मस्त वाली चूत और गाण्ड चुदाई -1

(Mast Wali Chut Aur Gand Chudai-1)

हैलो फ्रेंड्स.. मैं हरियाणा से हूँ.. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है। आज मैं आपको एक रियल स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ.. वो एक सच्ची स्टोरी ही है.. जो कि अब तक बिल्कुल अनकही है।

मैं अपनी कहानी एक ब्लॉग पर लिखता था.. मेरी स्टोरी पढ़कर एक दिन एक ईमेल आया.. जिसमें लिखा था ‘मुझे आपकी कहानी बहुत अच्छी लगी.. मैं आपसे कॉन्टेक्ट करना चाहती हूँ..’
इसी के साथ उसने मुझे अपना कॉन्टेक्ट ईमेल अड्रेस भी दिया था।

मैंने उस ईमेल का रिप्लाई किया और उसे कॉन्टेक्ट किया.. तो कुछ इस तरह से बात हुई:

समीर : हैलो..
रीडर : हाय.. अरे तुम..
समीर : हाँ मैं समीर.. क्या आपने मुझे ईमेल किया था?
रीडर : ओह यस.. आप समीर ही हैं, मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है.. आपकी स्टोरी बहुत अच्छी लगी.. मैं आपसे मिलना चाहती हूँ। मैं 35 साल की हूँ और मेरा नाम सबिया है।
समीर : अच्छा तो मुझे आप अपने घर का पता और फोन नम्बर आदि दे दीजिएगा।

उससे काफी देर तक चैट होती रही फिर बाद में उसने मुझे अपना फोन नम्बर दिया.. और फिर फोन पर बातें हुईं और तब उसने मुझे अपने घर का अड्रेस दिया।

इसी बातचीत में हम दोनों ने मिलने के लिए दिन और वक्त तय कर लिया। मैं उसके द्वारा बताई हुई जगह पर तयशुदा दिन और वक्त पर पहुँच गया।

उसके घर पहुँच कर मैंने डोर बेल बजाई.. तो दरवाजा खुला और सामने 35 साल की खूबसूरत भाभीजान खड़ी थीं।

चूंकि उसे मालूम था कि मैं आने वाला था.. इसलिए उसने नई साड़ी पहनी हुई थी और मेकअप भी किया था। उसके बदन से खुश्बू आ रही थी.. शायद उसने पर्फ्यूम लगाया था।
उसके मम्मे बहुत बड़े थे.. लेकिन एकदम तने हुए थे.. उसके होंठ बहुत गुलाबी थे।

थोड़ी देर तो मैं उसे देखता ही रह गया.. उसने मुस्कुरा कर मुझे अन्दर आने को कहा.. मैं उसके घर के अन्दर चला गया।

घर में अन्दर कोई नहीं था.. सबिया ने मुझे पानी दिया मैंने गिलास लेते वक़्त उसकी उंगली को छू लिया.. वो तनिक मुस्कुराई.. फिर मेरे पास सोफे पर बैठ गई।
मेरा लंड तो पहले से ही टाइट हो गया था.. उसके चिपक कर बैठने से तो मानो लौड़े ने क्रान्ति शुरू कर दी।

सबिया ने मुझसे कहा- मैं तो समझ रही थी कि आप बड़ी उम्र के होंगे.. लेकिन आप तो बहुत हैण्डसम हो.. और उम्र में काफ़ी जवान हो।
मैंने मुस्कुरा कर पूछा- आपके घर में कौन-कौन रहता है.?

सबिया ने जवाब में खुल कर कहा- मैं और मेरे पति.. वो इस वक्त बाहर गए हुए हैं.. तुम तब तक मेरे साथ जो चाहे कर सकते हो।

अब मैं आपको उसके साथ बिताया हुआ वो एक दिन की दास्तान सुनाता हूँ कि मैंने उसके साथ कितनी बार और कैसे चुदाई की।

मैं उसका जवाब सुनते ही उसके थोड़ा और करीब खिसक गया और उसके हाथों को पकड़ लिया।
वो चुपचाप थी.. फिर धीरे-धीरे मैंने उसके हाथों को मसलना शुरू किया.. फिर धीरे-धीरे मेरा हाथ उसके जिस्म पर ऊपर को बढ़ रहा था.. मैं उसके पेट पर हाथ फिराने लगा और ब्लाउज के ऊपर से उसके मम्मों पर हाथ फिराया।
उसने अपनी आँखें बन्द कर लीं.. तो मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. उसकी साँसें ज़ोर से चल रही थीं और आँखें बंद थीं।

मैंने उसके ब्लाउज के बटनों को खोलना शुरू किया और ब्लाउज निकाल दिया। अब मैं उसकी ब्रा के ऊपर से मम्मों को मसल रहा था।
फिर मैंने उसकी साड़ी निकाल दी और उसका पेटीकोट ऊपर उठा कर उसकी जाँघ पर हाथ फिराया।
उसने भी चुदास से भर कर अपने पैर खोल दिए.. फिर मैं उसकी पैन्टी के ऊपर से उसकी चूत पर हाथ फिराने लगा।
अब उसके मुँह से आवाज़ आने लगी ‘आह.. उहह..’

मैंने उसका पेटीकोट भी निकाल दिया.. अब वो सिर्फ़ पैन्टी और ब्रा में मेरे सामने थी।
उसने मेरा शर्ट निकाली और मेरी छाती पर हाथ फिराने लगी।
उसने कहा- तुम्हारी बॉडी तो बहुत स्ट्रॉंग है..

फिर उसने मेरी पैन्ट भी उतार दी। मेरा लंड तो निक्कर फाड़ कर बाहर आने की कोशिश कर रहा था। लौड़े के अकड़ने के कारण निक्कर टेंट की तरह हो गया था। उसने मेरा लंड निक्कर में से बाहर निकाला.. तो उसकी आँखें फट गई।

मेरा लवड़ा पूरे 7″ इंच का था.. शायद इतना बड़ा लंड उसने पहली बार देखा था।
अब वो मेरे लंड को चूसने लगी और मैंने भी उसकी ब्रा निकाल दी और उसके बड़े-बड़े मम्मों को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगा.. उसके निप्पल बहुत बड़े थे।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने उसकी पैन्टी उतार दी और उसे लिटा कर उसकी चूत में अपना पूरा 7″ इंच का लंड पेल दिया।
वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लेते ही बोली- आह्ह.. जरा धीरे.. मेरी चूत फट न ज़ाए…
उसकी चूत पूरी शेव की हुई थी।

अब मैं पूरे जोश में आ गया था। उसे ज़ोर-ज़ोर से धक्के देने लगा.. करीब आधे घंटे बाद वो झड़ गई। उसके झड़ जाने से चूत बहुत मक्खनी हो गई थी जिससे मेरी चुदाई की रफ़्तार बहुत तेज हो गई थी।

थोड़ी देर बाद मेरे लंड से भी सफेद पानी निकल गया.. हम दोनों खलास होने के बाद निढाल से हो गए थे।
थोड़ी देर बाद जब हम दोनों शांत हो गए तो मैंने उससे कहा- हम जब तक साथ हैं हम कपड़े नहीं पहनेंगे.. पूरे नंगे ही रहेंगे..
तो वो बोली- जो तुम कहो वैसा ही मैं करूँगी.. एक दिन के लिए मैं तुम्हारी वाइफ हूँ.. तुम जो चाहे.. करो।
हम शाम तक एक-दूसरे की बाँहों में नंगे पड़े रहे और एक-दूसरे के बदन से खेलते रहे।

करीब 7 बजे वो खड़ी हुई और खाना बनाने चली गई..

उसकी मटकती हुई गाण्ड बहुत बड़ी थी.. वो चलते वक़्त ऊपर-नीचे हो रही थी, वो बिल्कुल नंगी होकर खाना बना रही थी।
मैं भी पूरा नंगा टीवी देख रहा था और उसकी तरफ भी बारी-बारी से देख रहा था।
उसकी झूलती चूचियाँ बहुत खूबसूरत लग रही थीं.. जैसे ही वो कुछ लेने आगे बढ़ती.. उसके मम्मे ऊपर-नीचे डोलने लगते थे।

अब मेरा मूड उसकी गाण्ड मारने का हो उठा था.. पर मुझे लगता था कि ये सीधे सीधे तो गाण्ड मारने नहीं देगी.. इसलिए मैंने धोखे से उसकी गाण्ड मारने की सोची।

मेरा लौड़ा तो एकदम फिर से कड़क हो गया। मैं खड़ा हुआ और उसके पीछे जाकर उसकी गाण्ड की दरार में अपना मूसल लण्ड रगड़ने लगा और मैंने उसे बाँहों में भर लिया।

वो मुस्कुराने लगी.. वो रोटी बनाने के लिए आटा गूँथ रही थी और मैं उसके मम्मों को पीछे से मसल रहा था.. क्या मुलायम चूचे थे।

फिर मैंने उसके मम्मों पर तेल लगाया और उनका मसाज करने लगा। उसके मम्मे चमक रहे थे.. फिर मैंने उसकी गाण्ड पर तेल लगाया।
मैं उसकी गाण्ड पर तेल लगाता जाता था और उसे मसलता जा रहा था।
फिर उसकी पीठ पर, उसकी जाँघो पर.. और उसके पूरे बदन पर तेल लगाया।

अब क्या हुआ क्या मैं उसकी गाण्ड मार पाया.. आपको इसकी जानकारी अगले भाग में मिलेगी.. उसकी चुदास ने किस तरह से मुझे उसकी गाण्ड मारने दी.. इसके लिए आप कहानी का अगला भाग जरूर पढ़ें।

आप सभी के कमेंट्स का मुझे बेसब्री से इन्तजार रहेगा.. भूलिएगा नहीं!
[email protected]

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top