ममेरी दीदी की शादी में मेरी सुहागरात-4

(Mameri Didi Ki Shadi Me Meri Suhagraat-4)

This story is part of a series:

मैं उसके बगल में जाकर बैठ गई तो कुछ देर बाद उसने मेरी जाँघ पर हाथ रखा तो मैं कुछ नहीं बोली तो उसकी हिम्मत बढ़ गई और वो मेरे साथ छेड़खानी करने लगा।

तो मैं चुपके से बोली- यहाँ सब देख रहे हैं।

तो उसने आगे से हाथ हटा कर मेरी नंगी कमर को हल्का सा सहला दिया तो मैं वहाँ से उठ कर चली गई लेकिन उठते हुए उसको आँख मार दी, जिस पर उसने भी मुझे आँख मार दी।

कुछ देर बाद उसने मामी से पूछा- वॉशरूम किधर है?

तो मामी मुझे बोली- रूचि, ज़रा इसको दिखा दे…

तो मैं उसके साथ चल दी और जैसे ही शादी वाले हॉल से बाहर निकले, उसने मेरी कमर में हाथ डाल दिया लेकिन मैं कुछ नहीं बोली। तो उसने मुझे खुद से चिपका लिया और अपने उंगली को मेरी नाभि के आसपास घुमाने लगा।

तब तक वॉशरूम आ गया, तो वो अंदर गया और बोला- प्लीज रूको थोड़ी देर!

मैं दूसरी ओर होकर खड़ी थी और सोच रही थी कि यह तो सही जा रहा है, आज तो यह मुझे चोद ही देगा।
कि तभी वो पीछे से आया और पीछे से मेरी नंगी कमर को पकड़ के मेरी नंगी पीठ पर किस करने लगा।

तो मैं बोली- यह क्या कर रहे हो?

तो वह मुझे सीधा करके मुझे लिप-किस करने लगा।

मैं भी कुछ नहीं बोली और उसका साथ देने लगी तो वह किस करते-करते अपने हाथ से मेरे चूतड़ों को दबाने लगा और होंठ को छोड़ कर मेरी गर्दन पर किस करने लगा।

तभी मुझे किसी के आने की आहट सुनाई दी तो मैं उससे अलग हुई और उसको बोली- थोड़ी देर बाद आना!

और मैं चली गई।

फिर कुछ देर बाद वो आया और चुपके से मेरे कान के पास आकर बोला- आज आपकी दीदी मेरे भैया के साथ सुहागरात मनाएगी उस से पहले क्या मैं आपके साथ मना सकता हूँ?

और इतना बोल कर चला वह गया तो मैं कुछ देर बाद उसके पास गई और उसके कान में बोली- कुछ देर बाद रूम नंबर 405 में आ जाना।

मैंने मामी को बोल दिया कि मुझे नींद लग रही है, मैं सोने जा रही हूँ।

मामी बोली- जाकर सो जाओ !
उनको क्या पता था कि मैं सोने नहीं चुदने जा रही हूँ।

और मैंने अपने रूम जाकर दरवाजा खुला हुआ ही छोड़ दिया और वो दरवाजा लॉक कर दिया जो दो रूम के बीच में था जिससे मैं भैया के रूम गई थी !

कुछ देर बाद वो आया तो मैं बोली- डोर लॉक कर दो।

वो लॉक करके अंदर आया और बेड पर साथ बैठ गया, मैंने पूछा- क्या है?

तो वो बोला- आपकी दीदी से पहले सुहागरात मनानी है।

तो मैं बोली- दूर क्यू खड़े हो?

मैं लेट गई तो उसने मेरे पैरों से किस करना स्टार्ट किया और किस करते हुए ऊपर बढ़ने लगा और मेरे पेट के पास पहुँच कर मेरे नंगे पेट को ज़ोर-ज़ोर से काटने लगा, मैं अपने दांतों से अपने होंठ दबा कर मजा ले रही थी।

फिर वो ऊपर बढ़ा और अपना हाथ मेरी चूची पर रख दिया और दबाने लगा पेट पर किस करते हुए।

फिर वो मुझसे अलग हुआ और नीचे खड़ा हो गया तो मैं भी नीचे हो गई तो वो मुझे लिप-किस करने लगा और अपने हाथ मेरी नंगी पीठ पर फेरने लगा, उसके हाथ को नीचे ले गया और मेरी लहँगे में अपना हाथ डाल दिया, मेरे चूतड़ों को दबाने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसको बेड पर धकेल दिया और उसके ऊपर चढ़ गई तो वो मेरी चूची दबाने लगा, मेरी चूची पर किस करने लगा और अपना हाथ मेरे पीठ पर ले गया और पीछे से मेरी बलॉऊज की डोरी खोल दी।

मैंने उसको निकाल दिया तो उसने मेरी नंगी चूचियों को देखते ही पकड़ लिया, हाथों से मेरी दोनों चूचियाँ मसलने लगा, मेरी दोनों नंगी चूचियों पर किस करने लगा, मेरी निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगा।

कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसके कोट को खोल दिया और उसने किस करते हुए ही कोट उतार दिया।

फिर उसने मुझे आधा बेड पर झुकाया और मेरे चूतड़ों पर एक चपत मारी और नीचे बैठ गया, मेरे लहँगे को नीचे कर दिया और मेरे नंगे चूतड़ों पर किस करने लगा और बीच-बीच में चूतड़ों पर चपत लगा देता था।

फिर उसने मेरी पैंटी को भी नीचे कर दिया और मुझे बेड पर ठीक से बैठा कर मेरी दोनों टाँगों के बीच में आया और मेरी चूत के पास हल्की सी फ़ूंक मारी, मेरी चूत को हल्की से ठंडक लगी। वो मेरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा और तब तक मैं अपनी चूचियों को खुद दबा रही थी।

फिर मैं अपने हाथ को अपनी चूत के पास ले गई और हाथों से चूत को हल्का सा फैला दिया जिससे वो अपनी जीभ को और अंदर ले गया, जीभ अंदर बाहर करने लगा।

मेरे मुँह से आआआ आअहहा आआअह… उऊहहा आआअ की आवाज़ आने लगी।

कुछ देर के बाद मैं उठी और उसकी पैंट खोल कर उसका लंड बाहर निकाल कर मैं नीचे बैठ गई, उसके लंड पे हल्का सा किस करके लंड को मुँह में लेकर चाटने लगी। फिर उसके लंड पे थूक लगाकर मैं लंड को वैसे चाटने लगी जैसे उसके लंड में मखान लगा हुआ हो। वो भी अपनी कमर हिला-2 कर चुसवा रहा था।

फिर उसने मेरे सिर को पकड़ कर उठाया और मुझे किस करते हुए बेड पर लिटा दिया, मेरी दोनों टांगों के बीच में आकर मेरी टाँगों को अलग करके अपने लंड को मेरी चूत के ऊपर रखा और एक जोरदार झटका दिया, उसका लंड मेरी चूत में चला गया और वो अंदर-बाहर करने लगा लेकिन इस अंदर बाहर करने में मुझे हल्का सा दर्द हो रहा था।

मैं अपनी चूत के पास से सहलाने लगी, उसने मेरी एक टाँग को अपने कंधे पर रख लिया और फिर अंदर बाहर करने लगा। फिर उसने मेरी दोनो टाँगों एक साथ उठा कर अपने कंधे पर रख लिया और मुझे चोदने लगा।

मेरी सीत्कार पूरे रूम में गूंजने लगी और मैं भी अपने चूतड़ हिला-हिला के चुदवाने लगी। धीरे-धीरे उसके झटके तेज़ हो गये और मैं भी
झटके मारने लगी।

फिर कुछ देर बाद उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डाल दी और अपना लंड अंदर बाहर करने लगा तो मेरे मुँह से और ज़ोर से आआह… आईइयह… आआअहहा आआआआ उऊहह की आवाज आने लगी।

उसने अपनी उंगलियां मेरी चूत से निकाल कर मेरे मुँह में डाल दी, मैं उसकी उंगलियाँ चाटने लगी।
फिर उसने मुझे बोला कि वो झरने वाला है तो हम दोनों बेड से नीचे उतर गये और मैं बैठ कर उसके लंड को चूसने लगी।
उसके लंड ने माल मेरे मुँह में ही छोड़ दीया और मैं बड़े आराम से सारी मलाई पी गई।

फिर हम लोग बाथरूम गये, साथ में अपने आप को साफ किया और अपने-अपने कपाड़े पहनने लगे लेकिन जब मैं पैंटी पहन रही थी तो बोला- प्लीज पैंटी मत पहनो!

तो मैंने कारण पूछा तो वो बोला- इससे तुम्हारे पीछे वाले को तुम्हारे चूतड़ों की थिरकन साफ दिखाई देती है।

तो मैंने पैंटी नहीं पहनी और बोली- अब तक शादी ख़त्म हो गई होगी। हम लोगों ने तो सुहागरात मना ली, अब उन लोगो का देखते हैं कि वे कैसे मानते हैं।

हम दोनों एक दूसरे को किस की और शादी में चले आये।
यह मेरी तब तक की सबसे बेस्ट चुदाइयों में से एक थी।
आपको मेरी सुहागरात, मेरी चुदाई कैसी लगी, रिप्लाई ज़रूर करना!
कहानी जारी रहेगी।

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