ा दी.
वो मुझे चोदते हुए मेरी चुचियों को तेज तेज मसलने लगा जिससे मुझे दर्द भी होने लगा था.
कुछ समय बाद मेरी बच्चेदानी पर उसने अपने वीर्य से तेज पिचकारी मारी और मेरी चूत को अपने स्पर्म से भर दिया.
झड़ने के बाद वो वहीं मेरे शरीर पर झुक कर लेट गया. इस तरह से मेरी चूत में मेरे होने वाले बच्चे के पहले बाप ने बीज बो दिया था.
इसके बाद भी मैं डॉक्टर से प्रेग्नेंट होने तक चुदती रही.
उम्मीद करती हूं कि आप सारे पतियों को मेरी ये सेक्स कहानी पसंद आई होगी.
अगली सेक्स कहानी में अपने बच्चे के होने वाले दूसरे बापों की चर्चा करूंगी.
मैं मधु आप लोगों की बीवी, जल्द ही आपसे अपनी सेक्स कहानी के अगले भाग में मिलती हूं.
आप लोग पेशेंट डॉक्टर सेक्स कहानी पर आप अपनी राय मुझे कमेंट्स में बताएं.
इमेल नहीं दी जा रही है.
पेशेंट डॉक्टर सेक्स कहानी का अगला भाग: आखिर मेरे बेटे का बाप कौन है- 3
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