मेरा गुप्त जीवन- 113

(Mera Gupt Jeewan- 113 Film Dance Director Ne Mujhe Choda)

यश देव 2015-12-06 Comments

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फिल्म डांस डायरेक्टर ने मुझे चोदा

थोड़ी देर में मधु मैडम झड़ने के करीब पहुँच गई थी, उसकी आँखें मुंदी हुई थी, होंट खुले हुए थे, सांसें तेज़ चल रही थी और मैं पूरे जोश और खरोश से लंड के धक्के मार रहा था।

और फिर मेरे लंड ने महसूस किया कि उसकी चूत में सिकुड़न आरम्भ हो गई और उसकी चूत में से हल्की सी जलधारा बहनी शुरू हो गयी थी।
अब मैंने मैडम की टांगों को हवा में कर दिया, सरपट धक्कों की स्पीड चला दी और कुछ ही क्षणों में मैडम ने मुझको अपनी टांगों में बाँध लिया, उसकी कमर ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी और मैडम ने मुझको कस कर अपनी छाती से बाँध लिया।
थोड़ी देर हम दोनों एकदम से शांत हुए एक दूसरे से जुड़े हुए पड़े रहे और फिर मैडम अपनी टांगें सीधी करने लगी और मैं एक गहन चुम्बन मैडम के लबों पर देकर बेड पर लेट गया।

काफी देर हम ऐसे ही पड़े रहे, फिर मैडम ने आँखें खोली और मुझको देख कर कहा- सोमु यार, तुम तो गज़ब के फकर हो। तुमने मुझ को आज बड़ी ही अच्छी तरह से फ़क किया है और ऐसे फक किया जैसे कि बहुत ही ज़्यादा तुम को इस काम का अनुभव हो। कहाँ से सीखा यह सब?
मैं काफी शरमाया और चुप रहा।

मैं नंगा ही उठा और किचन से कोका कोला की बोतलें उठ लाया और मैडम को एक खोल कर दी और दूसरी स्वयं पीने लग गया।
खाने के लिए कुछ बिस्कुट पड़े थे, वो मैंने मैडम को खाने के लिए दिए लेकिन मैंने देखा कि मैडम की नज़र मेरे लंड पर टिकी हुई थी।

मैंने पूछा- क्या देख रही हो मेरे लंड में?
मैडम बोली- तेरा यह अभी भी खड़ा है क्या?
मैं बोला- मैडम जी, यह तब तक खड़ा रहता है जब तक मेरे सामने वाली औरत या फिर लड़की मेरे सामने से चली नहीं जाती और जहाँ यह नंगी औरत को देखता है यह अपना सर उठा लेता है और नीचे नहीं झुकाता जब तक वो कपड़े नहीं पहन लेती या फिर चली नहीं जाती।

मधु मैडम बोली- वाह सोमू राजा, तुम्हारा यह लंड दर्जनों औरतों को चोदने की क्षमता रखता है क्या?
मैं बोला- दर्जनों को तो कभी नहीं एक साथ चोदा लेकिन मैंने अभी तक 5-6 औरतों को एक के बाद एक को चोदा है और मेरा लौड़ा उस के बाद भी खड़ा था।
मधु मैडम बोली- यह कैसे पॉसिबल है सोमू? तुम गप्प मार रहे हो या फिर लम्बी हाँक रहे हो या फिर बम्बईया भाषा में बहुत फ़ेंक रहे हो?
मैं बोला- अपने मुंह अपनी तारीफ़ क्या करूँ, आप कभी आज़मा कर देख लेना।
मैडम बोली- चलो आ जाओ, अभी फिर आज़मा लेते हैं।
मैं मुस्कराया और बोला- जितना चाहे आज़मा लो मैडम जी!

और मैं अब फिर मैडम के पास चला गया और उनके साथ पलंग पर लेट गया। मेरा लंड तब भी हवा में लहलहा रहा था और मैडम उस को हाथ में पकड़ कर उस के साथ खेल रही थी।
मैं बोला- अब बोलिए कैसे चुदवाना पसंद करेंगी आप?
मैडम बोली- मैं अब तुमको ऊपर से फ़क करती हूँ… क्यों ठीक है ना?
मैं बोला- मैडम आप जैसे चाहे फक कर लीजिये, बंदा तो तैयार है आपके लिए!

अब मैडम मेरे ऊपर बैठ गई अपनी दोनों टांगों को मेरी दोनों साइड में रख कर, फिर उसने अपने हाथ से मेरे खड़े लौड़े को अपनी चूत में डाला और पूरा डाल कर वो बड़े मज़े से धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी।
मैं नीचे से मैडम के उरोजों के साथ खेल रहा था और उसके मोटे चूतड़ों को लगातार एक हाथ से मसल रहा था, वो काफी मोटे उभरे हुए और गोल शेप में थे।

थोड़ी देर में मैडम की चूत में से सफ़ेद क्रीम की तरह रस निकलने लगा और वो मेरे लौड़े के ऊपर से बहता हुआ मेरे पेट पर जमा होने लगा।
मैडम अब पूरे जोश के साथ मुझको चोदने में लगी हुई थी और उसके धक्कों की गति भी तेज़ होती जा रही थी।
मैडम की आँखें बंद थी और मुंह खुला हुआ था और उसके दोनों हाथ मेरी सफाचट चौड़ी छाती पर पड़े हुए थे और वो ऊपर से धक्के पर धक्के मारने में पूरी तरह से संलग्न थी।
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थोड़ी देर में ही मैडम की उछल कूद और तेज़ हो गई और अब मैं भी नीचे से उसकी चूत में अपने लंड को पेल रहा था। मैंने एक ऊँगली से उसकी भग को भी मसलना शुरू कर दिया और इस दोहरे हमले के सामने मैडम की चूत बिलबिलाती हुई परास्त हो गई और मैडम मेरी छाती पर पूरी तरह से पसर गई।
मैडम की चूत में सुकड़न हो रही थी और उसकी चूत से बहते हुए क्रीमी रस से मेरा पेट भर गया था।

मैडम मेरे ऊपर से उठी, बिस्तर पर लेट कर अपनी साँसों को नियंत्रित करने लगी।
थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे, फिर मैं उठा, तौलिये से अपना लौड़ा और अपना पेट साफ़ किया और वहीं बिछी एक कुर्सी पर जा बैठा।

थोड़ी देर में मैडम संयत हो गई, उठ कर मेरे पास आई और झुक कर मेरे होटों पर एक बड़ी हॉट किस जड़ दी।
फिर वो मेरे साथ वाली कुर्सी पर बैठ गई और मेरे अभी भी खड़े लंड के साथ खेलने लगी।

मैडम ने बड़े ध्यान से मेरे लंड को देखा और बोली- क्या तुम्हारे लंड से तुम्हारा वीर्य नहीं निकलता? क्योंकि दोनों बार मेरी चूत सूखी रही और उसमें एक भी कतरा वीर्य का नहीं था, यह कैसे मुमकिन है सोमू?
मैं बोला- मैडम, मुझको अपने वीर्य को कंट्रोल करने की विधि आती है और मैं अपने वीर्य को तब तक नहीं छूटने देता जब तक मेरी इच्छा ना हो!

मैडम बोली- ओह माय गॉड !! तुम क्या चीज हो सोमू? क्या तुम भगवान हो या फिर कोई देवता जिस का लिंग हर वक्त खड़ा भी रहता है और उसमें से वीर्य भी नहीं निकलता हर बार!
मैं अपना सर नीचे कर के बोला- मैडम, मैं एक लाइलाज बिमारी में फंसा हुआ हूँ जिसको अंग्रेजी में PRIAPISM कहते है और इसका कोई इलाज भी नहीं है।
मैडम बोली- हाँ नाम तो सुन रखा है लेकिन क्या बिमारी है यह तुम बताओ ज़रा डिटेल में?

मैं बोला- इसके बारे में शायद मैं भी इतना नहीं जानता जितना मेरी हाउसमेड जानती है.फिर भी मुझको जो मालूम है वो मैं आपको बताता हूँ। वो क्या होता है जब मेरा लंड खड़ा होता है तो मेरा खून लंड की नसों में आ जाता है जैसा कि नार्मल इरेक्शन में पुरुषों के साथ होता है लेकिन मेरे लंड की नसों में जो खून आ जाता है वो कई घंटे वापस नहीं जाता जिसके कारण मेरा लंड खड़ा रहता है, यह है असली बिमारी। लेकिन मेरे साथ एक काम बहुत ही अच्छा होता है वो यह है कि जब भी मेरे मन से सेक्स का विचार दूर हो जाता है तो मेरे लंड में आया खून वापस चला जाता है।
यह नार्मल PRIAPISM के बीमारों के साथ नहीं होता उनकी लंड की नसों में खून हर वक्त जमा रहता है जिके कारण उन का लंड हर वक्त खड़ा रहता है और कुछ ही वर्षों में वो नपुंसक हो जाते है यानी उनका लंड खड़ा होने की शक्ति खो देता है।
इसके अलावा जो कुदरत की मुझ पर मेहरबानी रही है वो यह है कि मेरे लंड से वीर्य भी निकलता है जैसे की नार्मल पुरुषों के साथ होता है लेकिन यह क्रिया PRIAPISM के असली बीमार मर्दों में नहीं होती। वो बेचारे फुल इरेक्शन होते हुए ही भी किसी स्त्री को गर्भवती नहीं कर सकते।

मैडम हैरान होते हुए बोली- वाह सोमू, यह तुम बहुत ही लकी रहे हो इस मामले में, तुम्हारा केस अजीब और अनोखा है लेकिन हम औरतों के लिए बहुत ही फायेदमंद है।
मैं धीमी आवाज़ में बोला- वो तो ठीक है लेकिन कई बार मैं अपने आपको काफी बदकिस्मत महसूस करता हूँ।
मैडम ने इस बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और वो बेहद ख़ुशी से इधर से उधर नाच रही थी।

मैडम अपने आप से बोल रही थी- कल वो 10 लड़कियाँ जो डांस करने आ रही हैं, उन सबको मैं तुमसे चुदवाऊँगी और सिर्फ उनको चुदवाऊँगी जो अच्छा डांस करेंगी। वाह वाह… क्या हथियार मिल गया है मुझको!

मैं थोड़ा नाराज़ होते हुए बोला- नहीं मैडम, मैं ऐसा नहीं होने दूंगा मैं सिर्फ अपनी मर्ज़ी से चुदाई का काम करूंगा। ना कि आपके कहने पर, ना किसी और के कहने पर! जो मुझको पसंद होगा वही करूँगा!
मैडम एकदम बात पलट गई- नहीं सोमू, बिना तुम्हारी मर्ज़ी के यह कैसे हो सकता है, वो 10 डांसर तुम्हारे कॉटेज में ही रहेंगी न तो उनके रहने खाने पीने का इंतज़ाम भी तो करना पड़ेगा। कैसे होगा वो सब?
मैं बोला- आप बेफिक्र रहिये, यह सब हो जाएगा। अब आप कपड़े पहन लीजिये, वापिस चलते हैं।
मैडम बोली- सोमू यार, तुमने यह कहानी सुना कर मुझ को फिर गर्म कर दिया है तो एक बार और मेरी चूत चोदो न प्लीज?

कहानी जारी रहेगी।
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