मेरी चालू बीवी-97
(Meri Chalu Biwi-97)
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सम्पादक – इमरान
नलिनी भाभी ने फुसफुसाते हुए ही जवाब दिया- चुप करके केवल अपनी जोरू की चुदाई देख !
और वो बाथरूम से बाहर फिर से मेहता अंकल के कमरे में चली गई।
मैंने बाथरूम के दरवाजे को भिड़ा दिया और इतना गैप कर लिया कि कमरे की हर वस्तु देख सकूँ।
सामने ही उनका किंग साइज़ बेड पड़ा था… और वहाँ का दृश्य देखते ही मैं भौचक्का सा खड़ा रह गया।
यह तो वही सब हो रहा था जिसे मैं कबसे देखना चाह रहा था !
मेहता अंकल काफी अमीर व्यक्ति हैं, उनके घर सभी ऐशो आराम की वस्तुएँ हैं। जिस बाथरूम मैं था वो भी बहुत बड़ा है, बड़े बाथटब से लेकर चमकीली लाइट तक सभी कुछ है वहाँ पर मैंने इस समय बाथरूम की सभी लाइट बंद कर दी थीं।
उधर मेहता अंकल के कमरे की सभी लाइट ओन थीं, इस समय शादी का घर होने के कारण कमरा बहुत चमक रहा था। उनके कमरे में भी सभी आधुनिक वस्तुएँ थीं, एक नजर में ही कमरे को देखकर पता लग जाता था कि यह किसी रईस की ऐशगाह है।
दीवारों पर महंगी वाल पेंटिंग्स, किंग साइज़ राउंड मूविंग बेड, बड़े बड़े मिरर और फैंसी लाइट.. सभी उस माहौल को सेक्सी बना रहे थे।
फिलहाल मेरा सपना पूरा होने जा रहा था…
मैं सलोनी को एक दूसरे मर्द के साथ मस्ती करते हुए देख रहा था, भले ही वो एक बूढ़ा मर्द हो पर मैं सलोनी के सेक्स की पराकाष्ठा देखना चाह रहा था।
जो कुछ भी सामने हो रहा था, उससे तो यही लगता था कि आज मुझे एक बहुत ही गर्म चुदाई दिखने वाली थी।
और शायद नलिनी भाभी भी जानती थी, वो मेहता अंकल से चुदवा भी चुकी होंगी, तभी उन्होंने मुझसे ऐसा कहा भी है कि चुपचाप अपनी जोरू की चुदाई देख !
मैंने बाथरूम की लाइट बंद करके दरवाजा बिल्कुल ऐसे कर लिया था ..कि मैं तो सब कुछ देख सकता था… पर कोई मुझे नहीं देख सकता था।
पहला दृश्य ही मुझे बहुत गर्म दिखा… सलोनी बेड के किनारे पैर लटका कर बैठी थी, उसके बदन पर भी नलिनी भाभी जैसे ही केवल ब्लाउज और पेटीकोट ही था।
इस दोनों की साड़ी शायद मेरे यहाँ आने के दौरान ही उतरी थी। सलोनी के ठीक सामने मेहता अंकल खड़े थे, ख़ास यह था कि उनके बदन पर केवल एक आस्तीन वाला बनियान था, बाकी नीचे तो वो पूरे नंगे थे, मुझे साइड से वो दिख रहे थे, अपनी कमर पर दोनों हाथ रखे वो तनकर सलोनी के सामने खड़े थे और सलोनी अपने हाथों में उनके लण्ड को पकड़े थी, पता नहीं वो क्या उलट-पुलट कर देख रही थी।
मैंने जब ध्यान से देखा तो मेरी आँखें भी फटी की फटी रह गई…
यह क्या है भई…??
सांप जैसा उनका लण्ड देख मेरा भी बुरा हाल हो गया… 11-12 इंच से कम नहीं होगा, बिल्कुल काला और बहुत ही मोटा…
सलोनी के दोनों हाथों में होने के बावजूद वो काफी बाहर को निकला हुआ नजर आ रहा था।
कमरा काफी बड़ा होने के बावजूद मुझे उनकी हर बात साफ़ साफ़ सुनाई दे रही थी, मैं ध्यान से उनकी मस्ती भरी बातें सुनने लगा…
सलोनी- वाओ अंकल आपका ये तो बहुत प्यारा है… मैंने तो आज तक ऐसा हथियार नहीं देखा…
अंकल का सीना गर्व से तना हुआ था- तभी तो मैंने तुझसे कहा था… मुझे अपने लण्ड पर बहुत गर्व है… इसी की तो ऋतू और रिया भी दीवानी हैं…
सलोनी चमकती हुई आँखों से उनके लण्ड को घूर रही थी और उसके हाथ अंकल के लण्ड को ऊपर से नीचे तक सहला रहे थे…
मेहता अंकल- कब तक सहलाती रहेगी, अब जरा इसको अपने मुँह से पुचकार भी दे, फिर देखना यह तेरी चूत की कैसी सेवा करता है… हरी कर देगा तेरी तबियत… अंदर तक खुश कर देगा तुझको…
सलोनी- नहीं अंकल जी… बस थैंक्यू आपका… मेरी तबियत पहले से ही बहुत खुश है… बस इतना ही काफी है।
सलोनी अभी भी खुलकर हाँ नहीं कह रही थी परन्तु उसकी हरकतें और आँखें उसकी जुबान से बगावत कर रही थी, साफ़ पता चल रहा था कि वो सब कुछ चाहती है मगर कह नहीं पा रही थी।
मेहता अंकल भी पूरे घाघ ही थे, वो शायद सब कुछ समझ रहे थे।
मेहता अंकल- चल कोई बात नहीं !
और उन्होंने अपनी कमर को आगे करते हुए सलोनी के चेहरे के पास कर दिया, उनका लण्ड सलोनी के गालों से छूने लगा।
मैंने देखा नलिनी भाभी एक ओर कुर्सी पर बैठकर मुझे और सलोनी को देखकर मजा ले रही थी, उनका बैठने का स्टाइल भी बहुत सेक्सी था, उन्होंने एक पैर कुर्सी के नीचे रखा था और दूसरा घुटने से मोड़कर ऊपर, तो उनका पेटीकोट बहुत ऊपर हो गया था, उनकी खुली हुई चूत साफ़ साफ़ दिखाई दे रही थी जिसको वो अपने दायें हाथ की उँगलियों से सहला रही थी।
फिलहाल तो मेरा ध्यान केवल सलोनी की ओर ही था।
अंकल ने सलोनी को पकड़ते हुए कहा- चल तू इससे खेलती रह, मैं तुझको तैयार कर देता हूँ।
और उन्होंने सलोनी के ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए।
सलोनी थोड़ा ना नुकुर तो कर रही थी मगर कुछ ही देर में अंकल ने उसके ब्लाउज को उतार दिया।
सलोनी को उनका लण्ड इतना प्यारा लग रहा था कि वो उसको एक पल के लिए भी नहीं छोड़ रही थी।
अंकल ने सलोनी को आगे को झुकाया, मुझे ऐसा लगा जैसे सलोनी ने उनका लण्ड अपने मुख में ले लिया हो, पर अंकल ने उसकी पीठ पर लगा ब्रा का हुक निकाला था।
उन्होंने बहुत ही प्यार से सहलाते हुए उसकी ब्रा के कप को सलोनी के गोल और तने हुए उरोजों से हटाकर एक ओर डाल दिया तो अब सलोनी केवल एक पेटीकोट में ही वहाँ बैठी थी, उसकी नंगी चूची किसी सफेद गेंद जैसी ऊपर को उठी हुई बहुत ही मस्त दिख रही थी।
अंकल की नजर उनसे हट ही नहीं रही थी।
सलोनी के निप्पल अभी भी गुलाबी रंगत लिए थे… इस समय तने हुए निप्पल अपनी उत्तेजना के चरम की कहानी साफ़ साफ़ बयां कर रहे थे।
अंकल ने एक हल्का सा अपनी हथेली को उसके निप्पल से सहलाते हुए सलोनी को पेट से पकड़ नीचे खड़ा किया।
सलोनी- अह्ह्हाआआआ…
सलोनी हल्के से सिसकारी पर उसने कुछ नहीं कहा और वो अंकल के बराबर में बेड के नीचे खड़ी हो गई।
अंकल ने उसको बिस्तर के ऊपर चढ़ा दिया और सलोनी बेड पर अधनंगी खड़ी किसी खजुराहो की मूरत सी दिख रही थी।
अंकल ने सलोनी की कमर को सहलाते हुए बहुत ही सेक्सी तरीके से सलोनी के पेटीकोट के अंदर हाथ डाल उसके नाड़े को बाहर निकाला, फिर धीमे से उसको खींच कर खोल दिया… केवल एक पल लगा और सलोनी का पेटीकोट उसका साथ छोड़ गया, पेटीकोट सलोनी के चूतड़ों से सरकता हुआ उसके पैरों में सिमट गया।
एक सेक्सी मूरत सी सलोनी सम्पूर्ण नग्न बिस्तर पर खड़ी थी…
उसको इस तरह सिमटता हुआ देख किसी का भी लण्ड पानी छोड़ दे।
अंकल बिस्तर के नीचे खड़े हुए सलोनी की पतली कमर को थामे हुए थे, उनकी नजर ठीक सलोनी की सबसे सेक्सी और सुंदर भाग, उसकी बेशकीमती चूत पर थी…
अंकल अपने हाथो को सरकाते हुए सलोनी के साफ़ सफ्फाक उठे हुए मुलायम चूतड़ों तक ले गए और अब उनकी हथेली और उँगलियाँ सलोनी के चूतड़ों पर किसी पियानो प्लेयर की तरह ही नाच रही थी।
मेहता अंकल- अह्ह्ह सच सलोनी बेटा, तेरी चूत तो बहुत ही प्यारी है… ऐसी तो ऋतू और रिया की बचपन में भी नहीं थी। कितनी छोटी सी और कोमल लग रही है, लगता ही नहीं कि इस पर कभी बाल आएं हों। मुझे इतना अनुभव है, बिल्कुल सच बोल रहा हूँ, तेरी चूत को देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि तेरी शादी को इतना समय हो गया और तू इतने मजे ले चुकी है। सच यह तो गॉड गिफ्ट है जो तुझे इतनी प्यारी चूत मिली है।
सलोनी अपने दोनों हाथो से अपना चेहरा छुपाये बिस्तर पर खड़ी थी, उसको वैसे भी अपनी तारीफ सुनना बहुत ही पसंद है, अंकल की बातें सुनकर जरूर वो बहुत ही खुश हो रही होगी।
उसको अपनी चूत पर ही बहुत गर्व है, उसको खुद पता है कि यह उसका बेशकीमती खजाना है इसीलिए वो इसको दिखाने से जरा भी परहेज़ नहीं करती और कच्छी तक नहीं पहनती!
और अबकी बार तो उसने कमाल ही कर दिया, उसने अपनी हथेलियों के बीच से जरा सा अपना चेहरा निकालते हुए जवाब दिया- सच अंकल… वैसे आपका हथियार भी कोई कम नहीं है… सच मैंने आज तक ऐसा नहीं देखा।
बस उसकी यह बात सुनते ही अंकल खुश हो गए, उन्होंने सलोनी के चूतड़ों से अपने सीधे हाथ को हटाकर आगे लाये और अपनी उँगलियों से उसकी चूत को सहलाते हुए अपना चेहरा सलोनी की जांघों के बीच रखकर उसकी चूत का एक चुम्मा ले लिया।
सलोनी- अह्ह्हाआ… आआआ प्लीज मत करो अंकल…
मेहता अंकल- अरे बेटा… जब तेरी चूत और मेरा लण्ड जब सबसे अच्छे हैं ..तो क्यों ना दोनों का मिलन करवा दो?
सलोनी- नहीईइइइ प्लीज…
मेहता अंकल- ओह चलो चुदाई ना सही… कम से कम दोनों का एक चुम्बन तो करवा ही दो…
सलोनी- पर सब बाहर हमारा इन्तजार कर रहे होंगे, फिर कभी…
मेहता अंकल- अरे सब नाच गाने में बिजी हैं… दो मिनट ही तो लगेंगे।
और अंकल ने सलोनी को मना ही लिया… सलोनी उनसे मना नहीं कर पा रही थी, उन्होंने सलोनी को बिस्तर पर लिटा दिया, पता नहीं वो क्या करने वाले थे !
मैं तो सांस रोके देख रहा था कि ना जाने कौन से पल !!!
कहानी जारी रहेगी।
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