कुंवारी ननद और उसकी भाभी की चूत चुदाई

(Kunvari Nanad aur Uaski Bhabhi Ki Chut Chudai)

अकुश आशु 2015-11-06 Comments

हैलो दोस्तो, मैं आशू अभी राँची में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हूँ। मेरी आयु अभी 21 वर्ष है। मुझे कहानी पढ़ने का शौक मेरे दोस्तों से लगा.. जिसके जरिए आज मैं अपनी सच्ची घटना लिख रहा हूँ।
मेरी यह कहानी औरों की तरह झूठी नहीं है.. यह हकीकत में घटी एक घटना है।

बात कुछ दिन पहले की ही है.. मेरे फेसबुक अकाउंट पर एक मैसेज आया.. उसने अपना नाम बेबी बताया। उसने सीधे मुझसे मिलने की इच्छा बताई।
मैंने सोचा कि अजीब मैसेज है.. जान न पहचान.. मैं तेरा मेहमान..
मैंने उससे उसकी फोटो मांगी.. उसने तुरंत भेज दी।
ओह.. क्या लड़की थी.. एकदम गोरी और मस्त माल..

मैंने मिलने के लिए तुरंत ‘हाँ’ कह दिया। वो टाटा की थी.. हम लोग शाम को टाटा नगर में मिले। मैं वहाँ एक गेस्ट हाउस में रुक गया था।

जब मैं उससे मिला.. तो हक्का बक्का रहा गया। वो तो रियल में तो क्या कहूँ.. बस एक कयामत थी.. उसके चूचे एकदम कड़क आम जैसे लग रहे थे।
हमने रेस्टोरेंट में बैठ कर काफी पी और हम लोग बात करने लगे।
उसने बताया कि वो अपने भैया-भाभी के साथ रहती है। फिर इस छोटी सी मुलाक़ात के बाद दोस्ती हो गई और मैं उसे छोड़ने उसके घर तक चला गया।

जब हम उसके घर पहुँचे तो.. उसकी भाभी के बारे में भी क्या कहूँ.. एकदम दूध सी गोरी.. और एकदम छंटा हुआ मस्त माल.. मैं देख कर ही चुदास से भर उठा..
खैर.. वापस आ गया और उस दिन मैंने तो नहाते वक्त उन दोनों की सोच कर मुठ्ठ भी मार ली।

फिर उन्होंने मुझे डिनर पर बुलाया और मैं उनके घर पहुँच गया।
हम सभी खाते-खाते कुछ बातें करने लगे। उसकी भाभी 26 साल की थी.. मस्त फिगर वाली एक हूर जैसी..
भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- आज आप इधर ही रुक जाओ न..

उसकी आँखों की चंचलता देख कर मुझे कुछ आस जगी.. मैंने भी अपने लौड़े पर हाथ फेरते हुए कहा- ठीक है जैसी आपकी इच्छा..
भाभी ने मेरी तरफ हल्के से एक आँख दबा दी.. मैं कुछ समझ तो रहा था पर कुछ कह नहीं पाया।
मैंने सोचा आज तो इनमें से कोई भी मिल जाए.. तो मजा जाएगा।

खाना खाकर हम लोग अपने कमरे में चले गए.. मुझे नीद नहीं आ रही थी.. अचानक मुझे कुछ आवाज सुनाई दी।
मैंने सोने का नाटक किया.. तभी मैंने देखा कि कोई नाइटी पहने मेरे कमरे में खड़ी थी।
मेरे पूछने से पहले उसने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया.. मुझसे कान में कहा- मुझे सेक्स करना है..

मैंने लाइट जला दी.. तो देखा कि वो बेबी की भाभी थी।
उसने कहा- लाइट बुझा दो..

मेरे लाइट बुझाते ही वो मुझे चूमने लगी। उसने मेरे मुँह मे अपनी जीभ डाल दी.. मैं भी पूरे जोश में आ गया। मैंने दस मिनट तक उसे किस किया। फिर उसकी नाइटी ऊपर से ऩिकाल दी और उसके निप्पलों को चूसने लगा।

अब वो पूरे जोश में आ गई.. उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था।
उसने मुझे अपनी चूत में लौड़ा डालने को कहा.. पर मैं उसे तड़पाना चाहता था।

मैंने उसकी चूत में ऊँगली डालना शुरू कर दिया.. वो ऐंठने लगी.. तभी मैंने देर न करते हुए टाँगें फैलाकर उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया.. वो चिहुँक उठी।

मैं धक्के मारता गया.. वो रुकने को बोलने लगी- जैसे-जैसे मैं कहूँ.. वैसे करना..
मैंने कहा- ठीक है.. जैसा तुम चाहो।

वो मेरी दोनों टाँगों को फैला कर मेरे खड़े लंड पर बैठ गई.. और अपनी कमर ऊपर-नीचे करने लगी।

उस ऱात उसने मुझसे आगे-पीछे सभी आसन में अपनी चूत और गांड चुदवाई और मुझे ढंग से चूत चोदना भी सिखा दिया।

ये सब बेबी ने देख लिया था.. पर बाद में पता चला कि ये इन दोनों का प्लान था।
मैंने सोचा- अब क्या होगा..
तभी भाभी ने बताया- तुम चिंता मत करो.. यह हमारा प्लान था।

तभी मुझे झटका सा लगा.. उन्होंने मुझे बताया- भैया के न रहने पर हम दोनों अक्सर रात में नंगे सोया करते हैं और एक-दूसरे की चूचियां दबाया करते हैं।
तभी बेबी भी हँसते हुए अन्दर आ गई।

फिर सब कुछ ओपन हो चुका था.. बेबी ने ही मुझे बताया- तेरा नम्बर और आईडी मुझे भाभी ने ही दी थी। असल में भाभी को तेरा नंबर उनकी बहन से मिला था.. जो तेरी क्लासमेट है। उसे तूने 3 महीने पहले चोदा था।
मुझे सारा खेल समझ आ गया कि ये सब पक्की चुदक्कड़ हैं.. उन दोनों का प्लान मुझसे चुदवाना ही था।

तभी भाभी ने बेबी को चुदाने के लिए कहा और कमरे से बाहर चली गई।
मैंने सोचा आज मज़ा आएगा।

बेबी सलवार सूट पहने हुई थी.. वो मुझसे गले से लिपट गई।
फिर मैंने भी उसका साथ दिया और उसे तुरंत नीचे करके उसके ऊपर चढ़ गया और उसे चूमने-चाटने लगा।
हमारे होंठ एक-दूसरे के होंठों में फंसे हुए थे.. मैंने धीरे से उसकी चूचियों पर हाथ रख दिए.. होंठों का चुम्बन करने के कारण वो बहुत गरम हो चुकी थी.. तो उसने मेरा कोई विरोध नहीं किया।

मैं उसकी चूचियाँ मस्ती से दबाने लगा फिर मैं बहुत उत्तेजित हो गया और मैंने उसकी कमीज़ उतार दी।

आह्ह.. वो एक छोटी सी गुलाबी ब्रा में बिल्कुल मस्त माल लग रही थी। मैंने धीरे से उसकी ब्रा को एक तरफ करके उसकी चूचियों को चूसना शुरू किया। कभी मैं दाईं चूची.. तो कभी बाईं को चूसता रहा।

अब धीरे-धीरे मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी सलवार खोलने की कोशिश करने लगा।
उसको नंगा करके मैंने जैसे ही उसकी चूत को देखा मैं बौरा गया।

मैंने अभी तक सिर्फ लड़कियों के साथ ही चुदाई की थी.. पर अब तक चूत किसी की नहीं चूसी थी.. पर इस लड़की की चूत ने मुझे चूसने पर मजबूर कर दिया एकदम गुलाबी और फूली हुई चूत को देख कर मैंने पहली बार किसी चूत को चूसा।

मैंने अपना लण्ड निकाला और उसकी चूत पर रखकर मैंने एक जोरदार धक्का लगा दिया.. अभी लण्ड आधा ही अन्दर गया था तो मुझे यह जानकर ताज्जुब हुआ कि यह उसका पहली बार था..
वो दर्द भरी आवाज में बोलने लगी- ओह.. पहली बार है.. आराम से राजा..

अभी मेरा सुपाड़ा ही अन्दर गया था कि वो तड़पने लगी और मुझे हटाने लगी.. पर मैंने उसके हाथ को पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.. ताकि वो चिल्ला ना सके।

वो दर्द से बहुत तड़फ रही थी.. तो मैंने उसकी चूत में अपने आधे लण्ड को ही थोड़ी देर अन्दर-बाहर किया और उसके कुछ पलों बाद उसके होंठों को आज़ाद किया और उससे पूछा- अब कैसा लग रहा है जान?
तो उसने कहा- दर्द देकर पूछ रहे हो.. कैसा लग रहा है.. खैर.. ये बताओ पूरा चला गया ना?
मैंने कहा- नहीं.. आधा गया..
तो वो बोलने लगी- अरे यार जब दर्द दे ही दिया है.. तो अब पूरा डाल दो न..
मैंने कहा- चिल्लाना मत..
उसने कहा- पहले की तरह मेरे होंठ बंद कर दो ना..।

मैंने वैसा ही किया और पूरा लण्ड डाल दिया.. इस बार उसे ज्यादा दर्द हुआ क्योंकि वो मेरे होंठों को काटने लगी थी।
फिर थोड़ी देर में सब कुछ नॉर्मल हो गया और वो अपने 36 नाप के चूतड़ों को उठा-उठा कर मज़ा लेने लगी।
करीब 15 मिनट की धकापेल चुदाई के बाद वो झड़ने लगी और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया.. पर मेरा अभी नहीं हुआ था.. तो मैं उसकी चूत में लण्ड पेलता रहा।

जब मेरा होने वाला था तो उसके पहले ही मैं रुक गया और उसके 32 नाप के चूचों को सहलाने लगा.. बड़ा मज़ा आ रहा था।
लगभग 5 मिनट के बाद मैंने फिर से उसे चोदना शुरु कर दिया। अब मैं चुदाई का खेल समझ गया था.. मैं उसे खूब चोदता और अपना माल आने के पहले मैं उसकी चुदाई रोक देता था.. ऐसे ही मैंने कई बार किया और अब तक़ बहुत देर हो चुकी थी।

फिर मैंने एक बार फाइनल चढ़ाई की.. और मैं झड़ने लगा.. मैं उसकी चूत में ही झड़ गया था।
इस बीच वो करीब 4-5 बार झड़ चुकी थी।

अब हम दोनों आराम से लेट गए.. मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था।
उसने पूछा- क्या देख रहे हो.?
मैंने बोला- कुछ नहीं..
तो उसने कहा- मुझे पता है..
मैं हँसने लगा..
फिर मैंने उससे कहा- चलो अब मेरा लण्ड चूसो मज़ा आएगा।

पहले तो वो मना करती रही.. पर मेरे कहने पर वो मान गई।
लेकिन उसने कहा- चलो 69 करते हैं।
तब मैं उसकी चूत को और वो मेरे लण्ड को चूस रही थी।
क्या बताऊँ यारों.. इतना मज़ा तो उसकी चुदाई करने में भी नहीं आया था.. जितना उसको अपना लण्ड चुसाने में आ रहा था।
करीब 20 मिनट की चूत-लण्ड की चुसाई के बाद हम दोनों साथ साथ झड़ गए।
फिर हम दोनों थोड़ी देर आराम करने के बाद फ्रेश हुए और मैं उधर से निकलने की सोचने लगा।

उसकी चूत सूज गई थी और उसे दर्द हो रहा था। तो मैं मेडिकल स्टोर से दवा ले आया.. साथ में एक आई-पिल भी.. क्योंकि मैं उसकी चूत में ही झड़ गया था।

मैंने उसे दवा खिला दी और जब चलाचली का समय आया तो उसने कहा- फिर कभी मौका मिला तो बुलाउँगी।
इतना कह कर मुझसे गले मिली और फिर वो अपने 36 नाप के चूतड़ों को उठा-उठा कर चुम्बन का मज़ा लेने लगी।

फिर मैं उधर से निकल कर अपने शहर की ओर जाने के लिए स्टेशन की तरफ चल दिया।

यह मेरी पहली कहानी थी जो बिल्कुल सच है। मेरी आगे और भी कई सच्ची कहानियाँ हैं तो चूत-कन्याओं और लण्ड देवताओं.. आपको कैसी लगी मेरी कहानी..

मुझे ईमेल करें.. फिर मैं और कहानी भी पोस्ट करूँगा और अगर मुझे कोई ग़लती हुई हो.. तो मेरा मार्गदर्शन करें.. ताकि कहानी को और अच्छे से लिख सकूँ।
मुझे आप [email protected] पर मैसेज कर सकते हैं।

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