लेडी इनकम टैक्स ऑफिसर ऑफिसर को चोदा-1
(Lady Income Tax Officer Ko Choda- Part 1)
मेरी इस चुदाई की कहानी में आप सभी का स्वागत है। मैं अयान 24 साल का दिल्ली से हूँ। मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है।
मेरे बहादुर चोदू दोस्तो, सेक्सी भाभियों और चुदने को आतुर चाचियों.. मेरी समझ से अंधविश्वास का फायदा उठाकर चुत की चुदाई करना बहुत आसान है क्योंकि मैंने अपने शैतानी दिमाग से अंधविश्वासी आंटी, भाभी, असंतुष्ट पत्नियों और कुँवारी कमसिन लड़कियों की चुत चोदने का एक नायाब फ़ॉर्मूला निकाला हुआ है और अब तक इसका प्रयोग करके कई तरह की चुतों की चुदाई का मज़ा लेने में सफल भी रहा हूँ।
हमारे देश में हर तीसरी औरत को ये वहम होता है कि उस पर किसी ने जादू-टोना किया हुआ है और इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने चुत चुदाई का नम्बर एक फ़ॉर्मूला बना लिया है और ये चुदाई की कहानी भी इसी पर आधारित है।
ज़्यादातर अच्छे और बड़े घरों की अनसॅटिस्फाइड औरतें, अंधविश्वास का नाटक करके अपने घर वालों की आँखों में धूल झोंक कर अपनी चुत की प्यास को लंड के पानी से बुझाकर आनन्द लेती रहती हैं। मेरी इस कहानी में भी ऐसा ही कुछ हुआ है।
मैं अपने एक क्लाइंट के काम से इनकम टैक्स ऑफिसर मैडम सुनिधि से उनके ऑफिस में मिलने गया था। मैंने दरवाज़े से अन्दर आने की आज्ञा माँगी और अन्दर चला गया।
मैंने फाइल मैडम के सामने रखते हुए कहा- मैडम और सब कुशल मंगल है ना!
उसने बैठने का इशारा किया और मैंने कहा- मैडम आज आप ज़रा सुस्त दिख रही हैं, तबीयत तो ठीक है ना आपकी?
तो मैडम ने थोड़ा चेहरा बनाते हुआ कहा- इसी का तो रोना है अयान.. दिल में हमेशा घबराहट सी होती है। ऑफिस में काम करने का मन नहीं करता है, मगर सरकारी नौकरी है.. इसलिए मजबूरी है.. और इसके बाद घर में भी जल्दी नींद नहीं आती है। अगर नींद आती भी है तो अजीब और भयानक सपने ज़्यादा आते हैं।
यह सुनकर मेरा शैतानी फ़ॉर्मूला दिल के अन्दर कुलबुलाने लगा और दिल ने कहा- इसे मैडम पर भी आज़मा कर देखा जाए।
इसलिए मैंने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा- मैडम ऐसी हालत तो तब होती है जब किसी पर कोई जादू-टोने का असर होता है।
यह सुनकर मैडम ने चौंक कर मेरी तरफ देखा और कहा- मुझे भी ऐसा ही लगता है।
मैंने पूछा- मैडम आपने किसी तांत्रिक बाबा से दिखाया होता!
तो वो बोलीं- मैं ऐसे किसी बाबा को नहीं जानती, अगर तुम्हारी जानकारी में हो तो ज़रूर बताना।
मैंने कहा- जी मैडम.. मैं बहुत जल्द आपको जानकारी दूँगा।
तो उसने झट से मेरा मोबाइल नंबर माँग लिया और मेरे नम्बर पर एक मिस कॉल देकर कहा- इसे सेव कर लो और जैसे ही कोई खबर मिले, मुझे कॉल कर देना।
उसके बाद मैंने अपनी फाइल पर मैडम से सिग्नेचर लिए और वहाँ से चल पड़ा।
अब मेरे ध्यान में मैडम का चेहरा घूम रहा था। उसके चेहरे पर अजीब तरह का आकर्षण था, उसकी उम्र 30 की होगी.. लंबा कद छरहरा शरीर, दूधिया गोरा रंग और 34-28-36 की फिगर में वो बहुत सेक्सी दिखती थी और सलवार सूट में तो वो बला की सेक्सी लगती थी। वो ऑफिस के दूसरे मर्दों का आकर्षण केन्द्र भी थी। उनके पति देव भी सरकारी सर्विस में थे.. शायद इसीलिए वो लोग अधिकांश अलग ही रहते थे।
मैडम अपने एक 5 साल का बेटे के साथ, इनकम टैक्स कॉलोनी में सरकारी क्वॉर्टर में रहती थी।
आज की रात मैडम को चोदने के ख्यालों में कट रही थी। मेरी आँखों से नींद गायब हो चुकी थी। मैं अपने फ़ॉर्मूले को मैडम पर आज़माने के तरह-तरह के उपायों को लेकर दिल में हलचल मची थी। एक डर का एहसास भी हो रहा था कि अगर फ़ॉर्मूला फिट ना बैठा तो मेरा क्या हश्र होगा.. क्योंकि वो कोई मामूली नहीं बल्कि सरकारी ऑफिसर है।
इसी तरह उल्टे सीधे ख्यालों में पता नहीं कब नींद आ गई।
अगले ही दिन मैंने मैडम को कॉल किया और बताया कि एक तांत्रिक बाबा से मैंने बात की है, वो जादू-टोने को ठीक करने में महारत रखते हैं और उनका तरीका भी अलग है।
मैडम ये सुनकर बहुत खुश हुई और कहा- जल्दी से उनका पता दो.. मैं उनसे मिलूंगी।
मैंने कहा- उनसे मिलना ज़रूरी नहीं है मैडम.. उन्होंने मुझे बड़ा सरल उपाय बताया है। उन्होंने कहा है कि वो तो चीनी और सरसों के तेल पर तंत्र-साधना करके देंगे। पहले चीनी को कुछ देर पानी में घुलने के लिए छोड़ देना है और जब वो घुल जाए तो उस मीठे पानी को पीने के 10 मिनट के बाद अगर किसी पर जादू टोने का असर हुआ है तो पूरे शरीर में तनाव पैदा होने लगेगा और अंग-अंग में थकान सी फील होगी।
इसके बाद सरसों के तेल की मालिश करनी है, इसे लगातार 3 दिन तक करनी है।
मैडम चाहक उठी थी, वो बोली- देर ना करना अयान.. जो रुपए पैसे लगें.. तुम ले आना और हाँ एक बात का ध्यान रखना कि इसे लेकर मेरे ऑफिस में नहीं बल्कि मेरे घर आ जाना.. मैं तुम्हारा इन्तजार करूँगी।
मैंने जानबूझकर 2 दिन देरी की.. इस बीच मैडम के कई बार कॉल आए मैंने बहाने बना कर उन्हें समझा दिया और तीसरे दिन मैंने मैडम को खुशख़बरी सुनाई कि आज उनका काम हो गया है। मैं शाम 6 बजे उनके घर आ जाऊंगा।
ये सुनकर मैडम बहुत खुश हुई।
शाम के 6 बजे मैं मैडम के घर पहुँच गया।
ऑफिस से 5 बजे आने के बाद से ही मैडम मेरा बेसब्री से इंतज़ार कर रही थी। मुझे देखकर उनका चेहरा खिल गया। मैडम को बाज़ार से खरीदी हुई झूठी तन्त्र साधना की पोटली मैंने थमा दी।
मैडम मुझसे एक बार फिर इसे कैसे प्रयोग किया जाए.. पूछने लगी।
मैं भी पूरी तैयारी से आया था सो अपने चुदाई फ़ॉर्मूले की विस्तारपूर्वक व्याख्या करने लगा।
मैंने कहा- मैडम, तेल मालिश में बड़ी सावधानी करनी पड़ती है, अगर चूक हुई तो कोई लाभ ना होगा.. इसमें शरीर का कोई भी भाग छूटना नहीं चाहिए और आयिल का अंश अन्दर तक जाने से ही जादू का असर रोम-रोम से निकल सकता है।
मेरा तीर निशाने पर लगा और मैडम ने वो ही कहा जो मैं चाहता था।
मैडम ने कहा- शायद मैं खुद से सही ना कर सकूँ, इसलिए जब इतना किया है तो मेरा ये काम भी तुम ही कर दो अयान.. क्योंकि हो सकता है मुझसे कोई भूल हो जाए।
मैंने झिझकते हुए कहा- लेकिन मैडम..
तो वो हाकिमाना अंदाज़ में बोली- लेकिन वेकिन नहीं चलेगा.. मैंने ऑफिस में तुम्हारे बहुत सारे काम किए हैं.. तुम मेरा ये काम कर दो, मैं तुम्हारा हर आफीशियल काम बेझिझक कर दूँगी। यहाँ पर मेरे दोनों हाथों में लड्डू नज़र आ रहे थे और मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था।
फिर मैंने कहा- ओके मैडम ये काम रात दस बजे के बाद शुरू करना होगा.. मैं 9 बजे तक आ जाऊंगा।
ये सुनकर वो मुस्कुराकर कहने लगी- रात खाना यहीं मेरे साथ खा लेना।
मैंने हामी भरी और वहाँ से चल दिया।
आज रात मैं बेसब्री से फिर एक नई चुत की चुदाई का इंतज़ार करने लगा। किसी तरह से 9 बजे और मैं वहाँ सज-संवर के पहुँच गया, कॉलबेल बजाई तो मैडम ने मुस्कुराकर दरवाज़ा खोलकर मेरा स्वागत किया।
अन्दर जाते ही खाने की तैयारी शुरू हो गई.. मैं खाते समय उसके चेहरे को भाँपने की कोशिश भी कर रहा था और सोच रहा था कि इस ऑफिसर की प्यासी चुत का दर्शन अब होने ही वाला है।
वो भी अजीब सी निगाहों से कभी-कभी मेरी तरफ देख लेती और एक हल्की सी रहस्यमयी मुस्कान उसके होंठों पर फ़ैल जाती।
खाने के बाद मैंने मैडम से उसके लड़के के बारे में पूछा तो उसने कहा उसे सुला दिया, सुबह उसे स्कूल जाना पड़ता है।
फिर उसने मेरे द्वारा तैयार की हुई फ़ॉर्मूले की पोटली लाकर कार्यक्रम को आरंभ करने का इशारा किया.. साथ में एक गिलास पानी भी ले आई।
मैंने हर बार की तरह पानी के साथ शुगर मिलाते वक्त निद्रा वटिका को भी मिला दिया और सोफे पर बैठकर एकटक मैडम की मस्त भरी जवानी का नज़ारा करने लगा।
थोड़ी देर में फ़ॉर्मूले का स्टेप वन रेडी हो गया और मैंने गिलास मैडम की तरफ बढ़ाते हुए कहा- इसे आँख बंद करके एक साँस में पी जाओ।
उसने फ़ौरन मेरी आज्ञा का पालन किया।
फिर हम लोग आमने-सामने सोफे पर बैठ कर आफीशियल बातें करने लगे।
दस मिनट में फ़ॉर्मूले ने अपना असर दिखाया और मैडम के चेहरे पर घबराहट के आसार दिखने लगे।
मैंने पूछा- आर यू ओके मेम??
वो बोली- अयान, सही में मुझ पर जादू का असर है.. तुम स्टेप 2 की तैयारी करो।
मैंने कहा- ओके मेम.. आप अपनी ड्रेस चेंज करके बेडरूम में जाकर लेटो.. मैं तेल लेकर अभी आता हूँ।
वो चली गई और मैंने अपने लंड पर अपना हाथ पैंट के ऊपर से ही फेरते हुए अपने मन में कहा- अए मेरे शेर.. जागो शिकार रेडी है.. उठो और चोद डालो इस ऑफिसरनी की चुत को.. धज्जी उड़ा दो इसकी प्यासी चुत की.. आज साली की ऐसी ठुकाई करो कि इसे सदा मेरी चुदाई याद रहे।
ये सुनकर मेरा लंड पैंट के अन्दर ही कुलबुलाने लगा और मैं उठकर हाथों में आयिल की बॉटल लिए मैडम के रूम की तरफ चल दिया।
कमरे के अन्दर सामने एक कीमती और बड़े पलंग पर मैडम हल्के और जालीदार नाइटी पहने चित्त लेटी हुई थी। वो एक हाथ से अपने दोनों मम्मों को ढके हुए थी और दूसरे हाथ से दोनों आँखें बंद किये थी।
मैं सामने खड़ा उसके सेक्सी शरीर को घूर रहा था। फिर मैं आगे बढ़कर बेड के निकट सिरहाने में खड़ा हो गया।
हल्की सी आवाज़ में मैंने कहा- मैडम कैसा फील कर रही हो?
तो उसने हल्की सी आवाज़ में सिर्फ़ ‘ऊवन्न..’ कहा और एक गहरी साँस लेकर शांत हो गई।
मैं बेड पर उसके पाँव की तरफ बैठ गया, तेल की बोतल का ढक्कन खोला.. थोड़ा सा तेल हाथ में डालकर उसके तलवे को छुआ और सहलाने लगा।
वो शांत पड़ी रही और मैं धीरे धीरे तलवे से ऊपर उसके पाँव की मालिश करने लगा।
मैं अब दोनों हाथों से उसके घुटने तक पहुँच गया, फिर आहिस्ता-आहिस्ता उसकी नाइटी को ऊपर की तरफ धकेलते हुए उसकी जांघों को सहलाने लगा। वो बेसुध चित पड़ी रही। अगले ही पल मेरे हाथ ऊपर की तरफ बढ़े और उसकी चिकनी चुत को पहला और हल्का सा टच दिया। मैंने महसूस किया कि वो पैंटी नहीं पहनी थी।
उसकी चूत पर मेरा हाथ जैसे ही लगा.. उसने एक लंबी साँस ली और शांत हो गई।
मैंने धीरे से उसकी नाइटी को उलटकर उसके गर्दन तक पहुँचा दिया। अब बिजली की रोशनी में उसका नंगा और प्यासी चुत जोकि एकदम चिकनी और साफ थी.. मेरी आँखों के सामने थी।
एक पल के लिए तो ये सब मुझे सपने की तरह लग रहा था।
मगर ये तो मेरे फ़ॉर्मूले का कमाल था। फिर मैं अपने एक हाथ से उसकी चिकनी चुत के कवर की मसाज करने लगा और दूसरे हाथ को ऊपर की तरफ बढ़ाकर उसकी चुचि के निप्पल को सहलाने लगा।
फिर मैं पालथी मारकर उसकी कमर के पास बैठ गया और उसके जांघों में हाथ डालकर उसे दोनों तरफ थोड़ा सा फैला दिया। अब उसकी चुत की पोज़िशन नीचे तक साफ़ दिखने लगी। मैं उसकी चुत को अपनी चार उंगलियों को एक साथ करके सहलाता रहा और दूसरे हाथ से उसके पेट से लेकर दोनों मम्मों के बीच के गड्डे तक सहला रहा था।
मैडम की आँखें बंद थीं और वो नींद में ही मेरी मालिश का मज़ा ले रही थी। मैंने उसकी चुत को सहलाते-सहलाते अपनी उंगलियों को चुत के अन्दर डालकर हल्के हल्के घुमाया और अन्दर-बाहर करना शुरू किया ही था कि मैडम अचानक से उठकर बैठ गई और घबराई हुई बोली- उम्म्ह… अहह… हय… याह… क्या कर रहे थे?
मैंने थोड़ा हकलाते हुए कहा- नियम के अनुसार मालिश कर रहा हूँ, आप आराम से लेट जाओ।
मैंने कहने को तो कह दिया था पर मेरी गांड फट गई थी कि कहीं पासा न पलट जाए।
मुझे अपने फार्मूले पर पूरा भरोसा था लेकिन आगे इस कहानी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि सारा खेल ही बदल गया।
उस सबके बारे में मैं इस चुदाई की कहानी के अगले भाग में लिखूंगा।
आप मेल कीजिएगा।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments