लिफ्ट-ड्रॉप यानि उठा-पटक वाली चुदाई-1
(Lift Drop Yani Utha-Patak Wali Chudai- Part 1)
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9 मई: राष्ट्रीय त्यौहार का दिन. मातृभूमि सुरक्षा हेतु द्वितीय विश्वयुद्ध में विजय की प्राप्ति. सभी लोग शहर में पैदल घूम रहे थे. नताशा संग हमने भी पैदल मार्च में शामिल हो शहर में घूमते हुए रेड स्क्वायर तक जाकर परेड देखने जाने का प्लान बनाया. मेट्रो स्टेशन रेवेल्यूशन स्क्वायर से हम पैदल जमा भीड़ को निहारते हुए क्रेमल की ओर चल दिए.
लोग ख़ुशी से चहक रहे थे, वातावरण खुशनुमा था, सैनिक आर्मी बैंड की धुनों से कदमताल मिलाते हुए चल रहे थे और आसमान में महान रूस की पराक्रमी वायु सेना के विमान उड़ रहे थे. मेरी तरह के विदेशी मेहमान भी सड़कों पर निकल घूम रहे थे, हाथों में वीडियो कैमरा लिए शूटिंग कर रहे थे.
परेड ख़त्म हो जाने पर हम लोगों ने नजदीक पुश्किन स्क्वायर पर स्थित मैक डोनाल्ड में जाने का फैसला किया. हम पैदल शहरियों की भीड़ से भरी त्वेर्स्काया स्ट्रीट पर चलते हुए बिग थिएटर तक आ गए.
भीड़ बहुत थी, हालाँकि ट्रैफिक 16:00 बजे तक बंद कर दिया गया था. प्रवेश द्वार पर सजे-सजीले मिक्की माउस और डोनाल्ड डक का अभिवादन स्वीकार कर हम लोग मैक डोनाल्ड के अन्दर आ गए.
सजी हुई बनावटी «अमेरिकन » मुस्कान वाली काउंटर गर्ल, जिसने हमें विजय दिवस की शुभकामना भी दी, से अपने बर्गर्स की ट्रे प्राप्त कर हम लोग अपनी सीट पर आ गए.
हम लोगों ने विशाल शीशे की खिड़की के सामने चार कुर्सियों वाली सीट चुनी थी. हम लोग आपस में बतियाते हुए अपने चीज़ बर्गर खाने ही लगे थे कि अचानक बहुत सारी जनता रेस्तराँ में दाखिल हो गई और काफी भीड़ हो गई. अब तक काफी स्वतंत्रता से बैठे लोग अब खिसकते हुए आगंतुकों के साथ अपनी सीट्स शेयर करने लग गए.
हाथों में ट्रे लिए दो युवक हमारी दिशा में आ रहे थे, मैंने काले रंग की कॉस्टयूम और लाल रंग की टाई लगा रखी थी. नताशा भी काले रंग की पेंट और झक सफ़ेद टॉप में थी. हम दोनों ने ही काले चश्मे चढ़ा रखे थे, जबकि मेरे पैरों में काले चमड़े के जूते, और नताशा के पैरों में खूब लम्बी, नुकीली हील वाले हाई नैक बूट्स थे.
युवक हमारी मेज के पास रुक कर हमसे वहां बैठने की इजाजत मांगने लागे, और हमने उन्हें सहर्ष अनुमति प्रदान कर दी.
वो हमारी बगल में बैठ कर अपने बर्गर्स खाते हुए अपनी ही किसी भाषा में बातचीत करने लग गए, और हम नताशा संग अपनी रूसी में.
“क्षमा कीजिए… मेरा नाम आर्थर है, और यह मेरा दोस्त एरिक!” उम्र में बड़ा दिखने वाला लड़का हमारी और देख कर बोला.
“बड़ी प्रसन्नता हुई, मैं साशा हूँ और ये मेरी वा… दोस्त नताशा है!” मैंने पता नहीं क्यों नताशा को अपनी वाइफ कहते कहते अपनी जबान काट ली, और उसका परिचय अपनी गर्लफ्रेंड के रूप में दिया.
“बहुत प्रसन्नता हुई आप से मिल कर, हम सेर्बिया से हैं.”
“बहुत अच्छी बात है… और यहाँ क्या कर रहे हैं आप लोग?” मैं ज्यादा बातचीत न करना चाह कर भी पूछ बैठा.
“वो क्या है कि मैं यहाँ पर तुर्की कंस्ट्रक्शन कम्पनी में काम करता हूँ, और ये मेरा जूनियर फेलो है. अभी नया नया रूस में आया है, और रूसी भी नहीं जानता. बस इंग्लिश में ही बात कर सकता है.”
“गुड!” अभी तक चुप बैठी नताशा भी बातचीत में कूद पड़ी और बोली- साशा को इंग्लिश आती है.
“और आप, नताशा?” आर्थर ने पूछा.
“सिर्फ हाउ डू यू डू, और गुड बाय!” लड़की हंस कर बोली.
“कोई बात नहीं, सीख लेंगी, अगर आपके दोस्त को आती है तो…” मेरी पत्नी से बातें करने का बहाना लेता हुआ आर्थर जबरदस्ती हाथ नचाता हुआ बोला.
“पता नहीं, हो सकता है…” नताशा ने आह भरी.
तभी एरिक भी बात करने लगा, और मुझसे इंग्लिश में बोला- आपकी गर्लफ्रेंड बहुत सुन्दर है!
“थैंक यू!” मैंने जवाब दिया और नताशा को अनुवाद बताया.
जवाब में उसने भी थैंक्स बोला.
“तो क्या आप लोगों के पास गर्लफ्रेंड्स नहीं हैं?” नताशा ने एरिक से पूछा और मेरी तरफ देखने लगी, मानो मुझसे पूछ रही हो, कि कहीं वो ज्यादा तो नहीं पूछ बैठी!
लेकिन मैंने उसकी बात का अनुवाद कर एरिक को बताया, तो उसने उत्तर दिया- अरे कहाँ, अभी दो दिन पहले ही तो मैं यहाँ आया हूँ!
मैंने झट इसका अनुवाद नताशा को बताया तो उसने अपना गुलाबी नेल पोलिश से सजा मेनिक्योर्ड हाथ झिटक कर कहा- कोई बात नहीं, मिल जाएगी!
“लेकिन कैसे… मुझे तो रशियन ही नहीं आती!” उसने परेशान भाव में उत्तर दिया, जिसे मैंने अनुवाद कर नताशा को बता दिया.
(आगे मैं एरिक द्वारा बोले गए डाइलोग हिंदी में ही लिख रहा हूँ!)
“तो क्या हुआ, आपके दोस्त को तो बहुत अच्छी रूसी आती है.” नताशा ने बात को आगे बढ़ाना जारी रखा.
“वैसे हाँ, लेकिन वो बहुत बिजी है अपने काम में, सिर्फ सन्डे और छुट्टियों में ही खाली रहता है.” एरिक ने सफाई दी.
“तो आप रशियन लैंग्वेज के किसी कोर्स में दाखिला ले लीजिए, सबसे आसान उपाय है!” मेरी पत्नी ने उन्हें कहा.
“आप ठीक कह रही हैं, लेकिन आज मैं उसे घर से बाहर लेकर निकला हूँ तो इस उम्मीद में किसी लड़की से जान पहचान हो जाए… लड़की के साथ तो मैं मजे मजे में रूसी सीख जाऊँगा!”
“अच्छा आईडिया है… क्या मिली कोई लड़की?” नताशा ने पूछा.
“कहाँ मिली… सब जोड़ों में हैं, अगर कोई अकेली है भी तो वो इतनी सुन्दर और जवान नहीं!” आर्थर खिसियाता हुआ बोला.
“दुःख की बात है, लेकिन रूसी सीखने के लिए तो कम सुन्दर भी चल जाएगी…” मेरी पत्नी ने थोड़ा हिचक कर कहा.
“आप ठीक कहती हैं, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहता…” बड़े वाले ने सफाई दी- वैसे आपकी कोई सहेली नहीं है हमारे साथ दोस्ती करने के लिए?
“आपका मतलब है, इकट्ठे आपके और आपके भाई के साथ?” नताशा ने आश्चर्य से पूछा.
“तो इसमें बुरा क्या है! मैं सिर्फ शाम को घर वापस आता हूँ. दिन में एरिक चाहे तो शहर में घूमे, या कोई कोर्स ज्वाइन कर ले, उसकी मर्जी, और शाम को हम लड़की को अपने यहाँ इनवाइट कर सकते हैं, किसी रेस्त्रां, या कहीं और…” आर्थर ने आराम से उत्तर दिया.
“आआआ… समझी, आप भी अकेले हैं… लेकिन आप तो रूस में काफी सालों से रह रहे हैं… कोई सहेली नहीं बनाई?” मेरी धर्मपत्नी आश्चर्य से आर्थर की ओर देखने लगी.
“हैं मेरे पास, लेकिन दुःख की बात कि नोवोसिबिर्स्क में, जहाँ मैं पहले रहता था, मास्को में तो मैं बस अभी आया हूँ.”
“समझी, मतलब कि आप दोनों ही मास्को से परिचित नहीं हैं… और अगर ये कोई सीक्रेट नहीं है तो क्या मैं एक सवाल पूछ सकती हूँ?” नताशा ने जिज्ञासा दिखाई- आप करते क्या हैं?
“कोई सीक्रेट नहीं है.” आर्थर ने जवाब दिया- मैं एक तुर्की कंस्ट्रक्शन फर्म में मैनेजर हूँ, जो लेनिनग्राद, लेनिन, वोल्गोग्राद, प्रोस्पेक्ट्स, मारिनो, ज़ेलेनोग्राद, माइक्रो रीजन्स में रिहायशी इमारतें बनाती है और अच्छी तरह से से जानता हूँ कि «वीरा» और «माइना» क्या होता है!” और हंसने लगा.
“बहुत अच्छा काम है आपका, और शब्द भी बहुत छांट कर लाए हैं आप!” नताशा मुस्कुरा कर बोली.
“अगर आप चाहे तो हमें भी आपके जैसी ही कोई सुन्दर ब्लोंड, नीली आँखों वाली कमसिन दोस्त मिल सकती है!” आर्थर लड़की से मिन्नतें करने लगा.
“आप भी… अब मैं कहाँ से लाऊँ आपके लिए सुन्दर ब्लोंड लड़की!” नताशा ने सरलता से मुस्कुरा कर जवाब दिया.
“तो क्या आपके पास आपकी जैसी दिखने वाली कोई सहेली नहीं है?” आर्थर निराशा से बोला.
“नको!” लड़की ने उपेक्षा से जवाब दिया- स्कूल में, और फिर कॉलेज में कोई ज्यादा सहेलियां नहीं थीं, स्कूल की सहेलियों में से बखनीना लेना, चेल्न्याकोवा माशा, नताशा मिश्कोवा ही ठीक ठाक हैं, और कॉलेज से रोज़ानोवा स्वेतलाना, बिर्युकोवा लेना, और इनमें से भी सिर्फ नताशा मिश्कोवा ही मेरी तरह ब्लोंड थी और वो भी अब विदेश जा चुकी है.”
“बहुत दुःख की बात है…” आर्थर बिलकुल गम में डूब गया.
“इतने भी दुःख की बात नहीं, मिल जाएगी आपको कोई सहेली, अभी तो सारी शाम पड़ी है.” नताशा ने मर्द को हौंसला बढ़ाने की गरज से कहा.
कुछ देर और इधर-उधर की बातें करने के पश्चात् हम रेस्तराँ से बाहर आ गए. सड़क पर चलते हुए आर्थर ने हमसे हमारे साथ ही घूमने की अनुमति मांगी क्योंकि उसे मास्को के रास्ते नहीं मालूम थे.
इसी प्रकार पैदल घूमते हुए हम गार्डन रिंग रोड तक आ गए और आगे हमें दाएं अपने घर की ओर जाना था. रास्ते में हम आर्थर और एरिक को मास्को की मशहूर स्थान दिखाते-बताते जा रहे थे: मायकोवस्की स्क्वायर, गार्डन रिंग, सेंट्रल गाई, फ्लावर बुलेवार्ड, ओल्ड सर्कस, सिनेमा थिएटर फोरम, कल्खोज्नाया, आदि.
घूमते तो और भी लेकिन अब तक नताशा के पैर थक चुके थे, और हम अपनी मेश्षान्स्काया स्ट्रीट में मुड़ गए और अपने हाउस नंबर 14 तक पहुँच गए. आर्थर अब हमसे विदा मांगने लगा, मैंने औपचारिकतावश उन्हें घर चलने के लिए कह दिया.
यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी.
आर्थर तो मानो तैयार बैठा था, उसने सधन्यवाद हमारा निमंत्रण स्वीकार कर लिया, और बोला कि 15-20 मिनट बाद आएगा.
हमने आर्थर को अपने एंट्रेंस में दाखिल होने का कोड बताया और तेज आवाज में कहा कि हमारे फ्लैट का नंबर 34 है क्योंकि दोनों विदेशी मेहमान तब तक हमारे घर के नीचे बनी दुकान में घुसने लगे थे.
नताशा संग हम अपनी इमारत में प्रविष्ट हो गए. जब हम अपने फ्लैट में दाखिल हुए तो मेरी नताशा काफी थकी हुई दिख रही थी. हम दोनों ही सीधे शावर के नीचे चल दिए और गर्म भाम्प वाला शावर बाथ लेकर ही बाहर आए.
कुछ देर बाद हम किचन में बैठे हुए रिफ्रेश हो रहे थे. मेरे हाथ में बियर का कैन था और नताशा चाय की चुस्कियां लगा रही थी. वो अल्कोहल की शौकीन नहीं है, बस कभी-2 शेम्पेन ले लेती है.
जल्दी ही दरवाजे पर लगी घंटी बज उठी और हमारे मेहमान हाथों में सुर्ख गुलाबों के बुके लिए हुए प्रकट हुए.
आर्थर के दूसरे हाथ में «बर्ड्स मिल्क» केक का डिब्बा था और एरिक के पास बियर की क्रेट और पैकेट में लिकर्स की बोतलें, और भी बहुत कुछ.
“इस सबकी क्या जरूरत थी!” मैं आश्चर्य से बोला- सब कुछ है घर में.
आर्थर ने सिर्फ अपने कंधे उचकाए और मैंने मेहमानों को मेज के गिर्द बैठने का आमंत्रण दिया और कहा- कोई बात नहीं, जब जाएँगे, तो साथ ले जाइयेगा.
“ये आपके लिए है हमारी तरफ से तुच्छ भेंट, आपके स्वास्थ्य के लिए!” आर्थर ने जवाब दिया.
“आप क्या लेंगे, चाय, काफी, या कुछ और हॉट?” मैंने मंद स्वर में मुस्कुराते हुए पूछा.
“हमारे यहाँ नई दोस्ती की शुरुआत जाम उठा कर की जाती है!” आर्थर मुस्कुराया.
“हमारे यहाँ भी!” मैंने भी उत्साह के साथ कहा और 3 बियर के कैन खोल दिए.
सुर्ख गुलाब के बुके प्राप्त कर खुश हुई नताशा ने भी शेम्पेन का एक पैग लेने की सहमति दे दी.
मैंने उत्साह के साथ शेम्पेन की बोतल खोल दी और कॉर्क बोतल से उड़ कर छत से जा टकराया!
एक दूसरे से चियर्स बोलते हुए हमने अपने जाम पीने शुरू कर दिए. हम मर्दों ने एक घूँट में ही अपने बियर कैन ख़त्म कर दी और मैंने फ्रिज से एब्सेल्यूट वोडका निकाल कर तीन जाम बना दिए. आर्थर ने ख़ुशी के साथ जाम उठा लिया और एरिक संग हमने भी. फिर दोबारा चियर्स बोलते हुए हमने एक ही घूँट में वोडका अपने गले से नीचे उतार ली.
नताशा अब तक सोफे चेयर पर बैठ कर मंद-2 मुस्कुराते हुए शेम्पेन की चुस्कियां लेने लगी थी. उसने हमें वोदका पीते देख फ्रिज से पिकेल्ड ककेम्बर और सेलेड फिश निकाल कर हमें पेश कर दी. आर्थर खुश होकर प्रसिद्ध रूसी गाना गाने लगा- रूस्काया वोदका, दा च्योर्नी ख्लेब, सिल्योद्का!
नताशा का पैग ख़त्म होते ही बिना पूछे आर्थर ने उसे दोबारा शेम्पेन से भर दिया और नताशा के मना करने के बावजूद उससे दोस्ती के नाम पर पीने की प्रार्थना करने लगा. नताशा ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और दूसरा पैग भी पी लिया.
अब तक वातावरण काफी रंगीन हो चुका था और हम लोग लगभग दो ग्रुप्स में बैठे पीने लगे थे.
आर्थर संग हम वोदका पीने में लगे थे जबकि एरिक मेरी पत्नी का साथ देते हुए लिकर पीने लगा था.
दो पैग लगाने के बाद मेरी पत्नी काफी निढाल सी हो चुकी थी, तब आर्थर ने उसके पैग को एक बार फिर भर दिया और इस बार लिकेर से. नताशा ने भी मना करने के बावजूद वो पैग भी पी लिया. इसके बाद हमने एक एक पैग वोदका और पी ली.
तब तक नताशा अपना पैग ख़त्म कर चुकी थी और चालाक आर्थर ने दोबारा उसका पैग लिकर से भर दिया. अब तक नताशा की सुस्ती काफी हद तक दूर हो चुकी थी, और उसने खुद ही उठा कर लिकर का पैग पी डाला. उस पैग को पीने के बाद वो काफी मुखर हो चुकी थी.
तब तक आर्थर ने मस्ती से झूमते हुए टेबल से टीवी का रिमोट उठा कर दीवार पर लगा टीवी ऑन कर दिया. दीवार पर लगी स्क्रीन से कर्णभेदी ऊह-आह की लड़की और लड़कों की आवाजें आनी शुरू हो गईं.
हम सभी हक्के-बक्के रह गए!
तभी मुझे याद आया कि अंतिम बार मैंने किचन के टीवी पर अपनी पेन ड्राइव लगा कर नताशा को रिया सन की शानदार पोर्न फिल्म दिखाई थी. मुझे बाद में अपना पेन ड्राइव निकालना याद नहीं रहा था जो अभी भी टीवी की साइड में लगा हुआ दिख रहा था!
आर्थर के चेहरे पर गाढ़ी मुस्कान थी, और वो मेरी पत्नी की ओर कुटिल भाव से देखे जा रहा था.
“ये तुम्ही हो ना नताशा?” वो मुस्कुरा कर बोला.
“नहीं! ये रिया सन है.” उत्तर मैंने दिया.
“मुझे तो बिलकुल नताशा लग रही है!” आर्थर दृढ़ता से बोला.
“मैं इतनी बदसूरत भी नहीं…” मेरी पत्नी ने उत्तर दिया- इससे कहीं ज्यादा सुन्दर हूँ!
“बिल्कुल!! तुम्हारे आगे तो ये भीगी बिल्ली जैसी लग रही है!” आर्थर मेरी पत्नी को खुश करने की गरज से बोला- लेकिन काम तो ये इतना सुन्दर कर रही है… क्या तुम भी ऐसा कर सकती हो?
“हुंह! इसमें क्या बड़ी बात है! इससे भी ज्यादा अच्छा कर सकती हूँ, अगर चाहूं तो…”
“और तुम्हारे चाहने की क्या कीमत है?”
“पता नहीं… खुद ही सोच लो!” नताशा ने संक्षिप्त उत्तर दिया और मेरी तरफ देख कर बोली- और अगर मेरा प्यारा पति मुझे अनुमति दे दे…
“मेरी ख़ुशी तो तुम्हारी ख़ुशी में ही है, जानेमन!” मैंने मुस्कुरा कर कहा.
“शानदार! हम तुम्हें 1000 डॉलर दे सकते हैं अगर तुम हमारे साथ बिल्कुल ऐसे ही करो जैसा ये रिया कर रही है!”
“डन!” मेरी धर्मपत्नी बोली और उठ कर खड़ी हो गई; उसने अपना गुलाबी सिल्की गाउन खोल दिया और उसका दूधिया गुलाबी बदन नुमाया होने लगा.
इसके बाद नताशा ने अपनी नाईटी को निकाल कर नीचे कारपेट पर गिरा दिया, और सिर्फ लाल रंग के बिकनी सूट में इठला कर चलते हुए आर्थर की ओर बढ़ चली.
रूसी लड़की की सेक्स स्टोरी जारी रहेगी.
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