मेरी चालू बीवी-68

(Meri Chalu Biwi-68)

इमरान 2014-07-11 Comments

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सम्पादक – इमरान
जैसा कि हम दोनों यह सोच कर आज घर से निकले थे कि आज केवल होगी तो मस्ती- मस्ती और बस मस्ती…
तो आज की रात ऐसी ही गुजर रही थी..
मस्ती भी ऐसी कि कोई सपने में भी नहीं सोच सकता..

मगर मेरे लण्ड को भी ना जाने कैसी जवानी आ गई थी.. ना तो एक पल को बैठ रहा था..

और न ही अभी तक उसने पानी ही निकाला था… मुझे याद नहीं पड़ता कि कभी इससे पहले यह कभी इतना रुका हो.. कभी कभी तो केवल जरा सा देखकर ही कच्छा ख़राब कर देता था…

मगर आज इतना मस्त नजारा चारों ओर था, सब तरफ चुदाई चल रही थी, ऋज़ू की खूब चुदाई भी की थी.. उस जैसी चुदक्कड़ रंडी को भी संतुष्ट कर दिया था..

उसका तक पानी निकल गया था.. मगर खुद अभी भी तना खड़ा था… अब साला ना जाने किसको चोदने वाला था…

मैंने लण्ड को पैंट के अंदर डालने की कोशिश की मगर यह कहाँ अंदर जाने वाला था !

सलोनी जब बिस्तर पर उस लड़की के पास गई तो मैंने सोचा शायद वो अभी भी और मस्ती के मूड में है, उसने अभी भी अपना कोई कपड़ा नहीं पहना था, उसकी स्कर्ट और टॉप दोनों उसके हाथ में ही दिख रहे थे, मगर वो बिस्तर पर जाकर कुछ ढूंढने लगी।

ढूंढते हुए ही जब वो उस आदमी के पास गई जो उस लड़की को चोदने के बाद बिस्तर पर एक ओर बैठा था तो उस आदमी ने भी सलोनी को छेड़ना शुरू कर दिया।

सलोनी बिस्तर पर घुटने पर बैठ चादर हटा देख रही थी, वो अंग्रेजी में बोल रहा था, वो कोई विदेशी ही था, ज्यादा गोरा तो नहीं पर अलग सा लुक था उसका !

आदमी- अरे मेरी जान क्या ढूंढ रही है?
और साले ने एक कस कर चपत सलोनी के चूतड़ पर लगा दी।

उसके दोनों चूतड़ के हिस्से जोर से हिले और एकदम से लाल हो गए।
सलोनी- उउउन्न… ओह… दर्द होता है…
और उसने बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में अपनी कमर को हिलाया।
आदमी- ओह सॉरी..
और उसने उस हिस्से को सहलाया- ..पर क्या खो गया?

सलोनी- व्ववओ… मेरी ब्रा नहीं मिल रही… यही तो थी…

आदमी ने उसकी चूची को पकड़ लिया- अरे मेरी जान… इनको कैद नहीं कर न.. कितने सुन्दर हैं तेरे ये फूल.. इनको आजाद रहने दे…

और उसने सलोनी को अपने ओर खींच उसकी एक चूची को अपने मुँह में डाल लिया…

मैंने देखा कि वो लड़की भी उनकी मस्ती देख मस्त हो रही थी, उसने अपना हाथ सलोनी की पीठ पर रख दिया और सहलाने लगी।

मैंने भी अपनी पैंट को फिर से नीचे कर दिया और उस लड़की के पास पहुँच गया।

उसने मुस्कुराते हुए मेरे लण्ड को अपने बाएं हाथ से पकड़ लिया मगर मैं अब कुछ और करने के मूड में नहीं था, मैं कैसे भी अपना पानी चूत में निकालना चाह रहा था..

मैंने उसकी चूत को अपने हाथ से सहलाया और उसको घुमाने के लिए पलटने लगा तो वो एकदम घूमकर घोड़ी बन गई..

उसको शायद ऐसे चुदवाना अच्छा लगता होगा !

मैं एक हाथ से उसकी चूत को टटोलते हुए बिस्तर पर चढ़कर उसके पीछे घुटनों पर बैठ गया और अपने लण्ड को सेट करके उसकी चूत में अंदर तक घुसेड़ दिया।

अब बिस्तर पर ही बड़ा अच्छा नजारा हो गया था…

एक साइड में वो आदमी बैठा था, सलोनी अपने घुटनों पर खड़े हो अपनी चूची चुसवा रही थी, उसके पीछे वो लड़की घोड़ी बनी थी और उस लड़की का मुँह ठीक सलोनी के चूतड़ों पर था और मैं उस लड़की की चूत में लण्ड डाले उसको चोद रहा था…

तभी उस लड़की ने सलोनी के चतड़ों को अपने दोनों हाथ से पकड़ खोला तो मेरे सामने सलोनी के दोनों छेद चमक उठे..

दोनों पूरे लाल हो रहे थे और चूत तो इतनी गीली हो रही थी जैसे लगातार पानी छोड रही हो।

मैंने उस लड़की के कसकर एक धक्का मारा और उसका मुँह सलोनी के चूतड़ों से सट गया…

उसने भी पूरा नीचे होकर सलोनी की चूत पर अपनी जीभ लगा दी …

सलोनी ने एक बार पीछे घूमकर देखा। उसकी आँखे थोड़ी सी फैली और फिर वो भी मजा लेने लगी।

वो लड़की बड़े मजे से सलोनी की चूत चाट रही थी और मैं कस कस कर धक्के मार रहा था।

इस बार कुछ धक्कों में ही मेरे लण्ड ने पिचकारी निकालनी शुरू कर दी, मैंने जल्दी से लण्ड उसकी चूत से बाहर निकाला, और उसकी पीठ पर सारा पानी छोड़ दिया।

लड़की तेजी से उठी और मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया…

वो पूरी प्रोफेशनल थी… उसको सब पता था कि मर्द को कैसे अच्छा लगता है..

मैंने देखा उस आदमी ने सलोनी को पानी गोद में खींच लिया है..

मैंने हल्का सा नीचे झुककर देखा- अरे, इसका लण्ड तो ठीक सलोनी की चूत से चिपका था !
क्याआआ ये अर…रे…रे…र…

कहानी जारी रहेगी।

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